सारिका कँवल वो मेरे ऊपर से हट गए और बगल में लेट गए। मैंने भी दूसरी और मुँह घुमा कर अपनी आँखें बंद कर लीं। मैंने न तो कपड़े ठीक करने की सोची और न अपनी योनि साफ़ करने की, बस पता नहीं किस ख्याल में डूब गई। मैं बस यह सोच रही थी कि […]
सारिका कँवल मैंने और तड़प कर छटपटाने की कोशिश की, पर उनकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि मेरा हिलना भी न के बराबर था। इसके बाद उन्होंने अपना हाथ हटा लिया और फिर एक-एक हाथ से मेरे हाथ पकड़ लिए और अपने लिंग को धीरे-धीरे अन्दर धकेलने लगे। करीब पूरा सुपाड़ा घुस चुका था और […]
सारिका कँवल मैं लगभग नींद में थी कि मुझे कुछ एहसास हुआ मेरी टांगों में और मेरी नींद खुल गई। मैं कुछ देर यूँ ही पड़ी रही और सोचने लगी कि क्या है, तो मुझे एहसास हुआ कि वो अपना पैर मेरे जाँघों में रगड़ रहे हैं। मैं एकदम से चौंक गई और उठ कर […]
सारिका कँवल नमस्कार, मैं सारिका कँवल आप सभी पाठकों का धन्यवाद करना चाहती हूँ कि आप सबने मेरी कहानियों को इतना सराहा। मैं चाहती हूँ कि मैं आप सबको इसी तरह की कहानियाँ सुनाती रहूँ, ताकि आप हमेशा खुद को आनन्दित महसूस करें। मैं आज जो कहानी सुनाने जा रही हूँ वो मेरे जीवन की […]
दोस्तो, पिछले भाग में आपने जाना कि कैसे मैंने आंटी को पटाया और चोदा। किसी ने सच ही कहा है कि लत बहुत बुरी चीज है चाहे वो किसी चीज की हो। आदमी पहली बार जब तक चुदाई से बचा रहता है, तब तक ठीक रहता है, अगर उसने एक बार चुदाई कर ली.. तब […]
मेरा नाम सूरज सिंह है, मैं 23 साल का दिल्ली का रहने वाला नौजवान लड़का हूँ। यह कहानी पिछले साल की है जब मैं दिल्ली में ही अपने मामा के घर घूमने गया था। तो वहाँ मैंने अपनी सुनयना मामी को जो कि 44 साल की थीं लेकिन लगती 35 से भी कम की थीं, […]
सम्पादक : इमरान मेरा नाम आफताब है, महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ। मैं 30 साल का नौ जवान हूँ, मेरी शादी हो चुकी है और मेरा एक बेटा भी है। मेरी यह कहानी हक़ीकत है। मेरी ज़िंदगी बड़ी मज़े से कट रही थी किस्मत से मैंने बड़ी ही सेक्सी बीवी पाई है पर एक दिन […]
आमिर की उम्र 24 साल की है, वो अपनी अम्मी के साथ मुंबई में एक फ़्लैट में रहता था। उसके अब्बू इराक में रहते थे तथा साल में एक बार ही आ पाते थे। इराक की बदतर हालात में वो अपने परिवार को वहाँ नहीं ले जा सकते थे इसलिए आमिर अपनी अम्मी के साथ […]
मैंने दीदी से बोला- दीदी आपकी सहेली पिंकी बहुत मस्त है, उसको मैंने जब से देखा है मुझे उसकी गांड ही नजर आ रही है... दीदी किसी तरह उसकी गांड चटवा दो।
प्रेषिका : कौसर सम्पादक : जूजाजी मैं फिर करीब 05-30 बजे उठी तो शाम की फिर चिंता होने लगी कि आज ससुर जी को चाय कैसे देने जाऊँ। उनकी बात बार-बार याद आ जाती थी कि शाम को मैं उनके पास नंगी होकर चाय देने जाऊँ। तभी ससुरजी खुद मेरे रूम में आ गए। बोले- […]
प्रेषिका : कौसर सम्पादक : जूजाजी मैंने कहा- बाबूजी प्लीज़… मुझे पता है आप क्या करना चाहते हैं… प्लीज़ ऐसा मत करिए… यह बहुत लंबा है….बाबूजी प्लीज़… ऐसा मत करना..! और मैं चीखने लगी। ससुर जी ने कहा- बहू, तुझे मुझ पर भरोसा होना चाहिए… ऐसा कुछ नहीं होगा और ये सब मैं तुझे मज़े […]
प्रेषिका : कौसर सम्पादक : जूजाजी उनके झटके बढ़ते गए और एकदम से उन्होंने पानी की धार मेरी चूत में छोड़ दी और वो मुझसे चिपक गए। मैं भी अपने आप को रोक ना सकी और मैंने भी पानी छोड़ दिया, मैं भी उनसे चिपक गई, उनका लण्ड अब भी मेरे अन्दर ही था। हम […]
प्रेषिका : कौसर सम्पादक : जूजाजी वो मुझे 20 मिनट तक दीवार पर खड़ा करके चोदते रहे, वो भी मेरे अपने कमरे में। उसके बाद एक करेंट सा लगा और मेरी चूत से पानी की धार बह गई! मुझे लगा वो भी झड़ गए हैं, वो एकदम मुझसे चिपक गए और मुझे सीधा करके मेरे […]
प्रेषिका : कौसर सम्पादक : जूजाजी मैं नहा-धो कर जल्दी से रसोई में गई और उनका नाश्ता और दोपहर का खाना जल्दी से तैयार किया। मुझे उनकी तिलावत करने की आवाज़ आ रही थी। मैंने मन में कहा कि कैसा ढोंगी इंसान है, यह तो अल्लाह से भी नहीं डर रहा। फिर थोड़ी देर में […]
प्रेषिका : कौसर सम्पादक : जूजाजी मुझे नहीं पता फिर क्या हुआ, उसके बाद जब मेरी आँख खुली तो मेरे ऊपर एक चादर पड़ी थी और मैं अभी भी ससुर जी के बिस्तर पर ही थी। घड़ी में देखा तो करीब 2 बज रहे थे। मैं उठी तो मेरा पूरा जिस्म दर्द कर रहा था। […]
प्रेषिका : कौसर सम्पादक : जूजाजी मेरा नाम कौसर है। यह मेरी सच्ची कहानी है। हम शिकारपुर में रहते हैं। हम 3 बहनें हैं, मैं सबसे बड़ी हूँ। मेरे अब्बू काफ़ी साल पहले गुजर गए थे, तब से माँ ने ही हमारा ख्याल रखा है। मैंने ग्रेजुएशन 2010 में की थी। मेरा रंग एकदम साफ़ […]
भैया मेरी बिना बालों वाली अधखिली गोरी गुलाबी चूत को देखता रह गया। भाई ने मेरे पूरी चूत हाथ मे थाम ली, उसको दबा दिया और बोला- हाए ॠदिमा.. मेरी बहन क्या चीज़ है तू…
मैं पेशाब करने के लिए उठा और पेशाब करने लगा और जब वापिस आया तो मैंने देखा मेरी मौसी की लड़की मेरे बिस्तर के पास लेटी थी। उसका सीना मेरी पैरों की तरफ़ था। मैं धीरे-धीरे अपने पैर के पंजों से उसके मम्मे को छूना शुरू कर दिया
आदित्य शुक्ला दोस्तो, आप सब कैसे हो..! उम्मीद करता हूँ कि सब मस्त होगे ! आप लोग सोच रहे होगे कि यह कहीं स्कूल की चिठ्ठी तो नहीं लिख रहा है, पर ऐसा नहीं है मेरे दोस्तों थोड़ा सा लोकाचार तो करना ही पड़ता है सो मैंने भी कर दिया यार ! खैर… यह सब […]
इरफ़ान मैंने उसका हाथ अपने लंड पर और भींच दिया। उसने कहा- मामू, भाई का तो बहुत छोटा है? मैंने उसके हाथ से अपने लंड को सहलाते हुए कहा- अलीफ़ा वो अभी छोटा है इसलिए है, जब वो मेरी तरह बड़ा हो जायेगा तब उसका भी ऐसे ही बड़ा हो जायेगा। अलीफ़ा अब इत्मीनान से […]