कोई मिल गया

ऎसे ही अनजानी लड़की लड़का या औरत मिल जाने पर हुई अचानक चुदाई की सेक्स कहानियाँ हिंदी में

किसी अन्जान अचानक मिले व्यक्ति से यौन सम्बन्ध की हिन्दी सेक्स कहानी

Hindi Sex Stories About Sex with unacquainted/unknown

दोस्त की मम्मी ने खुद चूत चुदाई

एक दिन की बात है, मैं अपने दोस्त के घर गया हुआ था, वो घर पर नहीं था, यह बात मुझे नहीं पता थी। मैं गया तो उसके घर का दरवाजा खुला हुआ था, तो मैं ऐसे ही उसके घर में घुस गया, मेरा समय अपने घर कम और उसके घर में ज्यादा बीतता था […]

पुसी की किस्सी-2

By जवाहर जैन On 2011-08-27 Tags:

प्रेषक : जवाहर जैन अन्तर्वासना के सभी पाठक जिन्होंने मेरी कहानी पढ़ी और अपनी टिप्पणी लिखकर कहानी के बारे में अपनी राय बताई, उन्हें बहुत धन्यवाद के साथ यह बताना चाहूँगा कि इस कहानी में मैंने किसी भी अतिश्योक्ति को लिखने से परहेज किया है और आप सबके प्यार व विश्वास ने ही मुझे “पुसी […]

पुणे की डॉक्टर की चूत का चोदन

ईशा ने ढेर सारा केक अपनी नंगी चूत में लगा लिया, मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर रखा और चाटने लग गया, फिर अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया।

गुप्त पति

By मिहिर रोहण On 2011-08-20 Tags:

प्रेषक : मिहिर मोहन जैसा कि आपको पता है कि मैं अपने घर पर छोटे बच्चों को कोचिंग देता हूँ तो उनमें कुछ बड़े बच्चे भी आते हैं और कुछ छोटे बच्चे भी ! इससे पहले मैंने आपको एक लड़की की कहानी बताई थी जो मेरे पास आती थी पढ़ने के लिए, आज मैं एक […]

पुसी की किस्सी

By जवाहर जैन On 2011-08-10 Tags:

प्रेषक : जवाहर जैन अन्तर्वासना पर सभी को मेरा नमस्कार। यह मेरी पहली कहानी है, इसे लिखने में बहुत दिक्कतें आई, पर यह ठाना हुआ था कि कुछ भी हो अन्तर्वासना के पाठकों के सामने अपनी यह बात रखूँगा ही। आखिर मेरी यह मेरी जिंदगी की सबसे अहम और प्यारी चुदाई की बात है। सच […]

आधी सफलता

By माया सिंह On 2011-08-05 Tags:

लेखिका : माया सिंह मेरी कहानियों को पढ़ने वाले अनेक व्यक्ति मुझे कुछ गलत समझ लेते हैं और ऐसे प्रस्ताव भेजते है जैसे मैं कोई धंधा करने वाली हूँ, कुछ चैटिंग में ऐसे प्रस्ताव रखते हैं कि इस प्रकार या उस प्रकार से हम किसी होटल या एकांत में मिल कर चुदाई का आनन्द ले […]

बस में मस्ती

दोस्तो, मेरा नाम मीत है, मैं मुंबई में रहता हूँ। अब तक मैंने बहुत महिलाओं को चोदा है खासकर 30 साल से 60 साल की महिलायें मुझे बहुत पसंद हैं चोदने में, क्योंकि वो मजा भी पूरा देती है और कोई शर्म भी नहीं और चोदने में झिझक भी नहीं! लेकिन एक घटना आपके साथ […]

पेरिस में कामशास्त्र की क्लास-1

मेरे प्यारे मित्रो एवं सहेलियों, एक लम्बे अंतराल के बाद आप लोगों से मिलना हो रहा है, आप सबको मेरा प्यार भरा नमस्कार। मेरा नाम विक्की है व इससे पूर्व आप अन्तर्वासना.कॉम पर आपने मेरी दो आप-बीती कहानियाँ “हवाई जहाज में चुदाई” और इस्तान्बुल में शिप पर चुदाई बहुत सराही। उस समय मैंने आपसे वादा […]

माशूका की सहेली

मैं अन्तर्वासना का बहुत पुराना पाठक हूँ, मैंने बहुत कहानियाँ पढ़ी, फ़िर मुझे लगा कि मुझे भी अपनी कहानी लिखनी चाहिए और मैंने लिखना शुरु कर दिया। मेरा नाम साहिल खान है, मैं राजस्थान के सिरोही जिले के माउन्ट आबू से हूँ। मेरी हाईट 5 फ़ीट 8 इन्च है, मेरा रंग गोरा है, कुल मिला […]

निशा का नशा

By sanju00063 On 2011-06-17 Tags:

प्रेषक : संजू बाबा अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार ! मेरा नाम संजू है ! मैं मुंबई का रहने वाला हूँ। मेरी कहानी है बड़ी सरल पर काफी रोमांचक और उत्तेजना से भरी ! आशा करता हूँ सभी पाठकों को पसंद आयेगी। मेरी उम्र 32 साल है, काम के चक्कर में […]

मोबाईल से बिस्तर तक

By रितेश अग्रवाल On 2011-06-16 Tags:

मेरा नाम रितेश है, मैं जयपुर रहता हूँ, कद 5’10” एवरेज बॉडी नॉर्मल लुक्स और 7.5″ का लिंग ! अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ। एक दिन एक फ्रेंड ने मुझसे मेरा नया नम्बर माँगा, मैंने कुछ ही दिन पहले नया नम्बर लिया था। मैंने उसे एस एम एस कर दिया पर ग़लती से […]

ऑनलाइन चेटिंग में मिली

By loanlysaaya On 2011-06-11 Tags:

प्रेषक : हेमन्त जैन हेलो दोस्तो, आज मैं आप सबके सामने अपनी पहली सेक्स कहानी लिख रहा हूँ, कृपया मुझे प्रोत्साहन दें ताकि मैं और भी मज़ेदार कहानियाँ आपके सामने रखने की हिम्मत कर सकूँ। मैं इंजिनियर हूँ और जॉब कर रहा हूँ। बात है उस समय की जब मैं बारहवीं में पढ़ता था तब […]

नव वर्ष की पूर्व संध्या-2

By शालिनी On 2011-06-04 Tags:

प्रेषिका : शालिनी कोई आधे घण्टे तक उसके लंड को चूसने के बाद उसके लंड से मेरे मुँह में वीर्य की पिचकारी निकली जो सीधी हलक से मेरे अंदर उतर गई। मैंने उसका लंड अपने मुँह बाहर निकाला और जोर जोर से हिला कर उसके वीर्य को अपने मुँह पर गिराने लगी। दलवीर मुझे खड़ा […]

नव वर्ष की पूर्व संध्या-1

By शालिनी On 2011-06-03 Tags:

प्रेषिका : शालिनी नए साल की पूर्व संध्या पर मैं अकेली ही थी क्योंकि रचना पिछली रात को ही अपने माता पिता के पास चली गई थी। मैंने अपने दो-तीन दोस्तों को फोन किया ताकि कुछ मज़ा कर सकूँ परन्तु सब का पहले से ही कुछ ना कुछ प्रोग्राम बना हुआ था। तब मैंने सुनील […]

विदुषी की विनिमय-लीला-7

By लीलाधर On 2011-06-01 Tags:

लेखक : लीलाधर संदीप और इनका स्‍वाद एक जैसा था। सचमुच सारे मर्द एक जैसे होते हैं। इस खयाल पर हँसी आई। मैंने मुँह में जमा हो गए अंतिम द्रव को जबरदस्‍ती गले के नीचे धकेला और जैसे उन्‍होंने मुझे किया था वैसे ही मैंने झुककर उनके मुँह को चूम लिया। लो भाई, मेरा भी […]

विदुषी की विनिमय-लीला-6

By लीलाधर On 2011-05-31 Tags:

लेखक : लीलाधर उन्होंने एक हाथ से मेरे बाएँ पैर को उठाया और उसे घुटने से मोड़ दिया। अंदरूनी जाँघों को सहलाते हुए आकर बीच के होठों पर ठहर गये। दोनों उंगलियों से होठों को फैला दिया। “हे भगवान !” मैंने सोचा,”संदीप के सिवा यह पहला व्यक्ति था जो मुझे इस तरह देख रहा था।” […]

विदुषी की विनिमय-लीला-5

By लीलाधर On 2011-05-30 Tags:

लेखक : लीलाधर वे हौले-हौले मेरे पैरों को सहला रहे थे। तलवों को, टखनों को, पिंडलियों को… विशेषकर घुटनों के अंदर की संवेदनशील जगह को। धीरे-धीरे नाइटी के अंदर भी हाथ ले जा रहे थे। देख रहे थे मैं विरोध करती हूँ कि नहीं। मैं लज्‍जा-प्रदर्शन की खातिर मामूली-सा प्रतिरोध कर रही थी। जब घूमते-घूमते […]

विदुषी की विनिमय-लीला-4

By लीलाधर On 2011-05-29 Tags:

लेखक : लीलाधर काफी देर हो चुकी थी- “अब चलना चाहिए।” अनय ताज्‍जुब से बोले,”क्‍या कह रही हो? अभी तो हमने शाम एंजाय करना शुरू ही किया है। आज रात ठहर जाओ, सुबह चले जाना।” शीला ने भी जोर दिया,”हाँ हाँ, आज नहीं जाना है। सुबह जाइयेगा।” मैंने संदीप की ओर देखा। उनकी जाने की […]

विदुषी की विनिमय-लीला-3

By लीलाधर On 2011-05-28 Tags:

लेखक : लीलाधर मिलने के प्रश्‍न पर मैं चाहती थी पहले दोनों दंपति किसी सार्वजनिक जगह में मिलकर फ्री हो लें। अनय को कोई एतराज नहीं था पर उन्‍होंने जोड़ा,” पब्‍लिक प्‍लेस में क्‍यों, हमारे घर ही आ जाइये। यहीं हम ‘सिर्फ दोस्‍त के रूप में’ मिल लेंगे।” ‘सिर्फ दोस्‍त के रूप में’ को वह […]

विदुषी की विनिमय-लीला-2

By लीलाधर On 2011-05-27 Tags:

लेखक : लीलाधर धीरे-धीरे यह बात हमारी रतिक्रिया के प्रसंगों में रिसने लगी। मुझे चूमते हुए कहते, सोचो कि कोई दूसरा चूम रहा है। मेरे स्‍तनों, योनिप्रदेश से खेलते मुझे दूसरे पुरुष का ख्याल कराते। उस अनय नामक किसी दूसरी के पति का नाम लेते, जिससे इनका चिट्ठी संदेश वगैरह का लेना देना चल रहा […]

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