रिश्तों में चुदाई स्टोरी-1

(Rishton Me Chudai Story- Part 1)

This story is part of a series:

आपने मेरी पिछली कहानियों को बहुत पसंद किया जिसमें
कलयुग का कमीना बाप
माँ बेटी की मज़बूरी का फायदा उठाया
सर बहुत गंदे हैं
और
बाप ने बेटी को रखैल बना कर चोदा
आदि शामिल हैं। उसके लिए सभी पाठकों को बहुत बहुत धन्यवाद। अब पेश है नई अन्तर्वासना स्टोरी।

महेश सरकारी नौकरी से रिटायर हो चुके हैं। उनकी पत्नी का नाम सरिता देवी है। उनका मकान दो मंजिला है. महेश की बीवी को बहुत कम दिखाई देता है. बिना चश्मे के तो बिल्कुल नहीं। वह ज्यादातर अपने कमरे में ही रहती है और पूजा पाठ करती है। महेश के एकलौते बेटे का नाम समीर है।

समीर की शादी हो चुकी है उसकी बीवी का नाम नीलम है। नीलम एक बहुत ही खूबसूरत लड़की है। इसके अलावा महेश की एक लड़की ज्योति है जो बहुत ही खूबसूरत और भरे हुए बदन की मल्लिका है। शादी के 2 साल के अंदर ही विधवा हो चुकी थी। अपनी सास के तानों से तंग आकर बहुत दिनों से ज्योति भी अपने पिता और भाई के घर पर ही रहती है।

समीर जिसकी उम्र 38 साल है, वह सेक्स के मामले में बहुत गर्म है और आज भी वह अपनी 36 साल की बीवी को उल्टा करके चोद देता है. नीलम ज़्यादा सेक्स पसंद नहीं करती थी, मगर समीर तो डेली चुदाई के बिना रह ही नहीं सकता था।

“आह्ह स्स …” नीलम अपने पति समीर की चुदाई से दूसरी बार झड़ रही थी।
नीलम ने समीर से कहा- अब निकालो बहुत हो गया, मुझे दर्द हो रहा है.
“यार तुम इतनी जल्दी फ़ारिग हो जाती हो इसमें मेरा क्या क़सूर?” समीर ने अपनी बीवी से कहा।
“मैं तुम्हें अपने हाथों से फ़ारिग कर देती हूँ.” नीलम ने थोड़ा आगे होते हुए अपने पति के लंड को अपनी चूत से निकाल दिया और सीधा होते हुए अपने हाथ से सहलाने लगी।

“हाथ से करना होता तो शादी क्यों करता?” समीर ने गुस्से से अपने लंड को नीलम के हाथ से छुड़ा लिया।
“मुझे नींद आ रही है, फिर मत कहना कि ऐसे ही सो गयी.” नीलम ने अपने पति को चेतावनी देते हुए कहा।
“भाड़ में जाओ!” समीर ने गुस्से से अपना अंडरवियर पहन लिया और कमरे से बाहर निकल गया।

समीर बाहर आते ही सोफ़े पर बैठ गया.

“क्या हुआ भाई जान?” समीर ने आवाज़ सुनते ही सामने देखा तो उसकी 36 साल की छोटी बहन ज्योति दूसरे सोफ़े पर बैठी थी।
“तुम्हें पता है फिर क्यों पूछ रही हो?” समीर ने गुस्से से अपनी बहन को जवाब दिया।
“यार. नीलम भाभी की क्या प्रॉब्लम है?” ज्योति ने अपने सोफ़े से उठते हुए अपने भाई के पास आकर बैठते हुए कहा। ज्योति समीर की विधवा बहन थी जो अपने पति के मरने के बाद 8 साल से अपने माँ-बाप के घर में रह रही थी।

ज्योति का पति उससे शादी के दो साल बाद ही मर गया था, उसे कोई बच्चा नहीं था और वह समीर के साथ बहुत फ्री थी। ज्योति कई दफ़ा अपने भाई के साथ उसकी पत्नी के बारे में बात कर चुकी थी, उसे पता था कि नीलम ज़्यादा चुदाई से नफरत करती है।

“यार पता नहीं किस दोष की सजा मिल रही है, दूसरी औरतें बड़े और तगड़े लंड से चुदने के लिए तरसती हैं और यह है कि भागती रहती है.” समीर ने उदास होते हुए कहा।
“उदास मत हो!” ज्योति ने अपने भाई के सिर को पकड़ कर अपनी गोद में रखते हुए कहा।
समीर अपना सिर अपनी छोटी बहन की गोद में रखते हुए उसे देखने लगा.

ज्योति आज एक नाइटी पहने हुए थी और बेहद सुंदर लग रही थी। समीर की नज़र आज पहली बार अपनी छोटी बहन को एक औरत की नज़र से देख रही थी।

समीर को इतने नजदीक से अपनी छोटी बहन की पतली नाइटी के अंदर से उसकी ब्रा में क़ैद आधी नंगी चूचियों का दीदार होने लगा। ज्योति का फिगर बहुत ज़बरदस्त था। उसका क़द 5 फीट 6 इंच था उसकी चूचियां 36 साइज की थी और उसके चूतड़ बहुत मोटे थे।

ज्योति अपने बड़े भाई के सिर में हाथ डाल कर उसके बाल सहला रही थी, अचानक ज्योति की नज़र अपने बड़े भाई के अंडरवियर पर पड़ी। ज्योति अपने भाई के अंडरवियर को देखकर हैरान रह गयी क्योंकि समीर के अंडरवियर में बहुत बड़ा तम्बू बना हुआ था।

अपने बड़े भाई के अंडरवियर में खडे लंड को ज्योति देखकर 8 सालों के बाद आज पहली बार गर्म होने लगी, ज्योति ने जैसे ही अपने भाई के चेहरे की तरफ देखा उसे एक झटका लगा क्योंकि उसका सगा बड़ा भाई नाइटी के ऊपर से ही उसकी चूचियों को घूर रहा था।

ज्योति सोचने लगी ‘बेचारा कितना बदनसीब है बीवी होते हुए भी अपनी बहन की गोद में पड़ा है.’

फिर उसके दिमाग में ख़याल आया कि अगर वह अपने भाई को चोदने दे तो उसका भाई भी खुश हो जायेगा और उसे भी मुफ़्त का लंड मिल जायेगा। ज्योति अगले पल ही मुस्करा उठी कि वह हवस की आग में क्या सोच रही है … भला कोई भाई भी अपनी बहन को चोदता है?
मगर ज्योति का दिल तो अपने भाई का लंड लेने के लिए तैयार था क्योंकि उसकी 8 साल की गर्मी आज पहली बार उसे तंग कर रही थी।

ज्योति सोफ़े पर बैठे हुए अपने पाँव नीचे किये हुए थी और उसका बड़ा भाई सीधा सोफ़े पर लेटे हुए अपना सिर अपनी बहन की गोद में रखे हुए था। ज्योति अचानक झुकते हुए अपने पाँव को खुजाने लगी, ज्योति के ऐसा करने से उसकी चूचियां सीधे अपने भाई के मुँह से टकराने लगी।

“उठ … यहाँ पर बहुत मच्छर हैं.” ज्योति अपनी चूचियों को अपने भाई के मुंह पर लगते ही सिसक उठी। मगर उसने बात को सँभालते हुए अपने पाँव को ज़ोर से खुजाते हुए मच्छर पर इल्ज़ाम लगा डाला।
ज्योति अपने पाँव को सहलाते हुए अपनी चूचियों को अपने भाई के मुंह पर ज़ोर से रगड़ने लगी।

समीर की भी हालत खराब होती जा रही थी वह अपनी बहन की चूचियों को सिर्फ अपने चेहरे पर रगड़ता हुआ देख रहा था और कुछ कर नहीं पा रहा था।

“भैया आप का ‘वो’ है ही इतना बड़ा कि भाभी को तकलीफ होने लगती होगी.” ज्योति ने सीधा होते हुए अपने भाई के अंडरवियर की तरफ इशारा करते हुए बड़ी बेशर्मी से कहा।
“तुम्हारे पति का इतना बड़ा नहीं था क्या?” समीर ने अपने बहन को ज़्यादा फ्री होते हुए देखकर कहा।

“उसका आपसे थोड़ा छोटा था, मगर वह 5 मिनट में ही झड़ जाते थे और आप तो कहते हैं कि आप भाभी को 30 मिनट तक चोदते हो तब भी आप झड़ते नहीं.” ज्योति ने शर्म से कन्धा नीचे करते हुए कहा।
“बहन आप इजाज़त दें तो एक बात पूछूं?” समीर ने अपनी बहन से कहा।
“हाँ पूछो?” ज्योति ने जवाब दिया।

“आपके पति को मरे हुए 8 साल हो चुके हैं, आपका मन नहीं करता कि आप किसी से सम्भोग करें?” समीर ने सीधा सीधा कह दिया।
“अरे पगले मन तो करता है, मगर मेरी किस्मत में नहीं लिखा था तो क्या कर सकते हैं.” ज्योति ने सीरियस होकर रोते हुए कहा।
“सॉरी बहन, मैंने आप को रुला दिया.” समीर ने अपनी बहन के गालों से आंसू को पोछते हुए कहा।
“नहीं भाई, तुम बहुत अच्छे हो.” ज्योति ने अपने भाई के माथे को चूमते हुए कहा।

“बहन आप औरत हो, आप ही बताओ कि अगर मर्द का लंड लम्बा और तगड़ा हो और वह बहुत देर तक न झड़ता हो तो औरत को मज़ा आता है या तकलीफ होती है?” समीर ने अपनी बहन की तरफ देखते हुए कहा।
“मेरा लाला … औरत तो ऐसे मर्द के लिए तरसती है.” ज्योति ने इस बार अपने भाई के गाल पर किस देते हुए कहा।
“फिर नीलम की क्या बीमारी है?” समीर ने गुस्से से कहा।
“यार किसी औरत में सेक्स की भूख बहुत ज़्यादा होती है मेरी तरह और किसी में बहुत कम नीलम की तरह!” ज्योति ने अपने भाई को समझाते हुए कहा।
“हमें आपके जैसी पत्नी चाहिए जो हमारा भरपूर साथ दे!” समीर के मुँह से जज़्बात में निकल गया।

“सच बतायें भाई? मैं आप को अच्छी लगती हूं क्या?” ज्योति ने अपने भाई से पूछा।
“हां बहना, आप हमें बहुत अच्छी लगती हो, काश आप हमारी बहन नहीं होती तो …” समीर अपनी बात पूरी न कर सका।
“तो क्या भाई?” ज्योति ने तेज़ साँसों के साथ कहा। उसकी साँसें अपने भैया की बात सुन कर तेज़ चलने लगी थीं।

“कुछ नहीं बहन, मैं बहक गया था.” समीर ने अपना चेहरा नीचे करते हुए कहा।
“भैया आप हम से कुछ नहीं छुपा सकते, मैं आप की बहन हुई तो क्या हुआ, मैं भी एक औरत हूँ। अगर आप को मैं इतनी ही अच्छी लगती हूँ तो आप मुझे ही क्यों नहीं चोदते?” ज्योति ने जज्बाती होकर कहा।
“बहन आप क्या बोल रही हो?” समीर ने शर्मिंदा होते हुए कहा।

“भैया कब तक आप तड़पते रहोगे और हम भी तो तड़प रहे हैं 8 सालों से!” ज्योति ने जज़्बाती होते हुए कहा।
“मगर हम आपस में बहन-भाई हैं, ज़माना क्या कहेगा?” समीर ने परेशान होकर कहा।
“तो क्या हुआ? हम दोनों प्यासे हैं और ज़माने को कौन बता रहा है?” ज्योति ने कहा।
“मैं समझ गयी, आपको मैं अच्छी नहीं लगती.”

कुछ देर तक दोनों खामोश रहे और अचानक ज्योति ने अपने भाई को अपनी गोद से हटाते हुए वहां से उठ कर जाते हुए कहा।
“ठहरो बहन!” समीर ने भी उठते हुए अपनी बहन को हाथ से पकड़ लिया।

ज्योति अपने भाई का हाथ पकड़ते ही उसके गले से जा लगी, समीर ने भी अपनी छोटी बहन को अपनी दोनों बाँहों में भरते हुए उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये। दोनों भाई-बहन दुनिया से बेखबर एक दूसरे के होंठ चूसने लगे।
समीर और ज्योति कुछ देर तक ऐसे ही दुनिया से बेखबर एक दूसरे के होंठ चूसते रहे।

“बहन आई लव यू … आप बहुत अच्छी हो.” समीर ने अपनी बहन से अपने होंठों को जुदा करते हुए कहा और अपने हाथों से अपनी छोटी बहन की नाइटी को उतारने लगा।
“भईया आई लव यू टू, मैं बहुत प्यासी हूँ। आज मेरी 8 सालों की सारी प्यास बुझा दो.” ज्योति ने अपनी नाइटी उतारने में अपने भैया की मदद करते हुए कहा।
“बहन आप बेहद ख़ूबसूरत हो.” नाइटी उतारते ही समीर ने अपनी बहन का गोरा जिस्म सिर्फ एक छोटी सी ब्रा और कच्छी में क़ैद देखकर कहा।

ज्योति ने अपनी नाइटी उतरते ही नीचे होते हुए अपने भैया का अंडरवियर उतारने लगी।

“भैया आपका लंड तो बहुत ही ज्यादा बड़ा है” ज्योति ने अपने भाई का अंडरवियर उतारते ही उसके मोटे और लम्बे गुलाबी लंड को देखते हुए अपने होंठों पर जीभ फिराते हुए कहा।
समीर का अंडरवियर उतरते ही उसका 8.5 इंच लम्बा और 2.5 इंच मोटा लंड हवा में उछलने लगा, ज्योति ने अपने बड़े भाई का लंड अपने हाथ में लेते हुए अपने होंठों से उसके गुलाबी सुपारे को चूम लिया।

“आह्ह …” ज्योति ने जैसे ही लंड को चूमा समीर के मुंह से सिसकारी निकल गई।
ज्योति ने अपनी जीभ से अपने बड़े भाई के लंड को चाटते हुए उसके गुलाबी सुपारे को अपने मुंह में ले लिया.

ज्योति ने जैसे ही अपने बड़े भाई के लंड को अपने मुंह में लिया उसे अजीब किस्म की गंध और ज़ायक़ा आने लगा।
“भैया आपके लंड से अजीब गंध और ज़ायक़ा आ रहा है.” ज्योति ने अपने भाई के लंड को अपने मुंह से निकालते हुए कहा और उसके लंड को ऊपर से नीचे तक चाटने लगी।
“आह्ह … इस पर तुम्हारी भाभी की चूत का पानी लगा हुआ है.” समीर ने सिसकारी भरते हुए कहा।

समीर की बात सुनकर ज्योति ने उसका सुपारा फिर से अपने मुंह में डाल लिया। समीर ने अपनी छोटी बहन के बालों में हाथ डालते हुए उसके मुँह को अपने लंड पर दबा दिया, ऐसा करने से समीर का आधा लंड उसकी छोटी बहन के मुंह में चला गया।

अपनी बहन के सिर को पकड़ कर समीर बहुत ज़ोर से अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा। समीर ने देखा कि उसकी छोटी बहन की आंखों से आंसू निकल रहे हैं इसीलिए उसने अपने लंड को अपनी छोटी बहन के मुँह से निकाल दिया।

समीर ने अपनी बहन के मुँह से अपने लंड को निकालते हुए उसे सीधा कर दिया और उसे अपनी बाँहों में भरते हुए उसके होंठ चूसने लगा। समीर ने अपनी बहन के होंठ चूसते हुए अपनी जीभ को उसके मुंह में डाल दिया।

ज्योति मज़े से अपने बड़े भाई की जीभ को अपने होंठों से चूसने लगी, समीर ने अपने हाथों से अपनी छोटी बहन की पीठ को सहलाते हुए उसकी ब्रा को पीछे से खोल दिया। ज्योति बहुत गर्म हो चुकी थी उसने अपने भैया की जीभ को चूसना छोड़कर अपनी जीभ को उसके मुँह में डाल दिया।

समीर अपनी बहन की जीभ को चूसते हुए उसकी ब्रा को उतारने लगा, ज्योति ने अपने मुंह को अपने भैया के मुंह से हटाते हुए अपनी बांहें ऊपर करते हुए अपनी ब्रा उतरवा दी। समीर अपनी छोटी बहन की ब्रा के उतरते ही उसकी चूचियों को देख कर पागल हो गया।

ज्योति की चूचियाँ बहुत गोरी थीं और उसकी चूची के दाने मोटे और हल्के गुलाबी थे। समीर ने अपने दोनों हाथों से अपनी छोटी बहन की दोनों चूचियों को पकड़ लिया और अपना मुंह खोलते हुए उसकी एक चूची को अपने मुंह में ले लिया।
‘आह्ह्ह्ह …’ अपनी चूची को अपने बड़े भाई के मुंह में महसूस करते ही ज्योति सिसक उठी।

समीर तो जैसे अपनी बहन की चूचियों का दीवाना हो गया, वह ज़ोर से अपनी छोटी बहन की दोनों चूचियों को बारी बारी से चूसने और काटने लगा।

ज्योति काफी गर्म हो चुकी थी, उसकी चूत से पानी निकल कर उसकी कच्छी को भिगो रहा था। समीर अपनी बहन की चूचियों को जी भरकर चाटने और काटने के बाद नीचे होते हुए उसके पेट को चूमने लगा। समीर अपनी बहन के पेट को चाटते हुए उसकी कच्छी तक आ गया।

“आह्ह्ह्ह…” अपनी कच्छी पर अपने भैया के होंठ पड़ते ही ज्योति के मुंह से सिसकारी निकल गई. समीर ने अपने हाथों से अपनी छोटी बहन की कच्छी को उतार दिया। ज्योति अब बिल्कुल नंगी अपने बड़े भाई के सामने खड़ी थी।

अपनी बहन की कच्छी को उतारने के बाद समीर खड़ा होकर बड़े गौर से उसे देखने लगा, ज्योति अपने बड़े भाई को अपना जिस्म ऐसे घूरता हुआ देख कर शर्म के मारे उसके गले से जा लगी।
समीर ने अपनी नंगी छोटी बहन को गोद में उठाते हुए सोफ़े पर ले जाकर लेटा दिया। समीर ने अपनी बहन की टांगों के पास बैठते हुए उसकी दोनों टांगों को दूर दूर फैला दिया और बड़े गौर से अपनी छोटी बहन की चूत को देखने लगा।

ज्योति की चूत पर घने बाल उगे हुए थे। समीर नीचे झुकते हुए अपने हाथों से अपनी छोटी बहना की चूत के बालों को साइड में करते हुए उसकी रस टपकाती चूत को घूरने लगा।
“बहन आप चूत के बाल साफ़ नहीं करती क्या?” समीर ने अपनी बहन की चूत की बड़ी झाँटों को सहलाते हुए कहा।

“भैया मुझे यहाँ बहुत शर्म आ रही है, मेरे कमरे में चलो ना!” ज्योति ने अपनी आंखें बंद करते हुए कहा।
समीर ने अपनी बहन की बात सुन कर उसे फिर से अपनी गोद में उठा लिया और अपनी छोटी बहन को चोदने के लिए उसे उसके कमरे में ले जाने लगा।

अपनी बहन को उसके कमरे के बेड पर लेटाते हुए समीर ने कमरे का दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया।
“भैया मैं अपनी चूत को किसके लिए साफ़ करती? लंड से वंचित इस चूत में ये बालों का जंगल इसीलिये उग आया है.” ज्योति ने दरवाज़ा बंद करने के बाद अपने भाई से कहा।
“अब तुम अपने भैया के लिए अपनी चूत को साफ़ करना!” समीर ने बेड की तरफ आते हुए कहा।
“आप ही मेरी झाँटों को साफ़ कर दो ना …” ज्योति ने अपने भाई से कहा।

“नहीं यार अभी छोड़, फिर कभी कर लेना.” समीर ने अपनी बहन की टांगों को फ़ैलाते हुए कहा।
ज्योति की चूत गोरी थी क्योंकि झाँटों को दूर करने से उसकी चूत और उसके गुलाबी होंठ नज़र आ रहे थे।

समीर ने अपनी छोटी बहन की चूत के झाँटों को दूर करते हुए उसके गुलाबी लबों को छू लिया।
“आह्ह …” अपनी चूत पर अपने बड़े भाई के होंठ पड़ते ही ज्योति मज़े से तड़प उठी।

समीर से अब रहा नहीं जा रहा था. उसने अपनी बहन की टांगों को घुटनों तक मोड़ते हुए उसके चूतड़ों के नीचे एक तकिया रख दिया। ज्योति की चूत अब बिल्कुल खुल कर ऊपर उठ गयी थी और उसकी चूत का छेद खुला हुआ था जिसमें से पानी निकल रहा था।
समीर अपनी छोटी बहन की टांगों के नीचे बैठते हुए अपने लंड को ज्योति की चूत पर रगड़ने लगा।

“आह्ह भैया … आराम से डालना 8 बरसों से यह बंजर है.” ज्योति ने सिसकते हुए कहा।
समीर ने अपने लंड को पकड़ कर अपनी बहन की चूत के छेद पर रख दिया और अपने लंड को अपनी छोटी बहन की चूत के छेद पर रखकर थोड़ा ऊपर नीचे करने लगा।

“भैया डाल दो, अब बर्दाशत नहीं होता!” ज्योति ने अपने चूतड़ों को उछालते हुए ज़ोर से सिसकते हुए कहा।
ज्योति की चूत में से उत्तेजना के मारे बहुत ज़्यादा पानी निकल रहा था। जिससे समीर का लंड पूरा भीग चुका था। समीर ने इस बार अपना लंड अपनी बहन की चूत के छेद पर रखते हुए एक हल्का धक्का लगा दिया।

“उम्म्ह… अहह… हय… याह…” ज्योति के मुंह से हल्की चीख़ निकल गई.

समीर के लंड का मोटा सुपारा उसकी छोटी बहन की चूत में फँस गया। समीर ने अपनी बहन की टांगों को पकड़ते हुए एक और धक्का मार दिया।
“उई माँ … मर गयी.” ज्योति दर्द के मारे झटपटाने लगी. समीर का लंड अपनी बहन की चूत को चीरता हुआ 3 इंच तक अंदर घुस गया।

“बहन क्या हुआ? आप शादीशुदा होकर भी इतना चीख़ रही हो?” समीर ने अपनी बहन से पूछा।
“भैया आपका लंड बहुत मोटा और लम्बा है और मेरी चूत 8 साल से चुदी नहीं है इसीलिए वह बंद हो चुकी है। प्लीज आराम से करना.” ज्योति ने दर्द के मारे सिसकते हुए कहा।

कहानी अगले भाग में जारी रहेगी, कहानी पर अपने विचार नीचे दिये गये मेल पर दें.
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