मामा की मॉडर्न बेटी को कराई लंड की सवारी- 2
(Wild Sex With Crazy Sister)
वाइल्ड सेक्स विद क्रेजी सिस्टर का मजा मुझे दिया मेरे मामा की बेटी ने. वह तो मेरा लंड लेने के लिए जैसे पागल हुई पड़ी थी. मैंने भी उसकी चूत और गांड को एक ही दिन में फाड़ दिया.
कहानी के पहले भाग
मामा की मॉडर्न बेटी की अन्तर्वासना
में आपने पढ़ा कि मेरे मामा की बेटी दिल्ली रह कर आई तो वह दिल्ली के रंग में रंग गयी थी. वह वहां से काफी तन उघाड़ू कपड़े खरीद कर लाई थी. मेरे लिए भी वह शोर्ट टीशर्ट लाई थी.
कपड़े पहन के देखने के चक्कर में उसने मेरा नंगा बदन देख लिया तो मैंने भी उसे अपने सामने अधनंगी कर लिया था.
हमने चूमाचाटी भी कर ली थी जो किसी के आने के कारण रोकनी पड़ी थी.
अगले दिन शौपिंग के बहाने मैं उसे बाहर ले जाने वाला था.
मैं मामा के घर आ गया और उसे बाथरूम में नंगी देखा.
अब आगे वाइल्ड सेक्स विद क्रेजी सिस्टर:
वह अब सर पर टॉवल लपेटकर बाहर आ रही थी.
मैं उसे बाथरूम से बाहर आती देख बेड के पीछे छिप गया.
सोनल बाहर आकर खुद को जिस्म को आईने में ताड़ रही थी और बात बात अपने दूधों को एक दूसरे से जोड़कर खुद के फिगर पर इतरा रही थी.
मुझसे रहा नहीं गया और मैंने पीछे से जाकर उसे नंगी ही अपने आगोश में ले लिया और उसके मुंह पर अपना एक हाथ रख दिया.
अचानक हुए हमले से वह एकदम से घबरा गई, उसकी चीख मेरे हाथ के कारण उसके अंदर ही दब गई.
उसने जब मुझे देखा तो थोड़ा शांत हुई.
और मैंने अपना एक हाथ उसके बूब्स पर और दूसरा उसके मुंह से हटाकर उसकी चूत पर फिराना शुरू कर दिया.
वह मेरे स्पर्श का मजा लेने लगी.
अचानक से वह घूमकर सीधी हुई और अपने होंठ में होंठ से लगा दिए.
मेरे दोनों हाथ अब इसके दोनों गोल नितंबों पर थे, जिन्हें मैं वासनावश जोर जोर से दबा रहा था.
मेरे दबाने से सोनल पर कामवासना का भूत छाने लगा और वह अब किस मेरे मुंह में अपनी जीभ डाल डाल कर करने लगी.
मैंने किस करते करते सोनल को नंगी ही अपनी गोद में उसके मस्त मांसल चूतड़ों को पकड़ के उठा लिया.
उसने अपने दोनों पैर मेरे कमर पर बांध लिए और किस चालू रहा.
अब मेरी गोद में सोनल पूरी तरह मेरे कब्जे में थी.
मैंने किस करते करते गोद में ही दो उंगली उसकी चूत में घुसा दी और दूसरे हाथ की एक उंगली उसकी मस्त गांड की छेद में!
मेरे ऐसा करने से सोनल और रोमांचित हो गई.
जिससे हम दोनों का बैलेंस बिगड़ा और मैंने उसे बेड पर पटक दिया.
तभी अचानक से मामी की आवाज आ गई- अरे कितनी देर में जाओगे तुम दोनों?
हम दोनों एक दूसरे से अनमने मूड से अलग हुए और मैंने खुद को ठीक किया और सोनल को जल्दी तैयार होकर नीचे आने को बोला.
मैं मामी के पास नीचे आया.
तो मामी बोली- सोनल क्या कर रही है ऊपर?
मैंने कहा- मामी, इन आजकल की लड़कियों का मेकअप खत्म ही नहीं होता. बस आ रही है नीचे!
मैंने मामी को बातों में उलझा दिया जिससे सोनल को तैयार होने का समय मिले.
15 मिनट बाद सोनल स्कर्ट टॉप पहनकर तैयार होकर नीचे आ गई थी.
अब दोस्तो, क्या बताऊं … सोनल पूरे मेकअप में, बाल स्ट्रेट, गहरी लिपिस्टिक लाल, नाभि तक टॉप वह भी टाइट, स्कर्ट माइक्रो जिसमें उसकी गोरी मांसल जांघें दिख रही थी.
साथ में लंबे बूट!
अब मैंने समय खराब न करते हुए मामी को बाय किया और शाम को मूवी देखकर और खाना बाहर खाने के कारण देर से आने का बोलते हुए सोनल और मैं मॉल के लिए चल दिए.
सोनल कार में आगे मेरे साथ बैठी थी.
मॉल हमारे शहर के बायपास पर है जिसका सफर 20 मिनट का था.
सोनल और मैं तो वासना की नंगी आग में जल रहे थे, मैंने अपना एक हाथ उसकी जांघों पर रखते हुए उसे उसके मन का गिफ्ट पूछा.
वह मेरे बालों को सहलाते हुए बोली- मॉल चलो, देखते हैं क्या पसंद आता है.
थोड़ी देर में हम दोनों मॉल में पहुंच गए.
सुबह के 12 बजे थे, मॉल एकदम खाली था.
इतने में एक लेडीज वेडिंग कलेक्शन की शॉप आई.
सोनल उस शॉप में चलने की बोली.
हम दोनों शॉप में गए, शॉप में एक सेल्सगर्ल से सोनल बात करने लगी.
मैं पूरा शोरूम देख रहा था जहां लड़कियों का एक से बढ़कर एक सेक्सी साड़ी, लहंगे, वेस्टर्न आउटफिट, मेकअप का सामान, सैंडल, पर्स, फैंसी अंडरगारमेंट्स आदि अनेक चीजों की महंगी रेंज थी.
यह बहुत महंगा शोरूम था लेडीज का!
तभी थोड़ी देर बाद मुझे सोनल ने आवाज दी और मुझे साठ हजार का बिल भरने को बोला.
मैं बिलिंग काउंटर पर गया और बिल भर दिया.
दो बैग समान के लेकर हम दोनों शोरूम के बाहर आए.
मैंने कहा- क्या है?
तो उसने बोला- आपके लिए सरप्राइस है.
मैं समझ गया कि आज आग पूरी तरह ठंडी होगी मेरे लंड की!
मैंने अब देर न करते हुए अपने फॉर्म हाउस के चौकीदार अशोक को फोन लगाया और रूम सही करने का बोलकर उसे बाकी बात समझा दिया.
अशोक मेरा खास नौकर था जो मेरे फॉर्महाउस की देखभाल करता था.
खैर सोनल को मैंने बोला- चलो अब चलते है यहां से!
सोनल एक मेंस शॉप में थी, बोली- आप चलो, मैं दस मिनट में आ रही हूं.
मैं गाड़ी निकालने चला गया
मैंने सोनल के दोनों बैग कार में डाले और मॉल के बाहर आ गया.
थोड़ी देर में सोनल भी गांड मटकाकर बाहर आ गई.
उसके हाथ में एक बैग था.
मैंने पूछा- ये क्या लिया?
सोनल बोली- साहिल, ये आपके लिए है!
गाड़ी में बैठकर सोनल और मैं फॉर्महाउस के लिए चल दिए.
मैंने रास्ते में मेडिकल शॉप पर रुककर कंडोम के पैकेट और बॉडी लुब्रिकेंट जेल की बड़ी बॉटल ली.
मुझे एनिमल रफ सेक्स पसंद है, आज मुझे अपनी मन की सभी फैंटेसी सोनल पर निकालनी थी.
इतने में सोनल ने मुझसे दो गोली पेनकिलर की भी लेने को कहा.
शायद सोनल भी पूरे शवाब पर थी.
मैंने मेडिकल वाले से सारा समान पैक करवाकर बिल की भुगतान किया और शहर से दूर अपने फॉर्महाउस पहुंच गया.
मेरे नौकर अशोक ने रूम साफ करके एसी ऑन कर रखा था और अच्छे से रूम फ्रेशनर छिड़क कर अपना पूरा काम कर दिया था.
अब मैंने अशोक को इशारा करके बाहर जाने को बोल दिया.
जैसे ही हम दोनों रूम में गए, मैं सोनल की ओर लपका.
सोनल बोली- सब्र करो, आपके लिए सरप्राइस है.
उसने अपने दोनों बैग लिए और बाथरूम में चेंज करने का बोलकर चली गई.
उसने मुझे जो बैग दिया था, उसे पहनने को बोला.
शायद आज सोनल पूरी तरह खुद भी सेक्स में डूबा जाना चाहती थी.
मैंने बैग खोला तो उसमें एक ब्लैक मेंस ट्रंक अंडर वेयर था जिसमें नेट फेब्रिक होने से बहुत सेक्सी लग रहा था.
और एक ब्लैक कलर लंबी बेल्ट थी.
मैंने देर न करते हुए अपने सारे कपड़े उतारे और सोनल का दिया गिफ्ट पहन लिया और बेल्ट को फोल्ड करके कलाइयों पर बांध लिया.
अब थोड़ी देर बाद बाथरूम का गेट खुला.
सोनल रेड कलर की ब्रा और पैंटी में थी, ऊपर से एक ब्लैक कलर का सेक्सी दुपट्टा अपनी कमर पर बांधा हुआ था.
मुझे अंडरवियर में देखकर सोनल के आंखों में वासना का लालपन छा गया था.
मेरे अंडरवियर में नेट होने के कारण मेरा फौलादी लन्ड साफ दिख रहा था.
मैंने देर न करते हुए खड़े होकर सोनल को दीवार से लगा दिया और उसे किस करने लगा.
सोनल हवस में इतनी बह चुकी थी कि अपनी पूरी जीभ मेरे मुंह में डालकर भरपूर तरीके से किस कर रही थी.
किस करते करते मैं उसके बूब्स पर आ गया और एक झटके में ब्रा को खींचकर फाड़ दिया और दोनों भरे हुए बूब्स को मर्दन करने लगा.
सोनल मेरे बालों को सहला रही थी.
मैं सोनल दोनों बूब्स को अपने दोनों हाथों से संतरे की तरह निचोड़ रहा था और बारी बारी से उसके गुलाबी निप्पल को अपने दांतों से भींच रहा था.
सोनल बेकाबू हो चुकी थी.
उसने देर न करते हुए मुझे अपने से दूर धकेला और मुझे दीवार पर धकेलते हुए खुद घुटने के बल बैठकर मेरे अंडरवियर को एक झटके में नीचे कर दिया जिससे मेरा फौलादी काला लंड उसके मुंह पर जाकर लगा.
और मेरी क्रेज़ी सिस्टर ने एक हाथ से लंड पकड़कर अपने मुंह में गपागप लेने लगी और अपने एक हाथ से मेरे खुट्टों को सहलाने लगी.
मेरा हाल बेहाल हों चुका था, मेरा जानवर अब अपने चरम पर आ गया था.
दस मिनट लंड चूसने के बाद भी मेरे न झड़ने से सोनल ने मेरी ओर देखा.
मैंने एक हाथ से सोनल के बाल पकड़कर उसे ऊपर लेकर फिर से किस करने लगा और दूसरे हाथ से उसके भरे हुए नितंबों को नोचने लगा.
मैंने देर न करते हुए दोनों हाथों से उसकी कमर को पकड़कर उसे अपने कंधे पर डाल लिया और उसके भरे हुए मांसल चूतड़ों पर चांटे बरसाते हुए बेड पर पटक दिया.
सोनल पूरी मस्ती में थी. उसने बेड पर लेटते ही अपनी पैंटी को आहिस्ता से दोनों पैर ऊपर करके निकाल दिया.
मैंने भी देर न करते हुए अपने फौलादी लन्ड को हाथ में लेकर उसके गुलाबी चूत पर रख दिया और एक बार में ही पूरा लंड अंदर धकेल दिया.
सोनल इस अचानक हुए हमले से चीख पड़ी.
वह जोर जोर से चीखने लगी- साहिल, मैं कुतिया नहीं हूं. आराम से … प्लीज आराम से करो मेरी जान!
मैं बिना उसकी सुने सेक्स सें भरे जानवर की तरह उसकी पूरे दम से चुदाई करने लगा.
सोनल लगातार वासना भरी आवाजें कर रही थी जिससे मेरा सेक्स जानवर पूरी तरह चार्ज हो रहा था.
करीब पंद्रह मिनट तक सोनल को मैंने अलग अलग पोज में चोदा.
आखिर में मैंने अपना सारा माल सोनल की चूत में भर दिया और निढाल होकर बगल में लेट गया.
सोनिया भी थक गई थी.
मेरी कब आंख लग गई मुझे नहीं पता.
करीब एक घंटे बाद जब मेरी आंख खुली तो देखा बाथरूम से शॉवर के पानी की आवाज आ रही है.
मैंने उठकर देखा तो बाथरूम में सोनिया गरम शॉवर से अपनी चूत की सिकाई कर रही थी.
उसकी पीठ मेरी तरफ थी.
उसके गोरे गुलाबी नितम्ब देखकर मेरा लंड फिर से सलामी देने लगा.
अब मैंने सोच लिया कि अब अधूरा काम इसकी गांड की सील खोलकर पूरा कर लेना चाहिए.
मैंने बाथरूम के बाहर मेज पर रखी जैतून के तेल की शीशी उठाई और अपने लंड पर लबालब डाल लिया.
मेरा पूरा लंड तेल से सराबोर हो गया.
मैं अंदर बाथरूम में सोनल के पीछे जाकर उसकी गांड से चिपक कर खड़ा हो गया.
मेरे लंड के स्पर्श से अचानक सोनल ने अपनी गर्दन पीछे घुमाकर मुझे देखा और मुस्करा दी.
मैं उसे किस करने लगा.
मैंने मौका देखकर तेल उसकी गांड पर लगाने लगा और उसकी गांड के गुलाबी छेद में अपनी एक उंगली डाल कर तेल को अंदर बाहर करने लगा जिससे मेरा काम आसान होने लगा.
मैं सोनल को फिर से गरम करने में कामयाब हो गया.
सोनल फिर से एक बार मेरे साथ किस करते हुए गुत्थम गुत्था हो गई और हम दोनों एक दूसरे के जिस्म से चिपककर किस करने लगे.
मैं इतने में शावर को ऑन कर पीछे से उसके दोनों शानदार पहाड़ जैसे बूब्स को बेरहमी से दबाने लगा.
और मौका देखकर अपना मूसल लण्ङ उसकी गांड के छेद पर सेट कर अंदर तक धकेल दिया.
अचानक इस वाइल्ड सेक्स के हमले से सोनिया चीखने लगी और मैं बिना कुछ रुके तड़ापड़ चोदने लगा.
उसकी गांड के कसे छेद से मेरे लण्ङ को पूरा आनंद मिल रहा था.
लगातार बीस मिनट चोदने के बाद मैं उसकी गांड में झड़ गया.
मैंने देखा कि सोनल की गांड से खू/न भी निकल रहा था.
सोनल घबरा गई और मुझ पर गुस्सा करते हुए रोने लगी.
मैंने उसे समझाया और उसकी गांड और जिस्म को अपने हाथ से धोकर उसे गोद में उठाया और बेड पर लिटा दिया.
सोनल ने एक गोली पेन किलर की खा ली, जिससे उसके दर्द में आराम आ गया था और सूजन भी कम हो गई थी.
करीब एक घंटा हम दोनों नंगे ही एक दूसरे से चिपक कर सोए.
और उसके बाद तैयार होकर मैंने सोनल को उसके घर ड्रॉप किया.
उसके बाद मैंने लगातार 3 साल तक सोनल को खूब चोदा.
एक दिन उसकी मम्मी मतलब मेरी मामी ने हम दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया.
लेकिन मैंने उन्हें भी चोद दिया और हम तीनों ने साथ मिलकर खूब एंजॉय किया.
आगे की कहानी बाद में!
वाइल्ड सेक्स विद क्रेजी सिस्टर कहानी अच्छी लगी होगी.
मुझे मेल करें।
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