chudai ki kahani

चुदाई की कहानी हिंदी में, मजेदार हर तरह की सेक्स से भरपूर मनोरंजक स्टोरीज,
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General Sex Stories in hindi

कुंवारी भोली–13

By शगन कुमार On 2011-07-07 Tags:

मैंने वे कपड़े पहन लिए। इतने महँगे कपड़े मैंने पहले नहीं पहने थे… मुलायम कपड़ा, बढ़िया सिलाई, शानदार रंग और बनावट। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। चाची ने मेरे बालों में कंघी की, गजरा लगाया, हाथ, गले और कानों में आभूषण डाले और अंत में एक इत्तर की शीशी खोल कर मेरे कपड़ों पर […]

कुंवारी भोली–12

By शगन कुमार On 2011-07-06 Tags:

शगन कुमार दरवाज़े पर महेश और उसके साथियों को देख कर मैं घबरा गई। वे पहले कभी मेरे घर नहीं आये थे। मैंने अपने होशोहवास पर काबू रखते हुए उन्हें नमस्ते की और सहजता से पूछा- आप यहाँ? महेश की नज़रें आधे खुले दरवाज़े और मेरे पार कुछ ढूंढ रही थीं। मैं वहीं खड़ी रही […]

कुंवारी भोली–11

By शगन कुमार On 2011-07-05 Tags:

शगन कुमार मैंने चुपचाप अपने छेद को 3-4 बार ढीला करने का अभ्यास कर लिया। “याद रखना… हम एक समय में छेद को एक-आध सेकंड के लिए ही ढीला कर सकते हैं… फिर वह अपने आप कस जायेगा… तुम करके देख लो…” वह सच ही कह रहा था… मैं कितनी भी देर ज़ोर लगाऊं…छेद थोड़ी […]

कुंवारी भोली–10

By शगन कुमार On 2011-07-04 Tags:

शगन कुमार मुझे भोंपू के मुरझाये और तन्नाये… दोनों दशा के लंड अच्छे लगने लगे थे। मुरझाये पर दुलार आता था और तन्नाये से तन-मन में हूक सी उठती थी। मुरझाये लिंग में जान डालने का मज़ा आता था तो तन्नाये लंड की जान निकालने का मौक़ा मिलता था। मुझे उसके मर्दाने दूध का स्वाद […]

कुंवारी भोली–9

By शगन कुमार On 2011-07-03 Tags:

शगन कुमार मुझे कुछ कहने की ज़रूरत नहीं थी। मैं खड़ी हो कर उससे लिपट गई। एक बार फिर मेरे नंगे बदन को उसके लिंग के छूने का अहसास नहीं हुआ… वह फिर से थक कर लटक गया था। मैंने अपना हाथ नीचे करके लिंग को हाथ में लिया और उसे प्यार से सहलाने लगी। […]

कुंवारी भोली–8

By शगन कुमार On 2011-07-02 Tags:

शगन कुमार कोई 4-5 बार अपना दूध फेंकने के बाद भोंपू का लंड शिथिल हो गया और उसमें से वीर्य की बूँदें कुछ कुछ देर में टपक रही थी। उसने अपने मुरझाये लिंग को निचोड़ते हुए मर्दाने दूध की आखिरी बूँद मेरे पेट पर गिराई और बिस्तर से उठ गया। एक तौलिए से उसने मेरे […]

कुंवारी भोली–7

By शगन कुमार On 2011-07-01 Tags:

शगन कुमार रात को मुझे नींद नहीं आ रही थी। हरदम नितेश या भोंपू के चेहरे और उनके साथ बिताये पल याद आ रहे थे। मेरे जीवन में एक बड़ा बदलाव आ गया था। अब मुझे अपने बदन की ज़रूरतों का अहसास हो गया था। जहाँ पहले मैं काम से थक कर रात को गहरी […]

कुंवारी भोली–6

By शगन कुमार On 2011-06-30 Tags:

शगन कुमार मैं खाना गरम करने में लग गई। भोंपू के साथ बिताये पल मेरे दिमाग में घूम रहे थे। खाना खाने के बाद शीलू और गुंटू अपने स्कूल का काम करने में लग गए। भोंपू ने रात के खाने का बंदोबस्त कर ही दिया था सो वह कल आने का वादा करके जाने लगा। […]

कुंवारी भोली–5

By शगन कुमार On 2011-06-29 Tags:

शगन कुमार शायद उसे इसी की प्रतीक्षा थी… उसने धीरे धीरे सुपारे का दबाव बढ़ाना शुरू किया… उसकी आँखें बंद थीं जिस कारण सुपारा अपने निशाने से चूक रहा था और योनि-रस के कारण फिसल रहा था। मुझे समझ नहीं आ रहा था मुझे डर ज़्यादा लग रहा है या काम-वासना ज़्यादा हो रही है। […]

कुंवारी भोली-4

By शगन कुमार On 2011-06-28 Tags:

शगन कुमार थोड़ी देर बाद भोंपू ने दोनों टांगों और पैरों की मालिश पूरी की और वह अपनी जगह बैठे बैठे घूम गया। मेरे पीछे के पूरे बदन पर तेल मालिश हो चुकी थी। उसने उकड़ू हो कर अपने आप को ऊपर उठाया और मेरे कूल्हे पर थपथपाते हुए मुझे पलट कर सीधा होने के […]

कुंवारी भोली-3

By शगन कुमार On 2011-06-27 Tags:

लेखक : शगन कुमार अब उसने मेरे ऊपर पड़ी हुई चादर मेरी कमर तक उघाड़ दी और उसे अपने घुटनों के नीचे दबा दिया। मैं डरे हुए खरगोश की तरह अपने आप में सिमटने लगी। “अरे डरती क्यों है… तेरी मर्ज़ी के बिना मैं कुछ नहीं करूँगा, ठीक है?” मैंने अपना सर हामी में हिलाया। […]

कुंवारी भोली -2

By शगन कुमार On 2011-06-26 Tags:

भोंपू को कुछ हो गया था… उसने आगे खिसक कर फिर संपर्क बना लिया और अपने लिंग को मेरे तलवे के साथ रगड़ने लगा। उसका चेहरा अकड़ने लगा था और सांस फूलने लगी थी… उसने अपनी गति तेज़ की और फिर अचानक वहाँ से भाग कर गुसलखाने में चला गया… भोंपू के अचानक भागने की […]

एक विचित्र चुदाई

By माया सिंह On 2011-06-18 Tags:

मैंने शायद अपनी किसी कहानी में जिक्र किया भी है कि मेरे मामा के घर से वापिस आ जाने के बाद मेरे चुदाई के सम्बन्ध मेरे चचेरे भाई परेजू से हो गए थे। परेजू ने मुझे जी भर कर चोद और बहुत मज़ा दिया भी और लिया भी। पर उसने यह बात अपने एक गहरे […]

सभी को मौका मिलता है

By mak On 2011-05-05 Tags:

प्रेषक : रौनक मकवाना मेरा नाम रौनक है, मैं मुंबई का रहने वाला हूँ। यह कहानी मेरे सपनों और मेरी हकीकत की हैं। आशा करता हूँ आप सभी पाठकों को मेरी कहानी पसंद आए। मैं स्कूल तक तो बहुत ही भोला और पढ़ाकू किस्म का लड़का था, पर कॉलेज में आते ही मेरी दोस्ती कुछ […]

अजनबी संग मजा चुत चुदाई का

आपकी शालिनी राठौर आपके लिए एक बार फिर से अपनी मस्ती की दास्ताँ लेकर आई है. भूले तो नहीं ना मुझे? आया कुछ याद? हाँ जी आपकी वही शालिनी भाभी जयपुर वाली.

मेरे प्यार की मुहर

By prem77492ps On 2011-05-01 Tags:

प्रेषक : राजवीर सिँह प्रेम मैं राजवीर सिँह मध्य प्रदेश का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 22 साल है। मेरा कद 6’2″ है। मेरा लंड 7″ का है। रंग गोरा है। मैँ बहुत समय से अन्तर्वासना का पाठक हूँ। बात आज से 2 माह पहले की है। एक दिन मुझे मेरी गर्लफ्रैंड श्रुति का फोन […]

पगली वो या हम?

उम्र यही कोई 20-22 साल, बाल गन्दे, उलझे, लेकिन चेहरा सुन्दर है, ख़ास कर उसकी आँखें, फटे हुए वस्त्रों में से उसका बदन बाहर झांकता रहता है जिसे मैं और मेरे साथियों के अलावा सभी देख पाते हैं। मुझे मालूम है कि युवाओं से लेकर अधेड़ तक व मेरे कई साथी उसकी देहयष्टि पर मोहित […]

प्रियंका की गर्मी

By कुमार रवि On 2011-04-11 Tags:

प्रेषक : पंकज हाय दोस्तो, मेरा नाम पंकज (बदला हुआ) है और अभी बीटेक कर रहा हूँ। मैं दुर्गापुर में रहता हूँ। मैंने अन्तर्वासना पर सारी कहानियाँ पढ़ी हैं। मैं इसका नियमित पाठक हूँ। मैं इससे तीन साल से आनंद ले रहा हूँ। इस पर आने वाली सारी कहनियाँ मुझे बहुत ही अच्छी लगती हैं। […]

मैं सुहासिनी हूँ

By khata On 2011-04-10 Tags:

प्रेषिका : सुहासिनी मेरा नाम सुहासिनी है और मैंने इंग्लिश से एम ए किया है, मैं दिल्ली में रहती हूँ। मेरे पति कारोबारी हैं और वो कोयले की खदानों में से कोयला खरीद कर आगे बेचने का काम करते हैं और इसी सिलसिले में कई बार घर से बाहर रहते हैं। एक दिन मैंने इन्टरनेट […]

मेरी चाहत अधूरी रह गई

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरी तरफ से नमस्कार ! मैं 23 वर्षीय मध्यम रंग का 5’10’ कद का सामन्य दिखने वाला लड़का हूँ। मैंने अन्तर्वासना की लगभग सभी कहानियाँ पढ़ी हैं और यह मेरी पसंदीदा वेबसाइट बन गई है, कई कहानियाँ तो सच्ची लगती हैं तो कई झूठी भी लगती हैं। मेरी भी कहानी […]

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