कोई मिल गया

ऎसे ही अनजानी लड़की लड़का या औरत मिल जाने पर हुई अचानक चुदाई की सेक्स कहानियाँ हिंदी में

किसी अन्जान अचानक मिले व्यक्ति से यौन सम्बन्ध की हिन्दी सेक्स कहानी

Hindi Sex Stories About Sex with unacquainted/unknown

नव वर्ष की पूर्व संध्या-1

By शालिनी On 2011-06-03 Tags:

प्रेषिका : शालिनी नए साल की पूर्व संध्या पर मैं अकेली ही थी क्योंकि रचना पिछली रात को ही अपने माता पिता के पास चली गई थी। मैंने अपने दो-तीन दोस्तों को फोन किया ताकि कुछ मज़ा कर सकूँ परन्तु सब का पहले से ही कुछ ना कुछ प्रोग्राम बना हुआ था। तब मैंने सुनील […]

विदुषी की विनिमय-लीला-7

By लीलाधर On 2011-06-01 Tags:

लेखक : लीलाधर संदीप और इनका स्‍वाद एक जैसा था। सचमुच सारे मर्द एक जैसे होते हैं। इस खयाल पर हँसी आई। मैंने मुँह में जमा हो गए अंतिम द्रव को जबरदस्‍ती गले के नीचे धकेला और जैसे उन्‍होंने मुझे किया था वैसे ही मैंने झुककर उनके मुँह को चूम लिया। लो भाई, मेरा भी […]

विदुषी की विनिमय-लीला-6

By लीलाधर On 2011-05-31 Tags:

लेखक : लीलाधर उन्होंने एक हाथ से मेरे बाएँ पैर को उठाया और उसे घुटने से मोड़ दिया। अंदरूनी जाँघों को सहलाते हुए आकर बीच के होठों पर ठहर गये। दोनों उंगलियों से होठों को फैला दिया। “हे भगवान !” मैंने सोचा,”संदीप के सिवा यह पहला व्यक्ति था जो मुझे इस तरह देख रहा था।” […]

विदुषी की विनिमय-लीला-5

By लीलाधर On 2011-05-30 Tags:

लेखक : लीलाधर वे हौले-हौले मेरे पैरों को सहला रहे थे। तलवों को, टखनों को, पिंडलियों को… विशेषकर घुटनों के अंदर की संवेदनशील जगह को। धीरे-धीरे नाइटी के अंदर भी हाथ ले जा रहे थे। देख रहे थे मैं विरोध करती हूँ कि नहीं। मैं लज्‍जा-प्रदर्शन की खातिर मामूली-सा प्रतिरोध कर रही थी। जब घूमते-घूमते […]

विदुषी की विनिमय-लीला-4

By लीलाधर On 2011-05-29 Tags:

लेखक : लीलाधर काफी देर हो चुकी थी- “अब चलना चाहिए।” अनय ताज्‍जुब से बोले,”क्‍या कह रही हो? अभी तो हमने शाम एंजाय करना शुरू ही किया है। आज रात ठहर जाओ, सुबह चले जाना।” शीला ने भी जोर दिया,”हाँ हाँ, आज नहीं जाना है। सुबह जाइयेगा।” मैंने संदीप की ओर देखा। उनकी जाने की […]

विदुषी की विनिमय-लीला-3

By लीलाधर On 2011-05-28 Tags:

लेखक : लीलाधर मिलने के प्रश्‍न पर मैं चाहती थी पहले दोनों दंपति किसी सार्वजनिक जगह में मिलकर फ्री हो लें। अनय को कोई एतराज नहीं था पर उन्‍होंने जोड़ा,” पब्‍लिक प्‍लेस में क्‍यों, हमारे घर ही आ जाइये। यहीं हम ‘सिर्फ दोस्‍त के रूप में’ मिल लेंगे।” ‘सिर्फ दोस्‍त के रूप में’ को वह […]

विदुषी की विनिमय-लीला-2

By लीलाधर On 2011-05-27 Tags:

लेखक : लीलाधर धीरे-धीरे यह बात हमारी रतिक्रिया के प्रसंगों में रिसने लगी। मुझे चूमते हुए कहते, सोचो कि कोई दूसरा चूम रहा है। मेरे स्‍तनों, योनिप्रदेश से खेलते मुझे दूसरे पुरुष का ख्याल कराते। उस अनय नामक किसी दूसरी के पति का नाम लेते, जिससे इनका चिट्ठी संदेश वगैरह का लेना देना चल रहा […]

विदुषी की विनिमय-लीला-1

By लीलाधर On 2011-05-26 Tags:

पाठकों से दो शब्द : यह कहानी अच्छी रुचि के और भाषाई संस्कार से संपन्न पाठकों के लिए है, उनके लिए नहीं जिन्हें गंदे शब्दों और फूहड़ वर्णन में मजा आता है। इसे लिखने में एक-एक शब्द पर मेहनत की गई है। यौन क्रिया के सारे गाढ़े रंग इसमें मिलेंगे, बस कहानी को मनोयोगपूर्वक पढ़ें। […]

हुई चौड़ी चने के खेत में -5

मैं चाह रही थी कि काश वक्त रुक जाए और जगन इसी तरह मुझे चोदता रहे। पर मेरे चाहने से क्या होता आखिर शरीर की भी कुछ सीमा होती है। मैंने अपनी चूत का संकोचन किया

हुई चौड़ी चने के खेत में -4

'अबे साले... मुफ्त की चूत मिल गई तो लालच आ गया क्या?' मैंने अपनी गांड से उसकी उंगुली निकालने की कोशिश करते हुए कहा। 'भौजी.. एक बार गांड मार लेने दो ना?' उसने मेरे गालों को काट लिया।

हुई चौड़ी चने के खेत में -3

मैंने अपनी छमिया की फांकों पर पहनी दोनों बालियों को पकड़ कर चौड़ा किया और मूतने लगी। फिच्च सीईईई.... के मधुर संगीत के साथ पतली धार दूर तक चली गई। आपको बता दूं मैं धारा प्रवाह नहीं मूतती। बीच बीच में कई बार उसे रोक कर मूतती हूँ।

हुई चौड़ी चने के खेत में -2

मेरा मन बुरी तरह उस मोटे लंड के लिए कुनमुनाने लगा था। काश एक ही झटके में जगन अपना पूरा लंड मेरी चूत में उतार दे तो यह जिंदगी धन्य हो जाए। मेरी छमिया ने तो इस ख्याल से ही एक बार फिर पानी छोड़ दिया।

31 दिसम्बर की रात

By अमित यंग On 2011-05-04 Tags:

प्रेषक : अमित कुमार यह कहानी बिल्कुल सच्ची है। मेरा काम कंप्यूटर ठीक करने का है। 31 दिसम्बर की शाम आठ बजे के बाद मेरे पास एक कॉल आया, एक लड़की बोली- भैया, आप कंप्यूटर वाले भैया बोल रहे हो ना? मैं बोला- हाँ बोल रहा हूँ। वो बोली- भैया, मैं सेक्टर 40 से डिम्पल […]

अब दिल क्या करे-2

कहानी का पहला भाग: अब दिल क्या करे-1 मैं बिल्कुल नंगा बाथरूम में खड़ा अपना बदन पोंछ रहा था कि अचानक दरवाजा खुला और साथ ही मेरे कानों में रेशमा की आवाज सुनाई पड़ी। “ओह..माय..गोड.. !” रेशमा अपने मुँह पर हाथ रखे मेरी तरफ देख रही थी। तभी मुझे भी ध्यान आया कि मैं नंगा […]

अब दिल क्या करे-1

प्रेषक : राज कार्तिक क्या करे बेचारा दिल जब कोई हसीना अपने हुस्न के ऐसे जलवे दिखाए कि आदमी बेचारा अपना लंगोट ढीला करने को मजबूर हो जाए ! आज के समाज में अक्सर मर्द को दोषी घोषित कर दिया जाता है पर मेरा यह मानना है कि जब तक औरत इशारा ना दे तब […]

मुझे मिली इक माधुरी-2

By धीरज चोदू On 2011-04-14 Tags:

प्रेषक : धीरज मैंने कहा- एक बात कहूँ? वो बोली- कहो ! मैंने कहा- मुझे तुम्हारे साथ सब कुछ करना है ! वो बोली- यह नहीं हो सकता। मैंने कहा- अगर यह नहीं हो सकता तो मैं आज ही जाने वाला हूँ। वो बोली- यहाँ सब होंगे फिर कैसे? यह सुनते ही मेरी तो जैसे […]

मुझे मिली इक माधुरी-1

By धीरज चोदू On 2011-04-13 Tags:

प्रेषक : धीरज नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम धीरज है, उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में रहता हूँ। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और काफी दिनों से सोच रहा था कि मैं भी अपनी कहानी आप लोगों तक पहुँचाऊँ और अब जाकर मैं कहानी लिख रहा हूँ। मैं शुरू से ही अकेला रहा हूँ, मेरे घर […]

रेल गाड़ी में 69

By extrafuun On 2011-04-03 Tags:

नमस्कार…मैं एक बहुत ही हंसमुख स्वभाव का पढ़ा लिखा इन्सान हूँ और एक अच्छे परिवार से हूँ। यह एक सच्ची घटना है। मैं एक ट्रेन से सफ़र कर रहा था, मुझे विशाखापत्तनम से कोलकाता जाना था पर मेरी सीट कन्फर्म नहीं थी। मैं द्वीतीय श्रेणी की ए सी बोगी में टी टी को बोल कर […]

सेक्सी सविता भाभी का जिगोलो

By सुरेश पटेल On 2011-03-30 Tags:

प्रेषक : सुरेश हाय दोस्तो, मेरा नाम सुरेश है, मैं सूरत से हूँ, मेरी उम्र 21 साल है, कद 5 फ़ुट 3 इंच है। मैंने यहाँ अन्तर्वासना पर काफ़ी कहानियाँ पढ़ी हैं और इससे प्रेरित होकर मैंने अपनी कहानी लिखी है। बात करीब 6 महीने पहले की है, एक दिन जब मैं कॉलेज से घर […]

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