मामा जी की कुंवारी बेटी की अन्तर्वासना
(Virgin Indian Cousin Sex Kahani)
वर्जिन इंडियन कजिन सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैं अपने मामा के घर रहता था. उनकी जवान बेटी ने मुझे सेक्स के लिए उकसाया तो मैंने उसकी सीलबंद चूत खोल दी.
नमस्कार दोस्तो,
मैं अंकित सिंह, 23 साल का नौजवान हूं.
मेरे शरीर की लंबाई 5.4 इंज है. मेरे लंड का आकार 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है।
मैं उत्तर प्रदेश के लखनऊ जनपद रहने वाला हूं और मैं अभी इंटर की तैयारी कर रहा हूं.
आज मैं आप लोगों को अपनी इस 69 पोजीशन वाली वर्जिन इंडियन कजिन सेक्स कहानी के बारे में बताना चाहता हूं कि कैसे मैंने अपनी ही मामा की लड़की की चुदाई की.
मैं आप सभी को बता दूं कि मामा की लड़की का नाम निधि है. उसके शरीर का साइज 32-28-34 है.
ये बात उन दिनों की है जब मैं अपने मामा जी के घर पर रह के पढ़ाई कर रहा था.
हालांकि, मेरे मनमें निधि को लेकर कोई भी गलत सोच नहीं थी और हम लोग अच्छे दोस्त थे.
हमारी बातें कुछ खास नहीं होती थी लेकिन जब भी हमें समय मिलता तब हम बातें कर लेते थे.
निधि भी 12 वीं में थी और हम दोनों की 1 महीने बाद यूपी बोर्ड की परीक्षा आने वाली थी.
मैं रोज देर रात तक पढ़ाई करता था.
एक दिन मामी बोली- अंकित बेटा, तुम निधि को पढ़ा दिया करो, अगर तुम्हें कोई दिक्कत ना हो.
मैंने भी मामी को हां कर दिया.
अगले दिन से मैं जब भी पढ़ाई करता, तो उस समय निधि भी मेरे रूम में आ जाती.
ऐसे ही एक दिन हम पढ़ रहे थे कि निधि ने बात शुरू की.
हम पढ़ाई के साथ-साथ हंसी मजाक भी करने लगे थे.
ठंड के दिन चल रहे थे.
उस दिन घर में कुछ रिश्तेदार आए थे.
शायद वे लोग आज रुकने वाले थे.
मैं अपने कॉलेज से वापस आया और हाथ मुंह धोकर, कपड़े चेंज किए.
तभी मामी मेरे रूम में आई और बोली- अंकित, खाना लगा दिया है तुम खा लो, बाकी सब लोगों ने खा लिया है.
मैंने खाना खाया और अपने ट्यूशन के लिए निकल पड़ा.
जब मैं वापस आया तो देखा कि जो रिश्तेदार आए थे वो लोग अभी भी घर पर ही थे.
मैंने मामी से पूछा- ये लोग रात को रुकने वाले हैं?
मामी बोली- शायद हां.
शाम हो गई थी तो निधि भी कोचिंग सेंटर से वापस आ गई थी.
रात के करीब 9 बज गए थे हम सबने साथ में खाना खाया.
फिर मैं अपने कमरे में पढ़ने के लिए चला गया.
तभी मामी आ गई और बोली- अंकित आज तुम और निधि एक कमरे में सो जाना.
मैंने भी हां में सिर हिलाया.
आप सब को मैं ये बता दूं कि मेरे मामा जी के 2 लड़के और 1 लड़की है. बड़े लड़के का नाम विकास है और छोटे लड़के का नाम अमन है.
अमन की उम्र यही कोई 14 साल होगी. मैं और अमन ही अब तक एक कमरे में सोते थे.
लेकिन आज मामी ने निधि को भी सुलाने के बोला था.
हम दोनों पढ़ रहे थे रात के करीब 11.20 हो गए थे.
मैंने बोला- निधि, अगर तुमको नींद आ रही हो तो तुम सो जाओ.
उसने कहा- हां आ तो रही है लेकिन इस बेड पर तीन लोग कैसे सो सकते हैं?
मैंने कहा- तुम ठीक कह रही हो. ऐसा करते है कि मैं नीचे फर्श पर सो जाता हूं और तुम दोनों बेड पर सो जाना.
मैंने अपना बिस्तर उठाया और नीचे फर्श पर लगा दिया और वहीं लेट गया.
ना जाने कब आंख लग गई.
रात के करीब 1 बजे के आसपास जब ठंडी लगी तो मैंने करवट बदल ली मुझे लगा कि कोई मेरे बिस्तर में लेटा हुआ है.
पर मैं नींद इतनी ज्यादा आ रही थी कि मुझे लगा कि यह मेरा भ्रम है.
कुछ देर बाद मैंने अपनी आंखें बंद कर ली और सो गया.
तभी लगा कि किसी ने अपना हाथ मेरे सीने पर रखा हो.
मैंने उसका हाथ पकड़ के अपने से अलग कर दिया.
थोड़ी देर बाद उसका हाथ मेरी कमर पर था.
मैंने इस बार उसका हाथ हटा कर एक साइड कर दिया.
यह और कोई नहीं बल्कि निधि थी.
मैं वापस सो गया.
उसने करवट बदल ली और मेरे तरफ मुंह कर के घूम गई.
और इस बार उसका हाथ मेरे लंड पर रखा था.
अब तो नींद मुझे भी नींद नहीं आ रही थी तो मैं बस आंखें बंद करके लेटा रहा.
मेरे दिल की धड़कन तेजी से बढ़ गई थी, मेरा अपने आप पर से कंट्रोल नहीं रहा था.
अब मेरे भी लंड में आग सी लग गई थी.
अब बस चूत चाहिए थी.
मैंने थोड़ी सी हिम्मत करके अपने हाथ को उसके बूब पर रख दिया और धीरे-धीरे हल्के हल्के हाथों उसके बूब्स को दबाने लगा.
उसकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मेरी हिम्मत और बढ़ गई. उसने टॉप और लोवर पहन रखा था.
मैंने उसके लोवर में हाथ डाल दिया.
उसकी पैंटी के ऊपर से मैं उसकी चूत सहलाने लगा.
कुछ देर बाद एक उंगली को उसकी चूत में डाल दिया और उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा.
अचानक से उसने आंखें खोल दी मेरी तो गांड फट गई.
अगर इसने घर पर किसी को बोल दिया तो क्या होगा, मेरी तो बहुत बेज्जती हो जाएगी.
मैंने अपने हाथ को उसकी चूत से हटा लिया और करवट लेकर लेट गया.
थोड़ी देर बाद उसने मेरी कमर पर हाथ रखा.
अब मैं समझ चुका था कि इसके दिल में भी कुछ है.
मैं फिर से हिम्मत जुटाकर उसके चूचे दबाने लगा.
मैंने अपने होंठ उसके होठों पर रख दिए.
कभी मैं उसके ऊपर के होंठो को चूसता, तो कभी वो मेरे होठों को चूसती.
ऐसे हम एक दूसरे के होंठो को चूसे जा रहे थे.
मैंने अपने हाथ को उसके लोवर के अंदर डाल दिया और उसकी चूत मसलने लगा.
कभी मैं उसके होठों पर काट लेता, तो कभी उसके बूब्स को चूसता.
उसके दोनों निप्पल, चूसने से बहुत कड़क हो गए थे.
ये सब काफी देर तक चला फिर हम 69 के पोजिशन में आ गए.
वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी, मैंने भी खुल के उसका साथ दिया.
उसका लोवर खींच कर मैंने अलग कर दिया और उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत चाटने लगा.
मैंने उसकी पैंटी भी निकाल दी और अब उसकी गुलाबी चूत बिल्कुल नंगी थी.
मैं किसी भूखे भेड़िए की तरह उसकी गुलाबी चूत पर टूट पड़ा और उसकी चूत को कभी अपनी जीभ से चोदता तो कभी अपनी उंगली से चोदने लग जाता.
हम दोनों एक नई दुनिया में आ गए थे ऐसा लग रहा था जैसे इस आनंद का कोई अंत ही न हो.
मैं इस पल को जी भर के जीना चाहता था.
थोड़े ही देर के बाद निधि अब झड़ने वाली थी उसकी सिसकारियां निकलने लगी.
मैंने अपने होठों को उसके होठों पर रख दिया और किस करने लगा.
उसकी आवाज मेरे होठों के अंदर ही दब के रह गई.
लेकिन इस बीच मैंने उसके चूचे दबाने चालू रखे.
वह फिर से गर्म हो चुकी थी.
उसने मेरी आंखों में आंखें डाल कर देखा जैसे कह रही हो कि बाबू अब और मत तरसाओ अपना लंड अब मेरी चूत में डाल दो.
मैं अभी उसको और तड़पना नहीं चाहता था तो मैं फिर से उसके चूचे चूसने लगा.
वह बिल्कुल नागिन जैसी ऐंठने लगी.
उसने अपने होठों पर मेरा लंड लगाया चूसना शुरू कर दिया.
दोस्तो, आपको क्या बताऊं कितना अच्छा लग रहा था अब मुझसे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था.
मैं समय की नजाकत को समझ कर देर न करते हुए उसके टॉप को भी निकल दिया. मैंने अपना लोवर खींच कर उतार दिया.
मैंने रजाई को एक साइड किया उसके कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया और उसके दोनों पैरों को फ़ैला दिया.
उसके पैरों के बीच में आ कर उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए और दोनों चूचे दबाने लगा.
उसने मस्त होकर अपनी आंखें बंद कर ली.
मैंने अपने लंड को उसकी चूत के मुंह पर सेट किया और धीरे से उसकी गुलाबी फूली हुई चूत में ऊपर से ही लंड को रगड़ने लगा.
वह और भी तड़प उठी मैंने अपने लंड को एक झटके के साथ उसकी गुलाबी फूली चूत में उतार दिया.
एकदम से वह दर्द से तड़प उठी, उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे.
मैंने वैसे ही लंड को उसकी चूत में डाले रखा.
मैं उसके होठों पर किस करता रहा.
मेरे लंड का कुछ हिस्सा, अभी दो ही इंच गया होगा कि उसकी चूत से लगातार खून निकलने लगा.
ये सब देख कर वो डर गई.
मैंने उससे कहा- पहली बार ऐसा होता है. फिर दर्द भी नहीं होगा.
उसने कहा- हमें ये सब नही करना था.
फिर मैंने उसको समझाया.
जब थोड़ा दर्द कम हुआ तो मैंने अपने लंड की स्पीड बढ़ा दी.
मैंने एक और जोर का झटका लगाया इस बार लंड आधे से ज्यादा चूत में जा घुसा और उसकी चीख निकल पड़ी.
तब मैंने अपने लंड की स्पीड बढ़ा दी.
धीरे-धीरे उसका दर्द कम होता रहा, अब वह भी मेरा साथ देने लगी.
उस रात हम दोनों ने मजा लेकर चुदाई की.
वर्जिन इंडियन कजिन सेक्स के बाद हम दोनों एक साथ एक दूसरे से चिपक कर सो गए.
उसके बाद हमने कई बार सेक्स का मजा लिया.
मैंने निधि की गांड भी मारी.
उसकी गांड की चुदाई मैंने कैसे की और इसके लिए निधि को मनाया ये सब आप मेरी आने वाली अगली कहानी में पढ़ेंगे.
मेरे प्यारे दोस्तो, आपको मेरी सेक्सी कहानी पढ़ कर खूब आनन्द आया होगा.
आप मुझे बताएं कि आपको वर्जिन इंडियन कजिन सेक्स कहानी कैसी लगी?
[email protected]
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