लागी लंड की लगन, मैं चुदी सभी के संग-16
मेरे दोनों देवरों की नजर मेरे बदन पर थी। जब मैं नहा रही थी तो मेरा देवर मुझे छेद से देख रहा था, मुझे भी पता था। मैंने खुद अपने देवर से चूत चुदवाने की योजना बना ली।
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मेरे बॉस ने मुझे हस्तमैथुन करते हुए देख लिया था। धीरे धीरे हम खुल गए और चूत चुदाई की बातें करने लगे। अब मैं उनक्से अपनी चूत चुदवाना चाहती थी। आखिर वो दिन भी आया।
जब तक मेरी शादी नहीं होता तब तक पति-पत्नी की तरह रह नहीं सकते? भरोसा रख.. मैं तेरे लिए दुनिया भर की लड़कियों की लाइन लगा कर तेरे चरणों में रख दूंगी..
सुहागरात से अगले दिन भी मेरे ननदोई ने शरारत करने में कमी नहीं रखी। मैं कुढ़ रही थी लेकिन ननदोई जी का डील डौल देख खुद ही चाहती थी कि मैं उसके नीचे लेट जाऊँ!
दीदी ने एक चुम्बन मेरे लंड के मुँह पर किया, जिससे मेरे लंड से एक-दो बूँदें बाहर आ गई.. रस देख दीदी हंसने लगीं- आप कुछ और कहते हो.. और आपका लंड तो कुछ और ही बोल रहा है।
मैं समस्तीपुर से ट्रेन से अपने घर आ रहा था। रास्ते में एक लड़की से दोस्ती हुई, फ़ोन नम्बर लिया, बात हुई और अगले दिन हम सोनपुर मेला देखने गए। वहाँ की कहानी पढ़िए।
मैंने भाई का लंड चूसा तो उसे बहुत मज़ा आया। लेकिन मैं तो उससे चुदना चाहती थी, मैं नंगी हो गई और अपनी टाँगें चौड़ी करके कहा- मोनू अच्छी तरह से देख ले मेरी चूत को।
हमारे सेक्स सम्बन्ध काफ़ी दिन चलते रहे। जब उनका बेटा अमेरिका से भारत आया तो उन्होंने मुझे गाँव वापिस भेज दिया और एक दिन मेरी गैर हाजिरी में अपने बेटे का रिश्ता लेकर मेरे मां बाप से मिले।
हमें अपनी अन्तर्वासना को तृप्त करने का कोई जायज़ स्रोत नहीं मिलने वाला तो हमारी शारीरिक इच्छाओं की पूर्ति के लिये इसके सिवा और कौन सा मार्ग हो सकता है?
सविता भाभी स्वास्थ्य की जांच के लिए अस्पताल गईं। तभी वहाँ से एक बड़ा ही हैण्डसम डॉक्टर निकला और बस सविता भाभी की दहकती जवानी मचलने लगी।
दीदी की विदाई के बाद मुझे नींद आने लगी। मैं सोने के लिये अन्दर गया तो एक लडकी भी सोने की जगह तलाश रही थी। हम दोनों जैसे कैसे लेट गये पर ठण्ड लग रही थी और लड़की साथ में थी।
मन में यह डर भी है कि जब मेरी शादी होगी तो उसके बाद क्या होगा? और कैसे मैं अपनी पत्नी को खुश रख पाऊँगा? मैं अपनी बीवी के साथ सम्भोग कर भी पाऊंगा या नहीं?
मैं मुम्बई में मॉडलिंग करता हूँ। मेरे पड़ोस में एक शादीशुदा जोड़ा रहता था। भाभी कमाल की खूबसूरत थी। कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरी दोस्ती भाभी से हुई और मौज की।
मेरे ऑफ़िस के पास एक महिला रहती थी, एक दिन उसने मुझे बुलाया और अपने दिल की बात कही कि वो बहुत चुदासी है, उसे लंड चाहिए। कहानी पढ़ कर मज़ा लें!
पड़ोस की आन्टी को बेबी को दूध पिलाते देखा तो मेरा लंड खड़ा हो गया। मैं मुठ मारने चला गया। एक दिन आन्टी के घर भी यही हुआ और आन्टी ने मुझे देख लिया।
योनि में लिंग प्रवेश तो हो चुका था और दर्द भी मेरे चुम्बनों से कम हो चुका था। अब हम दोनों रति क्रिया का मज़ा लेने लगे थे। कहानी खुद पढ़ कर देखिए और मज़ा लीजिए!
एक कमसिन हसीन परी अपने पापा संग हमारे घर आई, मेरे और उसके पापा दोस्त हैं। उसका सेक्सी बदन मुझे अन्दर तक भेद गया। मैंने उस हसीना को कैसे प्राप्त किया!
फ़रहान को हम दोनों को तकते देख आपी ने उसे पास बुलाया, उसके लन्ड को सहला कर उसे मेरी गान्ड मारने को कहा। अब आपी सबसे आगे, उनके पीछे मैं, मेरे पीछे फ़रहान…
ज्यों ही उंगली चूत में घुसी ऐशुरानी सिहर उठी और एक क्षण के लिए लण्ड चूसना भी भूल गई। लण्ड मुंह में धंसे धंसे ही उसने सीत्कार ली और फिर दुबारा से लौड़ा चूसने लगी।
एक बार मेरी डार्लिंग ने मुझे घर में होते हुए भी फोन किया- अरुण बार्बर बोल रहे हैं? सुनिए मेरी झाँटें बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं.. उलझ जाती हैं.. चूत के अन्दर चली जाती हैं। अब तो पैन्टी के बाहर भी दिखने लगी हैं.. क्या आप अभी मेरी झाँटें शेव कर सकते हैं? इट्स अर्जेंट..