जवान लड़के के घर की सम्भोग लीला- 6

(Sexy Ladki Desi Xx Kahani)

सैम 14 2024-11-16 Comments

सेक्सी लड़की देसी xx कहानी में मैंने अपनी जवान चाची की कसी चूत में लंड पेला तो चाची दर्द से तड़प उठी. पर चाची को बच्चे की चाहत थी तो वे सब सह गयी.

दोस्तो, मैं समीर आपको अपने परिवार की चुदासी चूतों की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पिछले भाग
चुदक्कड़ मौसी चुद गयी भानजे से
में अब तक आपने जाना था कि मैं सुप्रिया चाची को उनके बेडरूम में ही चोदने की तैयारी कर रहा था.

अब आगे सेक्सी लड़की देसी xx कहानी:

मैंने देखा तो चाची की चूत पूरी गीली हो चुकी थी. मैंने अपने लंड को अपने हाथ से पकड़ा ओर उनकी चूत पर रगड़ने लगा.
लंड रगड़ने से उनकी उत्तेजना और बढ़ने लगी, चाची की सिसकारियां भी धीरे धीरे बढ़ने लगीं.

अब मैंने लंड को धीरे से चूत में घुसेड़ना आरंभ किया.

जैसा कि अक्सर गांव की औरतें कहती हैं कि जिस औरत के मुँह की साइज छोटी होती है, उसकी चूत भी कुछ ज्यादा चौड़ी होती है.

जब मैंने चाची की चूत के होंठों को देखा तो मुझे तुरंत मां की बोली हुई वह बात याद आ गई.
मैंने थोड़ी ताक़त लगाई और अपने लंड को चाची की चूत में घुसेड़ने का प्रयास करने लगा.

चाची छटपटाने लगीं. काफ़ी ताक़त लगाने के बाद लंड सिर्फ़ 2 इंच चाची की चूत में घुस पाया.
मैंने देखा तो चाची को बहुत कष्ट हो रहा था.

तब मैंने धीरे से अपने लंड को थोड़ा सा बाहर की ओर खींचा और कुछ क्षणों के लिए उसी अवस्था में रुक गया.
चाची को थोड़ा आराम महसूस होने लगा.

अब मैंने एक लंबी सांस ली और एक ज़ोरदार झटका दे मारा.
मेरा पूरा लंड चाची की चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया.

चाची ने अपनी आठ उंगलियों के नख मेरी पीठ में गाड़ दिए और बहुत ज़ोर से चिल्लाने लगीं- समीर, बाहर निकाल अपना लंड … नहीं तो मैं मर जाऊंगी. तेरा लंड बहुत बड़ा है … मुझे बहुत दर्द हो रहा है!
मैंने चाची के मुँह को अपने दोनों हाथों से पकड़ा और अपने होंठ चाची के होंठों से सटा दिए.

चाची कुछ सेकेंड बाद शांत होने लगीं और मैं अपना लंड धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा.

मेरे ऐसा करने से चाची को अब मज़ा आने लगा.
मैंने अपनी चोदने की स्पीड धीरे धीरे से तेज कर दी और अपना मुँह चाची के चूचे पर रख कर उसे चूसने लगा.

मेरा एक हाथ चाची के दूसरे दूध पर था और मैं उसे मसल भी रहा था, साथ ही मैं एक दूध को चूस भी रहा था.
अब तक चाची बहुत गर्म भी हो चुकी थीं और वे एक बार ऑलरेडी झड़ चुकी थीं.

चाची- चूस ले इसे आज … बहुत महीनों बाद कोई मेरी मन की कामना के अनुसार मेरे दूध चूस रहा है. मैं आज पूरी तरह से तृप्त होना चाहती हूँ. आज मेरी चूत की सालों की मनोकामना पूरी कर दे और बस मुझे एक बच्चा दे दे. मैं ज़िंदगी भर तेरा यह उपकार कभी नहीं भूलूँगी.

मैं अपने काम में लगा था और अपनी पूरी ताकत से चाची को चोद रहा था.
मेरे हर झटके से चाची के बूब्स हिल रहे थे.

अब मुझे लग रहा था कि मैं झड़ने वाला हूँ.
तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और कुछ ही क्षणों में मेरा लंड एकदम कड़क हो गया.

बस उसी समय चाची की चूत भी फड़कने लगी.
तो मैं समझ गया कि अब दोनों झड़ने वाले हैं.

अगले 12 से 15 सेकेंड बाद मैंने अपना पूरा पानी चाची की चूत में डाल दिया और आखिरी क्षण पर मैंने अपने लंड को पूरा का पूरा चाची की चूत से सटा दिया.

अब चाची का पूरा शरीर पसीने से भीगा हुआ था.
मैंने धीरे से उनके होंठों पर जो पसीना था, उसे अपने होंठों से चूम लिया.

मैं चाची के ऊपर से उठने लगा तो चाची ने पकड़ लिया- कुछ समय ऐसे ही मुझ पर पड़े रहो, नहीं तो तुम्हारा पानी चूत से बाहर निकल जाएगा.
मैंने कहा- ठीक है चाची, आप बोलो तो मैं आप पर रात भर पड़ा रहूं!
चाची- हां तेरे वश में होता तो तू मुझे रेलवे प्लॅटफॉर्म पर खड़े खड़े ही चोद देता.

मैंने कहा- चाची, आप हो ही इतनी हॉट कि मुझे तो क्या भगवान भी पहली नजर में आपका दीवाना हो जाते.
चाची- अच्छा जी भगवान भी?

मैंने कहा- आपको पता नहीं है कि चाची कि आप कितनी खूबसूरत हो. जब मैंने रेलवे स्टेशन पर आपके ब्लाउज में से झांकते बूब्स को देखा … और जब आपकी गांड पर हाथ रखा था, तो मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया था.

चाची- लंड तो तेरा अपनी बहन शीला को भी देख कर खड़ा हो गया था!
मैंने कहा- लंड को थोड़ी पता होता है कि वह बहन है, मां है, मौसी है या चाची है. लंड तो जब भी चूत देखता है … खड़ा हो जाता है.

चाची- अगर तुझे चान्स मिलेगा तो तू अपनी सग़ी मां के साथ भी यह सब कुछ करेगा?
मैंने कहा- अगर मेरी सग़ी मां को भी मेरे लंड की जरूरत होगी तो मैं उसे भी तृप्त करूँगा … या मेरी सग़ी बहन को मेरे लंड की जरूरत होगी, तो मैं उसे भी जरूर चोद दूँगा. अगर मैं नहीं चोदूँगा तो वह घर के बाहर किसी ओर से चुदवाएगी.

चाची- हम्म … और बता … अभी तक तूने अपने परिवार में किस किस को चोदा है?
मैंने कहा- आज ही शिल्पा मौसी को चोदा है और वह भी इतनी बेदर्दी से कि वह सही से चल भी नहीं पा रही थीं.

चाची- अभी तो घर आए 24 घंटे भी नहीं हुए और तूने अपनी रासलीला आरंभ भी कर दी?
मैंने कहा- अब अगर कोई चूत सामने से मेरे लंड को निमंत्रण देगी, तो मैं कौन सा ऋषि मुनि हूँ जो शांत बैठा रहूँगा!

चाची- हां तू तो साधु है.
मैंने कहा- क्यों साधु?
चाची- कुछ साधु बड़े चोदू होते हैं. उनका दिल एक चूत से भरता ही नहीं है इसलिए वह सारे जग की नारी जाति को चोदने निकल पड़ते हैं.

कुछ समय तक बातें करने के बाद मेरा लंड चाची की चूत से स्वतः ही बाहर आ गया और मैंने पास पड़ी तौलिया से अपना लंड और चाची की चूत को पौंछ कर साफ कर दिया.

फिर मैं जल्दी से नीचे गया और हम दोनों के कपड़े लेकर बेडरूम में आ गया.

मैंने और चाची ने जल्दी से कपड़े पहने और पीछे के द्वार से निकल कर चले गए.
हम दोनों जीप में बैठे और घर की ओर चल पड़े.

रास्ते में चाची पीछे की सीट पर बैठी थीं.
जब हम घर पहुंचे तो मां, शीला और नैना गेट पर हमारा इंतजार कर रही थीं.

मां- बहुत टाइम लग गया तुझे और छोटी को!
चाची- दीदी वह जरा मैं काम में बिज़ी थी.
नैना- भैया ने आपकी मदद नहीं की?

मैंने कहा- तुझे बड़ा पता करना है सब बातों का?
शीला- भैया चलो जल्दी हम कब से अपने अपने गिफ्ट का इंतजार कर रहे हैं. मां ने आपके बैग को हाथ भी लगाने नहीं दिया है.

मैंने तुरंत पीछे जीप में रखीं धान की दोनों बोरियों को उठा कर घर के मुख्य द्वार में रखने लगा.

वह एक एक धान की बैग 40 किलो की थी.

मां- जरा संभाल कर बेटा!
चाची- अरे दीदी, अभी आपका बेटा जवान हो गया है. वह इससे भी ज्यादा भारी भारी सामान उठा सकता है.

नैना- मालकिन आप बोलोगी तो आपको भी अपनी गोद में उठा कर घर के अन्दर ले जाएंगे.

दोनों बोरियों को घर में रखने के बाद मैंने तुरंत जीप को गैरेज में पार्क कर दिया.

फिर हम सब घर के अन्दर चले गए.
हम सब सीधा मेरे कमरे में गए, जहां शर्मिला और सीमा दोनों पहले से बैठी हुई थीं.

मैंने सब से पहले बड़ा वाला बॉक्स खोला जिसमें हमारे और चाचा जी के घर के लिए छोटी बड़ी चीज़ें थी.

खाना बनाने के व बर्तन, कुकर, मिक्सर ग्राइंडर और सिर्फ़ एक इंपोर्टेड ऑटोमॅटिक गैस भी थी.

मैं जब बड़ी वाली अटैची खोलने लगा, तो मां ने कहा- पहले सब खाना खा लो, फिर यह बैग खोलना.
चाची- हां दीदी, यह सही है.

शीला- क्या मां … हमें तो कुछ भी नहीं मिला?
शर्मिला- मां आप लोग जाओ और खाना लगाओ, हम लोग अभी आते हैं.

चाची- दीदी, मैं और नैना खाना लगाते हैं, आप बाद में आ जाना.

मां- ये दोनों कब बड़ी होंगी, पता नहीं!
मैंने कहा- मां तू नीचे जा, मैं इन दोनों को समझाता हूँ.

मेरे बोलने के बाद मां नीचे और चाची नैना के साथ खाना लगाने चली गईं.

शीला- भैया मुझे मेरे गिफ्ट अभी चाहिए!
मैंने कहा- ठीक है, मैं तेरे लिए जो कपड़े लाया हूँ. वह तुझे यहीं पहन कर दिखाने होंगे!

शर्मिला को जालीदार पैंटी के बारे में मालूम था तो वह झट से बोली- मैं अपना गिफ्ट कल परीक्षा खत्म होने के बाद अकेले में लूँगी.
यह बोल कर शर्मिला नीचे चली गयी.

शीला- तो फिर ठीक है, कल स्कूल से लौटने के बाद मैं भी सीधा तुम्हारे पास आऊंगी और अपना गिफ्ट तुमसे अकेले में ले लूँगी.

जैसे ही शीला जाने लगी, मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने करीब खींच लिया.

अचानक से खींचने पर शीला एकदम से मेरे शरीर से चिपक गयी.
शीला ने उस समय एक लोंग टी-शर्ट पहनी हुई थी.
वह मेरी गोद में आ गई और हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे.

मैंने बिना समय नष्ट करते हुए शीला की टी-शर्ट को उसके सिर से खींचते हुए बाहर निकाल दी.
शीला ने टी-शर्ट के नीचे सिर्फ़ पैंटी पहनी हुई थी.

अब मैं शीला के बूब्स को निहार रहा था.
उसके बूब्स एकदम सुडौल थे और उसके निप्पल एकदम हल्के गुलाबी रंग के थे.

मैंने शीला को नीचे कार्पेट पर लिटा दिया और उसके बूब्स को बड़े ध्यान से देखने लगा.
शीला- भैया ऐसे क्या देख रहे हो, मुझे शर्म आती है.

मैंने कहा- शीला, तेरा अंग अंग बहुत खूबसूरत है!
शीला- भैया आप भी बहुत हैंडसम हो. आपकी बॉडी एकदम फिल्मी हीरो जैसी है. आपकी चौड़ी छाती मुझे बहुत भाती है.

मैंने कहा- और क्या क्या अच्छा लगता है तुझे?
शीला- सब कुछ अच्छा लगता है.
मैंने कहा- सब कुछ मतलब क्या?

शीला- जब आपने मुझे आज सुबह गले लगाया था तो मुझे बहुत अच्छा लगा था.
मैंने कहा- तुझे क्या अच्छा लगा था!

शीला- मुझे शर्म आती है उसका नाम लेने में!
मैंने कहा- मेरे साथ शर्माएगी तो बाकी सब कैसे करेगी?

बातों बातों में मैं शीला की पैंटी भी उसके शरीर से अलग कर चुका था.
मैंने जब शीला की चूत पर अपना सीधा हाथ फेरा तो उसके मुँह से ‘आह’ निकल गयी.

मैंने अपनी बीच वाली उंगली उसकी चूत में सरकानी शुरू कर दी.
वह मस्त होने लगी,

कुछ देर बाद मैंने अपनी टी-शर्ट निकाल दी और शीला के साइड में लेट गया.

अब मैं शीला के एक दूध को चूसने लगा और उसने भी अपना हाथ मेरी ट्रैक पैंट के अन्दर डाल दिया.

वह लंड को सहलाने लगी.
मेरा लंड एकदम कड़क हो चुका था और शीला के चूचुक भी खड़े हो चुके थे.

शीला- भैया, मेरे शरीर में कुछ कुछ हो रहा है!
मैंने कहा- शीला, तेरी चूत पानी छोड़ने वाली है.

मैंने अपनी ट्रैक पैंट निकाल दी और हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए. मैंने शीला को अपने ऊपर कर लिया.
मैं उसकी दोनों टांगों को खोल कर उसकी चूत चाट रहा था और वह भी बड़े मज़े से मेरा लंड चूस रही थी.

अगले दो से तीन मिनट बाद शीला की चूत ने पानी छोड़ दिया.
जैसे ही शीला की चूत ने पानी छोड़ा शीला एकदम से ढीली पड़ गई और अब वह मेरे लंड को धीरे धीरे चूसने लगी.

अगले कुछ मिनट बाद मेरा लंड एकदम कड़क होने लगा तो मैं समझ गया कि मैं झड़ने वाला हूँ.

मैंने अपनी आंखें बंद कर लीं और अपने लंड के झड़ने का इंतजार करने लगा.
अचानक से मुझे अपने लंड पर हो रही क्रिया में बदलाव का आभास हुआ.

मैंने आंख खोल कर देखा तो सीमा मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूस रही थी और वह भी ज़ोर ज़ोर से.

कुछ ही सेकेंड में मैं सीमा के मुँह में झड़ गया.
सीमा ने मेरे लंड का कुछ वीर्य शीला के मुँह में डाल दिया.

मैंने धीरे से अपना हाथ सीमा की चूत पर रखा और उसकी चूत को रगड़ने लगा.

सीमा- नीचे सब लोग खाने पर हमारा इंतजार कर रहे हैं, चलो जल्दी. मैं तुम दोनों को खाने के लिए बुलाने आई थी और शीला को लंड चूसती देख मुझसे रहा नहीं गया. खाने के बाद मैं तुमसे आराम से चुदवाऊंगी, इसी लिए तुम्हारी मां ने मुझे यहां रोका है. तुम्हारा लंड देख कर मुझे भी चुदवाने की बहुत इच्छा हो रही है, पर रात में आराम से रात भर चुदवाऊंगी.

मैंने कहा- सीमा आज रात नहीं, कल जब शीला और शर्मिला स्कूल चली जाएंगी … फिर मैं तुझे आराम से चोदूंगा.

सीमा- क्यों, आज रात में किसे चोदने वाले हो?
मैंने कहा- आज रात में मैं आराम से सोने वाला हूँ.

सीमा- इस घर में तुम्हें कौन सोने देने वाला है?
मैंने कहा- क्यों?
सीमा हंस कर बोली- चलो, पहले खाना तो ख़ा लो.

हम तीनों हॉल में पहुंचे तो सब खाने पर मेरा ही इंतजार कर रहे थे.

इस बार मैं शीला और शर्मिला के बीच में बैठा था.
मेरे बिल्कुल सामने सीमा और चाची बैठी थीं.

हम सबने खाना खत्म किया और मैं अपने कमरे में चला गया.

थोड़े समय तक मैं टेरेस पर खड़े होकर अपने गांव की धरती को देख रहा था.

कुछ समय बाद मैं अपने बेड पर लेट कर शीला और शर्मिला के बारे में सोचने लगा था.
सोचते सोचते मेरी आंख लग गयी और मैं सो गया.

भोर होने से पहले मेरी आंख खुल गयी.
मैं तुरंत नीचे रसोई में पहुंचा तो मां, चाची, नैना और दो तीन अन्य औरतें नाश्ता बना रही थीं.

मैं उस समय शॉर्ट्स और टी-शर्ट में था.

यह नाश्ता दादाजी, पिताजी, चाचा जी और फसल कटाई के मजदूरों के लिए था.

करीब 40 से 50 लोगों का नाश्ता बन रहा था.
मां- तू उठ गया बेटा, जा ब्रश करके आ … जब तक हम यह नाश्ता पैक कर देते हैं.

मैंने कहा- ठीक है मां.
मैं तुरंत अपने कमरे में गया और ब्रश करके नीचे हॉल में पहुंच गया.

मां- तू कुछ खा ले!
मैंने कहा- नहीं मां, मैं पहले कसरत करूँगा फिर कुछ लूँगा!

चाची- हां हां पता है, तू बहुत एक्सर्साइज करता है.
जीप में नाश्ते के बर्तन रखने के पश्चात मां ने पूछा- तू अकेला ले जाएगा यह सब?

मैंने कहा- किसी को साथ भेज दो, तो अच्छा है!
मां- लक्ष्मी, तू समीर के साथ चली जा … लौटते समय वह तुझे घर छोड़ देगा.

चाची- समीर जरा गाड़ी धीरे चलाना, इस बेचारी की अभी अभी शादी हुई है.
मैंने कहा- मेरे गाड़ी चलाने का इसकी शादी से क्या संबंध है?

चाची- मेरे बोलने का मतलब है कि अगर तू तेज गाड़ी चलाएगा तो इससे कहीं चोट ना लग जाए!

इतना बोल कर चाची साइड का पल्लू मुँह में डालकर हंसने लगीं और उनके साथ नैना भी मेरी ओर देख कर हंसने लगी.
उसने मुझे आंख मारी, तब मुझे गाड़ी चलाने का अर्थ समझ आया.

मां- अब तू जा … और लौटते समय नैना की इस छोटी बहन लक्ष्मी को उसकी मां के घर छोड़ देना.

मैं जैसे ही जीप में बैठा, लक्ष्मी पीछे वाली सीट पर नाश्ते के बर्तनों के साथ बैठ गयी.
मैंने भी तुरंत गाड़ी स्टार्ट की और खेत की ओर चल पड़ा.

अगले 25 मिनट में हम खेतों के बीच में पहुंच गए.
मैं जब वहां पहुंचा, तो दादाजी और पिताजी कुछ मजदूरों के साथ हमारा इंतजार कर रहे थे.

दादाजी ने तुरंत कुछ मजदूरों को नाश्ते के बर्तन गाड़ी से निकालने के लिए कहा.
नाश्ते के बर्तन उतारने के बाद मैं लक्ष्मी को लेकर निकल गया.

दोस्तो, यह कामुक सेक्स कहानी अभी बहुत लंबी है. यदि आप लोगों ने पसंद की, तो मैं इसे और आगे लिखूँगा.

सेक्सी लड़की देसी xx कहानी पर आपके कमेंट्स का इंतजार रहेगा.
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