ट्रेन में गाण्ड मरवाई और टीटी से पैसे लिए
ट्रेन के टीटी से मुझे गान्ड मरवानी पड़ी क्योंकि मेरी टिकट कन्फ़र्म नहीं थी। गान्ड मरवा के मुझे मज़ा अया और टीटी ने जुर्माना लेने के बदले मुझे 500 रुपये दिये।
गे सेक्स स्टोरी, दो मर्दों के बीच गांड मारने-मराने वाले समलिंगी, गाण्डू, लौण्डेबाजी गे सेक्स की कहानियाँ हिंदी में
Do mardon ke beech Gand Marne Maraane Ki Gay sex kahaniyaan Hindi mein
Gay sex Stories in hindi based on Sex between two males anal sex
ट्रेन के टीटी से मुझे गान्ड मरवानी पड़ी क्योंकि मेरी टिकट कन्फ़र्म नहीं थी। गान्ड मरवा के मुझे मज़ा अया और टीटी ने जुर्माना लेने के बदले मुझे 500 रुपये दिये।
मेरी गान्ड चोदकर मेरे चेहरे पर ही वीर्य झाड़ने के कुछ देर बाद उन्होंने मुझे लन्ड चूसने को कहा और मैंने उन्हें मेरे मुख में पेशाब करने को कहा। आगे कहानी पढ़ कर जानिये!
मैं गांडू हूँ, अन्तर्वासना पर मेरी कहानी पढ़ कर एक आदमी ने मेरी गांड मारने के लिए मुझे होटल में बुलाया तो मैं एक पव्वा पेप्सी में डाल कर पी कर उसके पास होटल में गया...
मैं एक गान्डू गे Gandu Gay हूँ। एक दिन मैं घर में अकेला था.. तो मैंने पीके को बुला लिया पीके ने अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया.. साले का लौड़ा गधे जैसा है। मैं उसके लंड को चूसने लगा। वो मेरी गाण्ड में उंगली करने लगा।
एक दिन मेरे घर पर कोई नहीं था.. तो मैं अपनी चाची की ब्रा-पैंटी पहनकर घूमने लगा और अपने मन में किसी के लण्ड को चूसने की और उसको गाण्ड में लेने का सोच रहा था।
मैं पहली बार अपने जीवन में समलैंगिक अथवा ‘गे’ बनने के बारे में लिख रहा हूँ, उम्मीद करता हूँ कि आप सबको पसंद आएगी। मेरी नींद रात 2 बजे खुली.. तो मैंने पाया कि अजय मेरा लण्ड सहला रहा है..
मैंने गान्ड मरवाने के बारे में सुना था लेकिन पहली बार गान्ड मरवाई बस में साथ सफ़र करते बने दोस्त के घर में उसी से ! उसका लन्ड चूसा तो मज़ा आया।
अधेड़ उम्र के एक पड़ोसी ने मुझे और मेरे दोस्त को गान्ड मारने और मरवाने का चस्का लगाया, उसी की कहानी है। बाद में चूत चुदाई के मज़े भी मिले, वो अगले भाग में!
मेरा एक दोस्त मुझसे बड़ा है. एक दिन हम वाटर पार्क गए और वहां उसे पटा चल गया कि मैं गांडू हूँ. मैंने उसका लंड चूसा और गांड मरवाई. एक दिन वो मेरे घर आया तो मेरी बहन को देखा उसने !
सम्पादक एवम् प्रेषक : वरिन्द्र सिंह दोस्तो आज आपको अपने एक पाठक की कहानी सुनाने जा रहा हूँ। मेरे इस पाठक का नाम आकाश है। करीब छह महीने पहले मेरी एक कहानी पढ़ने के बाद उससे फेसबुक पे चैटिंग के जरिये बात हुई। आकाश पहले एक लड़की के नाम से फेसबुक अकाउंट चला रहा था […]
कॉलेज हॉस्टल में मैं दोस्त के कमरे में गया तो वहाँ एक और दोस्त था, वे दोनों ब्ल्यू फिल्म देखते हुए एक दूसरे की मुठ मार रहे थे, मैं उनके साथ कैसे गांडू बना !
मेरा चोदू यार कम उम्र में ही तगड़ा चुदक्कड़ बन गया, औरतों, मर्दों के साथ, कच्चे पक्के सारे फल चख गया। इस भाग़ में एक लड़के की गांड चुदाई की कहानी है.
मैं मिसेज कुकरेजा के यहाँ नौकरी करता था उनकी एक बेटी और एक बेटा थ, उनका बेटा अनिल मेरा दोस्त जैसा था। मेरे घर मे भी मेरी एक सौतेली बहन थी। एक बार अनिल अपनी बहन को लेकर मेरी बहन के जन्मदिन पर आया तो उन दोनों को मेरी बहन पद्मा पसन्द आ गई और जल्दी ही अनिल और पद्मा की शादी हो गई। लेकिन पद्मा इस शादी से खुश नहीं थी। तभी मुझे पता चला कि अनिल गाण्डू है… कहानी पढ़ कर मज़ा लें !
मैं शारीरिक रूप से पुरूष हूँ.. पर मानसिक रूप से पुरूष या महिला हूँ.. इस बात पर भ्रम में हूँ। एक नाटक में लड़की का रोल करने के बाद मुझे लगा कि मैं लड़की हूँ तो मैं अकसर लड़कियों वाले कपड़े पहनने लगा.. एक रात तीन बांके नौजवान मेरे कमरे में घुस आये और मुझे नंगा करके मेरे साथ सेक्स वाली हरकतें करने लगे... कहानी पढ़ कर देखिये...
मेरे घर के पास एक अंकल रहते थे, जब मैं उनके घर गया तो मैंने देखा घर में वो अकेले थे था और उनके बदन पर केवल कच्छा था। उन्होंने मेरा लंड अपने मुँह में लिया और चूसने लगे। उन्होंने मुझे कहा- तुम मेरी गांड मारो तो मैं अपनी वाइफ की चूत तुझे दिलवाऊँगा।
मैं बीस साल का छरहरा शरीर का जवान लौंडा इंदौर बड़े भैया के घर काम सीखने गया, रोज शाम को मुझे घूमने और सायबर कैफे में ब्लू मूवीज डाउनलोड कर बेचने का शौक था। उस दौरान मेरी दोस्ती मुझसे बड़े लड़के से हुई, जिसे सभी लारा नाम से पुकारते था, उसे ब्लू मूवीज देखने का बड़ा शौक था इसलिये वो मुझसे दोस्ती रखता था और सस्ते में ब्लू मूवीज खरीद लेता था। एक दिन मैं उसे मूवीज कॉपी कर दे रहा था उसने अपने सीधे हाथ से मेरे कूल्हे को दबा दिया।
मेरे स्कूल के दोस्त ने मुझे एक किताब दिखाई, उसमें मर्द औरत आपस में सेक्स कर रहे थे। मेरी तो लुल्ली पैंट में ही अकड़ गई, हम दोनों आपस में गांड मारने मराने का खेल कैसे खेलने लगे... इस कहानी में पढ़िए...
मेरा नाम साहिल है जो मेरे माता पिता ने दिया बचपन में, पर मैंने अपना नाम सोनिया रानी दिया है अपने आपको! मैं 27 साल का पुरुष हूँ पर दिल और दिमाग से में एक औरत हूँ, लम्बाई 5'7" सांवला रंग और औसत शरीर पर मेरी छाती औरतों की तरह बड़ी बड़ी है... कई साल पहले मेरे चचेरे भाई ने मेरी गांड मारी थी और अब…
मेरा नाम साहिल है जो मेरे माता पिता ने दिया बचपन में, पर मैंने अपना नाम सोनिया रानी दिया है अपने आपको! मैं 27 साल का पुरुष हूँ पर दिल और दिमाग से में एक औरत हूँ, लम्बाई 5'7" सांवला रंग और औसत शरीर पर मेरी छाती औरतों की तरह बड़ी बड़ी है...
मैं वैभव मुझे लड़कियों के कपड़े पहनना अच्छा लगता था.. मैंने हारमोंस की गोलियां खाकर अपने मम्मों को भी बड़ा कर लिया था। रात को सड़क पर मैं लड़की बन घूमता था।