बन गयी सत्यम की दुल्हन
उन्होंने समझाया कि मैं दो जिन्दगी जियूं. जब मैं उनके साथ रहूँ तो उनकी बीवी बनकर ... और जब मैं कमरे पर रहूँ या कॉलेज में रहूँ तो विद्यार्थी बनकर रहूँ. सेक्स भी करूं और पढ़ूं भी.
गे सेक्स स्टोरी, दो मर्दों के बीच गांड मारने-मराने वाले समलिंगी, गाण्डू, लौण्डेबाजी गे सेक्स की कहानियाँ हिंदी में
Do mardon ke beech Gand Marne Maraane Ki Gay sex kahaniyaan Hindi mein
Gay sex Stories in hindi based on Sex between two males anal sex
उन्होंने समझाया कि मैं दो जिन्दगी जियूं. जब मैं उनके साथ रहूँ तो उनकी बीवी बनकर ... और जब मैं कमरे पर रहूँ या कॉलेज में रहूँ तो विद्यार्थी बनकर रहूँ. सेक्स भी करूं और पढ़ूं भी.
मुझे गे सेक्स के बारे में कुछ पता नहीं था लेकिन मेरे एक टीचर की नजर मेरे ऊपर रहती थी. कभी मेरे गाल पकड़ लेते, कभी मेरी गांड पर हाथ मार देते, कभी मेरी जांघों पर हाथ मार देते.
मैंने उसके लम्बे लौड़े को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. मेरा प्लान था कि मैं उसको चूस चूस कर ही झाड़ दूंगा और मेरी गांड उसके मूसल से बच जायेगी! लेकिन...
मैं 40 साल का हूँ, उस दिन सब काम से फ्री होकर मैं अपने बिस्तर में नंगा उल्टा पड़ा अन्तर्वासना पर गर्मागर्म कहानी पढ़ते हुए बिस्तर को ही चोद रहा था. तो मेरे साथ क्या हुआ?
मुझे गांड मारने का शौक है. एक दिन मुझे पड़ोस में एक चिकना लड़का दिखा, वो हमारे पड़ोसी अंकल के घर आया हुआ था. मैं अंकल के पास गया तो उस लड़के से परिचय हुआ. बात कैसे बनी, पढ़ें मेरी कहानी में!
उसने मुझे जबरदस्ती बेड पर लेटाते हुए मेरे चूतड़ों के बीच में लंड लगाकर मुझे नीचे दबा लिया। मैं निकलना चाहता था लेकिन वो नहीं रुका और उसने फिर से वही धक्का मारा...
समलैंगिकों को कानूनी मान्यता मिलने पर बहुत-बहुत बधाई। यह कहानी तब की है जब मैं पढ़ रहा था और मुझे लड़के अच्छे लगने लगे थे लेकिन मेरी गांड कोरी थी. एक जाट लड़का मुझे अच्छा लगा.
मन में उमड़ते जज्बात, घुटन और सेक्स की पूरी ना कर सकने वाली चाहत का नतीजा होती हैं कहानियाँ. हमारे सामाजिक और पारिवारिक जीवन को ठेस पहुँचाए बिना खुद को तृप्त करने का जरिया मात्र होती हैं कहानियाँ.
मेरे माँ बाप ने मेरा नाम चंद्रप्रकाश रखा. इस गांडू सेक्स स्टोरी में मेरे जीवन की पहली घटना है जिसने मेरे अंदर छिपी हुई लड़की को बाहर निकाल दिया और मैं चन्दा रानी बन गयी.
वह बहुत ही बलिष्ठ और शानदार मर्द था. जब भी मैं उसे देखता, मेरे मन में वासना पैदा हो जाती. उसका शरीर किसी पहलवान जैसा लगता था. मैं हर रोज उसे देख कर अपनी आंखें सेंकता था.
मुझे लड़कों के लंड बहुत रुचि थी. एक दिन ट्यूशन में मेरे दोस्त ने मजाक में मेरी मुलायम छाती मसल दी, बोला- तेरा सीना तो लड़कियों जैसा है. टीचर जी ने देख लिया तो मेरी गांड कैसे चुदी.
मुझे लंड का चस्का लग चुका था, गांड मराये काफ़ी दिन हो गए थे, मैं अपनी प्यास बुझाने को लोगों को खोज रहा था पर कोई ढंग का मिला नहीं. एक दिन मेरे भाई का दोस्त हमारे घर रुका तो!
मेरी गे सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मुझे सिर्फ मर्द की चाह थी .मैं इंटरनेट पे गे वीडियो, गे स्टोरीज देखता पढ़ता था. मेरा दिल करता कि कोई मर्द मुझे लंड चूसने दे और मेरी गांड की खुजली मिटाए.
मुझे लड़कों के साथ सेक्स करने में उतना ही मज़ा आता है, जितना कि किसी लड़के को लड़की के साथ करने में आता है, मुझे भी लड़कियों में इंट्रेस्ट उतना ही है.. जितना कि लड़कों में है क्योंकि मैं बाइसेक्सुअल हूँ.
मैं खिड़की से देख रहा था कि देवेश का लम्बा मोटा मस्त लंड शशि की गांड में घुसा था, शशि के गोल गोल मस्त गोरे गोरे चूतड़़ चमक रहे थे, लंड पूरा घुस गया था और अंदर बाहर हो रहा था.
आप मेरे गांडू जीवन की गाथा का एक भाग पढ़ रहे हैं जब मैं एक छोटे कसबे में पोस्टिंग पर गया था. वहां मेरी बहुत इज्जत थी और मुझे वो इज्जत बना कर रखनी थी. साथ ही गांड की प्यास भी बुझानी थी.
मैं गांड का शौकीन यानी गे हूँ, मेरी पहली पोस्टिंग दूर दराज के एक गांवनुमा कस्बे में हुई थी, वहां मेरे साथ हुई गांडू सेक्स की घटनाएँ मैं अपनी इस कहानी में आप पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहा हूँ.
मुझे गे सेक्स बारे में कुछ पता नहीं था. मेरा पहला समलैंगिक सैक्स अनुभव रेलगाड़ी में मिले एक अंकल के साथ था. मुम्बई में ट्रेन में एक आदमी ने मेरा लंड पकड़ लिया तो...
उसके जाने के गम का घाव अभी भरा भी नहीं था कि एक और सदमे ने मुझे हिलाकर रख दिया। अब मुझे भी दिन रात ये चिंता खाए जा रही थी कि कहीं मुझे भी तो...
हम दोनों साथ बैठकर मूवी देखने लगे। मूवी काफी हॉट थी, हीरो की नंगी चेस्ट देखकर मेरे अंदर वासना जागने लगी... मैंने उसके शार्ट्स की तरफ देखा तो उसका लंड तना हुआ था, और फिर..