भाई की करतूत पापा को बताई तो …
मेरी चाची मेरे भाई को बेटे समान मानती, बहुत प्यार करती थी. एक दिन मैंने कुछ ऐसा देखा कि मुझे चाची के प्यार की असली वजह पता चली. उसके बाद मेरे साथ क्या हुआ?
बाप बेटी के बीच सेक्स सम्बन्धों पर आधारित चुदाई कहानियाँ
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मेरी चाची मेरे भाई को बेटे समान मानती, बहुत प्यार करती थी. एक दिन मैंने कुछ ऐसा देखा कि मुझे चाची के प्यार की असली वजह पता चली. उसके बाद मेरे साथ क्या हुआ?
मैं अभी कॉलेज में पढ़ाई कर रही हूँ, मेरी क्लासमेट मेरे भाई की गर्लफ्रेंड है. वो उसे मेरी मदद से चोदता है. तो मेरी चूत भी लंड के लिए तड़प उठती है. मेरी प्यासी चूत का इलाज कैसे हुआ?
मेरी पत्नी घर पर नहीं थी. रात को हम बाप बेटी ने खाना खाया और बिटिया सो गयी. पता नहीं मुझे क्या हुआ कि मैं बिटिया का कम्बल हटा कर उसकी चूत देखने की कोशिश करने लगा.
मेरे बहुत से व्ट्सऐप ग्रुप हैं. उनमें मुझे बहुत सी ब्लू फिल्म देखने को मिलती रहती हैं. एक बार मुझे दो विडियो मिली. एक को चला कर देखा तो उनमें मेरी बेटी थी जो ...
मैं अपने पापा से चुदना चाहती थी और पापा भी मुझे चोदने के लिए मेरे कमरे में आये थे. लेकिन आँख की शर्म के कारण हम खुल नहीं पा रहे थे. आखिर मैं पापा से कैसे चुदी? पढ़ें इस भाग में!
मैं चुदाई के लिए बेताब थी, मैंने पापा का लंड देखा जब वे मम्मी को चोद रहे थे तो मैंने अपने पापा को पटाने का फैसला किया. मुझे पटा था कि पापा भी मुझे चोदना चाहते हैं.
पापा, आपने अभी अपने बेटी जी जबरदस्त चुदाई की है और कल से घर में सब लोग नंगे ही रहने वाले हैं... अब वक्त बदलने वाला है... आप शर्माना छोड़िये... चलिए बाहर...
बड़े जोश में आकर बेटी ने अपने एकदम आदमजात नंगे बाप को जाकर एक जोरदार चुम्बन दिया. दोनों के बीच कोई वार्तालाप नहीं हुआ पर जैसे दोनों को पता था कि आगे क्या करना है.
कहानी के इस भाग में पढ़ें बाप बेटी का गर्मागर्म सेक्स ... कैसे बेटी ने अपनी नंगी जवानी दिखा कर अपने पापा की कामवासना को जागृत किया और फिर खुल कर उनसे अपनी चूत की चुदाई करवायी.
पापा की जीभ मेरी चूत की गहरायी में थी, मैं सिसकारी भर रही थी। कुछ देर बाद पापा लंड मेरे मुंह के पास लाए... मैं एकदम लंड को मुंह में भरकर चूसने लगी। मम्मी खिड़की से ये सब देख पागलों की तरह चीख़ रही थी।
पापा बोले- इस वक़्त मैं बहुत गर्म हूँ, बिना चुदाई किये मुझसे रहा नहीं जाएगा। "तो फिर मुझे चोदिये पापा... मैं हूं ना... मेरे होते आप किसी और को चोदो, मुझे यह पसंद नहीं।" ये कहकर मैं झुकी और पापा का लंड मुंह में भरकर चूसने लगी।
तुझे शर्म नहीं आयी अपने बाप को अपना खसम बनाने में? उस हरामी को तो जवान चूत मिल रही थी, वो बहक गया... लेकिन तू... तुझे तो सोचना चाहिए था कि जिसके सामने तू अपनी चूत खोल रही है वो तेरा बाप है... इसी के लंड की पैदाइश है।
सुबह सुबह मैं सो रही थी तभी पापा ने मेरे पास आकर अपना लंड मेरे गाल से सटाने लगे. मैं शायद कोई सपना देख रही थी इसीलिए मैंने अपना मुंह खोल दिया, पापा ने मेरे मुंह में अपना लंड घुसा दिया और पेलने लगे.
अब हम दोनों पिता पुत्री एक दूसरे के सामने पूरे नंगे बैठे थे। पापा अचानक से बिस्तर पर उठ खड़े हुए और अपना लंड हाथ से पकड़ कर हिलाकर मुझे दिखाया।
पापा धीरे धीरे अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगे, उनकी उंगली के अंदर बाहर होने से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, मेरे मुंह से सिसकारियाँ निकलने लगी। पापा दूसरा हाथ मेरी चूत पे ले गए और सहलाने लगे.
मैं पापा के बाथरूम में भी नंगी होकर शावर लेने लगी, मेरी नज़र दरवाज़े पर गयी, जहाँ पापा खड़े मुझे फटी फटी आँखों से देख रहे थे, उनकी नज़र मेरे चेहरे से नीचे उतर कर मेरी छाती पर थी।
पद्मिनी बापू के लंड पर झुक गयी. पहले बापू के कहने पर अपनी जीभ को लंड के ऊपर वाले हिस्से पर फेरा, फिर और एक बार फिर से.. और एक बार.. धीरे धीरे वो अपने बाप का लंड चाटती गयी.
मैं टीचर के साथ क्लास में बिल्कुल अकेली थी, तो उसने मुझको किस किया, मेरे जिस्म पर हाथ फेरा. पता नहीं क्यों वह मुझे अच्छा लगा. उसके बाद जब भी मौका मिलता वह मेरा ब्लाउज खोल मेरी चूचियों को चूसता!
पद्मिनी पीठ पर स्कूल बैग लिए हुए बापू के कंधों को पकड़ कर मीठी आवाज़ में बोली- आज क्या हो गया आपको, मुझे स्कूल नहीं जाने दोगे? छोड़िये मुझे, बस करो प्यार करना.. कितना दुलार करेंगे आज आप मेरे साथ?
खूब चूमाचाटी के बाद अब बापू से रहा न गया और वो पद्मिनी के ऊपर चढ़ गया. पद्मिनी सोच रही थी कि उफ़ क्या करेगा यह बापू अब... ओह माय गॉड? कहीं अन्दर तो नहीं डालेगा... मैं क्या करूँगी अगर अन्दर डाला तो??