ससुराल में चुदाई की कामुक दास्ताँ- 10

(Xxx Chat With Real Brother)

Xxx चैट कहानी में मेरा भाई मेरे ससुराल आया हुआ था. मेरे ससुर के साथ हम तीनों बातें कर रहे थे. तीनों ही आपस में सेक्स में खुलना चाहते थे. हम सबने Xxx बातें करके मजा लिया.

कहानी के पिछले भाग
ससुराल में सगा भाई और ससुर जी
में आपने पढ़ा कि मेरे ससुर मेरे भाई के साथ सेक्स में खुलना चाहते थे. मैं भी यही चाहती थी.

यह कहानी सुनें.

अब आगे Xxx चैट कहानी:

सोनू हंसते हुए मेरी तरफ इशारा करते हुए बोला- अरे कुछ नहीं किया, बहुत बदमाश है ये … ऐसे ही बोल रही है सब!
अब हम तीनों धीरे-धीरे अपने मनचाहे टॉपिक की तरफ बढ़ रहे थे। इसीलिए मैं बात बढ़ाते हुए बोली- अच्छा बच्चू, कहो तो सब बताऊं मैं, कि क्या-क्या करते थे तुम रात में मेरे साथ?

ससुर जी बोले- अरे बता दो भाई क्या-क्या करते थे हमें भी तो पता चले। शादी के बाद वाला प्यार भी कर चुके हो क्या।
सोनू बोला- ठीक है बताऊंगा लेकिन एक शर्त पर!

ससुर जी और मैं एक साथ ही बोले- क्या?
सोनू मुस्कुराते हुए ससुर जी की तरफ देखते हुए बोला- पहले आप बताइये कि आप क्या-क्या करते थे अपनी दीदी के साथ; तो मैं भी बताऊंगा पक्का!

ये सुनकर ससुर जी का चेहरा थोड़ा लाल हो गया।
उन्हें उम्मीद नहीं थी कि सोनू ये शर्त रख देगा।

फिर वो थोड़ा संभलकर मुस्कुराते हुए बोले- गरिमा बता देगी कि मैं क्या-क्या करता था, उसे सब पता है।
सोनू हंसते हुए बोला- वैसे एक बात बताइये आप, दीदी को कैसे पता है ये सब?

मैं हंसती हुई बोली- पापा जी, मेरे अच्छे दोस्त बन गये हैं इसलिए हम दोनों एक-दूसरे से हर बात शेयर करते हैं।
सोनू हंसते हुए आँख मारकर बोला- अरे वाह … ये तो अच्छी बात है। वैसे सिर्फ एक-दूसरे से बात ही शेयर करते हैं या कुछ और भी?

सोनू की इस बात पर मैं और ससुर जी दोनों तेज हंस दिये।
मैं बोली- तेरा दिमाग कुछ ज्यादा नहीं दौड़ रहा है।
सोनू हंसते हुए बोला- अरे मैं तो बस पूछ रहा हूँ वैसे अच्छी बात है दोस्त के साथ तो सबकुछ शेयर करना चाहिए।
फिर ससुर जी की तरफ देखते हुए बोला- क्यों पापा जी, सही कह रहा हूँ कि नहीं?

ससुर जी हंसते हुए बोले- हाँ और क्या … बिल्कुल सही बात है।
इस पर सोनू आंख मारते हुए मुस्कुराकर शैतानी लहजे में बोला- तो दीदी अपना सबकुछ शेयर करती है कि नहीं आपके साथ?

इस मैं सोनू की पीठ पर घूँसा मारते हुए हंसकर बोली- हॉस्टल में रहकर पूरी तरह बिगड़ गये हो।
सोनू हंसते हुए बोला- वैसे दीदी, बिगाड़ने की शुरुआत तो तुमने ही की थी।

इस पर हम तीनों हंस दिये।

ससुर जी मुस्कुराते हुए धीरे से बोले- वैसे अगर बोलूं कि सब कुछ शेयर करती है तो?
सोनू हंसते हुए बोला- इससे अच्छी क्या बात हो सकती है, फिर तो समझ लीजिए आप बहुत लकी हैं।

ससुर जी बोले- वो कैसे?
सोनू मेरी तरफ देखते हुए आहें भरने का नाटक करते हुए हंसकर बोला- मैं तो बहुत चाहता था कि दीदी मुझे भी सब कुछ शेयर करे लेकिन मैं उतना लकी नहीं था।

मैं बिना कुछ बोले हंसने लगी।

इस पर ससुर जी को मौका मिल गया वो बोले- अरे तो क्या हुआ अभी भी मौका है।
फिर वे मेरी तरफ देखकर बोले- क्यों तरसा रही हो बेचारे को? जो चाहता है कर दो ना!

मैं हंसती हुई बोली- अरे पापा, आप नहीं समझ रहे … ये बहुत कुछ चाहता है।
सोनू आंख मारते हुए हंसकर बोला- अरे उन्हें मत बताओ, पापा जी भी अपनी दीदी से यही चाहते थे, इसलिए वो सब समझ रहे हैं।

ससुर जी इस पर हंस पड़े और बोले- हाँ कह तो सही रहा है। इसीलिए मैं नहीं चाहता कि जिस चीज के लिए मैं तरसा हूँ, उसके लिए सोनू भी तरसे।
मैं हंसती हुई बोली- अच्छा पापा, आप पाला बदल कर सोनू की तरफ हो गये हैं।

सोनू बोला- इसीलिए तो मैंने पहले ही बोल दिया कि मेरे और पापा के बीच बहुत जमेगी।
मैं हंसकर- हां हां … क्यों नहीं दोनों एक जैसे ही तो हो।

ससुर जी मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखकर बोले- कुछ भी कह लो, मेरी तो सोनू के साथ पूरी हमदर्दी है। वैसे भी वो तुमसे छोटा है तो उसकी हर ज़रूरत का ख्याल तो तुम्हें रखना होगा ना!

सोनू मुस्कुराते हुए मुझसे बोला- देखा, अब तो पापा जी ने भी बोल दिया। अब पूरी करो मेरी हर ज़रूरत! और मेरी ज़रूरत क्या है ये तुम जानती हो।

मैं हंसकर बोली- क्या पापा जी … आपको बताया तो है कि इनकी ज़रूरत वही है, शादी के बाद वाला प्यार!
ससुर जी मुस्कुराते हुए बोले- तो क्या हुआ छोटा भाई है, जो ज़रूरत होगी तो बड़ी बहन होने के नाते तुम्हें तो पूरा करना होगा ना!

सोनू मुस्कुराते हुए बोला- अच्छा वो सब छोड़ा, ज्यादा कुछ मत करो, बस वही सब मेरे साथ भी शेयर करो जो तुमने पापा जी के साथ शेयर किया है। क्यों पापा जी, ठीक कह रहा हूँ कि नहीं।

इस पर हम तीनों हंस दिये।
ससुर जी हंसकर बोले- हां सोनू की ये बात तो ठीक है।

सोनू मेरे गले में हाथ डालकर अपने से चिपका लिया और फिर ससुर जी से मुस्कुराते हुए बोला- वैसे पापा जी, दीदी ने क्या-क्या शेयर किया है आपके साथ? मुझे पता रहे ना ताकि कोई बेईमानी ना करे ये मेरे साथ!

ससुर जी मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखकर बोले- भाई, मेरे साथ तो सब कुछ शेयर किया है तुम्हारी दीदी ने!
फिर सोनू मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखकर बोला- तो चलो फिर शुरू करो।

हम लोगों की इतनी देर की दोअर्थी और कामुक बातचीत से माहौल पहले ही कामुक हो गया था अब हम तीनों पर हल्का-हल्का वासना का बुखार भी चढ़ने लगा था।

मैं मुस्कुराते हुए धीरे से बोली- क्या शुरू करूं? बताओ?

सोनू बोला- पापा जी बताएंगे जो-जो वो अपनी दीदी के साथ करना चाहते थे, वही-वही मैं भी करता हूँ।

अभी ससुर जी कुछ बोलते उससे पहले ही मैंने मुस्कुराते हुए कहा- उन्हें दूध पीना बहुत पसंद है. अपनी दीदी का भी दूध ही पीना चाहते थे।
सोनू बोला- क्यों पापा जी, सही है?

ससुर जी सोफे पर पीठ टिका कर आराम से बैठते हुए धीरे से बोले- हाँ सही कह रही है। मेरा बहुत मन करता था रश्मि दीदी का दूध पीने का!

उनकी हल्की सी कंपकंपाती आवाज में कामुकता साफ पता चल रही थी।

वहीं सोनू भी इतने महीनों बाद अपनी बहन के नंगे जिस्म को देखने और उसका रसपान करने को आतुर था।
उसकी आंखों में वासना साफ दिख रही थी।

इधर मेरा बदन भी अपने भाई और ससुर दोनों से एक साथ जवानी का खेल खेलने की चाहत में गरम हो चुका था।

Xxx चैट करके मेरा चेहरा और आंखें वासना में लाल हो चुके थे।
चूत की दोनों फांकें फड़क रही थी।

सोनू मेरे बगल ही बैठा था फिर मेरी तरफ घूम कर धीरे बोला- दूध पिलाओ दीदी!

मैंने बिना कुछ बोले मुस्कुराते हुए अपनी टीशर्ट की चेन खोल दिया।
चेन खुलते ही मेरी दोनों चूचियां छलक कर बाहर आ गयीं।

सोनू महीनों बाद अपनी बहन की चूचियों को देख रहा था इसलिए वो कुछ सेकेण्ड तक एकटक उन्हें देखता रहा।

मैं सोनू के सिर को अपने हाथ से पकड़ कर उसके मुंह को अपनी चूची से सटाती हुई धीरे से बोली- अब देख क्या रहे हो पीयो ना बहन का दूध!
तभी ससुर जी कंपकंपाती आवाज में बोले- हाँ बेटा … पीयो अपनी दीदी का दूध!

सोनू बारी-बारी से मेरी दोनों चूचियों को मुंह में लेकर चूसने लगा।
मैं एक हाथ से अपनी टीशर्ट को पूरा खोलकर पकड़े हुए दूसरे हाथ को सोनू सिर को पकड़े चूचियां चुसवा रही थी।

अचानक मेरी निगाह ससुर जी की तरफ गयी तो उन्हें देखते ही मेरे बदन में झुरझुरी दौड़ गयी।
ससुर जी ने अपनी लुंगी पूरा खोलकर सोफे पर किनारे रख दी और अपने तने हुए लण्ड को हाथ से पकड़कर हल्का-हल्का हिलाते हुए हम दोनों भाई-बहन के वासना का खेल देख रहे थे।

मैं ससुर जी आंखों में देखते हुए मजे से सोनू से चूचियां चुसवाने लगी।
चूचियां चूसते हुए सोनू ने अपना ने अपने एक हाथ को मेरी स्कर्ट के अंदर डाल दिया और फिर धीरे-धीरे मेरी चूत सहलाते हुए चूचियां चूसने लगा।

दोनों चूचियों को कुछ देर तक चूसने के बाद चूसना छोड़ कर सोनू सीधा बैठ गया।
तब जाकर उसकी नज़र ससुर जी पर पड़ी।

उन्हें लुंगी निकाले हुए और लण्ड हिलाते देख सोनू ने भी बैठे-बैठे अपनी लोअर को कमर से खिसका कर घुटनों तक कर दिया और फिर उसे पूरा पैर से निकाल कर बाहर कर दिया।
सोनू ने अण्डरवियर नहीं पहनी थी जिससे अब वो भी नीचे से पूरा नंगा था और उसका लण्ड भी खड़ा था।

सोनू मेरी तरफ देखकर बोला- दीदी, तुम भी उतारो!
जिसके बाद मैंने भी बिना कुछ बोले अपनी टी-शर्ट पकड़ी और उसे सिर से निकाल कर बाहर कर दिया।

चूंकि मैंने ब्रा नहीं पहनी थी जिससे मेरी दोनों चूचियां एकदम नंगी थीं।

ससुर जी बोले- स्कर्ट भी उतारो बेटा, देखो हम दोनों ने भी तो उतार दिया है।

तब मैंने कहा- इस तरह तो सिर्फ मैं ही नंगी रहूंगी ना आप दोनों ने तो ऊपर पहना हुआ है।
सोनू बोला- ठीक है हम भी पूरे कपड़े उतार देते हैं।

फिर सोनू ने टीशर्ट उतार दी, अब वो पूरा नंगा था।
सोनू को देखकर ससुर जी ने भी अपनी बनियान उतार दी।

अब सोनू और ससुर जी दोनों पूरी तरह नंगे थे।

सोनू बोला- अब तुम भी उतारो दीदी।

फिर मैंने भी स्कर्ट का हुक खोला और बैठे-बैठे ही गांड को हल्का सा सोफे से उठायी और स्कर्ट को पकड़कर पूरा पैरों से नीचे निकाल कर बाहर कर दिया।

अब कमरे में हम दोनों भाई-बहन और ससुर जी तीनों पूरा नंगे थे।

सोनू एक बार फिर लंड हिलाते हुए झुककर मेरी चूचियों को चूसने लगा।
कुछ ही देर चूचियों को चूसने के बाद सोनू सोफे से उठा और मेरे सामने आकर नीचे घुटनों के बल बैठ गया।
मैं समझ गयी कि अब उसे मेरी चूत चाटनी है।

सोनू मेरे पैरों को उठाकर सोफे पर रखने लगा जिस पर मैं खुद ही अपने दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर सोफे पर कर लिया और अपनी जांघें फैलाकर उसे चूत चाटने की पूरी जगह दे दी।

उसके बाद सोनू अपने मुंह को मेरी दोनों जांघों के बीच लाकर मेरी चूत पर पहले एक किस किया फिर जीभ निकाल कर मेरी चूत पर हल्का-हल्का फेरने लगा।

उत्तेजना में मेरी आंखें बंद हो गयी थीं।
मैं सोनू के बालों में उंगलियां फिराने लगी, मेरे मुंह से हल्की-हल्की सिसकारियां निकलने लगीं।

कुछ देर इसी तरह जीभ को चूत पर फेरने के बाद उसने उंगलियों से चूत के दोनों फांको को पूरा फैला दिया और पूरी जीभ मेरी चूत में डालकर हिलाने लगा।
मेरे मुंह से तेज सिसकारी निकली।

मैंने एक निगाह ससुर जी की तरफ डाली तो देखा कि वो सामने बैठे लण्ड हिलाते हुए हम दोनों को देख रहे थे।

जैसे ही हम दोनों की नज़रें मिलीं, मैं मुस्कुरा दी और फिर आंखें बंद चूत चटवाने लगी।

कुछ सेकेण्ड बाद अचानक से मुझे लगा जैसे कि कोई मेरे बगल सोफे पर बैठा हो।
मैंने आंखें खोलकर देखा तो ससुर जी सामने से उठकर सोफे पर मेरे बगल आकर बैठ गये थे और फिर बगल में बैठे-बैठे ही मेरी झुककर मेरी चूचियों को चूसने लगे।

मैं भी एक हाथ सोनू के सिर पर रखकर उससे चूत चटवा रही थी और दूसरा हाथ ससुर जी के सिर रखकर उनसे चूचियां चुसवाने लगी।

करीब दो मिनट तक चूत चाटने के बाद सोनू खड़ा हुआ और मेरी दूसरी तरफ सोफे पर चढ़कर ठीक मेरे बगल आकर खड़ा हो गया जिससे उसका लण्ड ठीक मेरे मुंह के सामने आ गया था।

मैं एक हाथ को ससुर जी के सिर पर रखे हुए चूचियां चुसवाते हुए दूसरे हाथ से सोनू का लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी।

तभी सोनू धीरे से बोला- चूसो दीदी।
ये कहकर सोनू ने अपनी कमर को थोड़ा आगे कर दिया जिसके बाद मैंने भी उसके लण्ड की चमड़ी को पूरा पीछे खींचा और सुपाड़े को मुंह में लेकर चूसने लगी।

तभी कुछ सेकेण्ड बाद ही ससुर जी सोफे से उठकर मेरे सामने आ गये और नीचे घुटनों के बल बैठकर अपना मुंह मेरी जांघों के बीच लाकर मेरी चूत चाटने लगे। इधर सोनू अभी भी सोफे पर खड़े-खड़े अपना लण्ड चुसवा रहा था।

अब मैं ससुर जी से चूत चटवाते हुए भाई का लण्ड भी चूस रही थी।
सोनू एक हाथ से मेरे सिर को पकड़ कर हल्का-हल्का अपनी कमर हिलाते हुए लण्ड चुसवा रहा थे, वहीं ससुर जी मेरी जांघों को पूरा अगल-बगल फैला कर चूत चाट रहे थे।

करीब दो मिनट बाद ससुर जी भी चूत चाटना छोड़ कर उठे और फिर वो भी फिर मेरी दूसरी तरफ आकर सोफे पर खड़ा हो गये और अपना लण्ड हाथ से पकड़ मेरे मुंह के सामने हिलाने लगे।

मैं समझ गयी कि वो भी अपना लण्ड चुसवाना चाह रहे हैं।

मैंने सोनू के लण्ड को मुंह से निकाला और फिर दूसरे हाथ से ससुर जी के लण्ड पकड़ा और मुंह में लेकर चूसने लगी।
वहीं साथ ही एक हाथ से सोनू के लण्ड को पकड़े हुए हिला भी रही थी।

करीब तीन मिनट तक भाई और ससुर जी का लण्ड बारी-बारी से चूसने के बाद ससुर जी सोफे से उतरकर मेरे सामने आ गये और नीचे घुटनों के बल बैठकर अपना मुंह मेरी जांघों के बीच लाकर मेरी चूत चाटने लगे।

इधर सोनू अभी भी सोफे पर खड़े-खड़े अपना लण्ड चुसवा रहा था।
दो मिनट तक लण्ड चुसवाने के बाद अचानक सोनू ने अपनी कमर की स्पीड बढ़ा दी और मेरे सिर को पकड़ कर तेजी से अपने लण्ड को मेरे मुंह में आगे पीछे करने लगा।

उसके मुंह से हल्की-हल्की सिसकारियां निकलने लगी थीं।
मैं समझ गयी कि सोनू झड़ने वाला है।
इसलिए मैं भी तेजी से उसके लण्ड की चमड़ी को आगे-पीछे करते हुए लण्ड चूसने लगी।

तभी सोनू ने मेरे सिर को जोर से पकड़ कर लण्ड पर दबा दिया और उसके मुंह से ‘आह हहहह हह … दीदीईई ईईई ईईईई ईई’ की तेज सिसकारी निकली।
फिर उसके लण्ड से तेज धार के साथ वीर्य निकलने लगा जिसे मैं बिना लण्ड को मुंह से निकाले गटकने लगी।

कमर को 4-5 तेज झटके देते हुए सोनू ने अपने लण्ड का पूरा रस मेरे मुंह में निकाल दिया।
मुझे भी महीनों बाद भाई के लण्ड का पानी पीने को मिला था इसलिए मैं भी बिना एक बूंद बाहर निकाले लण्ड का पूरा पानी पी गयी।

लण्ड का पानी निकलने के बाद भी सोनू कुछ देर तक अपना लण्ड मेरे मुंह में डाले खड़े-खड़े अपनी सांस पर काबू पाने की कोशिश कर रहा था।

मैं भी बिना कुछ बोले उसके ढीले लण्ड को मुंह में लिए चूस रही थी.

उधर ससुर जी बगल में खड़े होकर अपने लण्ड को हाथ में पकड़े हमें और सोनू को देख रहे थे।

जब सोनू ने लण्ड का पूरा पानी मेरे मुंह में निकाल दिया तो ससुर जी चूत से मुंह हटाते हुए मुस्कुराकर सोनू की तरफ देखते हुए बोले- कैसा लगा बेटा? बहुत मस्त लण्ड चूसती है तुम्हारी बहन!

इसके बाद सोनू धीरे से लण्ड को मेरे मुंह से बाहर निकालते हुए मुस्कुराकर बोला- हां पापा जी। मजा गया। आप बहुत लकी हैं कि ये मजा आपको रोज़ मिलता है।

इसके बाद सोनू धप से मेरे बगल ही सोफे पर बैठ गया।
उसके लण्ड का तनाव खत्म हो चुका था और सिकुड़ा हुआ था।

उसके बाद क्या हुआ?
Xxx चैट कहानी के अगले भाग में!
आप कहानी पर अपने विचार मुझे मेल और कमेंट्स में बतायें.
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Xxx चैट कहानी का अगला भाग: ससुराल में चुदाई की कामुक दास्ताँ- 11

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