कोई मिल गया

ऎसे ही अनजानी लड़की लड़का या औरत मिल जाने पर हुई अचानक चुदाई की सेक्स कहानियाँ हिंदी में

किसी अन्जान अचानक मिले व्यक्ति से यौन सम्बन्ध की हिन्दी सेक्स कहानी

Hindi Sex Stories About Sex with unacquainted/unknown

गेटपास का रहस्य-5

By साजन शर्मा On 2013-06-16 Tags:

मुझे मयूरी से मिले हुए दो दिन हो गए थे हमें ऐसा कोई अवसर नहीं मिला पर हाँ हम एक दूसरे को देख जरूर लेते थे, पर जब- जब मैं उसको देखता था तो मेरी लंड की प्यास ओर भी बढ़ जाती और शायद मयूरी का भी यही हाल था। तीसरे दिन की बात है […]

गेटपास का रहस्य-4

By साजन शर्मा On 2013-06-15 Tags:

अब तक मैंने उसकी हाफ पेंट के बटन खोल दिये थे, जैसे ही हाफ पेंट के बटन खुले तो वो नीचे सरक कर उसके पैरों में आ गई। इससे आगे मैं कुछ और करता पर, तभी दरवाजे पर दस्तक हुई और साथ ही दीपशिखा की आवाज भी आई- भाई, मैं हूँ दीपशिखा, जरा बाहर आओ […]

गेटपास का रहस्य-3

By साजन शर्मा On 2013-06-14 Tags:

दीप के जाने के बाद मैंने किताब को एक तरफ रखी और मयूरी के पास पहुँचा, उसका हाथ अपने हाथ में पकड़ कर उससे पूछा- दीप ने क्या कहा आपसे? मयूरी ने कहा- कुछ नहीं कहा बस ! ऐसे ही ! कोई खास बात नहीं है। पर यह कहते हुए उसके चेहरा शर्म से लाल […]

गेटपास का रहस्य-2

By साजन शर्मा On 2013-06-13 Tags:

दीप ने मयूरी के कान में कहा- क्यों क्या हुआ? पसंद नहीं आये क्या मेरे भैया? मयूरी- नहीं ऐसी बात नहीं है। दीप- फिर जाओ उनके पास और बात करो ! मैं अभी आई। और इतना कह कर दीप रसोई में चली गई, मयूरी मेरे सामने खडी हुई थी और मैं सोफे पर बैठा हुआ […]

गेटपास का रहस्य-1

By साजन शर्मा On 2013-06-12 Tags:

सुनीता की शादी होने के बाद एक बार फिर से मैं तन्हा हो गया था, मैं चाहकर भी सुधा या सुनीता से नहीं मिल सकता था क्योंकि मैं नहीं चाहता था मेरी वजह से उनको कोई परेशानी हो इसी तरह से मेरे दिन कट रहे थे। पर मेरे नसीब में तो कुछ और ही लिखा […]

रेनू से मुलाकात और चुदाई

अन्तर्वासना पर काफी कहानियाँ पढ़ने के बाद मैं खुद रोक नहीं पाया और अपनी कहानी लिखने का मन कर ही लिया। तो दोस्तो, मैं लेकर आया हूँ अपनी पहली कहानी। मेरी उम्र 23 साल है, मैं एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करता हूँ दिल्ली में रहता हूँ। मैंने अपनी स्कूल की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय से […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-44

By शहनाज़ खान On 2013-06-05 Tags:

घंटे भर बाद ही एक सेमीनार था जो ससुर जी ने मुझे अटेंड करने को कहा था। मेरा मूड तो नहीं था पर सेमीनार में जाना भी जरूरी था। मैं एक बार फिर से नहाई और ट्राऊज़र और शर्ट और हाई हील के सैंडल की दूसरी जोड़ी पहन कर सेमिनार में पहुँच गई। मेरे कदमों […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-43

By अज्ञात On 2013-06-04 Tags:

उसका लौड़ा तो इतना लंबा-चौड़ा था ही बल्कि वो खुद भी कितना मजबूत और ताकतवर था। इस तरह उल्टी लटके हुए उसका लौड़ा चूसते हुए और उससे अपनी चूत और गाँड चटवाते हुए मैं उत्तेजना से पागल हो गई। उसका लौड़ा भी बिजली के खंबे की तरह एकदम सख्त होकर सीधा खड़ा था। उसने फिर […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-42

By शहनाज़ खान On 2013-06-03 Tags:

मेरी वासना और जोर से भड़क उठी। मैंने बहुत ही मस्त होकर उसके लौड़े को चाट-चाट कर और चूस-चूस कर साफ किया। “यू सीम टू लाइक द टेस्ट ऑफ योर शिट ऑन मॉय कॉक!” माइक ने मुझे ताना मारते हुए पूछा। (लगता है तुम्हे मेरे लण्ड पर अपने मल का स्वाद अच्छा लगा !) मैं […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-41

By शहनाज़ खान On 2013-06-02 Tags:

जब भी दर्दनाक लहर मेरे जिस्म में फूटती तो साथ ही मस्ती भरी मीठी सी लहर भी तमाम जिस्म में दौड़ जाती। दर्द ओर मस्ती के दोनों एहसास जैसे पिघल कर एक साथ धड़कते और फिर जुदा होते और फिर एक बार दोनों एहसास आपस में पिघल कर मिल जाते। बहुत ही हैरत अंगेज़ एहसास […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-40

By शहनाज़ खान On 2013-06-01 Tags:

मैं मानती हूँ कि कुछ देर पहले मैं इन हब्शियों के भुसण्ड लौड़ों से चुदने के लिये मरी जा रही थी लेकिन इतने बड़े लौड़े से गाण्ड मरवाने का तो मैं सपने में भी नहीं सोच सकती थी। ये दोनों मरदूद तो एक साथ मेरी चूत और गाँड मारने की सोच रहे थे। “डोंट वरी […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-39

By शहनाज़ खान On 2013-05-31 Tags:

कुछ ही देर में उनके लौड़े फौलाद की तरह सख्त हो गये और वो दोनों बेरहमी से बारी-बारी से मेरे हलक में अपने लौड़े ठूँसते हुए धक्के मार रहे थे। “ऑय थिंक शी नीड्स टू बी फक्ड नॉव!” माइक बोला। (मेरे ख्याल से अब इसे चोद ही देना चाहिए !) “याह! टाइम टू शो हर […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-38

By शहनाज़ खान On 2013-05-30 Tags:

मैंने साँस ली ही थी कि एक बार फिर मुझे उसकी मुठ्ठियाँ अपनी गर्दन के पीछे बालों पर कसती महसूस हुईं और उसने गालियाँ देते हुए अपना लंड फिर एक ही झटके में मेरे हलक में ठाँस दिया। दो-तीन धक्कों में ही उसने पूरा लंड अंदर घुसा दिया। मेरे होंठ अब उसके लंड की जड़ […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-37

By शहनाज़ खान On 2013-05-29 Tags:

वो मुझे सहारा दे कर बार के करीब ले गया और दो ड्रिंक्स ऑर्डर किये। फिर उसने मुझे कमर से पकड़ कर उछालते हुए ऊँचे बार-स्टूल पर इस तरह बिठा दिया जैसे मैं कोई रबड़ की गुड़िया होऊँ। हमने एक दूसरे को अपना इंट्रोडक्शन दिया। उसका नाम ओरिजी था और वो नाईजीरिया का रहने वाला […]

इन्जेक्शन

खुशबू मेरा नाम सुषमा है, मैं शादीशुदा हूँ और मेरे तीन बच्चे हैं, मैं बहुत सुन्दर हूँ एकदम दूध सी गोरी ! मेरी कहानी एक डॉक्टर के साथ मेरे चक्कर की है, हम लोग गाज़ियाबाद की एक कॉलोनी में नये नये आए थे, मेरे पति ने वहाँ पर एक फ्लैट खरीदा था। मेरे पति एक […]

बीच नदी में पानी के अन्दर

By playboyz4you On 2013-04-19 Tags:

लेखक : राज कुमार लण्ड की प्यासी हर औरतों को मेरे लण्ड का सलाम। मेरा नाम राज है। मैं 26 साल का एक हट्टा-कट्टा जवान लड़का हूँ, ओडिशा के संबलपुर जिले में रहता हूँ। मैं पेशे से एक फिजिकल ट्रेनर हूँ। मेरा लण्ड करीबन 8 इंच का है और बहुत मोटा भी है जिसे देख […]

गन्दी बातें चोदा चोदी की

श्रेया आहूजा का सलाम, नमस्ते! बहुत दिन हुए कुछ अपनी आपबीती सुनाये तो सोचा आप सबसे शेयर करूँ यह आपबीती! भारी पब्लिक डिमांड पर मैं अपनी आपबीती सुनाने जा रही हूँ क्यूंकि इन दिनों मैंने सिर्फ अपने दोस्तों की आपबीती सुनाई है. वैसे तो आप सब मुझे जानते हैं, मैं श्रेया आहूजा जालंधर की पंजाबी […]

नया साल नया माल

By चक्रेश यादव On 2013-04-09 Tags:

हैलो दोस्तो, नमस्कार और नव वर्ष की ढेर सारी शुभ कामनाएँ ! मैं कामना करता हूँ कि आप सबके जीवन में यह नया साल नई जवानी, नया जोश व नए खूबसूरत जवान साथी लेकर आए जिससे आपकी जवानी के गुलशन में नया बसंत आए और आपको नित नई ऊर्जा मिलती रहे। दोस्तो, अब आते हैं […]

नवाजिश-ए-हुस्न-4

By अलवी साहब On 2013-04-06 Tags:

लेखक : अलवी साहब सीढ़ियाँ उतरते मुड़ के वापस उसके पास गया और कलाई पकड़ के एक तरफ लिया और पूछा- चेहरा क्यों उतरा हुआ है? तो इतनी मासूमियत से उसने कहा- आप जा रहे हैं इसलिए ! अल्लाह, क्या खूब अदा दी है तूने इस हंगामा-परस्त खूबसूरती को ! मैंने कहा- दो घंटे बाद […]

नवाजिश-ए-हुस्न-3

By अलवी साहब On 2013-04-05 Tags:

लेखक : अलवी साहब पूरी बस खाली थी, हम दोनों अन्दर अकेले थे, वो बैग ढूंढ़ रही थी और मैं उसके करीब ही था बिल्कुल, मैंने उसकी कलाई पकड़ी और सीट पर बिठा दिया, खुद भी बैठ गया, और बहुत ही संजीदगी के साथ उसे कहा- शहनाज़, खुदा जाने क्या बात है, आज जब से […]

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