एक लड़के को देखा तो ऐसा लगा … -1
मैं लड़कों में रूचि रखता हूँ और एक लड़के के साथ ही अपनी जिंदगी बिताना चाहता हूँ. भारतीय समाज में ऐसा संभव नहीं है इसलिए मैंने कामेच्छा पूर्ति के लिए दूसरा रास्ता अपना लिया.
गे सेक्स स्टोरी, दो मर्दों के बीच गांड मारने-मराने वाले समलिंगी, गाण्डू, लौण्डेबाजी गे सेक्स की कहानियाँ हिंदी में
Do mardon ke beech Gand Marne Maraane Ki Gay sex kahaniyaan Hindi mein
Gay sex Stories in hindi based on Sex between two males anal sex
मैं लड़कों में रूचि रखता हूँ और एक लड़के के साथ ही अपनी जिंदगी बिताना चाहता हूँ. भारतीय समाज में ऐसा संभव नहीं है इसलिए मैंने कामेच्छा पूर्ति के लिए दूसरा रास्ता अपना लिया.
मामा के लंड की तलब ने मुझे पागल सा कर दिया था और कई साल के इंतज़ार के बाद मैं उनसे अपने दिल की बात कह पाया था. अब मामा भी अपने लंड की मस्त चुसाई करवाना चाहते थे.
मैं गाँव में रहने वाले अपने एक मामा को बहुत पसंद करता था, उन्हें, उनके लंड को छूना, पकड़ना चाहता था. मैंने बहुत कोशिश की और एक दिन मैंने मामा को बोल दिया.
अंकल ने पैसे लेकर मुझे अनजान लड़कों के हवाले कर दिया था चुदने के लिए. इस वक्त मैं उनके सामने नंगी पड़ी थी. वे चारों भी नंगे खड़े थे और एक मुझे चोदने के लिए मेरे ऊपर चढ़ गया.
सर्दी की एक रात मैं इंदौर में थी. मैं अपने पिछले छेद के लिए किसी मर्द की तलाश कर रही थी. दूध की एक मशहूर दूकान पर काम करने वाला आदमी मुझे उपयुक्त लगा. मैंने उसे कसी पटाया?
मैं बाइसेक्सुअल हूँ. मैं अपना लंड और गांड को हमेशा शेव करके साफ़ रखता हूँ. मेरे कॉलेज के एक टीचर के साथ मेरे गांडू वाले सम्बन्ध कैसे बने, पढ़ें इस कहानी में!
वह खतरनाक शाम ... उस दिन गांड मरवाने का एक नया तरीका भी देखने को मिला था. बाद में मेरी इच्छा हुई थी कि खतरनाक शाम का वह विलेन मेरी गांड फिर से मारे!
उन्होंने समझाया कि मैं दो जिन्दगी जियूं. जब मैं उनके साथ रहूँ तो उनकी बीवी बनकर ... और जब मैं कमरे पर रहूँ या कॉलेज में रहूँ तो विद्यार्थी बनकर रहूँ. सेक्स भी करूं और पढ़ूं भी.
मुझे गे सेक्स के बारे में कुछ पता नहीं था लेकिन मेरे एक टीचर की नजर मेरे ऊपर रहती थी. कभी मेरे गाल पकड़ लेते, कभी मेरी गांड पर हाथ मार देते, कभी मेरी जांघों पर हाथ मार देते.
मैंने उसके लम्बे लौड़े को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. मेरा प्लान था कि मैं उसको चूस चूस कर ही झाड़ दूंगा और मेरी गांड उसके मूसल से बच जायेगी! लेकिन...
मैं 40 साल का हूँ, उस दिन सब काम से फ्री होकर मैं अपने बिस्तर में नंगा उल्टा पड़ा अन्तर्वासना पर गर्मागर्म कहानी पढ़ते हुए बिस्तर को ही चोद रहा था. तो मेरे साथ क्या हुआ?
मुझे गांड मारने का शौक है. एक दिन मुझे पड़ोस में एक चिकना लड़का दिखा, वो हमारे पड़ोसी अंकल के घर आया हुआ था. मैं अंकल के पास गया तो उस लड़के से परिचय हुआ. बात कैसे बनी, पढ़ें मेरी कहानी में!
उसने मुझे जबरदस्ती बेड पर लेटाते हुए मेरे चूतड़ों के बीच में लंड लगाकर मुझे नीचे दबा लिया। मैं निकलना चाहता था लेकिन वो नहीं रुका और उसने फिर से वही धक्का मारा...
समलैंगिकों को कानूनी मान्यता मिलने पर बहुत-बहुत बधाई। यह कहानी तब की है जब मैं पढ़ रहा था और मुझे लड़के अच्छे लगने लगे थे लेकिन मेरी गांड कोरी थी. एक जाट लड़का मुझे अच्छा लगा.
मन में उमड़ते जज्बात, घुटन और सेक्स की पूरी ना कर सकने वाली चाहत का नतीजा होती हैं कहानियाँ. हमारे सामाजिक और पारिवारिक जीवन को ठेस पहुँचाए बिना खुद को तृप्त करने का जरिया मात्र होती हैं कहानियाँ.
मेरे माँ बाप ने मेरा नाम चंद्रप्रकाश रखा. इस गांडू सेक्स स्टोरी में मेरे जीवन की पहली घटना है जिसने मेरे अंदर छिपी हुई लड़की को बाहर निकाल दिया और मैं चन्दा रानी बन गयी.
वह बहुत ही बलिष्ठ और शानदार मर्द था. जब भी मैं उसे देखता, मेरे मन में वासना पैदा हो जाती. उसका शरीर किसी पहलवान जैसा लगता था. मैं हर रोज उसे देख कर अपनी आंखें सेंकता था.
मुझे लड़कों के लंड बहुत रुचि थी. एक दिन ट्यूशन में मेरे दोस्त ने मजाक में मेरी मुलायम छाती मसल दी, बोला- तेरा सीना तो लड़कियों जैसा है. टीचर जी ने देख लिया तो मेरी गांड कैसे चुदी.
मुझे लंड का चस्का लग चुका था, गांड मराये काफ़ी दिन हो गए थे, मैं अपनी प्यास बुझाने को लोगों को खोज रहा था पर कोई ढंग का मिला नहीं. एक दिन मेरे भाई का दोस्त हमारे घर रुका तो!
मेरी गे सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मुझे सिर्फ मर्द की चाह थी .मैं इंटरनेट पे गे वीडियो, गे स्टोरीज देखता पढ़ता था. मेरा दिल करता कि कोई मर्द मुझे लंड चूसने दे और मेरी गांड की खुजली मिटाए.