मैंने स्कूल के अपने दोस्तों से भी सैक्स की चर्चा करना शुरू किया तो पता चला कि उनमें से कुछ ही सैक्स के बारे में जानते थे और जो जानते थे वो भी मुझ से बहुत पीछे थे। हालांकि मैंने कभी किसी दोस्त को अपने मम्मी-डैडी की रति क्रीड़ा के बारे में नहीं बताया था।
Ladakpan Ki Yaden-2 रात हुई, हम तीनों ने खाना खाया, थोड़ी देर ड्राइंग रूम में बैठ कर हंसी-मज़ाक की, टीवी देखी और फिर सब अपने-अपने कमरों में सोने को चले गये पर मेरी आँखों से तो नींद कोसों दूर थी। आधे घंटे बाद ही में चुपचाप ऊपर से निचली मंजिल पर आया और उनके कमरे […]
यह कहानी लगभग काफ़ी वर्ष पहले शुरू हुई जब मैं बहुत छोटा था। मैं तब अपने मम्मी, डैडी के साथ अपने तीन मंजिला घर में रहता था। एक दिन मैंने अपने डैडी की अलमारी में छुपा कर रखी सैक्स कहानियों की किताबों का खज़ाना देख लिया था।
मैं सिप्पी राय टिब्बी गाँव का रहने वाला हूँ। यह मेरी पहली कहानी है उम्मीद करता हूँ आपको पसंद आएगी। मेरे छोटे भाई की शादी थी इसलिए कुछ मेहमान 2-4 दिन पहले ही आ गए थे। जब मैं बाजार से घर पहुँचा तो देखा कि उतराखंड से मामा जी आए हुए हैं। वो मुझसे कुछ […]
Ghar ke Laude-7 रानी- बस ज़्यादा तेवर मत दिखाओ… मैं जानती हूँ तू यहाँ क्यों आया है। अब चुपचाप अपना काम कर और चलता बन मुझे नींद आ रही है। विजय- क.. कौन सा काम? रानी- इतना भी पागल मत बन.. आधी रात को तू मेरे कमरे में क्या माँ चुदाने आया है… साला बहनचोद.. […]
Ghar ke Laude-4 रानी- आहह पापा ऊउउहह बहुत दर्द हो रहा है.. प्लीज़ बस अब निकाल लो… आह मैं मर जाऊँगी ऊउउहह… पापा- अरे कुछ नहीं होगा.. मेरा जान ये तो आज तेरा कौमार्य भंग हुआ है.. इसलिए इतना दर्द हुआ.. बस आज बर्दाश्त कर ले.. फिर तू खुद मेरे लौड़े पर बैठ कर उछल-उछल […]
Ghar ke Laude-3 पिन्की सेन रानी- पापा आपका तो अजय और विजय से भी बड़ा है, उन्होंने ही इतना दर्द दिया और आप तो मेरी जान ही निकाल दोगे। पापा- अरे रानी… बड़ा कैसे नहीं होगा.. मैं उनका बाप हूँ और तू डर मत.. वो तो नए खिलाड़ी थे, उनको क्या पता चुदाई क्या होती […]
Lundo Ki Holi-2 ससुर जी ने कहा- अब सब घर की महिलायें घर में छुप जायें, अगर हमने किसी को ढूँढ लिया तो सब मिलकर उसे चोदेंगे। तब घर की सारी महिलायें भागने लगीं। नीलम अपने साथ मुझे ले गई, पर मैंने देखा वो तो ऐसी जगह पर छुपी थी कि कोई भी इससे ढूँढ […]
हाँ यार, वो तो कई बार... उसकी फ़ुद्दी भी खूब चाटी है... और चूचियाँ भी कई बार पी हैं। उसके चूतड़ों के बीच लौड़ा घुसा कर लेटा रहता हूँ, बहुत मजा आता है...
मैं छुट्टियों में घर गया तो वहां कोई रिश्तेदार लड़की 22-23 साल की आई हुई थी। वह बहुत ही मस्त थी, वो मुझे देखते ही मुस्कुरा दी थी। काफी दिन से मेरे साथ कोई लड़की हाथ नहीं लगी थी।
बाबू जी मेरे कमरे में आ गए और मेरे पास आकर मुझे छत पर ले गए, बोले- रत्ना मेरी जान.. आज चाँदनी रात है आज यहीं छत पर तुम्हें चोदने का मन हो रहा है।
बहू, तुम भी प्यासी हो और मैं भी प्यासा हूँ। देखो ना.. गोपाल को कितने दिन हो गए और तुम तो अभी जवान हो, सेक्सी गर्म औरत हो।
एक दिन हम टीवी देख रहे थे, घर पर सारे लोग अपने-अपने काम में मस्त थे। कमरे में सिर्फ़ मैं और वो ही थे, तभी टीवी पर एक बहुत ही रोमाँटिक सीन आया और मैंने उसे चुम्बन कर लिया।
मैं घाघरा-चोली में बहुत खूबसूरत लगती हूँ क्योंकि मेरे बोबे उस चोली में पूरे नहीं समा पाते थे और मेरी गोरी-गोरी टाँगें भी नंगी ही दिखती थीं, घाघरा घुटनों तक ही आता था।
जब से मैंने अपने ससुर का हलब्बी लौड़ा देखा था और 3 महीने से मेरे पति गोपाल भी यहाँ नहीं थे तो मेरी चूत में भी आग लगी हुई थी।
Mai Chud Gai Rishte Naate Bhul Kar-7 वो भी जब तैयार हो गए तो मैंने उनको कहा- बाकी रिश्तेदारों को खबर कर दीजिए कि उनकी बीवी की तबियत ख़राब है। उन्होंने कहा- जरुरत क्या है, हम दोनों संभाल लेंगे। मुझे यह उनकी चाल सी लगी पर मैंने कुछ नहीं कहा। हम अस्पताल करीब 8 बजे […]
सुबह करीब 6 बज रहे थे कि मुझे कुछ मेरी कमर पर महसूस होने लगा। मैंने गौर किया तो वो मेरे बदन को सहला रहे थे। हम दोनों अभी नंगे थे, शीशे की खिड़की से रोशनी आ रही थी, तो हमारा बदन साफ़ दिख रहा था। उन्होंने मेरे स्तनों को सहलाना शुरू कर दिया, मैंने […]
Mai Rishte naate Bhool kar Chud Gai-5 सारिका कँवल लिंग अन्दर घुसते ही मुझे बड़ा आनन्द महसूस हुआ, उनके लिंग का चमड़ा पीछे की ओर खिसकता चला गया। मुझे बड़ी ही गुदगुदी सी महसूस होने लगी। मैंने अपने घुटनों को मोड़ा, उनके सीने पर हाथ रख दिया, उन्होंने भी मेरी कमर को पकड़ लिया और […]
सारिका कँवल वो मेरे ऊपर से हट गए और बगल में लेट गए। मैंने भी दूसरी और मुँह घुमा कर अपनी आँखें बंद कर लीं। मैंने न तो कपड़े ठीक करने की सोची और न अपनी योनि साफ़ करने की, बस पता नहीं किस ख्याल में डूब गई। मैं बस यह सोच रही थी कि […]
सारिका कँवल मैंने और तड़प कर छटपटाने की कोशिश की, पर उनकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि मेरा हिलना भी न के बराबर था। इसके बाद उन्होंने अपना हाथ हटा लिया और फिर एक-एक हाथ से मेरे हाथ पकड़ लिए और अपने लिंग को धीरे-धीरे अन्दर धकेलने लगे। करीब पूरा सुपाड़ा घुस चुका था और […]