जीजा साली की चुदाई

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मासूम यौवना-5

By कमला भट्टी On 2009-12-28 Tags:

जिसने कभी किसी पर-पुरुष को देखा नहीं, उसने 2010 जब 30 साल की थी तब जीजाजी जो 46 साल के थे उनको कैसे समर्पित हो गई। सब वक़्त की बात है। अब तक मेरे कमरे का दरवाजा खुला ही था। पहले जीजाजी बाथरूम जाकर आये, फिर मैं बाथरूम गई, मैंने देखा मेरे मकान मालिक के […]

मासूम यौवना-4

By कमला भट्टी On 2009-12-27 Tags:

मासूम यौवना-3 से आगे : रात के ग्यारह बज गए थे, जीजाजी को नींद आ गई थी, मैं भी सोने की कोशिश करने लगी और मुझे भी नींद आ गई ! रात के दो ढाई बजे होंगे कि अचानक मेरी नींद खुली, मुझे लगा कि मेरे जीजा जी मेरी चूत पर अंगुली फेर रहे हैं। […]

मासूम यौवना-3

By कमला भट्टी On 2009-12-26 Tags:

लेखिका : कमला भट्टी फिर मेरे पति वापिस चेन्नई चले गए तो मैंने भी स्कूल छोड़ दी और पीहर आ गई ! जब भी मेरे बड़े जीजाजी अजमेर आते तो मुझसे हंसी मजाक करते थे, मैं मासूम थी, सोचती थी कि मैं छोटी हूँ इसलिए मेरा लाड करते हैं। वे कभी यहाँ-वहाँ हाथ भी रख […]

मासूम यौवना-2

मैंने दसवीं की परीक्षा दी और गर्मियों की छुट्टियों में फिर ससुराल जाना पड़ा। इस बार मेरे पति स्वाभाव कुछ बदला हुआ था, वो इतने बेदर्दी से पेश नहीं आये, शायद उन्हें यह पता चल गया कि यह मेरी ही पत्नी रहेगी। मैं इस बार 4-5 दिन ससुराल में रुकी थी पर वे जब भी […]

जीजा ने मेरा जिस्म जगाया-4

By नीना On 2009-08-27 Tags:

प्रेषिका : नीना अचानक उन्होंने अपने हाथ में लेकर मुठ मारनी चालू की और मेरे बालों को नोंचते दबा कर पूरा माल मेरे मुँह में निकाल दिया। “जीजा, यह क्या मुझे उलटी हो जायेगी !” “कुछ नहीं होगा, रात को तेरे कमरे में आऊँगा !” “मगर दीदी?” “उसके दूध में नींद की गोली मिला दूँगा, […]

जीजा ने मेरा जिस्म जगाया-3

By नीना On 2009-08-25 Tags:

प्रेषिका : नीना पता नहीं जीजा इन कामों में कितना हरामी था, बोला- क्या बात है, आज तेरी चाल में फर्क है? “नहीं तो? तुम भी जीजा जो मर्ज़ी बोलते हो?” “साली, जिंदगी देखी है ! बोल यार के नीचे लेटकर आई हो ना?” “शटअप जीजू ! आप भी न !” “साली कपड़े देख अपने […]

जीजा ने मेरा जिस्म जगाया-2

By नीना On 2009-08-24 Tags:

प्रेषिका : नीना मैं फिसलने वाले रास्ते पर चलने को चल निकली, उसके घर पहुंच गई। क्या बड़ा सा मस्त घर था ! वो मुझे अपने कमरे में ले गया, मेरा हाथ पकड़ा अपने दिल पर रख कर बोला- देख रानी, कैसे तेरे लिए धड़क रहा है। उसने पीछे से कमर में हाथ डाल एक […]

जीजा ने मेरा जिस्म जगाया-1

By नीना On 2009-08-23 Tags:

मेरा नाम नीना है, मैं बी.सी.ए की छात्रा हूँ, मेरा काम कंप्यूटर से जुड़ा है, मैं पाँच फुट पाँच इंच लंबी हूँ, सेक्सी हूँ जवान हूँ, जवानी मुझ पर जल्दी आ गई, रहती कसर मेरे सगे जीजू ने पूरी कर दी। हम तीन बहने हैं, मैं नंबर तीन की हूँ, कोई भाई नहीं है, दोनों […]

नन्दोईजी नहीं लण्डोईजी-2

By प्रेम गुरु On 2009-08-04 Tags:

नीचे मधु मेरा इंतजार ही कर रही थी। सुधा रसोई में खाना लेने चली गई थी। जानबूझ कर हमें अकेला छोड़ कर। मैं किसी प्यासे भंवरे की तरह मधु से लिपट गया। मुझे पता था वो मुझे चूत तो हरगिज नहीं चूसने देगी। और इस हालत में मेरा लंड वो कैसे चूसती। उसने एक चुम्बन […]

नन्दोईजी नहीं लण्डोईजी-1

By प्रेम गुरु On 2009-08-03 Tags:

लेखक : प्रेम गुरु “आपकी चूत पर उगी काली लम्बी घनी रेशमी झांटें देखी इन्हें काटियेगा नहीं चूत बे-परदा हो जायेगी !” … प्रेम गुरु की कलम से मैंने लोगों से सुना था कि किसी लड़की या औरत की खूबसूरती उसके उरोजों और नितम्बों से जानी जा सकती है। पर गुरूजी तो कुछ और ही […]

दो नम्बर का बदमाश-3

दोस्तों अब दिल्ली लुटने को तैयार थी… मैंने उसका टॉप उतार दिया। दोनों क़बूतर आज़ाद हो गए। वो आँखें बन्द करके लेटी थी। होंठ काँप रहे थे। मैंने अभी तक उसकी चूत को हाथ भी नहीं लगाया था। आप तो जानते हैं मैं प्रेम गुरु हूँ और जल्दीबाज़ी में विश्वास नहीं रखता हूँ। मैं तो […]

दो नम्बर का बदमाश-2

मैं सोफ़े पर बैठ गया। जैसी ही बाथरूम का दरवाज़ा खुला गीले बालों से टपकती शबनम जैसी बूँदे, काँपते होंठ, क़मसिन बदन, बेल-बॉटम में कसी पतली-पतली जाँघों के बीच फँसी बुर का इतिहास और भूगोल यानी चीरा और फाँकें साफ़ महसूस हो रही थी। हे भगवान क्या फुलझड़ी है, पटाखा है, या कोई बम है। […]

दो नम्बर का बदमाश-1

ये चूतें, गाँड, और लंड सब कामदेव के हाथों की कठपुतलियाँ हैं। कौन सी चूत और गाँड किस लंड से, कब, कहाँ, कैसे, और कितनी देर चुदेगी कोई नहीं जानता।

जीजू ने बहुत रुलाया-3

By मेघना On 2009-04-27 Tags:

प्रेषिका : मेघना सिंह मुझे उत्तेजना की वजह से पेशाब जाने की इच्छा होने लगी, मैं बोली- जीजू, पेशाब लगा है। जीजू बोले- अब तुम्हारी चूत पूरी तरह गीली हो चुकी है। तुम चाहे न मानो, लेकिन तुम्हारी चूत चुदने को तैयार है। मैं गिड़गिड़ाई- नहीं जीजू ! तकलीफ़ हो जायेगी मुझे ! मैं उनसे […]

जीजू ने बहुत रुलाया-2

By मेघना On 2009-04-26 Tags:

प्रेषिका : मेघना सिंह दिनभर मैं घर पर अकेली रहती थी। मैं स्कर्ट पहनती थी। जब अकेली हो जाती थी तो चड्डी उतार देती थी। अपनी चूत को उँगली से छेड़ती रहती थी। एक दिन मैं पता नहीं कैसे दरवाजा बंद करना भूल गई। मेरी आँख लग गई। शायद जीजू अन्दर आये होंगे। पता नहीं […]

जीजू ने बहुत रुलाया-1

By मेघना On 2009-04-25 Tags:

मैं शादी से पहले अपने जीजू से कई बार चुद चुकी हूँ। जीजू भी मुझे चोदते समय बेरहम हो जाते थे। पहले मैं जीजू से अपनी चुदाई के बारे मैं बताती हूँ।

मेरे जीजू और देवर ने खेली होली-1

जीजू और देवर संग होली मैं अपने मम्मी-पापा के साथ सोनीपत में रहती हूँ। मेरी एक बड़ी बहन माला जिसकी शादी को अभी आठ महीने ही हुए हैं दिल्ली में है। जीजू रोहित का कपड़े का एक्सपोर्ट बिजनेस है। मेरा रिश्ता भी दिल्ली में तय हो चुका है और मेरे होने वाले पति सुमित बंगलौर […]

पिंकी और सोनिया के बाद-4

By वरिंदर On 2009-01-01 Tags:

प्रेषक : वरिंदर “हाय जीजू ! आपका बहुत बड़ा है ! क्या लौड़ा पाया है आपने ! मोना की तो चांदी है !” मेरा पूरा लौड़ा जब घुस गया तो वो उठकर उठ उठ कर चूत मरवाने लगी- हाय जीजू ! और तेज़ मारो मेरी ! आज मुझे दिल खोल कर फक करो ! “साली, […]

पिंकी और सोनिया के बाद-3

By वरिंदर On 2008-12-31 Tags:

प्रेषक : वरिंदर वो जाकर बिस्तर पर गिर गई, मैंने भी वक़्त गंवाए बिना उसको दबोच लिया वहीं बिस्तर पर ! मैंने उसकी ब्रा भी उतारी, उसके मम्मे अकड़े पड़े थे। जैसे-जैसे मैंने दबाये, वैसे-वैसे वो कोमल होने लगे, मतलब एक मर्द का हाथ ही उन्हें नर्म कर रहा था। मैंने उसके चुचूक दिल भर […]

पिंकी और सोनिया के बाद-2

By वरिंदर On 2008-12-30 Tags:

प्रेषक : वरिंदर बेहद छोटा सा हल्का गुलाबी टॉप, केप्री टाइप छोटा सा लोअर वो भी बारीक सा। उसकी काली पैंटी साफ़ साफ़ दिख रही थी और ब्रा भी। उसकी चूचियाँ किसी भी मर्द को दीवाना कर देती। क्या हुआ जीजू? मुझमें खो गए क्या? पकड़ो, पैग पियो ! थोड़ी देर में बात करेंगे ! […]

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