शादी वाले दिन के मेरे कारनामे- 2

(Xxx Bride Oral Sex Kahani)

Xxx ब्राइड ओरल सेक्स कहानी में मेरा भाई मुझे चोदना चाहता था. मुझे भी सेक्स की तलब लगी थी. भाई मेरे लहंगे में घुस कर मेरी चूत चाटने लगा.

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कहानी के पिछले भाग
मंगेतर के साथ सेक्स की बातें
में आपने पढ़ा कि मेरा रिश्ता पापा के दोस्त के बेटे से तय हो गया. उसके साथ वीडियो सेक्स करके मैंने अपनी सुहागरात का डर खत्म कर लिया.
शादी वाले दिन मेरे भाई ने मुझे दुल्हन के रूप में चोदना चाहता था.

अब आगे Xxx ब्राइड ओरल सेक्स:

खैर … इन सब बातचीत के बीच हम होटल पहुँच गये।

फिर गेस्ट और रिश्तेदारों की नजरों से बचते हुए पीछे की लिफ्ट से अपने रूम में पहुंच गये।

कमरे में सिर्फ मैं थी और शादी का सारा सामान था।
इस वजह से उस कमरे में ज्यादा कोई नहीं आ रहा था और कमरा अंदर से लॉक रखती थी।
बस काम पड़ने पर कभी मम्मी या कोई आ जाता था।

कमरे में मेरे साथ सिर्फ ज्योति रुकी हुई थी।

चूंकि शाम हो चुकी थी तो ज्यादातर रिश्तेदार और गेस्ट नीचे नाश्ता-पानी और एंजॉय करने में लगे थे।

कमरे में पहुँचे तो वहाँ मम्मी अकेले बैठी थीं।
हमारे पहुँचते ही मम्मी बोलीं- चलो आ गये तुम लोग तो अब यहाँ रहो, मैं नीचे जा रही मेहमानों के पास!

हम तो वैसे भी यही चाह रहे थे।

मम्मी के जाते ही हमने रूम का दरवाजा अंदर से लॉक कर दिया।
कमरे में बस मैं, सोनू और ज्योति थे।

मम्मी के जाते ही सोनू बोला- तो क्या इरादा है दीदी?

सच कहूँ तो कार में सोनू के चूत सहलाने से मेरी चूत में खुजली मचने लगी थी।
फिर भी मैंने थोड़ा नखरा दिखाती हुई कहा- कैसा इरादा … मुझे कुछ नहीं करना … जा चुपचाप यहां से!

सोनू बोला- प्लीज दीदी मान जाओ न … एक बार कर लेने दो।
मैंने कहा- पागल है क्या? कोई कोई आ गया तो?

तब ज्योति बोली- कोई नहीं आएगा। कोई आएगा भी तो मैं संभाल लूंगी। बस तुम दोनों को जो करना है जल्दी करो!

फिर ज्योति ने सोनू से कहा- कोई आएगा तो बस तुम तुरंत वॉशरूम में चले जाना।
मैंने कहा- ठीक है … लेकिन प्लीज जो करना है ऊपर-ऊपर कर लो। नहीं तो लहंगे में लग सकता है।
सोनू बोला- ठीक है।

मैं बेड पर बैठी थी, सोनू से बोली- क्या करना है पहले जल्दी बोल?
सोनू बोला- तुम बेड पर लेट जाओ।

मैंने कहा- लेट नहीं सकती लहंगे और ब्लाउज में सलवटें आ जाएंगी।
इस पर ज्योति बोली- गरिमा सही कह रही है। लेटने से कपड़े बिगड़ जाएंगे उसके! जो करना है खड़े होकर कर लो … इससे कपड़े भी नहीं बिगड़ेंगे और काम भी हो जाएगा।

मैंने आँख मारती हुई कहा- वाह … तुझे तो बड़ा एक्सपीरियंस है। पॉर्न मूवी की डायरेक्टर रही है क्या?
ज्योति हंसती हुई बोली- मूवी बनायी भले न हो … लेकिन देखी तो बहुत हैं।

सोनू ने बेड के बगल रखे स्टडी टेबल की ओर इशारा करते हुए बोला- कोई बात नहीं दीदी … तुम यहाँ आकर खड़ी हो जाओ।

मैं बेड से उठकर बेड के बगल रखे एक स्टडी टेबल का टेक लेकर खड़ी हो गयी।
सोनू ठीक मेरे सामने आकर खड़ा हो गया और फिर उसने झुककर नीचे से पकड़कर लहंगा कमर तक पूरा ऊपर ऊठा दिया।

लहंगा काफी हैवी था तो उसने मुझे लहंगे को पकड़ाते हुए बोला- दीदी इसे पकड़ी रहो।

मैंने पैंटी कार में उतार दी थी तो मेरी नंगी चूत सोनू के सामने थी।
मेरी चूत देखते ही सोनू बोला- वाह … एकदम पाव रोटी की तरह मस्त फूली हुई चूत है। जीजा जी की किस्मत बड़ी अच्छी है जो तुझसे शादी हो रही है उनकी! काश तेरी जैसी बीवी मुझे भी मिल जाती!
मैं हंसती हुई बोली- उनसे अच्छी तो तेरी किस्मत है तू तो छोटे पर से ही मजे ले रहा है इसके!

इस पर ज्योति हंसती हुई सोनू से बोली- वैसे भी उसके जैसी बीवी पाकर तू करेगा तो वही न जो अभी कर रहा है। और जब बहन ही बीवी के मजे दे रही हो तो पति बनकर क्या करेगा।
हम तीनों हँस दिये।

फिर सोनू मेरे सामने करीब-करीब सट कर खड़ा हो गया और अपनी टी-शर्ट मोड़ कर पेट पर कर लिया और लोअर और अण्डरवियर को एक झटके में खींच कर घुटनों तक कर दिया जिससे उसका लण्ड ठीक मेरी चूत के सामने था। उसका लण्ड एक तना हुआ था।

मैंने कहा- भाई प्लीज … अन्दर नहीं, ऊपर-ऊपर कर ले ना!
सोनू बोला- अरे अन्दर नहीं डालूंगा दीदी … बस एक बार इस चिकनी चूत से लण्ड को रगड़ लेने दो।

फिर वह खिसक कर एकदम मेरे पास आ गया और एक हाथ से अपने लण्ड को पकड़ कर उसकी स्किन को पूरा पीछे कर दिया और सुपारे को मेरी चूत से रगड़ने लगा।
मैं भी हल्के – हल्के अपनी कमर को हिलाती हुई लण्ड और चूत की रगड़ायी में उसका साथ देने लगी।

करीब एक मिनट तक इसी तरह खड़े-खड़े लण्ड को मेरी चूत से रगड़ने के बाद सोनू मेरे सामने घुटनों के बल बैठ गया।
मेरी नंगी गीली चूत एकदम सोनू के मुँह के सामने थी।

मैं टेबल का टेक लेकर थोड़ा पीछे झुक गयी और कमर को आगे कर अपनी जांघों को फैला दिया और सोनू को चूत चाटने की पूरी जगह दे दी।

सोनू ने हाथों से मेरी दोनों जांघों को थोड़ा और फैलाया और मेरी चूत के पास अपना मुंह लाकर चूत को सूँघते हुए बोला- मस्त खुशबू आ रही है दीदी! कहीं ऐसा न हो कि तुम्हारी चूत सूंघते ही जीजा जी के लण्ड से पानी निकल जाए!

इस पर मैं, ज्योति दोनों हंस दी।

मैंने कहा- अभी कोई आ जाएगा तो खुश्बू ही लेते रह जाओगे। जल्दी काम करो अपना!

इसके बाद सोनू ने पहले मेरी चूत को चूमा फिर उंगलियों से चूत के दोनों फाँकों को फैलाकर जीभ से चाटने लगा।

सोनू जीभ निकाल कर लगातार चूत चाटे जा रहा था बीच-बीच में अपनी जीभ चूत के अंदर भी डाल दे रहा था।

मैं हाथ में लहंगे को उठाये हल्का-हल्का कमर हिलाती हुई चूत चटवा रही थी।
चूत चाटते हुए सोनू अपने हाथों से मेरी जांघों को भी सहलाता जा रहा था।

अपनी शादी के दिन दुल्हन के जोड़े में अपने ही भाई से इस तरह अपनी चूत चटवाते हुए मेरे अंदर भी बेहद एक्साइटमेंट होने लगी थी।

उधर ज्योति बेड पर बैठ हम दोनों भाई-बहन के सेक्स के खेल को देख रही थी।
हालाँकि यह कोई पहली बार नहीं था … लेकिन आज का माहौल थोड़ा अलग था।

मैंने देखा कि ज्योति का चेहरा भी उत्तेजना में लाल हो रहा था।

अपनी कमर को हल्का-हल्का आगे-पीछे कर हिलाती हुई चूत चटवा रही थी साथ ही मेरे मुंह से हल्की-हल्की सिसकारी भी निकल रही थी- आआ आआहहह … आहह!
उधर सोनू तेजी से जीभ निकाल-निकाल कर आइसक्रीम की तरह चूत चाटने लगा था।

कुछ देर बाद सोनू ने मेरे एक पैर को उठाकर अपने कंधे पर रख लिया जिससे अब उसका मुंह आराम से मेरी दोनों जांघों के बीच फिट हो गया और वह आराम से मेरी गांड दबाते और जांघों को सहलाते हुए चूत चाटने लगा।

सोनू इतने मजे से चूत चाट रहा था कि मेरे मुंह से सिसकारियां निकल रही थीं।

वह जीभ से चूत के दाने को भी बीच-बीच में छेड़ने लगता था और फिर पूरी जीभ चूत में घुसेड़ कर हिलाने लगता था।
मैं सातवें आसमान पर थी।

बीच-बीच में सोनू अपने मुंह को ऐसे मेरी चूत पर धक्का देता था जैसे बछड़ा दूध के लिए गाय के थन पर मुंह मारता है।

मैं सोनू के सिर को पकड़े हुए थी और मेरे मुंह से तेज सिसकारियां निकल रहीं थीं- आहह हहह हह … सोनूऊ ऊऊऊ … और तेज चाटो भाई ईईई … ओओ ओओ ओह हहहह!

उधर सोनू जीभ निकालकर लपर-लपर करते हुए तेजी से चूत चाट रहा था।
सोनू को चूत चाटते हुए करीब 5-6 मिनट ही हुए होंगे कि अचानक मैंने अपनी कमर को हिलाने की स्पीड बढ़ाती हुई चूत चटवाने लगी।

मेरा चेहरा और शरीर एकदम गर्म हो गया था।
मेरे मुँह से तेज सिसकारी निकलने लगी।

मैं तेजी से कमर को हिलाती हुई बड़बड़ाने लगी- आआ आआआ आह हहह … सोनू उउ उउउउ … आआ आहह!
सोनू समझ गया कि मैं झड़ने वाली हूँ।

वह अपने हाथों को पीछे ले जाकर नंगी गांड को सहलाते और दबाते हुए और तेजी से चूत चाटने लगा।
मैंने अपने होठों को दांतों के बीच भींच लिया था, मेरे हाथ इतने कांपने लगे कि लहंगा मेरे हाथ से छूट गया और सोनू एकदम लहंगे के नीचे छुप गया।

तब मैंने अपने एक हाथ को टेबल पर रख दिया और दूसरे हाथ से लहंगे के ऊपर से ही सोनू के सिर को पकड़ कर तेजी से कमर हिलाती हुई चूत चटवाने लगी।

और अचानक ‘आआ आआआ आहहह हह हहह …’ की तेज सिसकारी मेरे मुँह से निकली और मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया।
मैं तेजी से हाँफ रही थी।

मैंने सोनू के सिर को चूत से दबाए हुए ही अपनी जांघो को सिकोड़ लिया था.
सोनू का मुँह मेरी दोनों जाघों के बीच दब गया था।

करीब 25-30 सेकेण्ड के बाद मैं थोड़ा नॉर्मल हुई तो सोनू के सिर से हाथ हटाया।
जिसके बाद सोनू लहंगे को धीरे से ऊपर उठाते हुए अपने चेहरे को चूत से हटाकर लहंगे से बाहर किया।

मैंने देखा कि उसकी नाक और मुंह पर मेरी चूत का पानी लगा हुआ था।

सोनू ने बैठे-बैठ ही रूमाल निकाल कर पहले मेरी चूत को अच्छे से साफ किया और फिर अपना मुंह पोछते हुए खड़ा हो गया और बोला- अब तुम्हारी बारी है दीदी!
मेरी चूत का पानी अभी तुरंत निकला था तो मेरा अभी कुछ वैसे भी करने का मन नहीं था।

मैं टेबल के पास से हटकर ज्योति के बगल बेड पर आकर बैठते हुए कहा- भाई, प्लीज ज्योति से करवा ले!
और फिर ज्योति की तरफ देखती हुई बोली- ज्योति प्लीज, तू कर दे ना यार!

ज्योति कमेंट कर मुस्कुराती हुई बोली- अच्छा मतलब असली मजा तुम ले लो और जब मजा देने की बारी आयी तो मुझे बोल रही हो?
मैं हंसती हुई बोली- वैसे मजा तो तुम भी ले रही थी लाइव टेलीकास्ट देखती हुई!

सोनू का लोअर पहले से ही नीचे था और अपने लण्ड को हाथ से पकड़कर ठीक मेरे सामने आ गया और बोला- दीदी, उनकी चिंता छोड़ दो. वह तो मैं रात में मौका मिलते ही उन्हें भी मजा दे दूँगा। मेरा काम जल्दी से कर दो, मुझे नीचे कई काम करने हैं और तैयार भी होना है अभी!

इस पर मैं और ज्योति हंस दी।

ज्योति बोली- मुझे भी अभी तैयार होना है इसलिए जो करना है जल्दी कर लो।

दरअसल ज्योति ने भी अभी तक कपड़े नहीं बदले थे।
हालांकि ज्योति की इस बात पर सोनू ने बताया- अरे बारात दस-साढ़े दस से पहने नहीं आएगी। इसलिए तैयार होने के लिए बहुत समय मिलेगा।

मैंने कहा- ठीक है … लेकिन थोड़ी देर … बाकी का काम ज्योति कर देगी।
सोनू बोला- ठीक है लेकिन जल्दी करो।

ये कहकर सोनू अपने लण्ड को ठीक मेरे मुंह के सामने करके खड़ा हो गया।

मैंने हाथ से लण्ड की चमड़ी को पीछे खींचा और सुपारे को मुँह में लेकर चूसने लगी।
करीब डेढ़ दो मिनट तक चूसने के बाद मैंने लण्ड को मुँह से निकाला और ज्योति की तरफ देखती हुई बोली- अब तू कर!

जिसके बाद सोनू खिसककर ज्योति के सामने चला गया।
ज्योति लण्ड को देखकर मुस्कुराती हुई मुझसे बोली- अपनी निशानी अपने भाई के लण्ड पर छोड़ दिया है तूने!
दरअसल मेरे होठों की लिपस्टिक सोनू के लण्ड पर गोल-गोल लगे हुए थे।

मैं मुस्कुराने लगी।

फिर ज्योति, मेरे थूक से सने लण्ड के चिकने सुपारे को मुँह में लेकर चूसने लगी।

सोनू भी ज्योति के सिर को अपने हाथ से पकड़ धीरे-धीरे अपनी कमर हिलाते हुए लण्ड चुसवा रहा था।

अभी लण्ड चूसते हुए करीब 2-3 मिनट ही बीते होंगे कि सोनू के मुँह से हल्की-हल्की सिसकारी निकलने लगी और वह थोड़ा तेजी से अपनी कमर को हिलाने लगा।
शायद सोनू के लण्ड का पानी निकलने वाला था।

तभी अचानक ज्योति ने लण्ड को मुँह से निकाल दिया और मुझसे बोली- ले भाई, तूने शुरू किया था और अब तू ही खत्म कर!

ज्योति चाहती थी कि सोनू मेरे मुँह में ही झड़े!
सोनू भी यही चाहता था.
शायद तभी उसने तुरंत कहा- हाँ दीदी, प्लीज कम से कम आज तो तुम्हारे मुँह में ही लण्ड का पानी निकालना चाहता हूँ।
यह कहते हुए सोनू मेरे सामने आ गया।

मैं बिना कुछ बोले मुस्कुराती हुई उसके लण्ड को मुँह में लेकर चूसने लगी।

सोनू ने अपने हाथ को मेरे बालों पर फेरते हुए कमर हिलाते हुए लण्ड चुसवाने लगा।

अभी एक मिनट ही बीते होंगे कि तभी सोनू तेजी से अपनी कमर को हिलाते हुए सिसकारी लेने लगा- आआ आआ आआह हहह … दीदी ईईई … आह हहह!
और अचानक एक तेज धार उसके लण्ड से निकली जो सीधा मेरे गले में उतरती चली गयी।

फिर सोनू कमर को दो-तीन झटके देते हुए अपने लण्ड का पूरा पानी मेरे मुँह में निकाल दिया।
सोनू तेजी से हाँफ रहा था.

उधर मेरा मुँह सोने के वीर्य गाढ़े-गाढ़े वीर्य से भर गया जिसे मैं एक झटके के साथ गटक गयी।
करीब 15-20 सेकेण्ड तक लण्ड को मुँह में लिए ही रही।

फिर जब मैंने लण्ड के पानी को अच्छी तरह पी लिया तो लण्ड को मुँह से निकाला।
ज्योति ने तुरंत मुझे पर्स से निकाल कर टीश्यू पेपर दिया जिससे मैंने अपने होंठों को पौंछा।

उधर सोनू ने भी टिश्यू पेपर से लण्ड के को अच्छी तरह साफ कर अपने लोअर को ऊपर कर लिया।

महज 15 मिनट के अंदर ही सारा खेल हो गया।

उसके बाद सोनू कमरे से चला गया और हमने दोबारा दरवाजा अंदर से लॉक कर लिया।

अगले भाग की प्रतीक्षा करें और Xxx ब्राइड ओरल सेक्स कहानी पर आप अपने विचार मुझे भेजें.

Xxx ब्राइड ओरल सेक्स कहानी का अगला भाग: शादी वाले दिन के मेरे कारनामे- 3

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