सहेली ने मुझे रंडी बनाया
मेरे पति विदेश में जॉब करते थे तो मेरी वासना तृप्ति नहीं होती थी. गैर मर्द से चुदाई का सोचा पर डर लगता था. फिर मुझे एक नयी सहेली मिली, उसने मेरी मदद की! कैसे की? खुद पढ़ें!
हिंदी सेक्स स्टोरी चूत चुदाई, गांड में लंड की
Adult Indian Sex online hot sexy free Desi Hindi Xxx Kahani
hot stories of Desi Indian girl, bhabhi, aunty
मेरे पति विदेश में जॉब करते थे तो मेरी वासना तृप्ति नहीं होती थी. गैर मर्द से चुदाई का सोचा पर डर लगता था. फिर मुझे एक नयी सहेली मिली, उसने मेरी मदद की! कैसे की? खुद पढ़ें!
यह लम्बी कहानी मेरी पिछली कहानी 'होली के बाद की रंगोली' जो भाई बहन के सेक्स सम्बन्धों पर थी, से ही सम्बंधित है. उस घटना से पहले क्या हुआ, यह बताया गया है.
उसका लौड़ा मेरे मुँह में था और उसके होंठ मेरी पेंटी पर थे. वो मेरी चूत को पेंटी के ऊपर से ही चूस रहा था, चाट रहा था. मैं कभी उसके लौड़े को चूसती, तो कभी उसकी गांड के छेद में जीभ घुमाती.
मुझे मेरी मैक्सी ऊपर सरकती महसूस हुई, पहले टांगें फिर जांघें उसके सामने नंगी हो रही थी। मैंने शर्म से आंखें बंद कर दी। उसने अपना हाथ सीधे मेरी नंगी जांघों पर रखा तब मेरे सारे बदन पर बिजली दौड़ गई।
मैं अक्सर बॉडी मसाज़ करवा लेती हूँ, एक बार पार्लर वालों ने मेरे घर लड़की की बजाये एक लड़के को मसाज के लिए भेज दिया. उसके बाद क्या हुआ? पढ़ें मेरी मसाज सेक्स स्टोरी में!
मेरे पति मेरी चुदाई करते हुए ज्यादा फोरप्ले नहीं करते, सीधा कपड़े उतार कर लंड चुत में डालकर चोद कर झड़ जाते हैं। मेरे पति के एक दोस्त हमारे घर में पेईंग गेस्ट रहते थे. मैंने उनसे कैसे अपनी चूत चुदाई करवायी?
इस रियल सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपने ख़ास दोस्त की अम्मी को चोदा. आंटी को इस चुदाई में इतना मजा आया कि अब वे हमेशा मुझसे चुदाने को बेताब रहती है. पढ़ें कि पहली बार चुदाई कैसे की मैंने!
मेरे दोस्त की शादीशुदा बहन मेरे ही शहर में रहती थी. एक बार दोस्त के कहने पर मैं उनके घर गया और आना जाना हो गया. दीदी ने कैसे मुझे पटा कर अपनी चूत की प्यास बुझाई, पढ़ें मेरी इस गन्दी कहानी में!
मेरी भाभी ने अपनी पड़ोसन कुंवारी लड़की हिमानी की चूत का जुगाड़ मेरे लिए किया. लेकिन अगले ही दिन भाभी की मेहरबानी से मुझे एक और चूत चोदने को मिली! कैसे? पढ़ें मेरी हिंदी सेक्स स्टोरी में!
वो बोला- वन्द्या, तू मुझसे शादी कर ले, मैं अपनी बीवी को छोड़ दूंगा और तेरी चूत को सारी उम्र देखकर, चाटकर गुजार दूंगा, मैंने आज तक तेरी जैसी खूबसूरत गुलाबी चूत नहीं देखी.
अब मेरी अम्मी और छोटी बहन को देखने की नज़र बदल गई थी, मैं अपनी छोटी बहन के बदन पर उसकी नई नई जवानी की उभर रही गोलाइयों को घूरता, उसकी कमर, उसके कूल्हे मुझे बहुत प्यारे लगते।
मेरी कहानी तब की है जब मैं किसी चूत के लिए तरस रहा था, तड़प रहा था. मुझे उम्मीद है कि मेरी यह कहानी पढ़ कर आपको मेरी और मेरे जैसे और भी नौजवानों की हालत समझ में आएगी.
आंटी ने मुझे आते देख लिया और जल्दी से पजामा ऊपर करने लगी. जल्दबाजी में उनसे पजामा नीचे गिर गया. अब मेरे सामने उनकी चूत थी जो बिल्कुल बाल रहित थी. उन्होंने फिर से पजामा ऊपर किया और कमरे में भाग गई.
मेरी एक सहेली मुझे अपने प्रसव के समय क्या हुआ, उसके ससुर ने कैसे एक नर्स की भान्ति सेवा की, बता रही है कि कैसे उसने अपने ससुर के सामने लज्जा, संकोच और असहजता पर काबू किया.
मेरे द्वारा टांगें चौड़ी करते ही ससुर जी ने मेरे गाउन को कमर तक ऊँचा किया और मेरी टांगों के बीच में बैठ कर टांकों और आसपास मरहम लगा दी। उसके बाद उन्होंने मेरी योनि के ऊपर सही तरीके से सैनिटरी पैड रखा.
मेरी शादी 3 साल पहले हुई, मेरे पति बिजनेस के कारण अक्सर बाहर रहते हैं तो मैं प्यासी रहती हूं. यह मेरे जीवन की सच्ची घटना है जिसे मैंने कहानी के रूप में प्रस्तुत किया है कि किस तरह मैंने गैर मर्द से अपनी प्यास बुझाई.
ससुर जी के सामने डॉक्टर द्वारा मेरी योनि के बाल साफ़ करते समय उस पर हाथ लगाना तथा उसके होंठों को पकड़ कर फैलाते हुए उन पर रेजर चला कर बाल साफ़ करने पर मुझे बहुत संकोच होता रहा।
यह कहानी है एक ऐसी बहू की जिसकी सास नहीं है. घर में सिर्फ पति और ससुर हैं. बहू गर्भवती है और डिलीवरी का समय पास आ चुका है. पति को लम्बी अवधि के लिए विदेश जाना पड़ गया. ऐसे में क्या क्या घटित हुआ, पढ़ें!
फेसबुक पर बना मेरा एक दोस्त सऊदी में रहता है, उसे मेरी मदद की जरूरत पड़ी, कचहरी का काम था, मैंने उसकी खूबसूरत बीवी की मदद की, उसे पहली बार देख मेरा मन बहक सा गया था.
अब तक आपने इस कहानी में पढ़ा कि मैं अपनी ननद को सेक्स के गंदे खेल में शामिल न करने की सोच रही थी. अब आगे.. मैंने सोच लिया कि मैं इसको अपना बदला लेने के लिए इस्तेमाल नहीं करूँगी. मुझे इसकी माँ से बदला लेना है. मगर फिर रात को बदले की आग ने […]