पहला प्यार या चूत चुदाई की हवस
(Pahla Pyar Ya Chut Chudai Ki Havas)
मित्रो, मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मेरा नाम सद्दाम है.. मैं झारखंड के कोडर्मा जिले के एक छोटे से गाँव का हूँ.. पर अब मैं बोकारो सिटी में रहता हूँ और अपना व्यापार करता हूँ।
यह मेरे पहले प्यार की सच्ची कहानी है जो आप लोगों के बीच साझा कर रहा हूँ.. मुझे उम्मीद है कि आप लोगों को पसंद आएगी।
मुझे नहीं पता कि ये सब मुझे करना चाहिए था या नहीं..
कहानी मेरी अपनी मौसी की लड़की की है.. जिसका नाम हिना था.. उसे मैं बेहद चाहता था.. जो बाद मैं बेवफा निकली।
मैं हिना को बचपन से ही प्यार करता था.. क्योंकि वो बहुद सुन्दर थी। लेकिन मैं कभी उससे शारीरिक सम्बन्ध नहीं बना पाया.. क्योंकि मुझे डर लगता था।
5 साल पहले की बात है जब मैं स्कूल मैं पढ़ रहा था.. और स्कूल मेरे घर से 5 किलोमीटर दूरी पर है। उस समय मेरे मम्मी-पापा कर्नाटक गए थे क्योंकि पापा वहीं पर रहते थे। तब मुझे अपनी मौसी के घर पर रहना पड़ा.. क्योंकि मैं घर मैं अकेला कैसे रहता।
मौसी के घर से मेरा स्कूल सामने ही पड़ता था.. मुझे सभी लिहाज से वहीं पर रहना पड़ा। शुरू में तो मुझे वहाँ अच्छा नहीं लग रहा था.. जिसके कारण मैं किसी से बात नहीं करता था। मुझे लड़कियों से बात करने में शर्म भी लगती थी.. इसलिए मैं स्कूल से आता तो घर के बाहर कभी नहीं जाता था।
इसी शर्म के चलते मैं हिना से भी बात नहीं करता था.. तो एक दिन वो बोली- तुम मुझसे बात क्यों नहीं करते?
तो मैंने कहा- मुझे शर्म आती है।
उसने मुझसे अच्छे से बात की थी इसलिए उसके बाद उस दिन से मैंने उससे बात करना शुरू कर दिया।
उससे बात करते-करते फिर एक दिन आया कि मैं अपने प्यार का इज़हार कर दिया और उसने मेरी बात मान ली।
उस दिन के बाद से उसके घर में रहने में मज़ा आने लगा था। उसके बिना एक पल भी अच्छा नहीं लगता था।
जब वो मेरे कमरे में आती.. तो मैं उसे किस करता और इससे आगे मैं कुछ नहीं कर पाता था। हम दोनों ने शादी के लिए वादे-कसमें खाईं.. पर उसके साथ रहना मेरे किस्मत में नहीं था।
अपनी कक्षा में पास होने के बाद मैंने अपना दाखिला आगे की पढ़ाई के लिए करवाया और उससे दूर रहने लगा.. तब भी उसके साथ फोन पर अक्सर बातें होती रहती थीं।
जब मैं दूसरे साल में था.. तब पता चला कि उसके लिए शादी के रिश्ते आ रहे हैं।
तब मैंने अपने मम्मी-पापा से बोला- मैं शादी उसी से करूँगा..
पहले तो वो नहीं माने.. लेकिन मेरी ज़िद के आगे उन्हें झुकना पड़ा।
एक दिन मेरे मम्मी-पापा उसके घर शादी की बात करने गए.. तो हिना ने शादी से साफ इनकार कर दिया।
यह बात सुनकर मानो मेरे ऊपर गमों का पहाड़ टूट पड़ा हो। उस दिन के बाद वो मुझसे बात भी नहीं करती थी। उसकी शादी तय हो गई.. तो उसने मुझे फोन किया और अपनी शादी में आने के लिए कहा.. लेकिन मैंने मना कर दिया।
एक दिन फिर फोन किया और शादी में बुलाया.. अबकी बार मैंने ‘हाँ’ कर दिया लेकिन एक शर्त पर कि वो सुहागरात मेरे साथ मनाएगी।
उसने तुरंत ‘हाँ’ कर दी। उसकी शादी और उसके भाई की शादी एक साथ हो रही थी.. पहले दिन उसके भाई की शादी थी.. फिर दूसरे दिन उसकी थी।
मैं बताना भूल ही गया कि उसके दो भाई थे.. उसके भाई की शादी के दिन मैं रात में उसके घर पहुँचा.. जब लोग बारात में जाने की तैयारी कर रहे थे।
जब बारात जाने लगी तो मुझसे भी बारात में जाने के लिए कहा गया पर मैंने ये कह कर मना कर दिया कि मेरी तबीयत सही नहीं है और मैं बारात में नहीं गया।
उसके बाद मैं वहीं पर कमरे में सोने चला गया। लगभग 11 बजे रात हिना मेरे पास आई.. उस समय मैं जाग रहा था। उसके आने के बाद मैंने उसके साथ बहुत सारी बातें की.. बातें करने के बाद उसके साथ चुदाई करने की बात कहने लगा.. तो वो मना करने लगी।
फिर मैं बोला- अगर चूत नहीं दोगी.. तो अभी यहाँ से चला जाऊँगा।
तो वो मान गई।
उसके बाद मैंने अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और चूसने लगा.. तो वो भी मेरा साथ देने लगी।
उसके बाद एक-एक करके उसके और अपने पूरे कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे.. वो कुछ शरमा रही थी.. लेकिन मेरे जोर देने पर वो शर्म और हया को भूल गई।
अब मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर चूसना शुरू किया। मैं करीब 5 मिनट तक चूसता रहा और उसके मम्मों को दबाता रहा।
हय, क्या संतरे थे उसके.. एकदम सख्त थे। होंठों को चूसने के बाद मैंने उसके दूधिया मम्मों को अपने मुँह में ले लिया.. तो वो एकदम से सिहर उठी।
उसकी चूत गीली हो चुकी थी.. मैं मुँह से मम्मों को चूस रहा था और अंगुली को उसकी चूत में अन्दर-बाहर कर रहा था।
उसके मम्मों को दम से चूसने के बाद.. अब चूत चाटने की बारी थी.. तो मैंने अपना मुँह उसकी चूत में लगा दिया और जीभ से चाटने लगा।
वो मादक आवाजें कर रही थी- आ.. उन्ह.. मज़ा आ रहा है..
मैं ज़ोर से चूत चाट रहा था।
उसके बाद उसने एक पानी छोड़ दिया.. जिससे मुझे बहुत मज़ा आया।
अब मेरा लण्ड चूसने की उसकी बारी थी। मेरा लण्ड 6 का है.. उसने देखा तो वो बोली- इतना लंबा और मोटा अन्दर कैसे जाएगा?
उसने चुसाई से मना कर दिया और बोली- मुझे घिन आती है..
लेकिन मेरे ज़ोर देने पर चूसने लगी।
ओह.. मैं बता नहीं सकता.. उस समय पहली बार लण्ड चुसवाने में क्या मज़ा आ रहा था।उसके बाद वो बोलने लगी- जल्दी से मेरी चूत में डालो.. अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है।
उसके बाद मैंने उसको सीधा लिटाया और टाँगें चौड़ी करने को बोला। अब मैंने लण्ड में थूक लगा कर चिकना किया और चूत के मुँह के पास रखा.. सब कुछ सैट हो जाने के बाद मैंने धीरे से लौड़े को चूत के अन्दर डाला.. तो वो चिल्ला उठी। वो जोर से रोने लगी और छोड़ने के लिए बोली।
उसकी चूत फूली हुई रोटी की तरह और एकदम टाइट थी और ये उसका पहली बार था.. जब उसकी चूत में लण्ड जा रहा था। तो उसे दर्द हो रहा था.. मगर मैं कहाँ मानने वाला था, मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से दबा लिया और एक जोरदार झटका मारा.. तो चूत को फाड़ते हुए लण्ड पूरा जड़ तक चला गया..
उसने चिल्लाना चाहा.. मगर चिल्ला नहीं पाई.. लेकिन उसके आँख से आँसू निकल रहे थे।
कुछ देर तक मैं उसी तरह लेटा रहा।
यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉम पर पढ़ रहे हैं।
जैसे ही उसका दर्द कम हुआ.. तो मैंने धीरे-धीरे लौड़े को काम पर लगा दिया और उसे अन्दर-बाहर करने लगा।
अब उसको मज़ा आने लगा.. तो मैं झटके पर झटका मार रहा था।
‘आह.. उन्ह.. और ज़ोर से..’
मैंने झटके और तेज़ कर दिए.. लगभग 10 मिनट के बाद वो झड़ गई.. पर मेरा नहीं हुआ था.. मैं लगा था झटके पे झटका मारने में..
करीब 20 धक्के मारने के बाद मेरा भी रस निकल गया और मैंने उसकी चूत में ही पूरा रस निकाल दिया।
करीब 5 मिनट तक उसी तरह हम दोनों एक-दूसरे से लिपटे रहे.. फिर हम दोनों उठे.. तो उसने देखा कि पूरा बिस्तर खून से रंगा हुआ है। इसे देख कर वो डर गई तो मैंने समझाया कि पहली बार ऐसा ही होता है।
उस रात हम दोनों रात भर नहीं सोए और मैंने उसे दो बार और चोदा।
उस रात बहुत मज़ा आया था.. फिर दूसरे दिन उसकी शादी थी.. जिसमें मैं नहीं गया.. मैं जाता भी कैसे.. मेरे लौड़े में बहुत दर्द था.. पर सुकून था कि उसके साथ सुहागरात मैंने ही मनाई।
यह थी मेरे प्यार और चुदाई की सच्ची कहानी.. आपको कैसी लगी.. विचार जरूर भेजिएगा। मुझे आपके ईमेल का इंतज़ार रहेगा।
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