इंडियन बीवी की चुदाई

बीवी की चुदाई, देसी बीवी इंडियन वाइफ की हिंदी सेक्स कहानियाँ जिसमे वो अपने पति और पराये मर्दों के साथ सेक्स करती है.

Biwi ki chudai, Indian Wife Ki Hindi Sex Kahaniyan.

Indian wife sex with her husband and other men, juicy narration and detailed fuck sessions in your favorite Hindi fonts.

तेरा साथ है कितना प्यारा-1

उन्होंने मुझे खींचकर अपनी छाती से चिपका लिया और एक मीठा सा चुम्बन दिया। मैं तो शर्म से धरती में गड़ी जा रही थी पर उनकी छाती से चिपकना बहुत अच्छा लग रहा था।

बड़े बेदर्द बालमा-3

उसकी गांड के छेद पर मैंने अपनी उंगलियाँ फिराई, वो बिफर पड़ी, वो बोली- वहाँ मुंह मत लगाना प्लीज़… वो गन्दी जगह है। मैंने उसे कहा- मेरी रानी, औरत के शरीर का कोई भी हिस्सा गंदा या खराब नहीं होता है…

बड़े बेदर्द बालमा-2

मैंने जगह जगह से उसकी सलवार भी फाड़नी शुरू कर दी। पुरानी थी तो चर्र चर्र फटती गई और उसकी मांसल दूधिया जांघें और पिंडलियाँ बाहर आती गई।

बड़े बेदर्द बालमा-1

मैंने उसके सर और कमर के नीचे पहले ही दो तकिये रख दिए थे, जिससे उसका सीना ऊपर हो गया था, रस्सी नीचे बाँधी थी और जैसे ही उस रस्सी को और टाइट किया उसके वक्ष और ज्यादा उभर कर तन गए।

मेरी चालू बीवी-51

मधु के चूतड़ों पर फ्रॉक के ऊपर से ही हाथ रखने पर मुझे उसकी कच्छी का एहसास हुआ... मैंने तुरंत अचानक ही उसके फ्रॉक को अपने दोनों हाथ से ऊपर कर दिया...

मेरी चालू बीवी-17

इमरान सलोनी- मैंने मना किया न… मैं केवल ब्रा चेक करुँगी… बस… पैंटी घर जाकर चेक करके बता दूँगी… यहाँ नहीं.. लड़के का मुँह देख लग रहा था जैसे उसके हाथ से ना जाने कितनी कीमती चीज छीन ली गई हो… सलोनी- ओह ज़मील, आज मुझे जल्दी जाना है… फिर कभी तुम घर आकर आराम […]

मेरी चालू बीवी-15

इमरान उसके बाथरूम में जाते ही सबसे पहले मैंने अपना रिकॉर्डर पेन ओन कर उसके पर्स में डाला… और यह भी सोचने लगा कि यार कैसे आज इनकी उस शॉपिंग को देखा जाए… मैंने एक बार फिर बिल पर से उस दुकान का पता नोट किया और सलोनी से उसका जाने के समय के बारे […]

मेरी चालू बीवी-13

इमरान मैं बंद अधखुली आँखों से सलोनी को देखते हुए अपनी रणनीति के बारे में सोच रहा था… कि मस्ती भी रहे और इज्जत भी बनी रहे… सलोनी मेरे से खुल भी जाए… वो मेरे सामने मस्ती भी करे परन्तु उसको ऐसा भी ना लगे कि मैं खुद चाहता हूँ कि वो गैर मर्दों से […]

दिल का क्‍या कुसूर-2

संजय ने कभी मेरी योनि को प्‍यार नहीं किया तो मैं भी एक शर्मीली नारी बनी रही, मैंने भी कभी संजय के लिंग को प्‍यार नहीं किया। मुझे लगता था कि अपनी तरफ से पहल करने पर संजय मुझे चरित्रहीन ना समझ लें।

दिल का क्‍या कुसूर-1

By राजीव खन्‍ना On 2012-07-11 Tags:

वैसे तो संजय से मेरा रोज ही सोने से पहले एकाकार होता था। परन्‍तु वो पति-पत्नी वाला सम्भोग ही होता था। उस दिन मेरी शादी की 11वीं सालगिरह थी। संजय ने मुझे बड़ा सरप्राइज देने का वादा किया था। मैं बहुत उत्‍सुक थी। कई बार संजय से पूछ भी चुकी थी कि वो मुझे क्‍या […]

रसीली की रस भरी रातें-3

हिंदी एडल्ट स्टोरी का पहला भाग : रसीली की रस भरी रातें-1 कहानी का दूसरा भाग : रसीली की रस भरी रातें-2 रात को मेरे पति राजू ने पहले मोमबती से फ़िर अपने विशाल लण्ड से मेरी गाण्ड मारी तो रात भर मैं दर्द से तड़पती रही, सुबह मैंने चंपा को बुलाया। चंपा ने मुझसे […]

रसीली की रस भरी रातें-2

कहानी का पिछला भाग : रसीली की रस भरी रातें-1 मेरी हिंदी एडल्ट स्टोरी में आपने अब तक पढ़ा कि सुहागरात को मैं अपने पति के बड़े लण्ड से दर्द का ड्रामा करके चुद गई। मेरा पति बड़े ल्ण्ड के कारण नहीं जान पाया कि उसकी नई नवेली असल में खाई खेली है। सुबह छः […]

सुहागरात- एक लंड की चाहत-3

अजय ने मेरी लगभग नंगी पीठ, मुँह, गले पर चूम चूम कर मेरा बुरा हाल कर दिया था और एक हाथ से वो मेरे मोटे चूतड़ों को और मेरी चूत पर फ़िराते रहे जिससे मेरे सारे बदन में झुरझरी पैदा हो रही थी।

सुहागरात- एक लंड की चाहत-2

अजय ने मेरी चोली और लहंगा उतार दिया और खुद भी अपना कुर्ता और पाजामा भी... मुझे बहुत शर्म आ रही थी क्योंकि मेरे नीचे के दोनों वस्त्र बहुत छोटे और पारभासक थे।

परोपकारी बीवी-1

हमारे बाजू वाले क्वाटर में रहने वाले सज्जन पीसी मैसी मेरे ही डिविजन में काम करते हैं। वे अपनी पत्नी के साथ अक्सर मेरे घर आते और फिर हम चाय, नाश्ता साथ-साथ ही लेते हैं। मैसी जी को शराब पीने और जुआ खेलने की आदत थी। इस कारण अलका बहुत दुखी रहती है। यहां तक कि मैसीजी के वेतन से उनके घर का खर्च भी बहुत मुश्किल से निकल पाता है।

हमने सुहागरात कैसे मनाई

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को नमस्कार ! मैंने अपनी कहानी पुसी की किस्सी में जैसा आपसे वादा किया था कि ‘हमने सुहागरात कैसे मनाई’ यह बताऊँगा, तो लीजिए इस बार अपनी सुहागरात की बात आपके समक्ष रख रहा हूँ। मेरी शादी ठीक से हुई, मेरे जिम्मे सिर्फ़ दो काम थे, पहला घर और ससुराल में […]

मधुर प्रेम मिलन-5

सच कहूँ तो मैंने कभी किसी का लिंग अपने मुँह में लेना और चूसना तो दूर की बात है कभी ठीक से देखा भी नहीं था। पर सहेलियों से सुना बहुत था कि लिंग ऐसा होता है वैसा होता है।

मधुर प्रेम मिलन-4

भंवरे ने डंक मार दिया था और शिकारी अपना लक्ष्य भेदन कर चुका था। अब कलि खिल चुकी थी और भंवरे को अपनी पंखुड़ियों में कैद किये अपना यौवन मधु पिलाने को आतुर हो रही थी।

मधुर प्रेम मिलन-3

उन्होंने अपने मुन्ने को मेरी मुनिया (लाडो) के चीरे पर रख दिया। मैंने अपनी साँसें रोक ली और अपने दांत कस कर भींच लिए। मेरी लाडो तो कब से उनके स्वागत के लिए आतुर होकर प्रेम के आंसू बहाने लगी थी।

मधुर प्रेम मिलन-2

प्रेषिका : स्लिमसीमा ‘मधुर, क्या मैं एक बार आपके हाथों को चूम सकता हूँ?’ मेरे अधरों पर गर्वीली मुस्कान थिरक उठी। अपने प्रियतम को प्रणय-निवेदन करते देख कर रूप-गर्विता होने का अहसास कितना मादक और रोमांचकारी होता है, मैंने आज जाना था। मैंने मन में सोचा ‘पूरी फूलों की डाली अपनी खुशबू बिखरने के लिए […]

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