चालू बहन ने अपनी सहेली की चूत गांड दिलवाई- 1

(Xxx Sis Hot Kahani)

मोनू साहू 2025-03-22 Comments

Xxx सिस हॉट कहानी में मेरी बहन गर्म माल है. वह चालू भी है तो मैं भी उसे चोदना चाहता था. एक दिन मैंने उसे घर में अपने यार का लंड लेती देख भी लिया था.

नमस्कार दोस्तो, मेरी बहन का नाम आस्था सिंह है.
वह मुझसे दो साल बड़ी है.
वह बहुत ही हॉट माल है.
उसके बड़े बड़े दूध, नागिन सी बलखाती कमर, उभरी हुई गांड को जो भी देखता है, वह उसे उसी वक्त पटक कर चोदने का सोचने लगता होगा.

उसकी गोरी सी फूली हुई गांड को मैं जब भी देखता था तो उसकी गांड का दीवाना हो जाता था.
कहने का आशय यह कि दीदी को देखने वाला लड़का या आदमी बिना मुठ मारे नहीं रह सकता.

कमाल की बात यह भी है कि मेरी दीदी साली एक नंबर की चुदक्कड़ माल है.
यह Xxx सिस हॉट कहानी इसी आस्था की है.

मेरी मम्मी भी बहुत हॉट आइटम हैं. मेरी मम्मी भी एकदम दूध जैसी गोरी, बड़ी गांड वाली और बड़े बड़े दूध वाली हैं और वे भी बहुत बड़ी वाली चुदक्कड़ महिला हैं.

उन्हें जो भी देखता है, वह उनकी गांड चाटने को तत्पर हो उठता है और उसी वक्त उनकी चुदाई करने की कामना करने लगता है.

यह उस समय की बात है, जब हम दोनों भाई बहन स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे.
आस्था दी़दी बहुत लोगों से चुद चुकी थीं और मेरी बहन को मोटा लंड लेना बड़ा पसन्द है.

कमाल की बात यह है कि दीदी की इस पसंद को पापा भी जानते हैं कि उनकी बेटी कितनी बड़ी रंडी है.
हालांकि उन्होंने उसे कभी किसी से चुदवाते नहीं देखा था पर उन्हें यह बात कैसे पता थी कि आस्था दीदी को मोटा लवड़ा लेना पसंद है. यह बात मैं आपको बाद मे बताऊंगा.

आस्था दीदी की चुदक्कड़पने की आदत से पापा भी मेरी दीदी को चोदना चाहते थे पर वे उससे सीधे सीधे कह नहीं पा रहे थे.

पापा मेडिकल स्टोर चलाते हैं, मम्मी टीचर हैं.

एक दिन मैंने दीदी को अपने दोस्त के साथ घर में चुदवाते हुए पकड़ लिया.

मैं उन दोनों का धकापेल करते देखने लगा और जैसे ही लंड से पानी छूटने की पोजीशन बनी.
मैंने जोर से आवाज लगा दी और मेरा दोस्त अपने कपड़े उठा कर भाग गया.

मैं आस्था दीदी से कड़क आवाज में बोला- कब से चुदवा रही हो रंडी मादरचोद कुतिया!
वह बोली- पहली बार था, तुमने देख लिया … अब नहीं करूंगी!

मैं गुस्से में घर से निकला और मेडिकल स्टोर चला गया.
उधर बैठकर मैं सोचने लगा कि क्या करना चाहिए.

उसी वक्त मुझे अपनी बहन की चुदाई की रील दिमाग में चलने लगी.
मेरी बहन अपनी दोनों टांगें विपरीत दिशा में ऊपर उठाए हुए नंगी पड़ी थी और मेरा दोस्त अपने बड़े लंड से उसकी चुत की चुदाई कर रहा था.

वह मेरी बहन के एक दूध को मुँह में पकड़ कर खींच रहा था और हूँ हूँ की आवाज करते हुए चुदाई करता जा रहा था.

मेरी बहन भी उसे गाली देती हुई जोश दिला रही थी- चोद बहन के लौड़े … साले दम नहीं है क्या लौड़े में? आह जल्दी जल्दी चोद मादरचोद … आह साले मजा आ रहा है. चूस मेरे दूध हरामी आह आह.

उसकी ये आवाजें सुनकर मैं पुनः गर्म होने लगा और सोचने लगा कि मेरी दीदी कितनी सेक्सी है.
उसका नंगा बदन याद करके मेरा लंड खड़ा हो गया.

सच कह रहा हूँ, आज से पहले मैंने कभी उसे लेकर नहीं सोचा था कि दीदी को चोदना है.
मैंने सोचा क्यों न अपनी सगी बहन को मैं भी चोद लूँ!

यदि वह जवान है और उसकी चुत को लंड की दरकार है तो मैं ही उसकी इच्छा पूरी कर सकता हूँ.
इस तरह घर की बात घर में रहेगी और मुझे मुठ भी नहीं मारना पड़ेगी.

उधर शायद मेरी दीदी भी समझ चुकी थी कि भाई मुझे अब चोदकर ही मानेगा.

उस दिन मम्मी भी देर से वापस आने की कह कर कॉलेज गयी थीं और पापा मेरे सामने ही दुकान पर बैठे थे.
मैंने मन में पक्का किया और सोच लिया कि आज मैं अपने मन की बात अपनी बहन को बोल ही देता हूँ!

मैं घर गया तो मैंने दीदी को यहाँ वहाँ देखा, तो समझ में आया कि दीदी बाथरूम में है.
पानी गिरने की आवाज आ रही थी तो मैं समझ गया कि वह नहा रही होगी.

मैंने दरवाजे की झिरी से झाँका तो पाया कि मेरी दीदी पूरी नंगी होकर स्नान कर रही थी.

मैंने देखा बहन की चूत एकदम गुलाबी है और झांट रहित है.
उसके बड़े बड़े दूध हैं और उन पर भूरे रंग के निप्पल एकदम कड़क हैं.

वह शायद मेरे दोस्त से चुदते समय अधूरी रह गई थी इसलिए वह अपनी चुत में उंगली कर रही थी.
उस वजह से उसकी फूली हुई गांड मस्त हिल रही थी.
यह सीन देखा तो मुझसे रहा नहीं गया.

उस वक्त घर पर कोई नहीं था.
मैंने बाथरूम का दरवाजा दबाया तो वह अन्दर से लगा नहीं था.

मैंने एक पल भी नहीं लगाया और फटाफट नंगा होकर बाथरूम के बाहर खड़ा होकर दरवाजे की सांस से दीदी को चुत में उंगली करते देखकर मुठ मारने लगा.

अचानक आस्था दीदी की नजर मेरे ऊपर पड़ी, तो दीदी पट्टे पर बैठ गयी.
वह समझ चुकी थी कि उसका भाई उसे नहाते हुए देख रहा है.

अब वह भी मुझे अनदेखा करती हुई पट्टे पर टांगें फैला कर बैठ गई और कामुक आवाजें करती हुई अपनी चुत में उंगली करने लगी और एक हाथ से अपने दूध मसलने लगी.

उसकी यह हरकत देख कर मैं एकदम से गनगना उठा और आस्था की चुदाई की सोचने लगा.
तभी आस्था दीदी ने अपनी उंगली चुत से निकाली और अपने मुँह में भर कर चाट ली.

फिर वह एकदम से तौलिया लपेटकर बाहर निकल आई.
बाहर मैं नंगा खड़ा लंड हिला रहा था.

आस्था दीदी ने मेरा लंबा मोटा लंड देखा तो वह डर गयी.

पर वह मुझे नंगा देखकर कुछ नहीं बोली.
अपनी गांड हिलाती हुई बेडरूम में चली गयी.

जब वह घाघरा और टॉप पहन कर बाहर निकली तो बोली- ये सब तुम ठीक नहीं कर रहे हो, मम्मी को कॉलेज से आने दो बताती हूं उनको सब … तुमने आज जो जो भी किया है.

मैं जानता था कि मम्मी भी कई लोगों से चुद चुकी हैं और आज भी वे पक्के में चुदवा कर ही आएंगी क्योंकि वे देर से आने की कह कर जब भी जाती थीं, तो उस दिन उनकी हालत एक चुदी हुई रांड से कम नहीं लगती थी.

मैं बोला- मेरे दोस्त से तुम चुदवा रही थी तो मैंने तेरी वीडियो बना ली है! आने दो पापा को शाम को, तो उन्हें मैं तेरी चुदाई की वीडियो दिखाऊंगा कि दीदी एक लड़के से चुद रही थीं.

उसी वक्त पापा का फोन आया- मरीज देखने जाना है, तुम जल्दी आओ!
मैं दीदी को घूरता हुआ गुस्से से देख कर चला गया.

जब मैं अपने मेडिकल स्टोर पर आया तो पापा चले गए और उनके जाते ही मैंने गोली लंड खड़ा रखने वाली खा ली.
उसके बाद मैंने कुछ गोलियां अपनी जेब में रख लीं.

मुझे मालूम था कि पापा एक घंटे में वापस आ जाएंगे तब तक इन गोलियों का असर हो जाएगा.

वही हुआ, अब मेरा लंड एकदम कड़क हो गया.
मुझे ऐसा लग रहा था कि आज बहन ने अपनी चूत नहीं दी तो मुठ मारते मारते मर जाउंगा.

पापा लौटे तो मैं घर आ गया.

मम्मी कॉलेज से आ चुकी थीं.
उनकी हालत सही दिख रही थी तो मैं समझ गया कि आज इनका चुदाई का कार्यक्रम नहीं हुआ.
मगर उन्हें जल्दी घर आया देख कर मैं डर गया था कि कहीं दीदी सुबह वाली हरकत के बारे में मम्मी को न बता दे.

लेकिन कमाल की बात यह हुई कि दीदी ने मम्मी से कुछ नहीं बोला था.

मैं समझ चुका था कि आस्था दीदी चुदने को राजी है और किसी न किसी दिन वह मुझसे जरूर चुदेगी.
यदि ऐसा नहीं होता तो वह मां को बता सकती थी कि भाई सुबह नंगा होकर मुझे बाथरूम में देख रहा था.

समय बीत रहा था लंड परेशान कर रहा था.
मैंने सोचा कि मौका पाकर बहन को जबरदस्ती चोदना पड़ेगा.

शाम को पापा मम्मी को मामा के घर बर्थडे में जाना था, वे लोग रात भर रुकने के हिसाब से जा रहे थे.

तब समझ में आया कि मम्मी जल्दी घर क्यों आ गई हैं.

अब मैंने सोचा कि बहनचोद आज तुझे रात भर के लिए मौका है, चोद ले अपनी बहन को.
मन में विचार भी यही आया कि मम्मी पापा शायद आस्था दीदी को मेरे लौड़े के लिए ही छोड़कर जा रहे हैं.

मैंने सोचा कि चाहे जो हो जाए, आज आस्था दीदी की गांड चाटकर चूत और गांड को अपने मोटे लंड से चोद ही दूंगा.

मम्मी पापा शाम को सात बजे चले गए.
मैंने पापा के जाने के बाद दुकान बंद कर दी और बाजार से कोल्डड्रिंक व नाश्ता लिया और घर आ गया.

दीदी बोली- जल्दी दुकान बंद कर दी?
मैं बोला- दीदी, पूरे शरीर में दर्द है.

बहन बोली- बाथरूम में नहाकर आओ, मैं तेल मालिश कर देती हूँ.
मैं समझ गया कि आस्था दीदी मौके का फायदा लेना चाहती है.

मैं पैन्ट शर्ट उतारकर नहाने चला गया.

बहन मेरा पर्स चेक कर रही थी. वह बाथरूम के पास आकर बोली- तेरे पर्स में सेक्स की गोली का पत्ता पड़ा है और फ़ीमेल वाली सेक्स की गोली की स्ट्रिप भी पड़ी है!

मैं इस डर से कुछ नहीं बोला कि कहीं पापा से न बता दे.
मैं बोला- दीदी मैं तुम्हारे लिए लस्सी लाया हूँ. फ्रिज में रख दी है, आप पी लीजिए.
वह समझ गयी कि लस्सी में दवाई मिला दी है.

दीदी ने कुछ नहीं कहा, वह सीधी फ्रिज के पास गई और लस्सी निकाल कर एक झटके में पी गई.

अब मैं उसके गर्म होने तक इन्तजार करने लगा.
अपने लौड़े की झांटें साफ करने लगा. लंड की क्रीम से मालिश करने लगा.
एक बार मुठ मारने की कोशिश भी की लेकिन लंड एकदम लोहा बना हुआ था और वीर्य निकलने का नाम ही नहीं ले रहा था.

जब दीदी चुदासी हो गयी, तो वह पुनः बाथरूम के पास आकर बोली- बाहर निकलो, मुझे नहाना है.

मैं नंगा ही बाहर निकल आया तो दीदी मेरा मोटा लंड देखकर बोली- तुम लेटो, मैं अभी नहाकर आती हूं!

मैं जाकर नंगा लेट गया और सोचने लगा कि आज मेरी वर्षों की तमन्ना पूरी हो जाएगी.
आज अपनी सगी बहन को चोदूंगा. दीदी की चूत को भोसड़ा बना दूंगा.
कब से गांड मटका कर अपनी जवानी दिखा रही है साली रंडी, मुझे मुठ मारने पर मजबूर कर देती है बहन की लौड़ी!

कुछ देर बाद बाथरूम से दरवाजा खुलने की आवाज आयी.

मैं चादर ओढ़कर चुपचाप लेट गया.

दीदी आई तो उसको लगा कि मैं सो गया हूँ.

मैं सोने का नाटक करने लगा, मगर मेरा मोटा लंड चादर सें तम्बू जैसा खड़ा था तो साफ समझ रहा था.

दीदी तौलिया लपेटकर मिरर के सामने खड़ी हो गई और अपने आप को निहार रही थी.
उसने दरवाजा लॉक कर दिया था.

फिर उसे ऐसे मेरी तरफ देखकर रिएक्ट किया मानो वह समझ रही हो कि भाई सो गया है.

अब उसने अपने शरीर से तौलिया हटा दिया.
मैं पतली वाली सफेद चादर से साफ देख रहा था कि आस्था बहन की मलाईदार गांड साफ दिख रही है.

उसके जरा से पलटने से उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ, उलझे हुए गीले बाल, चिकनी गुलाबी चूत देखकर मेरा लंड और तन कर गुर्राने लगा.

दीदी ने मिरर से लंड को देखा, तो वह समझ गयी कि अभी भाई जाग रहा है और मेरी गांड देखकर परेशान है.

उसने ब्रा पैन्टी पहनी, ऊपर से लैगी और कुर्ती पहन ली.
फिर मेरे पास आकर बोली- उठो, तुम्हारे शरीर की मालिश कर दूं!

मैं समझ गया कि दीदी मेरा लंड सहलाना चाहती है.

दीदी लस्सी पीने से एकदम जोश में थी.
समय देखा तो रात के ग्यारह बज चुके थे.

दीदी गोली खाने की वजह से लौड़े की तलाश में थी और उसकी चूत में खुजली हो रही थी.

मैं समझ चुका था कि दीदी बिना चुदवाये अब मानने वाली नहीं है.

दोस्तो, मैंने अपनी दीदी को जब चोदा तब मुझे उसकी चुदाई के साथ साथ क्या सरप्राइज़ मिला था, वह आपको इस सेक्स कहानी के अगले भाग में विस्तार लिखूँगा.

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Xxx सिस हॉट कहानी का अगला भाग: चालू बहन ने अपनी सहेली की चूत गांड दिलवाई- 2

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