chudai ki kahani

चुदाई की कहानी हिंदी में, मजेदार हर तरह की सेक्स से भरपूर मनोरंजक स्टोरीज,
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General Sex Stories in hindi

पगली वो या हम?

उम्र यही कोई 20-22 साल, बाल गन्दे, उलझे, लेकिन चेहरा सुन्दर है, ख़ास कर उसकी आँखें, फटे हुए वस्त्रों में से उसका बदन बाहर झांकता रहता है जिसे मैं और मेरे साथियों के अलावा सभी देख पाते हैं। मुझे मालूम है कि युवाओं से लेकर अधेड़ तक व मेरे कई साथी उसकी देहयष्टि पर मोहित […]

प्रियंका की गर्मी

By कुमार रवि On 2011-04-11 Tags:

प्रेषक : पंकज हाय दोस्तो, मेरा नाम पंकज (बदला हुआ) है और अभी बीटेक कर रहा हूँ। मैं दुर्गापुर में रहता हूँ। मैंने अन्तर्वासना पर सारी कहानियाँ पढ़ी हैं। मैं इसका नियमित पाठक हूँ। मैं इससे तीन साल से आनंद ले रहा हूँ। इस पर आने वाली सारी कहनियाँ मुझे बहुत ही अच्छी लगती हैं। […]

मैं सुहासिनी हूँ

By khata On 2011-04-10 Tags:

प्रेषिका : सुहासिनी मेरा नाम सुहासिनी है और मैंने इंग्लिश से एम ए किया है, मैं दिल्ली में रहती हूँ। मेरे पति कारोबारी हैं और वो कोयले की खदानों में से कोयला खरीद कर आगे बेचने का काम करते हैं और इसी सिलसिले में कई बार घर से बाहर रहते हैं। एक दिन मैंने इन्टरनेट […]

मेरी चाहत अधूरी रह गई

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरी तरफ से नमस्कार ! मैं 23 वर्षीय मध्यम रंग का 5’10’ कद का सामन्य दिखने वाला लड़का हूँ। मैंने अन्तर्वासना की लगभग सभी कहानियाँ पढ़ी हैं और यह मेरी पसंदीदा वेबसाइट बन गई है, कई कहानियाँ तो सच्ची लगती हैं तो कई झूठी भी लगती हैं। मेरी भी कहानी […]

आधी अधूरी सुहागरात

प्रेषिका : राबिया पिछले महीने 19 जनवरी की रात जीजी की शादी हुई और इसी के साथ वो शादीशुदा हो गई। अगले दिन उनकी विदाई हुई और दो दिन बाद वो घर लौट आई पगफ़ेरे के लिए। उनके घर आते ही हम उन्हें छेड़ने लगीं- जीजी बताओ ना क्या क्या हुआ…? पता चला कि जीजी […]

भाई की गर्लफ़्रेन्ड-2

By सेक्सी जिगोलो On 2011-02-19 Tags:

प्रेषक : जय उसने धीरे से उसके फ़ूल जैसे गुलाबी होंठ मेरे होंठों पर रख दिये। मुझे पता ही नहीं चला कि यह सब कैसे हो गया, हम दोनों एक दूसरे में खोते जा रहे थे। तब मेरा एक हाथ उसके वक्ष पर आ गया था। हम बहुत ही उत्तेजित हो रहे थे, वहाँ पर […]

सुहागरात भी तुम्हारे साथ मनाऊँगी-3

जानू जाओ न प्लीज ! अलग सा चेहरा बनाकर बोली। मुझे उसका चेहरा देखकर हँसी आ गई, मैं बोला- रोओ मत ! जा रहा हूँ ! मैं कहाँ रो रही हूँ? ठीक है, चलो चलते हैं ! मैंने उसे चूमा और बाय कहकर चला आया। सुबह तैयार होकर स्कूल के लिए निकला। लक्ष्मी मेरा इन्तज़ार […]

भाई की गर्लफ़्रेन्ड-1

By सेक्सी जिगोलो On 2011-02-18 Tags:

प्रेषक : जय मैं अन्तर्वासना को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि उसने हम सभी लोगों के साथ जोड़ा। अब मैं अपनी कहानी बताता हूँ इसलिये अपने अपने हथियार थाम कर बैठ जायें और चूत में उंगलियाँ डालना अभी से शुरु मत कीजिए। मैं जय अहमदाबाद का एक नौजवान लड़का मस्त बदन का मालिक हूँ, मस्त […]

वक़्त से पहले और किस्मत से ज्यादा-2

By संजीव सिंह On 2011-02-06 Tags:

आपने मेरी कहानी का पहला भाग वक़्त से पहले और किस्मत से ज्यादा पढ़ा होगा। वो रात कैसे गुजर गई पता ही नहीं चला। कॉलेज के बाद पहली बार पूरी रात जागते हुए गुजरी थी, परीक्षा के दिनों की याद ताज़ा हो गई जब पूरी पूरी रात जागते हुए गुजर जाती थी और सुबह अगर […]

बेइन्तिहा मुहब्बत

By अर्पित सिंह On 2011-02-04 Tags:

दोस्तो, मैं अर्पित एक बार फिर से आप के पास अपनी जिंदगी के कुछ यादगार लम्हे बांटने आया हूँ… आप सबने मेरी पिछली कहानियों में मेरे पहले प्यार के बारे में पढ़ा और मुझे ऐसे बहुत सी मेल मिली जिनमें आगे की दास्ताँ के बारे में पूछा गया… तो चलिए एक बार फिर आप सब […]

मेरी मुनिया उसका पप्पू-2

By जीत शर्मा On 2011-01-02 Tags:

लेखक : जीत शर्मा वो अचानक बेड से उठा और कमरे से बाहर जाने लगा। मैंने सोचा शायद मज़ाक कर रहा है। अभी वापस आकर मुझे अपने आगोश में ले लेगा। मैं इसी तरह बेड पर पड़ी रही। एक हाथ से अपने बूब्स मसल रही थी और एक हाथ से अपनी पेंटी के ऊपर से […]

मेरी मुनिया उसका पप्पू-1

By जीत शर्मा On 2011-01-01 Tags:

लेखक : जीत शर्मा दोस्तो ! यह कथा मेरी कहानियों की एक पाठिका सिमरन कौर की है जिसकी अगले महीने शादी होने वाली है। उसने अपनी एक समस्या के बारे में मेरी सलाह माँगी है। मैंने इस सम्बन्ध में अपने मित्र प्रेम गुरु से चर्चा की थी, उन्होंने मुझे समझाया कि आजकल के पाठक बहुत […]

लण्ड की प्यासी-3

By सुनील कश्यप On 2010-12-08 Tags:

प्रेषक : सुनील कश्यप मुझे महसूस हुआ कि वह अब झड़ने वाली है। अब वह बोलने लगी- सुनील, मैं झड़ रही हूँ, हे भगवान् ! आह.. आआ… उम्म….ह्ह… सुनील मैं झड़ने वाली हूँ। और यह कहते हुए वह कुछ देर के लिए मछली की तरह तड़पने लगी। अब मैंने उसके पैरों को थोड़ा फैलाया और […]

लण्ड की प्यासी-2

By सुनील कश्यप On 2010-12-07 Tags:

प्रेषक : सुनील कश्यप मैं कुछ देर तक उसके होंठों को चूमता रहा और चूचियों को दबाता रहा और वह बस ऊम्म्म…. उफ्फ…उम्म की आवाजें निकालती रही। फिर मैंने उसके टॉप को और उसकी जींस को उसके बदन से अलग किया। उसने काली ब्रा-पैंटी पहन रखी थी जो उसके गोरे बदन पर एकदम कमाल लग […]

लण्ड की प्यासी-1

दोस्तो, मेरा नाम सुनील कश्यप है, मैं मुंबई में रहता हूँ। जिन लोगो ने मेरी कहानियाँ पढ़ी होगी उन्हें मेरे बारे में जानकारी होगी। मुझे आप लोगों के ढेर सारे इमेल मिले और मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई कि आपको मेरी कहानियाँ बहुत पसंद आ रही हैं। बस आपका यही प्यार और उत्साह मुझे […]

पार्टी की रात

By kmrgaurav1984 On 2010-12-01 Tags:

प्रेषक : गौरव कुमार दोस्तो, आप सबको प्यार भरा नमस्कार ! मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ तो सोचा कि आज मैं भी अपने बारे में लिखूं। मेरा नाम गौरव कुमार है, मैं नॉएडा में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में ऊँचे पद पर काम करता हूँ। मेरी दोस्ती तो कई लड़कियों से हुई लेकिन ज्यादा कुछ […]

सम्भोग प्रबन्धन-2

By लवगुरु खान On 2010-11-29 Tags:

सबसे पहले मैं अन्तर्वासना का धन्यवाद करूँगा जहाँ मेरी कहानी सम्भोग प्रबन्धन प्रकाशित हुई। मैं पाठकों का धन्यवाद करना चाहूँगा, जिनके मुझे काफी प्यार भरे मेल आए। पिछली कहानी में मैंने बताया था कि कैसे मैंने अपना कुंवारापन खोया, लेकिन कॉलेज ख़त्म होने के बाद उसने तो आई ऍम टी गाज़ियाबाद में दाखिला ले लिया […]

चूत की आग के लिए मैं क्या करती-8

प्रेषिका : सुरभि तिवारी सुनील आ गया। मैंने उन दोनों का परिचय करवाया। खाना बना हुआ था, हमने साथ बैठ कर खाना खाया। बात करते हुए मैंने सुनील से कहा- सुनीता मेरी अच्छी दोस्त है, इसके पति सेक्स नहीं करते हैं ठीक से इसके साथ ! सुनील- अरे इतनी खूबबसूरत बीवी के साथ सेक्स नहीं […]

कॉलेज की साथी

प्रेषक : नवजोत सिंह दोस्तो, मैं भी अन्तर्वासना के लाखों चाहने वालों में से एक हूँ। मैंने यहाँ सारी कहानियाँ पढ़ी हैं, हर कहानी को पढ़ने के बाद में अपने लंड से पानी जरूर निकालता हूँ। मेरा नाम है राजू, मेरा कद 6 फीट है और पंजाब का रहने वाला हूँ। यह मेरी पहली सेक्स […]

लूट का माल

फ़ुलवा हरजीत सिंह ज्यों ही कमरे में दाखिल हुआ, सन्तो पलंग पर से उठी। अपनी तेज-तर्रार आँखों से उसकी तरफ घूरकर देखा और दरवाजे की कुण्डी बन्द कर दी। रात के साढ़े ग्यारह बज चुके थे। शहर का वातावरण एक अजीब रहस्यमयी खामोशी के आगोश में था। सन्तो पलंग पर पालथी मारकर बैठ गई। हरजीत […]

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