मामा की लड़की संग जबरदस्त चूत लंड चुसाई -1
मेरे मामा की लड़की हमारे घर आई तो हम आपस में दोस्त बन गए। उसका बदन, चूचे मेरे से छू जाते थे तो मुझे मजा आता था। एक रात वो मेरे ही बिस्तर पर सोई तो क्या हुआ…
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मेरे मामा की लड़की हमारे घर आई तो हम आपस में दोस्त बन गए। उसका बदन, चूचे मेरे से छू जाते थे तो मुझे मजा आता था। एक रात वो मेरे ही बिस्तर पर सोई तो क्या हुआ…
जैसे ही मैंने अपने लंड अपनी छोटी बहन की अनचुदी चूत की तरफ बढ़ाया.. वो बोली- इसे तुम इतने छोटे छेद में डालोगे.. तो ये तो फट नहीं जाएगी.. मैं मर जाऊँगी।
मैं पलंग पर लेट कर सोचने लगी कि भाभी कितनी ख़राब है.. जो अपने देवर से ही ये सब करवाती हैं। राहुल अपनी गर्लफ़्रेण्ड की बात करने लगा और मेरे बॉयफ़्रेन्ड की भी !
सोनाली बर्तन उठा के रसोई में ले गई.. मैं भी उसके पीछे-पीछे चला गया और रसोई में उसके मम्मों को दबाते हुए बोला- आज रात तुझे कौन बचाएगा.. तो वो बोली- बचना भी कौन चाहता है.. बस कन्डोम लेते आना।
मैं अपनी सेक्सी बहन को डांस सिखाने के बहाने उसके बदन को छूने लगा। उसके मुलायम और मखमली बदन को छूने के बाद मैं इस उत्तेजना में उसकी गर्दन पर किस कर बैठा।
मैंने जाहिरा की नाईटी के गले को थोड़ा नीचे को खींचा.. तो जाहिरा की चूचियों का ऊपरी हिस्सा और उसका क्लीवेज नंगा हो गया। मैंने फैजान को इशारा किया कि झुक कर उसको चूम ले..
मैंने जाहिरा के पतले-पतले होंठों पर अपनी उंगली फेरनी शुरू की और बोली- फैजान.. देखो तुम्हारी बहन के कितने प्यारे होंठ हैं.. यह कह कर मैं झुकी और अपने होंठ जाहिरा के होंठों पर रख दिए और उसको किस करने लगी।
फैजान घबरा कर इधर-उधर देख रहा था.. मैं और आगे बढ़ी और उसके क़रीब जाकर उसके होंठों को चूम कर बोली- डोंट वरी डियर.. होता है.. ऐसा भी होता है.. वैसे तुम्हारी बहन है बहुत सेक्सी और खूबसूरत.. मैं अगर लड़का होती ना.. तो कब से उसे चोद चुकी होती।
मैंने धीरे से उसकी चूत में अपना लंड लगाया और हल्का सा धक्का लगाया, लंड पानी की तरह आराम से चला गया, वो चुदी चुदाई थी। मेरा सारा मूड खराब हो गया पर मैंने उसे कुछ नहीं कहा कि उसने मुझसे झूठ क्यूँ बोला।
एक ही वक़्त में अपनी बीवी और अपनी बहन की चूत को सहला रहा था और उनमें अपनी उंगलियाँ डाल कर दोनों को एक ही वक़्त में एक साथ मजे दे रहा था। मेरी चूत पानी छोड़ने वाली थी।
जाहिरा ने भी मस्त होते हुए अपने गर्म-गर्म गुलाबी होंठ आगे बढ़ाए और अपने भाई के होंठों पर रख दिए और उसे चूमने लगी। थोड़ी देर के लिए तो फैजान भी अपनी बहन की गरम जवानी में सब कुछ भूल गया
वो तड़प उठी और बोली- भाई रहने दो ना प्लीज़.. अब और नहीं मैं मर जाऊँगी.. यह तो बहुत मोटा और बड़ा है.. मेरे अन्दर नहीं जाएगा.. मैंने लंड उसके होंठों के पास रखा
जैसे ही फैजान की नज़र अपनी बहन की नंगी खूबसूरत चूचियों पर पड़ी तो उसने अपने दोनों हाथ मेरे सिर के दोनों तरफ रखे और मेरे सिर को पकड़ कर धक्के लगाते हुए मेरे मुँह को चोदना शुरू कर दिया।
नहीं.. आज हम दोनों भाई-बहन नहीं.. एक लड़का और लड़की हैं और हम दोनों को अभी एक-दूसरे की ज़रूरत है.. हम दोनों ने एक-दूसरे का सब कुछ देख लिया है और अगर मैं तुम्हारा भाई नहीं होता.. तो क्या तुम वो सब नहीं करतीं?
जाहिरा अपनी आँखें बंद किए हुए पड़ी लंबी-लंबी साँसें ले रही थी। थोड़ी देर के बाद फैजान उठा और अपना पजामा उतार कर अपनी अकड़े हुए लंड को पकड़ कर उसकी चूत के सामने बैठ गया।
जाहिरा- मेरी प्यारी भाभीजान, आज तो आपके शौहर मेरे भी शौहर बनने जा रहे हैं, आज भाई का लंड मेरी चूत में जाने वाला है, जैसे आपकी चूत में जाता है, कैसा लगेगा?
मां मेरा लण्ड दीदी को दिखाते हुए चूसने लगी तो दीदी की अन्तर्वासना भड़की, उसने माँ की गांद और चूत चाटनी शुरु कर दी, फ़िर मां ने दीदी को मेरे लंड से चुदवा दिया।
फैजान- अरे यार कुछ भी गंदा नहीं होता.. इसे मुँह में लेकर तुम्हारी भाभी भी तो चूसती हैं ना.. जाहिरा इठलाते हुए बोली- वो तो आपकी बीवी हैं.. मैं आपकी क्या लगती हूँ.. बहन ना..
रात को मैंने बुखार का बहाना बना कर एसी में सोने से मना कर दिया, मैं दूसरे कमरे में लेट गई और दोनों भाई बहन को अपने बेडरूम में सोने को कह दिया। पढ़ें…
फ़ैज़ान के जाने के बाद मैंने जाहिरा की कुंवारी चूत को चाट कर रस निकाल दिया। शाम को जब फ़ैजान आया तो वो जाहिरा के कमरे में गया और उसे दबोच कर चूमाचाटी करने लगा।