सेक्सी बहना की मस्त चुदाई
(Xxx Sis Fuck Story)
Xxx सिस फक़ स्टोरी में पढ़ें कि मैं यही सोचता था कि कब मुझे मौका मिले और मैं अपनी बहन को चोद डालूँ. एक रात मेरी बहन ने मुझे मुठ मारते पकड़ लिया.
मेरी उम्र 19 साल है और मेरी बहन की उम्र 20 साल है.
हम दोनों शुरू से ही काफी क्लोज थे.
पर जैसे जैसे मैं बड़ा होता गया, मेरे अन्दर सेक्स की भूख बढ़ने लगी.
मैं पहले ही बता देता हूँ कि हम लोग एक सम्भ्रान्त परिवार से हैं और हमारे यहां भाई बहन की चुदाई करना गुनाह माना जाता है.
पर मैं उस सबसे अलग था. मुझे भी बहन की चुदाई में बड़ा मज़ा आता था.
ये Xxx सिस फक़ स्टोरी तब की है, जब मैं अपनी सेक्स की बढ़ती भूख के चलते मैं पूरे पूरे दिन भाई बहन की चुदाई वाली वीडियो देखता रहता था.
पर अब मेरा उन सब चीजों से मन नहीं भरता था. मैं यही सोचता था कि कब मुझे मौका मिले और मैं अपनी बहन को चोद डालूँ.
मेरी बहन और मेरे बीच में काफी खुलापन था, तब भी मुझे डर लगता था कि अगर मैं अपनी बहन से सेक्स के बारे में पूछूंगा तो वो गुस्सा न हो जाए और घर में न बता दे.
उसी डर से मैं उससे नहीं पूछ पाता था.
यूं ही मुठ मारते हुए दिन कट रहे थे. मेरे एग्जाम हो गए थे और स्कूल की छुट्टियां चल रही थीं.
मैं पूरे दिन गूगल पर बस यही सर्च करता रहता था कि अपनी बहन को चुदाई के लिए कैसे मनाऊं.
पर मुझे कोई खास जानकारी नहीं मिली. तो मैंने वो सब छोड़ दिया और सीधे चुदाई वाली ब्लूफिल्म देखने लगा.
मैं लगभग हर समय वो सब देखता रहता था और अपनी बहन के नाम पर मुठ मार लेता था.
मुझे बहन को याद करते हुए अपने लंड को हिलाने में काफी मज़ा आता था.
वो भी मैं किसी ब्लूफिल्म की पोर्न ऐक्ट्रेस की जगह अपनी बहन को कल्पना में देखता था और मर्द की जगह खुद को मान कर बहन की चूत गांड में लंड पेलने की सोच कर लंड का पानी निकाल देता था.
उस सबमें मुझे बहुत सुख मिलता था.
चुदाई की फिल्म में हीरोइन के दूध देख कर मुझे अपनी बहन के दूध याद आने लगते थे और मैं अक्सर उसी फिल्म को देखना पसंद करता था, जिसमें हीरोइन के दूध मेरी बहन के दूध जितने दिखते हों.
यही सब करते करते दिन बीत रहे थे.
अब स्कूल की छुट्टियां भी खत्म हो चुकी थीं. स्कूल जाना शुरू हो गया था.
धीरे धीरे मौसम बदलता गया और अब ठण्ड का मौसम आने लगा था.
हम दोनों भाई बहन एक ही कमरे में सोया करते थे क्योंकि मैं बहुत डरपोक था तो मैं अपने कमरे में ना सो कर अपनी बहन के कमरे में सोता था.
एक रात मुझे बहुत ज्यादा ही जोश चढ़ गया था.
उस समय मेरी बहन मेरे बगल में ही थी.
मैं कान में ईयरफोन लगाए मोबाइल में ब्लूफिल्म देखते हुए अपने लंड की मुठ मारने में लगा था.
काफी देर तक मैं मुठ मारता रहा.
मैं मुठ मारने में इतना ज्यादा मगन हो चुका था कि मुझे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था.
तभी अचानक से मेरी बहन पानी पीने के लिए उठी और उसने मुझे रंगे हाथों पकड़ लिया.
उस टाइम पर वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी.
उसने गुस्से में मुझसे कहा- ये क्या कर रहे हो तुम … रूको मैं अभी मम्मी को बोलती हूँ.
मैं बहुत ही ज्यादा डर गया था.
अब मैं अपनी बहन से बहुत रिक्वेस्ट करने लगा कि वो घर में किसी को न बताए.
बहुत मनाने के बाद आखिरकार वो मान ही गयी और पानी पी कर सो गयी.
मैं भी सो गया.
अगली सुबह में डरते डरते उठा और देखा कि कहीं मेरी बहन मेरी मम्मी को न बता दे.
लेकिन उसने किसी को कुछ नहीं बताया था.
फिर मैं अपने काम पर लग गया.
इस बात को काफी दिन बीत चुके थे, मैं भी उस बात को भूल चुका था.
हम दोनों फिर से भाई बहन की तरह सामान्य रहने लगे थे.
ठंडी के मौसम के बीच के दिनों में एक दिन मैं सोफे पर बैठा हुआ था और कम्बल ओढ़ कर टेलीविज़न देख रहा था.
मेरी बहन भी मेरे साथ ही देख रही थी.
तभी अचानक से टेलीविज़न पर कंडोम का विज्ञापन आया.
मैंने उस चैनल को हटा दिया.
पर शायद ये बात मेरी बहन को पसंद नहीं आयी.
उसने अचानक से कम्बल के अन्दर अपना हाथ डाला और मेरे लंड पर अपना हाथ रख दिया.
मैं चौंक गया कि मेरी बहन ये क्या कर रही है.
मैंने अपनी बहन की ओर देखा.
वो धीमी आवाज में बोली- मजा ले ले बेटा … किसी को बताना, मत बाकी का काम हम रात को करेंगे.
मेरी बहन गर्म हो गई थी. मैं खुश हो गया था.
उसने टीवी देखते देखते ही मेरा लंड हिलाना शुरू कर दिया और लंड की मुठ मार दी.
मेरे लंड से मेरा स्पर्म निकल कर उसके हाथ में लग गया था.
उसने मेरी आंखों में देखा और मुस्कुराते हुए अपना हाथ अपने मुँह में लेकर चाट लिया.
मैं उसकी कामुकता को देखता ही रह गया.
मेरा सपना सच होने वाला था.
उस दिन साली रात होने का नाम ही नहीं ले रही थी.
काफी इंतज़ार करने के बाद रात आ ही गयी.
हम दोनों ने जल्दी जल्दी अपना अपना खाना खत्म किया और लगभग 8 बजे ही मैं सोने के लिए कमरे में चला आया.
मुझसे कंट्रोल नहीं हो पा रहा था.
हम दोनों दस बजने का इंतज़ार करने लगे.
जब घर मैं सब सो गए तब मैंने धीरे धीरे से अपना हाथ उसकी चूचियों पर रखा और उसकी चूचियां मसलने लगा.
वो भी नशीली आंखों से मेरी आंखों में देख रही थी और अपने होंठ चबा रही थी.
उस टाइम पर मुझे परम सुख की प्राप्ति हो रही थी.
मैं जैसे ही उसकी चूची की घुंडी मींजने लगा.
मेरी बहन आह कहते हुए कहा- तुम ये क्या कर रहे हो … मालूम भी है कि मैं तुम्हारी बहन हूँ. कोई अपनी बहन के साथ ऐसा करता है क्या?
मैं फिर से डर गया. मुझे समझ नहीं आया कि मेरी बहन ऐसा क्यों कहने लगी.
मैंने अपना हाथ उसके दूध से हटाया और कहा- तुमने जो सुबह किया था, वो क्या था?
वो हंस कर बोली- मुझे उस टाइम पर मुठ मारने का मन था, पर अब नहीं है.
मैं फिर से उसकी चूची पर हाथ ले गया और कहा- अभी मेरा मन है.
मगर उसने मेरे हाथ को हटा दिया और बोली- हट साले … वर्ना मैं मम्मी से कह दूंगी.
मैं गुस्से से उसके बिस्तर से उठा और सोने चला गया.
मुझे बेहद गुस्सा आ रहा था कि साली कैसा कर रही है.
कुछ देर बाद मैं सो गया.
लगभग आधी रात हो गई थी.
तभी मुझे कुछ महसूस हुआ कि मेरा लंड कुछ गीला गीला सा हो रहा है.
मैंने ध्यान दिया तो पाया कि कोई मेरे लंड को अपने मुँह में रख कर चूस रहा है.
अब मेरी आंख खुल गई.
तब मैंने देखा कि मेरे कम्बल में तो मेरी बहन थी और वो ही मेरा लंड चूस रही थी.
मैंने उसके सर पर हाथ फेरा तो उसने कम्बल से मुँह निकाला और हंसती हुई बोली- अब कैसा लग रहा है भाई?
मैंने कहा- मज़ा आ रहा है.
वो बोली- चल पूरा मजा करते हैं.
मैंने कहा- तू फिर से मेरे साथ केएलपीडी करेगी.
वो हंस कर बोली- केएलपीडी माने क्या?
मैंने कहा- केएलपीडी मतलब खड़े लंड पर धोखा.
वो आंख दबाती हुई बोली- वो अब नहीं होगा.
मैंने कहा- क्या नहीं होगा?
वो हंसी और बोली- वही केएलपीडी.
मैंने कहा- सच में तुम पूरा मजा देने को रेडी हो?
वो बोली- हां.
मैंने कुछ सोचा कि इससे पूछूं कि उस वक्त क्या हो गया था.
फिर मैंने सोचा कि कहीं साली का मूड फिर से न बदल जाए इसलिए पहले Xxx सिस फक़ का मजा ले लिया जाएं फिर सवाल जवाब करूंगा.
अब हम दोनों पूरे नंगे हो गए और उसके बाद जो हुआ, वो मेरे जीवन का पहला अनुभव था.
मैंने उसे बिस्तर पर पटका और उसकी टांगें खोल कर उसकी सफाचट चूत चाटने लगा.
उसकी चूत एकदम साफ़ थी.
वो मेरे सर पर हाथ रख कर अपनी चूत चटवाने का मज़ा ले रही थी, मेरे सर पर हाथ फेरती हुई बोली- अभी दस मिनट पहले ही साफ़ की है, मजा आ रहा है न!
मैं उसकी आंखों में प्यार से देखने लगा.
वो बोली- उस वक्त मेरी फुद्दी साफ़ नहीं थी, इसलिए केएलपीडी हो गई थी.
मैंने हंस कर उसकी चूत की गुलाबी फांकों को फैलाया और चूत में जीभ डाल दी.
वो उन्ह आंह करती हुई मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी और अपनी टांगों से उसने मेरी गर्दन को जकड़ लिया.
उस पोजीशन में मेरा पूरा मुँह अपनी बहन की चूत को चाटने में लगा था.
मुझे अचानक से उनकी चूत का दाना याद आया और मैंने अपने होंठों से उसकी चूत का दाना पकड़ कर खींचना शुरू कर दिया.
वो फड़फड़ा उठी और गाली देने लगी- आह साले हरामी … भैन के लौड़े … अपनी बहन की चूत का दाना मत खींच मादरचोद!
मैं कुछ नहीं बोला और बस अपनी बहन की चूत के साथ मस्ती करता रहा.
वो झड़ गई लेकिन मैंने अपना मुँह नहीं हटाया.
उसकी चूत से निकला सारा रस चाट गया.
वो फिर से कामातुर हो गई.
मैं लगभग बीस मिनट तक बस उसकी चूत ही चाटता रहा था.
अब मेरी सगी बहन बोली- आह साले, बस चूत चाटता ही रहेगा या कुछ और भी करेगा?
मैंने कहा- सब करूंगा मेरी जान. पहले चूत चाटने का पूरा मज़ा तो ले लेने दो.
वो बोली- तुमने मेरी चूत झाड़ भी दी और रस भी चाट लिया. अब आगे तो बढ़ कमीने. या मुझे भी चाटने का मजा लेने दे.
मैंने ये सुना तो मैं झट से उसकी चूत छोड़ कर अलग हो गया.
मैंने कहा- चल ठीक है, अब तेरी बारी.
वो उठी और मेरा लंड मुँह में लेकर ऐसे चाटने लगी जैसे कोई आइसक्रीम चाट रही हो.
कुछ ही देर मैं पिघलने वाला हो गया था.
मैं बोला- अब रूक जा रंडी. हम दोनों एक साथ करते हैं.
वो राजी हो गई.
कुछ देर तक हम दोनों ने 69 में लंड चूत चाटने का मजा लिया.
अब मैं बहुत ज्यादा कामुक होने लगा था. मैं उसके ऊपर से हट कर सीधा होकर चढ़ गया.
मैं उसकी बुर में अपना लंड डालने लगा.
जैसे ही पहली बार मैंने उसकी चूत के अन्दर लंड डाला, उसकी चीख निकलने वाली हो गई थी.
मैंने उसे किस कर लिया और उसकी आवाज बंद कर दी.
वो छटपटा उठी मगर मैं लगा रहा.
कुछ देर में धीरे धीरे करके मेरा लंड मेर बहन की चूत में घुस गया और हमारी चुदाई चालू हो गई.
मैं काफी देर तक उसे पेलता रहा.
अब मैं थक चुका था और वो भी एक बार और झड़ कर थक चुकी थी.
कुछ ही देर बाद मैं पिघलने ही वाला था, तब मैंने उसकी बुर से अपना लंड बाहर निकाल लिया.
उसने मेरी तरफ देखा और गाली देती हुई बोली- भैनचोद, लंड क्यों निकाला?
मैंने कहा- साली रांड … मेरे बच्चे की मम्मी बनेगी क्या?
वो हंस दी.
मैंने उससे पूछा- जल्दी बोल रस कहां लेगी?
उसने कहा- चल मेरे मुँह में लंड डाल दे, मैं चूस लेती हूँ.
मैंने कहा- लंड चूसने की कला में बड़ी पारंगत हो गई है … अपने ब्वॉयफ्रेंड का लंड चूसती है क्या?
वो हंस कर बोली- साले तू आम चूस, गुठली मत गिन.
मैंने भी ओके कहा और अपना लंड अपनी बहन के मुँह में दे दिया.
उसने बड़ी मस्ती से मेरा लंड चूसा और मेरे वीर्य को अपने मुँह में लेने लगी.
मैंने भी अपने प्यार की निशानी उसके मुँह में डाल दी.
वो सारा रस पी गयी और मेरे लंड को चाट चाट कर मेरी बहन ने साफ़ कर दिया.
Xxx सिस फक़ के बाद हम दोनों नंगे चिपक कर सो गए.
अब हम दोनों लगभग हर रोज ही एक दूसरे को चोदने लगे थे.
वो भी मेरे लंड से बहुत मज़ा लेती थी.
दोस्तो, आपको मेरी Xxx सिस फक़ स्टोरी कैसी लगी, प्लीज़ कमेंट्स करें.
लेखक के आग्रह पर इमेल आईडी नहीं दिया जा रहा है.
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