बहन की पैंटी से चूत-चुदाई तक का सफर
(Panty Bra Sex Kahani)
पैंटी ब्रा सेक्स कहानी में कॉलेज में एक लड़की को मैंने बहन बना लिया. उसका बॉयफ्रेंड उसे चोदता था. पढ़ाई के बाद हम दोनों एक ही शहर में जॉब करने लगे तो रूम शेयर करने लगे.
दोस्तो, मेरा नाम करण (बदला हुआ) है, मैं गुजरात के राजकोट शहर से हूँ.
मेरी एक मुँह बोली बहन है, उसका नाम मीना (बदला हुआ) है.
इस सेक्स कहानी में मैं बता रहा हूँ कि मैंने किस तरह से अपनी मुँह बोली बहन को नींद में चुदाई का नशा चढ़ा कर उसकी चुदाई का मजा लिया.
मेरा दावा है कि इस सेक्स कहानी को पढ़ने के बाद कोई भी प्यारी भाभी या हम उम्र लड़कियां उंगली किए बिना नहीं रह पाएंगी और मेरे दोस्त मुठ मारे बिना नहीं रह पाएंगे.
ये पैंटी ब्रा सेक्स कहानी दो साल पहले की है.
हम दोनों कॉलेज में साथ में पढ़ाई करते थे.
वह मुझे पढ़ाई में बहुत मदद करती थी.
कॉलेज के टाइम वह हॉस्टल में रहती थी जबकि मैं अपने घर पर रह कर पढ़ाई करता था.
कॉलेज में ही हमारा भाई-बहन का रिश्ता बना था.
हमारी कॉलेज की पढ़ाई का साथ 6 वर्ष तक रहने वाला था.
कॉलेज में उसका एक बॉयफ्रेंड भी बन गया था. वह दूसरे साल से ही अपने बॉयफ्रेंड से चुदने लगी थी.
यह बात मुझे कॉलेज में अपने तीसरे साल में पता चली थी.
उस वक्त तक मेरे मन में कोई गलत ख्याल नहीं आया था … उल्टा मुझे बहुत बुरा लगा था कि मेरी बहन होकर यह किसी लड़के से चुदने लगी है.
कॉलेज के आखिरी साल में मेरी बहन ने उस लड़के से ब्रेकअप कर लिया था.
चुदने से पहले मेरी बहन का फिगर 28-26-30 का था, पर बॉय फ्रेंड से चुदाई करवा कर उसका फिगर 32-28-34 का हो गया था.
छह साल की कॉलेज की पढ़ाई के बाद हम दोनों भाई बहन की जॉब एक ही शहर में लग गई थी.
तो हम दोनों को अपने घर छोड़ने पड़े
हम दोनों के भाई बहन के रिश्ते से हमारे हर वाले भी वाकिफ़ थे.
उसके घर से मेरे अच्छे रिश्ते बन गए थे.
जब हम दोनों की जॉब एक ही शहर में लगी तो हम दोनों के घर वालों ने यह फैसला किया कि दोनों को साथ में ही एक किराए के कमरे में रहने देते हैं.
सभी का सोच यह था कि भाई बहन साथ रहेंगे तो सुरक्षा भी रहेगी और खाने पीने की समस्या भी नहीं रहेगी.
जब मैं जॉब पर गया, तब तक मेरा दिमाग़ भी साफ था.
मेरे मन में मीना को लेकर किसी तरह का कोई खराब विचार नहीं था.
हमने जिस कमरे को किराए पर लिया था, उसमें एक ही बाथरूम था.
हम दोनों एक ही बाथरूम में नहाते थे और टॉयलेट भी उसमें ही था, तो बारी बारी से यूज करते थे.
लड़कियों की आदत होती है कि वे सोते समय ब्रा निकाल देती हैं.
पर मेरी बहन का थोड़ा अलग था, वह घर आते ही ब्रा और पैंटी निकाल कर बाथरूम में रख देती थी.
फिर जब उसे कहीं बाहर जाना होता तो पुनः पहन लेती थी.
अब लंड तो लंड है, उसको क्या समझ आता है कि किसी ब्रा पैंटी है.
वह तो मीना की ब्रा पैंटी बाथरूम में टंगी देख कर खड़ा होने लगता था.
मैं जब भी बाथरूम में जाता तो उसकी ब्रा पैंटी को देख कर मुठ मार लेता था.
ऐसे ही जॉब पर आए हम दोनों को 15 दिन निकल गए थे.
बाद में हम दोनों ने आपस में काम बांटने का तय किया.
मैं अब से कपड़े में धोऊंगा और बहन घर का सारा काम करेगी.
जब पहली बार मैं अपनी बहन के कपड़े धोने गया तो बहुत खुश था कि आज उसकी ब्रा पैंटी पहली बार छूने का मौका मिलेगा.
पर जब मैं कपड़े धोने बैठा तो देखा कि उसने अपनी ब्रा पैंटी को खुद ही धो लिया था.
जब मैं कपड़े सुखाने गया, तब उसने कहा- मेरे कपड़े भी ले जा और सूखने डाल देना.
उस वक्त मुझे उसकी ब्रा पैंटी को हाथ में लेकर बड़ी सनसनी हुई थी.
अब तक मैंने उसकी ब्रा पैंटी को देख कर मुठ जरूर मारी थी लेकिन अब तक कभी हाथ से छुए नहीं थे.
थोड़े दिन बाद उसने ब्रा पैंटी धोना बन्द कर दिया.
अब मैं ही धोने लगा.
मुझे उसकी ब्रा पैंटी से रोज ही मादक सुगंध आने लगी.
मैं अपनी नाक से लगा कर उसकी पैंटी को सूंघने लगा था. पैंटी ब्रा सेक्स का मजा लेने लगा था.
वह शायद अपनी चूत में कुछ खुशबू लगाती थी जिस वजह से मैं रोज ही पागल होने लगता था और दरवाजा बंद करके उसकी पैंटी ब्रा को अपने लौड़े पर लपेट कर मुठ मार लेता था.
थोड़े दिन बाद मुझसे रहा नहीं गया, तो मैं दरवाजा बन्द करके ही कपड़े धोने लगा ताकि मैं उसकी ब्रा पैंटी के साथ बिंदास होकर खेल सकूँ, उसे अपनी नाक पर लगा कर सूंघ सकूँ और लौड़े पर लपेट कर मुठ मार सकूँ.
अब तो यह हो गया था कि कभी कभी मैं उसकी पैंटी को चूत की जगह पर चाटने भी लगा था.
उसकी पैंटी की चूत वाली जगह को चाटने में मुझे बहुत मस्त टेस्ट आता था.
अब मुझे उसकी चुदाई करने का मन करने लगा.
वैसे भी वह अपने बॉयफ्रेंड से चार साल तक चुदी थी तो उसको चुदने की चुल्ल तो होती ही होगी.
यह मुझे पता था कि जब से उसका ब्वॉयफ्रेंड से ब्रेकअप हुआ है, तब से उसने किसी अन्य से चुदाई नहीं की है.
उसको बिना चुदे 2 साल हो गए थे.
चार साल लगातार चुदने के बाद कोई भी लड़की ज्यादा टाइम तक लंड के बिना नहीं रह सकती है, यह तो आपको भी पता है.
हमारा रिश्ता अच्छा था तो हम दोनों दिन में एक-दो बार तो हग करते ही थे.
वह घर में ब्रा नहीं पहनती थी तो उसके चूचों का अहसास मुझे मस्त कर देता था.
जब भी कभी वह झुकती थी तो उसके मम्मों का मस्त दीदार हो जाता था.
मैं अब उसे देख कर मुठ मारे बिना नहीं रह पाता था.
हालत यह हो गई थी कि मैं एक दिन में दो बार तो पक्के में मुठ मारने लगा था.
हम दोनों की आदत थी कि रात को सोने के टाइम पर कॉफी पीते थे.
कॉफी मैं ही बनाता था, तो मैंने एक दिन जोश बढ़ाने वाली गोलियां लाकर रख ली थीं.
अब उस शाम मुझे इंतजार था कि कब खेल शुरू हो.
उस दिन रात हुई.
मैंने बहन की कॉफी में गोली मिला दी.
थोड़ी देर बाद वह सोने लगी.
उसके सो जाने के बाद मैंने उसे आवाज दी, उसने कोई उत्तर नहीं दिया.
मैंने हिला कर चैक किया, तो वह सो गयी थी.
मैं उसके गाल पर किस करने लगा.
फिर हिम्मत बढ़ी तो मैं उसके होंठों पर चूमने लगा, फिर उसके गले पर मेरे होंठ आ गए.
दस मिनट की चुम्मियों के बाद मैंने उसका टॉप निकाल दिया.
ब्रा तो वह पहनती ही नहीं थी, तो उसके बूब्स सामने आ गए.
पिछले एक महीना से उसके चूचों का मैं हल्का सा दीदार करता था, वे आज मेरे सामने पूरे के पूरे खुले हुए थे.
मैंने हल्के हाथ से उसके मम्मों को दबाया. बहुत टाइट दूध थे, मजा आ गया.
मैंने एक बूब्स को अपने मुँह में भर लिया और उसको पीना चालू कर दिया.
दूसरे हाथ से मैं उसके दूसरे दूध को दबा भी रहा था.
थोड़ी थोड़ी देर बाद में मम्मों की अदला बदली भी कर रहा था.
सच में यार क्या चूचे थे मेरी बहन के!
अब बहन की चूत की बारी थी.
मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
मैंने उसका लोअर निकाल दिया.
उसने अन्दर पैंटी भी नहीं पहनी थी.
उसकी छोटे छोटे सुनहरे बालों वाली चूत मेरे सामने खुली हुई थी.
मैं आज पहली बार किसी लड़की को पूरी नंगी देख रहा था.
गहरी वासना के साथ साथ मुझे डर भी लग रहा था कि कहीं बहन जाग गयी तो क्या होगा.
उसका एक दूध मेरे मुँह में था, दूसरा हाथ में था मैं उसके दूध को दबा रहा था. दूसरे हाथ से मैं बहन की चूत को सहला रहा था.
थोड़ी देर बाद मैं उसकी चूत में उंगली डालने लगा.
यह सब मैं पहली बार कर रहा था.
जब मैंने अपनी उंगली बहन चूत में अन्दर डाली तो ऐसा लगा जैसे जलती हुई गैस पर उंगली रख दी हो.
पर मजा बहुत आ रहा था.
शायद जोश बढ़ाने वाली दवा ने उसके अन्दर सेक्स की आग भड़का दी थी.
मेरे अन्दर भी उत्तेजना भड़क चुकी थी तो मैंने कुछ नहीं सोचा.
मैंने अपनी गीली उंगली को सूंघा तो मेरी उंगली अपने आप मुँह में चली गयी.
आह … क्या नमकीन स्वाद था मेरी बहन की चूत का!
उसकी चूत से मदमस्त करने वाली सुगंध आ रही थी.
मैंने अपनी जीभ को सीधा उसकी चूत पर रगड़ना चालू कर दिया.
कुछ मिनट चूत चाटने के बाद मेरा लौड़ा चूत में जाने के लिए जिद करने लगा था.
मैंने अन्तर्वासना हिंदी सेक्स कहानियों में बहुत जगह पढ़ा था कि लंड को मुँह में देने का मजा अलग ही आता है, पर क्या करूँ कैसे अपने लंड को उसके मुँह में दूँ, वह तो नींद में थी.
फिर मैंने उसकी चूत को थोड़ा खोल कर देखा, तो अन्दर से पूरी गुलाबी थी.
मैंने पोजीशन बनाई और उसकी चूत के छेद पर अपने लंड को घिसने लगा.
एक मिनट के बाद मैंने लंड को अन्दर डाल दिया और धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा.
थोड़ी देर बाद मुझे गांड में डालने का मन हुआ, तो मैं उसकी गांड में लाँड़ डालने लगा.
उसने पहले कभी गांड नहीं मरवाई होगी, तो मेरा लंड अन्दर नहीं जा रहा था.
मैंने ज्यादा ताकत नहीं लगाई कि कहीं सुबह उसको दर्द हो और चुदाई का पता चल जाए.
मैं वापिस चूत में लंड डालने लगा.
पता नहीं कैसे … बहन नींद से अचानक जाग गयी और मेरी फट कर फ्लावर हो गयी.
उसने मुझे हटा कर रजाई अपने ऊपर ले ली और मेरे ऊपर चिल्लाने लगी.
मैं कटा हुआ बांस सा सिटपिटाया हुआ पड़ा था.
मेरा लंड उसकी चूत के रस से सना हुआ हवा में खड़ा था.
वह मेरे लौड़े को देख रही थी.
मैं सॉरी सॉरी कह रहा था.
कुछ पल के बाद वह खुद बोलने लगी- किसी को बताओगे तो नहीं ना!
मैं समझ गया कि जिस चूत में दो साल से लंड नहीं गया था, उस चूत में आग भड़क गई है.
आखिर उसकी चूत 2 साल से नहीं चुदी थी तो उसका भी लंड लेने का मन था.
मैंने हामी भरी और उसने अपनी रजाई हटा दी.
वह चूत फैला कर आंख से चोदने का इशारा करने लगी.
मैं पुनः उसके ऊपर चढ़ गया और उसकी चूत में लंड डालने लगा.
वह बोली- कंडोम क्यों नहीं लगाया है?
मैंने कुछ नहीं कहा, मैं बस चुपचाप उसकी चूत को ऐसे ही चोदने लगा था.
वह फिर से बोली- कंडोम लगा ले न!
मैंने उसे दिलासा दिया कि ऐसे एक बार में करने से कुछ नहीं होगा!
वह चुदाई का ज्यादा अनुभव कर चुकी थी तो कुछ नहीं बोली.
मैं अपनी मुँह बोली बहन की चूत चोदने लगा.
मैंने उससे पूछा कि गांड में लोगी?
इस पर उसने बताया कि उसका बॉयफ्रेंड बहुत बार गांड मारने को बोला था, पर मैंने उसे मना कर दिया था.
अब वह जाग ही गयी थी तो डर खत्म हो गया था.
मैं नीचे लेट गया और मैंने उसको अपने लंड के ऊपर ले लिया.
वह मेरे लौड़े पर अपनी गांड उठा उठा कर पूरा लंड अन्दर लेने लगी.
उसके दूध मस्त उछल रहे थे.
मैं उसके दोनों मम्मों को मसलते हुए लंड अन्दर बाहर पेलने का मजा लेने लगा था.
पूरे कमरे में चुदाई की फच … फच … की आवाज हो रही थी और उसकी मादक आवाजें ‘आह … आह … फ़क मी आह जोर से चोदो’ आ रही थीं.
मुझे और जोर से चुदाई करने का मन कर रहा था.
जब वह मेरा पूरा लंड अन्दर लेती, तो बहुत मजा आ रहा था.
वह मेरे दोनों हाथों को अपने मम्मों पर रख कर खुद के हाथ से दबवाने लगी.
हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए और उसके मुँह से मेरा लंड चुसवाने का सपना पूरा हुआ.
वह मेरे लंड को बड़ी मस्ती से मुँह में ले रही थी … साली किसी पोर्नस्टार की तरह लंड चूस रही थी.
इधर मैं उसकी चूत को चाट रहा था.
उसकी चूत का स्वाद चुदाई के बाद अब और बेहतर लगने लगा था.
हम दोनों ने पूरी रात में 3 राउंड चुदाई की.
पहली बार में मैंने गलती से उसकी चूत के अन्दर ही रस निकाल दिया था, पर उसने कुछ नहीं कहा.
बाद में हम दोनों ऐसे ही नंगे ही सो गए.
वह थक कर मेरे ऊपर ही सो गयी.
दूसरे दिन 9 बजे जॉब पर जाना था.
जब मेरी आंख खुली, तो सुबह के 7 बजे थे और मेरी मुँह बोली बहन अभी भी मेरे ऊपर नंगी सो रही थी.
मेरा लंड उसकी चूत से रगड़ रहा था.
इस वजह से वह एकदम से खड़ा हो गया.
मैंने बहन को जगाया, तो उसने मेरा खड़ा लंड देखा.
वह बोली- सुबह सुबह दोबारा करना है क्या?
मैंने बिना शर्म के हां बोल दिया, जैसे वह मेरी बीवी हो.
उसने बोला- चलो फिर साथ में नहाते हुए ही करते हैं.
नहाते वक्त वह मेरे लंड को साफ कर रही थी और मैं उसकी चूत को चाट रहा था.
ऐसे ही हम दोनों में चुदाई चालू हो गयी.
सच में नहाते हुए में अपनी मुँह बोली बहन के साथ चुदाई में बहुत मजा आया.
उसी वक्त उसने खुलासा किया कि रात में तुमने मुझे जोश बढ़ाने वाली दवा खिलाई थी, वह मैंने देख लिया था.
फिर जब तुमने मेरे साथ चुदाई की तो मैं खुद को रोक न सकी और तुम्हारे साथ खुल कर सेक्स करने लगी.
उसके मुँह से यह बात सुनकर मैं बहुत खुश हुआ कि मेरी बहन खुद मुझसे चुदना चाहती थी.
अब मेरा उसकी चूत में उंगली करना, बूब्स दबाना, उसका लंड को छूना सहलाना … हमारे बीच सामान्य हो गया था.
दिन में कई कई बार ये होता रहता था.
उस रात के बाद हम दोनों हफ्ते में दो तीन दिन चुदाई का प्रोग्राम बनाने लगे.
कभी ऑफिस में ज्यादा काम रहता, तो थकान से रिलैक्स होने के लिए भी सेक्स कर लेते थे.
हमारे इस शहर में कोई पहचान वाला नहीं था, तो घर पर कोई नहीं आता था.
इसी वजह से हम दोनों ने बिना कपड़ों के ही घर में घूमना शुरू कर दिया था.
हम दोनों हस्बैंड-वाइफ के जैसे रहने लगे थे.
थोड़े दिन बाद उसने मुझसे कहा- मेरा पीरियड्स मिस हो गये हैं.
मैंने प्रेग्नेंसी किट से चैक किया तो वह प्रेग्नेंट हो गई थी.
मैंने उसको समझा बुझा कर दवाई खिला दी.
उसका खतरा टल गया था.
अभी उसकी शादी की बात चल रही है.
इस बात से हम दोनों बहुत उदास हैं.
पर क्या कर सकते हैं … दुनिया की नजर में हम दोनों भाई-बहन हैं.
मैंने उसकी गांड भी मारी, वह सेक्स कहानी मैं आपको अगली कहानी में बताऊंगा.
पैंटी ब्रा सेक्स कहानी पर अपने विचार बताएं.
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