इन्सेस्ट सेक्स कहानी: घर की लाड़ली-11
इस इन्सेस्ट सेक्स कहानी में आप पढ़ें कि कैसे एक जवान लड़की अपनी माँ को उकसा कर उसके ही बेटों के साथ सेक्स करने को राजी किया.
इंडियन इन्सेस्ट स्टोरी, चाचा-भतीजी, चाची-भतीजा, मौसी, बुआ सास, ससुर जैसे रिश्तों में, परिवार में, रिश्तेदारी में चुदाई की कहानियाँ जिसे वर्जित माना जाता है.
Indian homemade Sex Stories in Hindi of Bhai-Bahan, Rishton mein chudai, Jija Sali and Devar-Bhabhi
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इस इन्सेस्ट सेक्स कहानी में आप पढ़ें कि कैसे एक जवान लड़की अपनी माँ को उकसा कर उसके ही बेटों के साथ सेक्स करने को राजी किया.
यह कहानी काल्पनिक है. मैं सारा दिन चुदाई, सेक्स के बारे में सोचती रहती हूँ. इस कहानी में मैंने अपनी सेक्स भरी कल्पना से, जो कुछ मेरे दिमाग में आया लिख दिया. इस लिए लॉजिक को एक तरफ डाल कर कहानी पढ़ें!
मेरे ममेरे भाई की बेटी यानि मेरी भतीजी काफी सेक्सी थी. मैं उनके यहाँ जाता रहता था. मैं दिखने में बहुत अच्छा हूँ तो वो मेरे ऊपर मर मिटी और मुझे फोन करने लगी. बात सेक्स तक कैसे पहुंची?
भाई बहन सेक्स की इस कहानी में पढ़ें कि कैसे एक खूबसूरत लड़की ने कामवासना के ग्रसित होकर अपने सगे भाइयों को अपनी जवानी के जाल में फंसाया और उन्हें बहनचोद बनाया.
मैं अपने सास ससुर संग गाँव गयी. वहां मुझे चचिया ससुर मिले. वे मुझे बहुत घूर रहे थे, पहले मुझे अजीब सा लगा, फिर मुझे उम्मीद हो गई कि बहू की चूत को ससुर का लंड मिल सकता है.
मैंने बाथरूम में रखी हुई क्रीम अपने लिंग और उसकी गांड के छेद पर मल कर एक बार फिर प्रयास किया. तब मेरा लिंग मुंड उसके उसकी गांड में घुस गया।
मेरी सास मेरे घर आई हुई थी. एक दिन मैंने अपनी सास को नंगी देख लिया. वो नहाने के बाद कपड़े पहन रही थी. मेरा मन उनके रस भरे यौवन को चखने के लिए व्याकुल था, वहीं रिश्तों की मर्यादा भी थी.
उन्होंने अपने लंड को मेरी चुत के मुँह पर रखा और मेरी तरफ देखा, वह पल आ गया था कि मैं अपने पचास साल के मौसा जी पर अपनी अठारह साल की कमसिन जवानी लुटाने जा रही थी।
मेरे यारो, आज मैं अपनी रियल चुदाई स्टोरी में बताऊंगी कि कैसे मैं अपनी दीदी के देवर से चुदी. मेरी जान पहचान उससे कुछ ज्यादा ही हो गयी थी. एक बार उसने मेरी चूची को मसल दिया तो...
नाईटी घुटनों तक लंबी थी पर बीच में जांघों तक कट था तो उसमें से मेरे गोरी जांघें दिख रही थी। बारिश की वजह से मेरी पतली नाईटी भीग कर पारदर्शी हो गयी थी और उसमें मेरी ब्रा और पैंटी दिख रही थी
हसीनाओं की ये भोली अदाएं ही तो चुदाई का आनन्द दोगुना कर देतीं हैं; इनका ये रोना धोना, नखरे कर कर के चुदना, एक प्रकार का कॉम्प्लीमेंट, उत्साहवर्धक ही है हम चोदने वालों के लिये.
बहू के मायके में मैं अपनी बहू को बंजारन के लिबास में देख कर उसकी चुदाई के लिए बेचैन हो रहा था, बहू भी मेरी लालसा को जानती थी और वो भी यही चाहती थी. हमारी प्यास कैसे बुझी?
मैं अपनी पूत्रवधू को लेकर उसके चचेरे भाई की शादी में गया. अब शादी में तो रंग बिरंगी तितलियाँ आई ही होती हैं, मैं चक्षु चोदन कर रहा था कि मेरी बहू बंजारन लिबास में मेरे पास आई.
मैंने कहा- पापा, खुश करते हैं, उनके प्यार में कोई कमी नहीं है, उन्हें काम की टेंशन है तो हफ्ते में एक दो बार ही करते हैं, पर मेरी ही भूख ज़्यादा है, मुझे तो हर रोज़ चाहिए, इसलिए मुझे हर वक्त सेक्स की चाहत रहती है।
मैंने नीचे पेंटी नहीं पहनी थी, तो साड़ी ऊपर उठाने से मैं उनके सामने नंगी हो गई। मेरी नंगी चूत को देख कर ससुर जी खिल गए- वाह बहू, चूत को तो बहुत चिकना कर रखा है!
एक दिन मैंने अपने चाचा ससुर को हमारी कामवाली को चोदते देखा, चचा का लंड देखा तो मेरे तनबदन में वासना भड़क गयी. मुझे चाचा ससुर का लंड अपनी चूत में लेने की इच्छा होने लगी.
जैसे ही मैं सामने घूमी तो एकदम से लालजी मुझे देखता ही रह गया. मैं ब्लाउज और पेटीकोट में थी. मेरा पूरा नंगा पेट, खुली नाभि और ब्लाउज में उभरे हुए चूचे देख कर कोई भी पागल हो जाता.
मेरी पोर्न कहानी में पढ़ें कि मैंने रात को फूफा जी का नशे की हालत का फ़ायदा उठा कर उनका बड़ा हब्शी लंड अपनी चुत में लिया था. कुछ देर बाद फूफा जी का लंड मेरी आँखों के सामने घूम रहा था और मेरा मन कर रहा था कि एक बार और फूफा जी से चुदाई करवा लूँ.
हमारे समाज ने सेक्स को टैबू बनाया हुआ है, सौ में से नब्बे लोग इन समाजों में यौनकुंठित और दुखी ही हैं। जबकि पश्चिमी सभ्यता में यह रोजमर्रा का आम व्यवहार है और वे सेक्स को खुल कर जीते हैं और हमारे मुकाबले वे ज्यादा खुश और खुशहाल हैं।
पूजा बेटी, जिस चीज़ के लिये तुम परेशान हो, वही कमी मुझे भी खलती है. अगर तुम चाहती हो कि घर इज़्ज़त बाहर ना लुटे और तुम्हारी जरूरत घर में ही पूरी हो तो हम दोनों ससुर बहू एक दूसरे के तन की भूख को मिटा सकते हैं अगर तुम्हें कोई ऐतराज़ ना हो...