कोई मिल गया

ऎसे ही अनजानी लड़की लड़का या औरत मिल जाने पर हुई अचानक चुदाई की सेक्स कहानियाँ हिंदी में

किसी अन्जान अचानक मिले व्यक्ति से यौन सम्बन्ध की हिन्दी सेक्स कहानी

Hindi Sex Stories About Sex with unacquainted/unknown

रिसेप्शनिस्ट नैना की चुदाई

By rockingrocky1985 On 2011-11-17 Tags:

प्रेषक : रॉकी हेल्लो दोस्तो, मेरा नाम रॉकी है। मैंने अन्तर्वासना पर हजारों कहानियाँ पढ़ी हैं। यह मेरी पहली और सच्ची कहानी है। मैं वड़ोदरा (गुजरात) के सरकारी विभाग में एक अच्छे पद नौकरी करता हूँ। मैं छः फुट लम्बा और कसरती बदन का मालिक हूँ। मैं सिख परिवार से हूँ तो लड़कियाँ मुझे देखते […]

दूसरी विदाई

By निहारिका On 2011-11-15 Tags:

हाय दोस्तो, काम के सिलसिले में मुझे झारखण्ड के एक छोटी सी जगह गुमला जाना पड़ा, वहाँ मेरी दोस्ती सुजाता से हुई। गाँव में रहते हुए भी सुजाता का तौर तरीका बिल्कुल शहर जैसा था, उसकी उम्र लगभग 24-25 साल की थी और तीन साल की एक बेटी भी थी। देखने में सुजाता बेहद सुंदर […]

माया मेम साब-5

वह पेट के बल लेट गई और उसने अपने नितम्ब फिर से ऊपर उठा दिए। मैंने स्टूल पर पड़ी पड़ी क्रीम की डब्बी उठाई और ढेर सारी क्रीम उसकी गाण्ड के छेद पर लगा दी।

माया मेम साब-4

उसने मेरे लण्ड का टोपा अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। क्या कमाल का लण्ड चूसती है साली पूरी लण्डखोर लगती है? उसके मुँह की लज्जत तो उसकी चूत से भी ज्यादा मजेदार थी।

माया मेम साब-3

मैंने उसकी नाइटी को ऊपर करते हुए अपना हाथ उसकी जाँघों के बीच डाल कर उसकी चूत की दरार में अपनी अंगुली फिराई और फिर उसके रस भरे छेद में डाल दी।

माया मेम साब-1

माया ने जीन का निक्कर पहन रखा था जिसमें उसकी गोरी गोरी पुष्ट जांघें तो इतनी चिकनी लग रही थी जैसे संग-ए-मरमर की बनी हों। मेरा अंदाज़ा था कि उसने अन्दर पेंटी नहीं डाली होगी।

जरूरतमंद

By जवाहर जैन On 2011-10-18 Tags:

अन्तर्वासना के पाठकों को नमस्कार। इससे पहले मेरी कई कहानियाँ जैसे ‘पुसी की किस्सी’, ‘हमने सुहागरात कैसे मनाई’ और ‘परोपकारी बीवी’ आपके सामने आ चुकी हैं। जैसा कि मैंने आपसे पहले ही कहा था कि अपनी जिंदगी में अब तक घटित सैक्स की उन खास बातों को आपके सामने रखूँगा जिन्हें मैं आपको बताकर खुद […]

गाँव में प्रियंका मामी

प्रेषक : साहिल हाय दोस्तो, यह बात तब की है जब मैं अपने ननिहाल गाँव में गया हुआ था गर्मियों की छुट्टी में ! एक दिन मैं अपने दोस्त मुकेश के घर गया था और उसी के घर में रुकने की बात थी मेरी रात को। उसके घर में तो मैं वैसे कई बार गया […]

दोस्त की लिव-इन

प्रेषक : अजय मेरा नाम अजय है, दिल्ली में इंजीनियरिंग कर रहा हूँ। मैं एक स्मार्ट लड़का हूँ। मैं आप को बताने जा रहा हूँ कि कैसे मैंने अपने दोस्त सुयश की गर्लफ्रेंड एकता को उसी के फ्लैट में चोदा। मैं हॉस्टल मैं रहता था, सुयश और एकता एक साथ लिव इन रिलेशन में रहते […]

आंटी ने किया ख़राब

इतना सब करने के बाद मैं अब बर्दाश्त के काबिल नहीं रहा और फिर उनकी जांघों को सहलाने लगा, फिर उसके पेट पर चूमा, और उनकी जांघों पर चूमा, चूमता चूमता मैं उनकी चूत पर आ गया।

परोपकारी बीवी-5

जवाहर जैन स्नेहा बोली- मुझे अपनी बात तो पूरी करने दीजिए। मैं बोला- अब भी कोई बात बची है क्या झूठी औरत? स्नेहा बोली- मुझे झूठी क्यों कह रहे हैं आप? यह मैं नहीं, कल तुम्हें अलका कहेंगी, इसलिए कहेंगी क्यूँकि तुमने कसम खाकर भी उसका काम नहीं किया। स्नेहा बोली- पहले मेरी पूरी बात […]

गर्ल्स हॉस्टल की वॉर्डन मेरी माँ

By अंधकार On 2011-09-22 Tags:

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा सलाम। बात काफ़ी पुरानी है, जब मैं बारहवीं में पढ़ता था, मेरी माँ गर्ल्स हॉस्टल की वॉर्डन थी और मेरे पिता क्यूंकि फौज में थे तो मेरी माँ ने हॉस्टल में ही क्वाटर ले रखा था। रोज़ स्कूल से आने के बाद मेरी रुटीन थी कि मैं हॉस्टल की […]

कोई मिल गया-2

लेखिका : आयशा खान प्रेषक : अरविन्द सुरैया उस अजनबी के बदन से अलग हुई और वो दोनों नीचे हम लोगों के पास आ गये। उस अजनबी का लंड अभी भी सख्त था और उस पर सुरैया की चूत का गाढ़ा सफ़ेद रस लगा था। तभी उस अजनबी ने विवेक के पीछे आकर उसके चूतड़ […]

कोई मिल गया-1

लेखिका : आयशा खान प्रेषक : अरविन्द मैं आयशा ख़ान हूँ, 21 साल की हूँ और लखनऊ में रहती हूँ। मेरी एक पक्की सहेली का नाम है सुरैया, वो 22 साल की है। सुरैया की बड़ी बहन की शादी हो चुकी है और वो दिल्ली में रहती है। मुझे दिल्ली में एड्मिशन के लिई दिल्ली […]

परोपकारी बीवी-4

जवाहर जैन मैं अलका को चोदना चाहता था पर स्नेहा को नाराज करके नहीं, मैंने अलका को कहा- अभी तुम मुझसे एक बार और चुदवाने के लिए स्नेहा को पटा लो फिर मैं आगे के लिए जमा लूँगा। अलका बोली- अगर वो नहीं मानी तो तुम मुझे नहीं चोदोगे? मैं बोला- अरे अभी कल के […]

परोपकारी बीवी-3

मैं स्नेहा का दिल रखने के लिए उससे लिपटा और फिर बाहर निकल गया। स्नेहा मुझे उनके घर में अंदर घुसते तक देखती रही। वहाँ अलका मुझे सामने बैठक में ही मिली। वह गाउन पहने थी। मैंने औपचारिकतावश पूछा- कैसी हैं आप? वह बोली- अभी तक दुखी थी, आप आए हो तब से थोड़ा चैन मिला है।

होटल राजदूत की मोना-2

By टी पी एल On 2011-09-07 Tags:

प्रेषिका : मोना सिंगल मेरे लौड़े से निकली बाकी की रस की सारी पिचकारियाँ टब के पानी में जा गिरी ! जब मैंने आँखें खोलीं तो देखा कि वह उंगली से मेरे रस को उठा कर चख रही थी, तब मैंने उससे पूछ लिया- कैसा स्वाद है? वह शर्मिंदा हो कर जल्दी जल्दी उस रस […]

होटल राजदूत की मोना-1

By टी पी एल On 2011-09-06 Tags:

प्रेषिका : मोना सिंगल मित्रो, यह मेरी आप बीती है ! यह मेरी कौमार्यभंग यानि सील टूटने की कहानी है जो मैं अपने होटल के एक ग्राहक के माध्यम से उसी के शब्दों में आपके पास पहुँचा रही हूँ ! कहानी कुछ इस तरह है: मेरा नाम रवि है और वर्ष 2009 में जब मैं […]

जिगोलो बनने की सच्ची कहानी

मेरा नाम राज़ शर्मा है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ ! मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मुझे अन्तर्वासना की कहानियां बहुत पसंद हैं। मैं अन्तर्वासना पर अपनी पहली और सच्ची कहानी लिख रहा हूँ, आशा करता हूँ आपको पसंद आएगी। मैं आज से दो साल पहले दिल्ली आया था, छोटे शहर से होने […]

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