मम्मी की सहेली आंटी को चोदकर अपनी रखैल बनाया
मेरी मामी की एक सहेली बहुत ही खूबसूरत है, वो अक्सर हमारे घर आती और मुझसे खूब बात करती थी. मैं आंटी को कामुकता भरी नजर से देखने लगा था. मैंने आंटी को चोदा कैसे?
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मेरी मामी की एक सहेली बहुत ही खूबसूरत है, वो अक्सर हमारे घर आती और मुझसे खूब बात करती थी. मैं आंटी को कामुकता भरी नजर से देखने लगा था. मैंने आंटी को चोदा कैसे?
मेरी मस्तराम कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपने पड़ोस की जवान लड़की की चूत उसकी फटी पजामी में देखी और मेरा मन उसकी चूत चुदाई का हो गया. मैंने उसे कैसे चोदा?
उसके होंठ देख के ही मैंने अंदाज़ा लगा लिया कि इसकी चूत का चीरा 3 इंच से ज्यादा का नहीं होगा. क़यामत सा उसका फिगर, आवाज़ जैसे मिश्री. मैं तो उसे देखते ही फ़िदा हो गया था.
एकाएक मैंने अपना लंड पूजा की चुत में से निकालकर गांड के छेद पर रखकर एक झटके से पूरा का पूरा लंड पूजा की गांड में पेल दिया. वो चौंक उठी, चिल्लाने लगी- ओह अहह मरर गईईईई.
मैंने पूजा की गांड में उंगली लगायी तो वो उछल पड़ी, बोली- साले, क्या तुझे चूत पसंद नहीं? कब से तू मेरी गांड के पीछे पड़ा हुआ है. मैं पहले भी बता चुकी हूँ कि मुझे गांड नहीं मरवानी!
मुझे चुत की सीटी सुनना बहुत अच्छा लगता है. मैं अक्सर बाथरूम के बाहर से अपनी माँ बहन की चुत की सीटी सुनता था. चलो आज मैं तुम्हारे सामने बैठ कर तुम्हारी चुत की सीटी सुनूँगा.
नवरात्रि मेले में मुझे एक भाभी दिखी, खूबसूरत थी, अच्छी लगी तो मैं उसे घूरने लगा. वो झूले पर बैठी तो मैं भी लपक कर साथ बैठ गया. उसके बाद क्या हुआ? पढ़ें इस कहानी में!
उन 15 दिनों में हर रोज मेरी चुदाई हुई. वे दिन आज भी मैं याद करती हूं तो रोमांचित हो जाती हूं. मैंने वहीं पहली बार अपनी मम्मी को दो अंकलों से चुदते देखा था.
मेरे दोस्त ने मेरी भाभी को लगभग पटा ही लिया था, बस भाभी की चुदाई ही बाक़ी थी. इस हिंदी सेक्सी स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपनी सभी भाभी को अपने दोस्त से चुदते देखा.
मैं भैया भाभी के साथ रहता था. मेरा एक दोस्त भी हमारे साथ रहने लगा कुछ समय के लिए. उसने मेरी भाभी को पटा कर कैसे चोदा? पढ़ें इस सेक्सी कहानी में!
छोरी चुदासी तो थी पर चुदना अपने हिसाब से चाहती थी. उजाले में अपनी चूत नहीं दिखाना चाहती थी. मैंने भी तय कर लिया कि इसे रोशनी में पूरी नंगी करके अपने लंड पर झूला झुलाऊँगा.
मेरे ऑफिस में मेरी जूनियर लड़की मेरे पास आती तो चिपक कर खड़ी होती थी. मैं उसमें इंटरेस्ट लेने लगा तो वो मुझसे और ज्यादा चिपकने लगी और बाहर मिलने के लिए बोलने लगी. आगे क्या हुआ?
मेरे होस्टल और मेरी गर्लफ्रेंड के पीजी की दूरी ज्यादा नहीं थी, हम रोज़ मिलते थे, मगर चुदाई की चुल्ल मुझे कुछ ज्यादा थी, चुदाई का कोई जुगाड़ नहीं था. मैं खतरा मोल लेकर उसे अपने होस्टल में ले आया.
सगे भाइयों से सेक्स करने के बाद वो अपनी माँ को भी इस खेल में शामिल करने की सोचने लगी ताकि वो निडर सेक्स का मजा ले सके और उसके भाई भी अपनी माँ के साथ सेक्स का मजा ले सकें!
मेरे पापा के दोस्त की बेटी कुछ महीने हमारे घर में रही. वो खूब मस्त गदरायी हुई लड़की थी. उसके साथ मैंने खूब सेक्स भारी मस्ती का मजा लिया. आप भी मेरी कहानी पढ़ कर मजा लें!
हम कुछ दोस्त घूमने गए थे तो ट्रेन में ही एक लड़की से मुलाक़ात हो गयी. वो अपनी मॉम के साथ वहीं जा रही थी. उसकी और मेरी सेटिंग कैसे हुई और वो कितनी चुदासी निकली, पढ़ें मेरी कहानी में!
बड़ी खतरनाक औरत हो, सोंह रब्ब दी, ढिल्लों के लौड़े के ऊपर इस तरह कोई नहीं उछली थी, तेरे जितनी आग नहीं देखी किसी में, क्या खाती हो?
एक महाचोदू किस्म के बड़ी उम्र के आदमी से चुदवा कर मुझे मजा आ गया था. तो मैंने एक बार फिर एक सीनियर सिटीजन को अपनी चूत चोदने के लिए पटाया. क्या इस बार भी मुझे पूरा मजा मिला?
मैं गाँव में रहता था. वहां मैंने बहुत सारी देसी गर्ल की खूब चुदाई की, खूब मजा लिया देसी सेक्स का! ग्रुप सेक्स भी किया. कुछ छोटी छोटी चुदाई कहानियों का मजा लें!
ढिल्लों जब लौड़े को फुद्दी के अंदर बेरहमी से मारता तो मेरे मुंह से अनाप शनाप निकल जाता जैसे- हाय मर गई ... नज़ारा आ गया ... चक्क ता कम्म ओए... हाय ... मेरे शेरा!