मेरा गुप्त जीवन- 182
मौसी और किरण मेरा डांस देखने लगी, मेरे साथ चिपको डांस करने लगी. दोनों ही अपने बदन को मेरे बदन से सटाए जा रही थी. फिर जब मैं मौसी के कमरे में सोने लगा तो..
चाची की चुदाई, मामी, ताई, बुआ मौसी को चोदने की कहानियाँ
Chachi Ki Chudai, Mausi, Mami, bua, Tayi ki Chut Chudai Ki Kahani
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मौसी और किरण मेरा डांस देखने लगी, मेरे साथ चिपको डांस करने लगी. दोनों ही अपने बदन को मेरे बदन से सटाए जा रही थी. फिर जब मैं मौसी के कमरे में सोने लगा तो..
मेरी गुम हुई पैन्टी मुझे मेरे बेटे के बेडरूम से मिली, मुझे लगा कि मेरा भतीजा ले गया होगा। फ़िर सबके जाने के बाद भतीजे ने बताया कि वो कल वापिस जा रहा है। लेकिन जाने से पहले…
मेरे भतीजे ने मेरी अन्तर्वासना भड़का दी थी लेकिन हम चुदाई नहीं कर पाए थे. इस कहानी में पढिए कि कैसे मेरे भतीजे ने मेरी चूत को चाट चाट चोदा.
मैं बहुत सेक्सी हूँ। एक बार मेरा भतीजा हमारे घर रहने आया तो दोपहर को हम दोनों अकेले रह जाते थे घर में… इस अकेलेपन में क्या क्या हुआ हमारे बीच… इस कहानी में!
मेरी चाची बहुत सेक्सी है, मैं उनकी ब्रा लंड पर लपेट कर मुठ मारा करता था। एक दिन चाची ने मुझे रंगे हाथों पकड़ लिया। उसके बाद क्या हुआ, कहानी पढ़ कर पता लगाइये।
मैं मामी के बदन से खेल रहा था, वो मुझे रोक नहीं रही थी तो मैंने उनकी चूत पर अपना लंड टिकाया ही था कि मामी ने मुझे रोक दिया, अपनी चूत अपने दोनों हाथों से ढक ली.
मैं अपनी मामी को चोदने के जुगाड़ में था, वो मेरे साथ ही सो रही थी पर मेरी गांड फ़ट रही थी कुछ करते हुए… इस कहानी को पढ़ कर देखिये कि मैंने कुछ किया या नहीं?
मैं अपने ननिहाल गया तो बड़ी मामी के बदन, उनकी कातिलाना अदाओं, मटकते चूतड़ों को देख कर मेरा मन करता कि मामी को वहीं आँगन में लेटा कर चोद दूँ.. क्या मैं ऐसा कर पाया? क्या हुआ मेरे साथ? इस कहानी में…
मैंने ज़्यादा देर ना करते हुए अपने लंड पर बहुत सा तेल लगाया और चाची की गाण्ड पर दोबारा से तेल लगाया और फिर लंड को उनकी गाण्ड पर सैट करके धक्का मारा..
सुमन चाची की गाण्ड भी बहुत मस्त व टाइट थी और मैं उनकी गाण्ड में भी अपना लंड पेलना चाहता था पर सुमन चाची गाण्ड मरवाने के नाम से ही बिदक जातीं और कहतीं- इसे तो तेरे चाचा भी नहीं मार सके..
मैंने आंटी की साड़ी.. पेटीकोट पूरी कमर से ऊपर कर दिया और नंगी चूत देखी। ओह.. क्या नज़ारा था मेरी प्यारी आंटी की पतली लकीर वाली चूत का..
इस बार मैंने फ़ैसला कर लिया कि मौसी की गाण्ड मारनी है.. तो उनकी चीखों की परवाह ना करते हुए उनकी गाण्ड मारनी होगी.. चाहे वो कितना भी चीखें या चिल्लाएं..
तब मैंने अपनी आँखों में शरारत भरते हुए कहा- तुम्हारे पीछे का छेद तो कुंवारा है.. इसलिए आज मैं अपनी सुहागरात में अपनी पत्नी की गाण्ड मारूँगा।
जब से हमारी चुदाई हुई थी.. मौसी मुझसे और मेरे लौड़े से बहुत प्यार करने लगी थीं, मैं भी उनकी पूरी देखभाल करता था और वो भी मेरा बहुत ख्याल रखती थीं।
मोटा लण्ड जब मौसी की चूत की नाज़ुक मगर आती संवेदनशील त्वचा पर रगड़ता.. तो लाली मौसी सिसक उठतीं और अब वो वास्तव में अपने आपको आसमान में उड़ती हुई परी महसूस करने लगी थीं..
औरत की चूत के साथ ज़िंदगी में सिर्फ़ एक ही बार रहम किया जाता है और वो भी अगर चूत कुँवारी हो.. उसके बाद अगर रहम किया तो फिर चूत दूसरा लण्ड ढूँढने लगती है.. औरत की चूत तो बेरहमी से ही चोदी जाती है।
‘ऊई माँआ... आशीष.. ये छोड़ो मुझे..’ मौसी अपने आपको छुड़ाने का नाटक करती हुई बोलीं। ‘आशीष तुम तो बड़े खराब हो.. कोई अपनी मौसी को ऐसे नंगी करता है क्या?’
मैंने जब उनकी गाण्ड की दो फलकों को अलग करने वाली लकीर पर नज़र जमाई.. तो मेरी मति भ्रमित हो गई.. रिश्ते-नाते सब हवा हो गए.. याद था तो बस लंड और चूत की प्यास।
मौसा के आने के पहले मौसी नहाने चली गईं.. क्योंकि आज रात को चूत लंड की लड़ाई होने वाली थी। उसके बाद वो पूरी शिद्दत से चुदने के हिसाब से तैयार हुईं और नेट की हल्की और पारदर्शी साड़ी पहनकर मौसा का लंड लेने के लिए तैयार हो गईं।
चाची सो गई पर मेरी आँखों से नींद गायब थी। मैं तो उनको चोदने का मौका खोज रहा था। फिर मुझे एक शरारत सूझी, मैंने चाची के बायें हाथ को सहलाना शुरू कर दिया कि अगर बुरा लगेगा तो डांटेंगी।