ससुराल में चुदाई की कामुक दास्ताँ- 11
(Sexy Xxx Bahan Chudai Ka Maja)
सेक्सी Xxx बहन चुदाई का मजा लिया मेरे छोटे भाई ने मेरे ससुर के सामने. मैं भाई के लंड पर बैठी चुद रही थी और मेरे ससुर नंगे खड़े हमारी चुदाई देख रहे थे.
कहानी के पिछले भाग
ससुर के सामने भाई का लंड चूसा
में आपने पढ़ा कि मेरा छोटा भी मेरे घर आया. मेरे ससुर और भाई आपस में बात कर रहे थे. मैं भी वहीं थी. भाई बहन सेक्स की बात छिड़ गयी.
उत्तेजित होकर हम तीनों नंगे हो गए. मैंने अपने भाई का लंड चूस कर उसे झड़वा दिया.
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अब आगे सेक्सी Xxx बहन चुदाई का मजा:
इसके बाद मैं ससुर जी की तरफ मुड़ी और फिर उनके लण्ड को मुंह में लेकर चूसने लगी।
मैं जान रही थी कि ससुर जी जल्दी झड़ने वाले नहीं हैं क्योंकि एक बार रात में, फिर अभी कुछ देर पहले सुबह ही उनके लण्ड का पानी मैं पी चुकी हूँ।
मैं आराम से मुंह को आगे पीछे करते हुए लण्ड चूसने लगी।
सोनू बगल में बैठा मुझे ससुर जी का लण्ड चूसते हुए देख रहा था।
कुछ देर तक इसी तरह देखने के बाद सोनू सोफे से उठकर मेरे सामने आ गया और नीचे घुटनों के बल बैठकर अपना मुंह मेरी जांघों के बीच लाकर मेरी चूत चाटने लगा।
इधर ससुर जी अभी भी सोफे पर खड़े-खड़े अपना लण्ड चुसवा रहे थे।
अब मैं भाई से चूत चटवाते हुए ससुर जी का लण्ड चूस रही थी।
ससुर जी एक हाथ से मेरे सिर को पकड़ कर हल्का-हल्का अपनी कमर हिलाते हुए लण्ड चुसवा रहे थे वहीं सोनू मेरी जांघों को पूरा अगल-बगल फैला कर चूत चाट रहा था।
कुछ देर बाद सोनू चूत चाटना छोड़कर फिर मेरे बगल आकर बैठ गया और एक हाथ मेरी चूत पर रखकर चूत सहलाते हुए झुककर बारी-बारी से मेरी चूचियों को चूसने लगा।
इधर सोनू बगल में बैठकर मेरी चूचियां चूस रहा था वहीं मैं ससुर जी का लण्ड चूस रही थी।
करीब पांच मिनट तक लण्ड चुसवाने के बाद अचानक से ससुर जी के मुंह से हल्की-हल्की सिसकारी निकलने लगी और उन्होंने कमर की स्पीड बढ़ा दी और मेरे सिर को पकड़कर तेजी से लण्ड को मुंह में आगे-पीछे करने लगे।
फिर अचानक से एक तेज धार के साथ उन्होंने भी अपने लण्ड का सारा पानी मेरे मुंह में निकाल दिया।
वो भी कुछ देर सोनू की तरह ही अपना लण्ड मेरे मुंह में डाले खड़े रहे और अपनी सांस पर काबू पाने लगे।
करीब 15-20 सेकेण्ड बाद अपना लण्ड मेरे मुंह से निकाले और सोफे पर मेरे दूसरी बगल बैठ गये।
इधर इतनी देर में सोनू का लण्ड में एक बार फिर से तनाव आने लगा था।
मैं हाथ में उसके लण्ड को लेकर हल्का-हल्का हिलाने लगी।
फिर झुककर उसके लण्ड को फिर से मुंह में लेकर चूसने लगी।
करीब एक मिनट तक चूसने के बाद ही सोनू का लण्ड फिर से पूरी तरह खड़ा हो गया।
मैं सीधी होकर बैठ गयी और उसके लण्ड को हिलाते हुए मुस्कुराकर बोली- अब ये महाशय फिर से क्यों टेंशन में आ गये हैं?
अभी सोनू कुछ कहता तभी ससुर जी मुस्कुराते हुए बोले- लगता है ये अभी और भी ज्यादा बहन का प्यार चाहता है। जाओ अपने भाई की गोद में बैठकर प्यार करो उसे!
सोनू धीरे से मुस्कुराते हुए बोला- हां दीदी, मेरी गोद में आकर बैठो बेटा!
मैं सोफे से उठकर सोनू सामने जाकर खड़ी हो गयी फिर सोफे पर चढ़कर पैरों को घुटनों से मोड़कर उसके पैरों के दोनों तरफ पर रखकर घुटनों के बल खड़ी हो गयी।
जिससे सोनू का लण्ड ठीक मेरी चूत के नीचे था।
अब मैं हल्का सा झुक कर हाथ से उसके लण्ड को पकड़ा और उसे ठीक अपनी चूत के नीचे रखकर धीरे से लण्ड पर बैठने लगी।
जिससे सोनू का लण्ड सीधा मेरी चूत में घुसता चला गया।
सोनू और मेरे दोनों के मुंह से एक साथ आआह हह हहहह की सिसकारी निकली।
आज महीनों बाद भाई का लंड चूत में महसूस करते हुए मैं बेहद उत्तेजित हो गयी थी।
कुछ देर उसके लण्ड पर बैठी रहने के बाद फिर मैं धीरे-धीरे उसके लण्ड पर ऊपर नीचे उछलते हुए चुदवाने लगी।
शादी के बाद पहली बार हम दोनों भाई-बहन इस तरह चुदाई का खेल खेल रहे थे वो भी ससुराल में ससुर जी के सामने!
वहीं ससुर जी के साथ भी पहली बार ये मौका था कि घर में बिना डरे नंगे होकर हम दोनों ससुर-बहू नंगे बैठे वासना की महफिल सजा रहे थे।
नहीं तो अब तक सिर्फ सुबह के टाइम चोरी-चोरी हम दोनों ससुर-बहू चुदाई का खेल खेलते थे।
सोनू के लण्ड पर उछलते समय में आगे झुककर अपनी चूचियों को उसके मुंह पर रख दिया और चूचियां चुसवाते हुए लण्ड पर उछल-उछल कर चूत चुदवाने लगी.
और सोनू भी नीचे से कमर हिलाकर धक्के लगाने लगा।
कमरा थप-थप की आवाज से गूंज रहा था।
ससुर जी बगल में बैठे हुए मुझे अपने भाई के लण्ड पर ऊपर उछल-उछल कर चूत चुदवाते हुए देखते हुए अपने लण्ड को हिला रहे थे।
इसी तरह चूत चुदवाते हुए करीब 5 मिनट बीते होंगे, तभी मुझे लगा जैसे जांघों के बीच चूत के आसपास की नसें फटनें की कगार पर हों और चूत से कुछ निकलने को बेताब हो।
मेरे मुंह से हल्की-हल्की सिसकारियां निकलने लगीं।
सोनू समझ गया कि मेरी चूत का पानी निकलने वाला है तो उसने भी नीचे से धक्के लगाने की स्पीड बढ़ा दी और तेजी से धक्के लगाने लगा।
मैं आंखें बंद किये मदहोशी में मुंह से आआ आआह हहह आ आआ आआहह हहह … की सिसकारियां निकालते हुए तेजी से सोनू के लण्ड पर उछलने लगी।
तभी ऐसा लगा कि मेरी चूत से फव्वारा छूट गया हो, मेरे मुंह आआ आआआ आआआआहह हहहहहहह … की तेज सिसकारी निकली और मेरी जांघें कांपने लगीं.
मैं कमर को 4-5 तेज झटके देते हुए निढाल होकर सोनू से पूरा लिपट गयी।
वहीं सोनू एक बार मेरे मुंह में झड़ चुका था तो वो झड़ने का नाम नहीं ले रहा था।
मैं 2 मिनट तक उसी तरह सोनू के ऊपर नंगी लिपटी बैठी रही और हांफ रही थी.
वहीं सोनू सेक्सी Xxx बहन चुदाई के बाद अपने हाथों को पीछे ले जाकर मुझे बांहों में भरकर अपने से चिपका हुए था।
मेरी चूचियां सोनू के सीने से दबी हुई थीं।
बाहर तेज बादल गरजने की आवाज़ आने लगी।
हम दोनों ने आंखें खोलीं और फिर मैं सोनू के ऊपर से उतर कर फिर से सोनू और ससुर जी के बीच बैठ गयी।
हमने खिड़की की तरफ देखा तो दोपहर में ही बाहर अंधेरा टाइप मौसम हो गया था।
सोनू उठकर खिड़की से बाहर देखने गया और फिर पास आते हुए बोला- लगता है आंधी और बारिश आने वाली है। हवा तेज चल रही है। मौसम मस्त हो गया है।
ससुर जी मुस्कुराते हुए बोले- लगता है हमें देखकर मौसम का मूड भी आज मस्त हो गया है। वो भी हमारा साथ दे रहा है।
जिस पर हम तीनों हंस दिये।
तभी निगाह ससुर जी के लण्ड की तरफ गयी तो देखा कि उनके लण्ड में फिर से तनाव आने लगा था।
मैं उनका लण्ड हाथ में पकड़कर मुस्कुराते हुए बोली- हां … लग रहा है मौसम के साथ ये महाशय भी एक बार फिर से मस्ती के मूड में आ गये हैं।
सोनू हंसते हुए बोला- लग रहा है मौसम से ज्यादा हम दोनों भाई-बहन के प्यार को देखकर इनका मूड भी प्यार करने का बन गया है।
ससुर जी भी इस पर मुस्कुराते हुए बोले- हां ये बात सही है. भाई-बहन का ऐसा प्यार देखकर मूड तो बन ही गया है।
मैं हंसते हुए हाथ की छोटी ऊंगली दिखाते हुए बोली- ऐसा है, आप लोगों को थोड़ी देर इसी तरह अपना मूड और बनाइये. मैं जा रही हूं बाथरूम … मुझे जोर की सूसू आ रही है।
सोनू बोला- अरे वो तो मुझे भी आ रही है।
ससुर जी भी बोले- हां लगी तो मुझे भी है।
इस पर सोनू हंसते हुए बोला- वाह … फिर क्यों ना हम तीनों साथ ही सूसू करें!
मैं हंसते हुए बोली- पागल है क्या, फिर तू इस बाथरूम में कर ले, मैं अपने रूम में जाकर आती हूं।
सोनू फिर जोर देते हुए बोला- अरे साथ करते हैं ना दीदी मज़ा आएगा।
फिर ससुर जी की तरफ देखते हुए वह बोला- क्यों पापा, सही कह रहा हूं कि नहीं आप भी हमारे साथ ही करिए मजा आएगा।
ससुर जी भी खुश होते हुए बोले- हां साथ ही करते हैं ना मजा आएगा।
हालांकि सोनू के कहने पर अंदर से मेरा मन भी करने लगा था इस तरह मस्ती करते हुए साथ सूसू करने का!
लेकिन ऊपर से मैं थोड़ी ना नुकुर कर रही थी।
जब ससुर जी भी जोर देकर बोलने लगे तो मैं मुस्कुराते हुए बोली- ठीक है बाबा, बाथरूम में तो चलना पड़ेगा ना. यहां कमरे में तो नहीं करना है।
फिर हम बाथरूम में आ गये।
तीनों अगल-बगल नंगे खड़े थे।
मुझे थोड़ी झिझक हो रही थी दोनों के सामने मूतने में।
फिर भी मैं बैठने लगी तभी सोनू बोला- दीदी, बैठकर नहीं आज खड़े होकर करो ना हमारे साथ ही!
मैं हंसते हुए बोली- क्या? खड़े होकर कैसे करुंगी?
ससुर जी बोले- तो क्या हुआ जैसे हम करेंगे वैसे तुम भी करो।
तभी सोनू मेरा हाथ पकड़कर अपने बगल से खींचकर मुझे अपने सामने कर दिया और मेरी चूत पर हाथ रखते हुए बोला- ऐसा करते हैं तुम हमारे सामने खड़ी होकर पेशाब करो और मैं और पापा जी तुम्हारी इस प्यारी सी सूसू वाली जगह पर पेशाब करेंगे।
फिर ससुर जी की तरफ देखते हुए- क्यों पापा, ठीक है कि नहीं? मजा आएगा इसमें!
ससुर जी के चेहरे पर एक्साइटमेंट साफ दिख रही थी.
वो मुस्कुराते हुए बोले- हां बिल्कुल सही है ऐसा ही करते हैं।
फिर मैं हंसते हुए बोली- मतलब आप लोग मेरे ऊपर पेशाब करेंगे।
सोनू फिर से मेरी चूत पर हाथ से थपकी देता हुए हंसकर बोला- अरे तुम्हारे ऊपर नहीं बस इस पर! देर मत करो अब शुरू करते हैं बहुत तेज आ रही है मुझे!
दरअसल मुझे भी बहुत तेज सूसू आ रही थी और अंदर से एक्साइटमेंट भी था पहली बार ऐसा करने का मजा लेने का।
मैं मुस्कुराते हुए बोली- चल ठीक है।
फिर मैं अपने पैरों को हल्का सा अगल-बगल फैलाकर खड़ी हो गयी और थोड़ा पीछे की तरफ झुकती हुई अपनी कमर को आगे की तरफ कर दिया।
ससुर जी और सोनू दोनों मेरे सामने अपने लण्ड को पकड़कर मेरी चूत की तरफ किये खड़े थे।
मैं बोली- मैं करने जा रही हूँ।
ये कहकर मैं पेशाब करने लगी।
चूंकि मुझे बहुत तेज की पेशाब लगी थी इसलिए तेज छरछराहट की आवाज़ के साथ पेशाब निकलने लगा।
ससुर जी और सोनू मुझे पेशाब करते हुए देख रहे थे।
जब मैं कर चुकी तो ससुर जी और सोनू ने भी अपनी कमर थोड़ा आगे करते हुए लण्ड को मेरी चूत की तरफ करके पेशाब करने लगे और उनकी पेशाब की धार सीधी मेरी चूत पर पड़ रही थी।
मेरे लिए ये पहला और बहुत अनोखा अनुभव था।
मेरी चूत पर पड़ती ससुर जी और भाई के पेशाब की गर्म धार से उत्तेजना के मारे मेरे रोंगटे खड़े हो गये थे।
सच कहूँ तो मुझे बेहद मज़ा आ रहा था इसमें …मन कर रहा था कि कुछ देर तक ऐसे ही वो चूत पर पेशाब करते रहें।
लेकिन करीब एक मिनट में दोनों पेशाब की टंकी खाली हो गयी।
सोनू मुस्कुराते हुए बोला- मज़ा आया कि नहीं?
ससुर जी मुस्कुराते हुए बोले- सच में भाई मज़ा आ गया।
मैं बिना कुछ बोले मुस्कुराती रही।
सोनू बोला- बोला ना दीदी मज़ा आया कि नहीं।
मैं हल्का हंसकर बोली- हां भाई … बहुत मज़ा आया। अब तुम लोग कमरे में चलो, मैं पैर धोकर आती हूँ।
यह कहानी के अगले भाग में!
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सेक्सी Xxx बहन चुदाई का अगला भाग: ससुराल में चुदाई की कामुक दास्ताँ- 12
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