गे सेक्स स्टोरी

गे सेक्स स्टोरी, दो मर्दों के बीच गांड मारने-मराने वाले समलिंगी, गाण्डू, लौण्डेबाजी गे सेक्स की कहानियाँ हिंदी में
Do mardon ke beech Gand Marne Maraane Ki Gay sex kahaniyaan Hindi mein
Gay sex Stories in hindi based on Sex between two males anal sex

ट्रेकिंग कैम्प और मेरी गांड की सुहागरात

कॉलेज से ट्रेकिंग ट्रिप लेकर टेनिस कोच कुल्लू मनाली की तरफ़ गए। टेनिस कोच का कसरती जिस्म, उभर कर दिखते हुए मस्सल्स, उनकी हाइट, मैं लम्बे लड़कों का दीवाना हूँ।

रूम-मेट बन गया मेरी बीवी-2

अब मैं रोज़ रात को उसे चोदने लगा, उसके चूतड़ चौड़े और गोल-गोल थे, लड़कियों जैसे पतले-पतले हाथ थे.. वो मेरी गर्लफ्रेंड की कमी को कभी महसूस नहीं होने देता था।

रूम-मेट बन गया मेरी बीवी-1

इस कहानी में वो है समाज में जिसका मज़ाक उड़ाया जाता है, जिसके यार-दोस्त उस पर हंसते हैं.. क्योंकि वो आम लड़कों जैसा नहीं है.. उसके हाव-भाव लड़कियों जैसे हैं।

क्योंकि मैं समलैंगिक हूँ

यह कहानी है एक समलैंगिक किशोर की जो अपनी प्रकृति प्रदत्त असामान्य इच्छा पूरी करने के लिये एक पुरुष की प्रताड़ना का शिकार हुआ। समलैंगिकता शौक नहीं मज़बूरी है।

मेरी गांड के लिए पहला मर्द मिला

By जाज़ On 2016-09-03 Tags: गांड, चुदास

मेरी चाल-ढाल लड़कियों जैसी है.. यह मेरे जीवन वो सत्य-कथा है जिसके बारे मैं जब आज भी सोचता हूँ तो मेरे तन-बदन में आग लग जाती हैं। मेरा पहला समलिंगी सेक्स!

अनजानी दोस्ती से गांड चुदाई तक

मेरा नाम अजय राठौर है और अन्तर्वासना मेरी पसंदीदा साइट है। अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली और आखिरी कहानी है क्योंकि इस तरह की घटना मेरे साथ एक ही बार हुई है और मैं इसलिए उसको आप लोगों के साथ भी शेयर करना चाहता हूँ। और मेरे मन में उठ रही कुछ शंकाओं को दूर […]

बस में लंड पकड़ने से खेत में चुदने तक

बस में भीड़ के कारण एक लड़के का लंड मेरे हाथ से छू गया तो मुझे बेचैनी हो गई और मैं उसे सहलाने लगा। लड़के ने मुझसे बात की और मुझे उसका लंड चूसने के लिये कहा।

चूत ना मिली तो गांडू के साथ सुहागरात

एक आन्टी की चुदाई के बाद मुझे कोई चूत नहीं मिली। एक लड़का दोस्त बना, उसने मुझे अपने रूम पर बुला कर अपनी गांड मरवाई। इस गांडू कहानी का मज़ा लें।

ट्रेन में अंकल का लण्ड चूसा

बात यह है कि पिछले छः महीनों से मेरे अन्दर अजीब सा बदलाव आया और मुझे मर्द अच्छे लगने लगे हैं। मुझे लगता है कि मेरे अन्दर हमेशा से एक लड़की छिपी थी..

जिस्मानी रिश्तों की चाह -20

आपी सोफे पर कुछ लेटी.. कुछ बैठी सी हालत में ज़मीन पर पाँव फैलाए.. थोड़ी सी टाँगें खुली हुईं और ठीक टाँगों के दरमियान वाली जगह पर सलवार के ऊपर गुलाबी खूबसूरत हाथ.. आपी बिल्कुल परी लग रही थीं।

जिस्मानी रिश्तों की चाह -19

मैंने आपी को देखा.. वो बहुत ज्यादा बेचैन नज़र आ रही थीं.. बार-बार अपनी पोजीशन चेंज कर रही थीं, शायद वो अपनी टाँगों के दरमियान वाली जगह को अपने हाथ से रगड़ना चाह रही थीं..

जिस्मानी रिश्तों की चाह -16

आपी आधी लेटी आधी बैठी हुई सी हालत में सोफे पर पड़ी थीं और पाँव ज़मीन पर थे। उनकी टाँगें थोड़ी खुली हुई थीं.. मैंने अपना सीधा हाथ उठाया और थप्पड़ के अंदाज़ में ज़ोर से अपनी सग़ी बहन की टाँगों के दरमियान मारा और फ़ौरन भागा..

मास्टर जी का लंड चूसा

मेरी नज़र हमारे गणित के मास्टर हरि ओम पर रहती थी.. उनका पीरियड आता था मेरी नज़र ज्यादातर उनकी पैंट की चेन के उभार का जायज़ा लेती रहती थी और मैं उनके लंड की पोजिशन का पता लगाने के चक्कर में रहता था।

जिस्मानी रिश्तों की चाह -7

मैंने अपने छोटे भाई को अपनी बहन की शर्ट पहन कर लड़की बनने को कहा और कुछ ही लम्हों बाद मेरा लण्ड जड़ तक उसके मुँह में था। तभी बड़ी बहन की आवाज से मैं डर गया।

जिस्मानी रिश्तों की चाह -6

फरहान सलवार उतारने लगा.. तो मैंने कहा- सलवार मत उतारो बस नीचे से बीच में से सलवार की सिलाई उधेड़ लो.. ताकि वहाँ सुराख बन जाए और ड्रेस उतारना ना पड़े।

दिल्ली का गांडू हरियाणा का लण्ड

विक्की हरियाणा के गाँव का एक साधारण जाट लड़का है, पड़ोस में दिल्ली से एक चिकना लड़का आया तो विक्की की निगाह में चढ़ गया. उसके अंदर उसे चोदने के अरमान जागने लगे।

जिस्मानी रिश्तों की चाह -5

अब मैं अपनी तीसरी उंगली भी फरहान की गाण्ड में दाखिल करना चाह रहा था। मैं जानता था कि इसकी तक़लीफ़ बहुत ज्यादा होगी। मैं डर रहा था कि कहीं वो चिल्लाना ना शुरू कर दे।

समलैंगिकता का मजा-2

साथियो, मैं आपको अपने जीवन की युवावस्था की आपबीती सुना रहा था जिसमें मैं अपने एक मित्र आमिर के साथ एक रात में अकेला था और हम दोनों के बीच जिस्मानी छेड़छाड़ चल रही थी अब अपनी उसी आपबीती को आगे लिख रहा हूँ आनन्द लीजिए। फिर आमिर मेरे मम्मे चूसने लगा.. एक चूसता तो […]

जिस्मानी रिश्तों की चाह -4

मैंने उसका लण्ड चूसना बंद कर दिया। उसने अपना लण्ड मेरे मुँह से निकाला ही था कि उसका लण्ड ज़मीन पर पिचकारियाँ मारने लगा। अब मेरी बारी थी उसकी गाण्ड मारने की!

समलैंगिकता का मजा-1

स्कूल में तो लड़के सेक्स के बारे में हमेशा बातें करते रहते थे और मुझे भी उनकी बातों में बड़ा मजा आता था। मुझे एक बात थोड़ा अजीब लगती थी कि मैं लड़कियों के मुकाबले लड़कों की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहा हूँ।

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