मोनिका और उसकी मॉम की चुदने को बेकरार चूत -3
वो पेट के बल लेट कर पढ़ रही थी। उसके चूतड़ ऊपर थे, तब उसने वही टी-शर्ट और कैपरी पहन रखी थी। मैं उसकी गाण्ड की दरार में उंगली घुमाने लगा।
लड़की, महिला की गांड की चुदाई की कहानी, इन कहानियों में लड़की गर्लफ्रेंड, भाभी, महिला की गाण्ड की चुदाई का वर्णन है!
Ladkiyon Ki Gand, Bhabhi ki Gaand chudai Ki Kahani
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वो पेट के बल लेट कर पढ़ रही थी। उसके चूतड़ ऊपर थे, तब उसने वही टी-शर्ट और कैपरी पहन रखी थी। मैं उसकी गाण्ड की दरार में उंगली घुमाने लगा।
मैंने कहा- अब इस दर्द को जाने में समय लगेगा.. क्योंकि जब तक मेरा लण्ड तेरी चूत को 8-10 बार चोद नहीं देगा.. और जब तक तुम्हारी चूत मेरे लण्ड के साइज़ की नहीं हो जाएगी.. तब तक दर्द होगा...
फेसबुक से मिली भाभी मेरे से चुद गई और उसे शाम को अपने घर ले आया पार्टी में अपने दोस्त की बहन बता कर.. रात को उसे छोड़ने गया तो वहीं रोक लिया भाभी ने मुझे...
दोस्तो, मेरी पिछली कहानी तो आपनी पढ़ी ही होगी.. जिसका नाम था सविता भाभी तालाब में चुद गई https://www.antarvasna3.com/padosi/savita-bhabhi-ganv-ke-talab-me-chud-gai/ मैं अब आगे की कहानी सुना रहा हूँ, यह भी आपको जरूर पसंद आएगी। मैं 21 साल का था.. तब शहर के एक कॉलेज में बीए द्वित्तीय वर्ष में पढ़ाई कर रहा था। मेरा गाँव शहर […]
पड़ोसन लतिका की चूत के बाद अब उसकी गांड मारने की बारी थी, वो भी गांड मरवाना तो चाहती थी पर गांड चुदाई के दर्द से डरती थी क्योंकि उसकी गांड अभी तक अनचुदी थी।
राजीव ने अपना लंड कामिनी की गांड में घुसा दिया। कामिनी दर्द से चीखी और अलग होने की कोशिश करने लगी। तब तक मैं कामिनी की चूत को अपने लंड के पास ले आया था और कामिनी को नीचे झुका कर अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया।
मैं स्कूल में मैडम की चुदाई के बारे में सोच रहा था, मैडम चुदाई का अगला पाठ पढ़ाएंगी.. शायद आज मैडम गांड मरवाएँगी, इस बारे में सोच कर मैं पागल हुआ जा रहा था।
अम्मी ने एक बार नीचे उनके लण्ड को देखा और अपनी चड्डी से ढकी चूत उनके लण्ड से टकरा दी। अब वो अपनी चूत वाला भाग लण्ड पर दबा रही थीं।
मैंने अपना लण्ड निकाल कर.. उसकी गाण्ड में घुसेड़ दिया और उसकी गाण्ड चोदने लगा। मैं उसके कूल्हे पकड़ कर उसे चोद रहा था.. उसके चूतड़ काफी बड़े थे.. उन पर एक प्यारा सा तिल भी था।
मधु की चूत और गांड में लंड डले हुए थे। मैं और नीलेश एक साथ एक लड़की के दो छेदों को भरे होने का मज़ा ले रहे थे। मधु बहुत तेज़ तेज़ साँसों के साथ मचलने लगी।
काजल ने कहा- भैया मैंने बहुत कोशिश की.. लेकिन मैं डर जाती थी.. कि कहीं किसी को पता चल गया और मैं प्रेगनेंट हो गई तो क्या होगा.. ये सब सोच कर मैं डर जाती थी।
प्रीत चिल्लाई- ऊह्ह.. क्या रहे हो.. मेरी गांड तो मेरे पति ने भी नहीं मारी.. मैं बोला- तो तुम्हारे पति को कुछ पता नहीं, गांड मारने में क्या मस्त मजा आता है..
दोनों कुछ ज़्यादा ही मस्ती में आ गए और कोमल को कभी नीचे लेटा कर चूसते.. तो कभी हवा में उठा कर उसके मुँह को चोदते। लगभग 15 मिनट तक वो दोनों बारी-बारी उसको मसलते रहे और लौड़ा चुसवाते रहे.. कभी उसकी चूत को चाटते..
दीपक ने मुझे पकड़ लिया और वहीं घास पर पटक दिया और पागलों की तरह चूमने लगा। मैं भी गरम हो गई थी और उसका पूरा साथ दे रही थी। उसने मुझे औंधा किया और मेरी गाण्ड में उंगली करने लगा।
अरे तुमने तो कहा था कोई असली मर्द आज तक नहीं मिला.. अब आज मिला है.. तो तुम्हारी गाण्ड फट रही है। तुमने तो बहुत बार गाण्ड मरवाई है.. फिर चिल्ला क्यों रही है.. चोद अर्जुन और चोद.. आज इसको दिखा दे देसी बॉय की ताक़त क्या होती है।
अब तक आपने पढ़ा.. फिर 15 मिनट आराम करके उठे.. और मैंने गद्दे को वापस कमरे में रख दिया। अब तक दोनों ने कपड़े भी नहीं पहने थे.. और कपड़े हाथ में लिए ही नीचे आने लगे। मैंने सोनी को गोद में उठाया हुआ था, मैं उसे कमरे में ले गया.. और चुम्बन करने लगा। […]
रचना ने भाभी की गांड के अन्दर क्रीम लगा दी और मेरे लंड में भी क्रीम लगा दी। भाभी की मस्ती बढ़ती ही जा रही थी, वो अपनी उँगली को अपने चूत के अन्दर बाहर कर रही थी।
मेरी नींद सुबह नौ बजे खुली, मैं अंगड़ाई लेते हुए उठा, रचना सो रही थी, उसका दूध जैसा जिस्म सूरज की छन कर आती हुई रोशनी में और भी चमकदार लग रहा था। अनायास ही मेरे हाथ उसके चूतड़ को सहलाने लगे।
मैंने पलंग से गद्दे उठाकर जमीन पर बिछाया और रचना को सहारा देकर उस गद्दे पर पट लेटा दिया। शराब के नशे में ही रचना बोली- जानू जिस तरह से तुमने प्यार से मेरी चूत चोदी थी, उसी प्यार से मेरी गांड का भी ध्यान रखना।
पप्पू ने उसके चूतड़ सहलाते हुए कहा- सच कहूँ सलोनी.. तुम जितनी अपनी गाण्ड मरवाओगी.. उतनी ये सुन्दर दिखेगी.. ठीक उसी तरह से.. जितने तुम मम्मे दबवाया करोगी.. उतने वो बढ़ेंगे।