बिरज की होली और ट्रेन में चूत ले ली -2
पूजा मेरे लंड को मसलते हुए बोली- यार, मेरी चूत में आग लगाकर तुम यहाँ आ गए.. चलो अब जल्दी से मेरी इस टपकती चूत को अपने लंड से शांत कर दो.. क्योंकि इस चूत ने बहुत लौड़े खाए हैं.. इसकी आग सिर्फ़ लौड़े से ही बुझेगी।
ऎसे ही अनजानी लड़की लड़का या औरत मिल जाने पर हुई अचानक चुदाई की सेक्स कहानियाँ हिंदी में
किसी अन्जान अचानक मिले व्यक्ति से यौन सम्बन्ध की हिन्दी सेक्स कहानी
Hindi Sex Stories About Sex with unacquainted/unknown
पूजा मेरे लंड को मसलते हुए बोली- यार, मेरी चूत में आग लगाकर तुम यहाँ आ गए.. चलो अब जल्दी से मेरी इस टपकती चूत को अपने लंड से शांत कर दो.. क्योंकि इस चूत ने बहुत लौड़े खाए हैं.. इसकी आग सिर्फ़ लौड़े से ही बुझेगी।
होली पर मथुरा जाते समय ट्रेन में एक लड़की मिली जो मेरे पास ही बैठी थी। थोड़े ही समय में वो मुझसे पट गई तो मैंने उसे टॉयलेट में चलने को कहा मगर उसने मना कर दिया।
मैं आधार कार्ड बनाने एक गाँव के स्कूल में काफ़ी दिन रहा। वहाँ खाना बनाने वाली एक आंटी ने मुझे पटा कर अपनी गांड और चूत मरवाई, पढ़ें इस कहानी में!
लड़की का कमीज उसकी छाती तक उठा हुआ था और उसकी ब्रा भी ऊपर सरकी हुई थी जिससे उसकी चूचियाँ आधी नंगी दिख रही थीं... गोल गोल दूधिया रंग के नुकीले वक्ष थे उसके जो बिल्कुल तने हुए थे।
दिल्ली एयरपोर्ट पर एक महिला की चूचियां दिख रही थी, मैं उन्हें देखता रहा तो उसने मुझे अपना कार्ड दिया और कहा- फोन करना! मैंने Whatsapp पर उसे मैसेज किया तो उसने मुझे अपने घर बुला लिया.
यह कहानी मुम्बई में मिली एक भाभी की है जब मैं वहाँ अपने मामा मामी के घर गया था। वो मामी की सहेली थी, हमारी दोस्ती हो गई, उसके बाद तो वो खुद ही मेरे नीचे आ गई…
अन्दर उसने पैंटी पहनी हुई थी.. जिसकी वजह से मैं उसकी चूत को खुलकर नहीं सहला पा रहा था.. और इधर मेरा लंड अपने पूरे शवाब पर था। मैंने एक हाथ से उसकी सलवार को खोला, दूसरे हाथ से लंड बाहर निकाला.
उसके होंठ काँपने लगे, धड़कनें और तेज हो गई। मैंने उसे अपने आगोश में ले लिया और उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा, साथ ही उसको किस भी करने लगा। हम नंगे होकर एक दूसरे के बदन से खेलने लगे।
रचना की भाभी काफी गोरी चिट्टी थी, लाल साड़ी में लो कट ब्लाउज में बड़ी ही सुन्दर लग रही थी। ॠचा भाभी की आँखें बड़ी-बड़ी, नाक तोते की चोंच जैसे नुकीली थी उसकी।
मैं उनके लिंग के ऊपर बैठने उठने लगी जिससे लिंग योनि में अन्दर बाहर होने लगा। मेरी पकड़ कुछ पलों के धक्कों में फिर से मजबूत हो गई और मेरी योनि भी कसने लगी।
मेरी हालत अब और बुरी होने लगी थी, मैं वासना के सागर में गोते लगाने लगी थी, मेरा मन पल दर पल बदल रहा था। कभी उनके झटके मेरी चीख निकाल देते और सोचने लगती 'भगवान् ये जल्दी से झड़ जाएँ'
इन दिनों में उसके चूत इतनी बार चुद चुकी थी कि जोर से धक्का देने का कोई फ़ायदा नहीं रहा, आसानी से चूत ने गपक लिया और अब चूत और लंड की थाप सुनाई दे रही थी और दोनों के मुँह से आह-ओह आह-ओह की आवाज आ रही थी।
मौसम खराब था और आधे रास्ते में ही बारिश शुरु हो गई थी, छतरी के नीचे कोई लड़की खड़ी किसी की मदद पाने के लिए वहाँ बारिश में खड़ी हुई है। उसने मुझे हाथ के इशारे से रोका..
मेरी बस निकल जाने के कारण मुझे एक ट्रक में लिफ़्ट लेनी पड़ी। रास्ते में वो जंगल की तरफ़ मुड़ गये और पैसे मांगने लगे। मेरे पास पैसे नहीं थे तो मुझे अपना बदन उनके हवाले करना पड़ा।
धीरे-धीरे उसकी साड़ी को ऊपर करते हुए उसकी मोटी जांघों के बीच आ गया, जैसे-जैसे मैं उसकी योनि के पास जो अभी भी साड़ी से छिपी हुई थी, पहुँच रहा था, रचना की तड़प बढ़ती जा रही थी और उसकी सिसकारी तेज होती जा रही थी।
मेरी कहानी पढ़ कर एक शादीशुदा महिला ने मुझे मेल की, दोस्ती की। उसके पति विदेश में थे तो वो विरह की आग में जल रही थी। उसने मुझे अपने घर बुलाया।
वो मुझे गाली देने लगी थी अपनी चूत को मेरे मुंह से रगड़ने लगी, उसकी चूत की प्यास कम होने का नाम ही नहीं ले रही थी, वो चिल्ला रही थी- ले भोसड़ी के, मेरी चूत चाट ! ले मादरचोद… चाट भोसड़ी के चाट…
मैं बेरहम बनकर जंगली चुदाई का मन बना चुका था। उसकी बात को अनसुना करके एक बार पूरा लण्ड निकाला और फिर से एक झटके से पूरा चूत में उतार दिया।
मैंने उसकी सलवार नीचे खिसका दी और जल्दी से अपनी पैन्ट भी नीचे खिसका कर जैसे ही लंड बाहर निकाला.. तो उसकी लंड को देखकर एक हिचकी सी निकल गई
मैंने उसके ऊपर लेट कर उसके लबों को चूमना शुरू कर दिया। थोड़ी देर में किस और उसकी चूची के मसलने का नतीजा सामने आया.. उसकी गांड उछलने लगी.. अब वो मेरे चूतड़ों को अपने हाथों से दबाने और मसलने लगी थी।