जिस्मानी रिश्तों की चाह- 72
(Nude Sister Brother Chudai Kahani)
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न्यूड सिस्टर ब्रदर चुदाई का खेल 2 भाई और 2 बहनों ने एक साथ एक बेड पर खेला. चारों जवान है और सबसे बड़ी बहन के निर्देश पर सबने हर तरह के सेक्स का मजा लिया.
दोस्तो, मैं सगीर एक बार फिर से अपनी सगी बहनों के साथ हुई चुदाई के रिश्तों की दास्तान का अगला भाग लेकर हाजिर हूँ.
इस सेक्स कहानी के 71वें भाग
छोटी बहन को चोदने की तमन्ना
में आपने पढ़ा था कि मैंने अपनी बड़ी बहन रूही आपी की चुदाई के साथ साथ अपनी छोटी बहन हनी को भी चोद लिया था.
मेरा छोटा भाई फरहान पहले से ही हनी को चोदने लगा था और अब मुझे भी हनी को चोदने का अवसर मिल गया था.
उसी न्यूड सिस्टर ब्रदर चुदाई के कामुक सफर की अगली कड़ी पेश कर रहा हूँ.
आगे बढ़ने से पहले एक सरसरी सी नजर पिछले भाग पर भी डाल लेते हैं.
मजेदार चुदाई के बाद आपी मेरी गोद से उठने लगीं और उठते उठे उन्होंने मेरे लंड को अपनी गांड से रगड़ा और बोलीं- मुझे छोड़ो सगीर … अब खाने की तैयारी भी करनी है, शाम हो गई है. तुम भी थोड़ी देर के लिए अपने टीवी शोरूम पर चले जाओ.
मैंने भी उनकी चूचियों को एक बार जोर से दबाते हुए मसला और कहा- ठीक है आपी.
आपी ‘उन्ह.’ कहती हुई उठ गईं.
फरहान और हनी वहीं अब भी सो रहे थे.
कुछ देर बाद मैं घर से चला गया.
अब आगे न्यूड सिस्टर ब्रदर चुदाई:
मैं दुकान पर आकर काम देखने लगा.
न जाने क्यों मैं बार बार घड़ी की ओर देख रहा था.
तो मेरे एक खादिम ने कहा- क्या हुआ सर, आज आप बार बार घड़ी क्यों देख रहे हैं?
मैंने कहा- कुछ नहीं, बस आज घर जल्दी जाना है. अब्बू और अम्मी घर पर नहीं हैं.
अब उससे क्या बताता कि मैं अपनी बहनों की चूत चोदने के लिए तड़प रहा हूं.
वह बोला- तो मालिक, आप घर पर चले जाएं, यहां का काम में देख लूंगा और शोरूम को आठ बजे बंद करके चला जाऊंगा.
मैंने कहा- ठीक है.
मैं अपनी बाईक स्टार्ट करके घर की तरफ चल दिया.
घर पर आकर मैंने दरवाजा खटखटाया तो दरवाजा आपी ने ही खोला.
आपी को देखते ही मैं आपी की तरफ बढ़ा और उन के मुलायम होंठों को चूसने लगा.
अचानक से किस करने से आपी चौंक गईं और मुझे अपने आपसे दूर करने लगीं.
लेकिन मैंने आपी को और कस कर पकड़ लिया.
अब आपी भी मेरा साथ देने लगीं और वे भी मेरे होंठों को चूसने लगीं.
कभी वे मेरे नीचे के होंठ को चूसतीं तो कभी ऊपर के होंठ को चूसने लगतीं.
मैं भी आपी को ऐसे ही पूरी मस्ती से किस कर रहा था.
तभी उन्होंने मुझे अपने आप से धक्का देकर अलग किया और गुस्से में कहने लगीं- क्या करते हो सगीर, कहीं भी शुरू हो जाते हो. कोई बाहर का बंदा देख लेता, तो कितनी मुसीबत हो जाती! चलो अब जल्दी से अन्दर आ जाओ.
मैं चुपचाप घर के अन्दर आ गया और आपी ने दरवाजा बंद करते हुए कुंडी लगा दी.
वे किचन की तरफ जाने लगीं.
मैंने आपी के पीछे जाकर उनको पीछे से ही पकड़ा और उनकी गर्दन पर अपनी जीभ से चाटने लगा.
आपी भी मेरे चाटने से उत्तेजित होने लगीं.
लेकिन आपी ने मुझे रोकते हुए कहा- जाकर टीवी देखो, अभी यह सब नहीं होने वाला!
मैंने उदास सा चेहरा बनाकर कहा- आपी, मैं आपके लिए तो दुकान से जल्दी आया हूं … और आप मुझे कुछ भी नहीं करने दे रही हो?
आपी ने कहा- अरे मेरे सोहने भाई, उदास क्यों हो रहा है. हम यह सब करेंगे, लेकिन रात को. अभी मुझे खाना बनाना है और सुबह से हम सेक्स ही तो कर रहे हैं. तुमसे रात तक का सब्र नहीं हो रहा है … तुम भी फरहान बनते जा रहे हो!
मैंने कहा- ठीक है रूही आपी लेकिन मैं आपको मैं रात बिल्कुल नहीं छोड़ने वाला!
आपी ने मुस्कुराते हुए कहा- तुमसे छूटना भी कौन चाहता है!
इतना कह कर आपी किचन में घुस गईं और मैं जाकर टीवी लांउज में बैठकर टीवी देखने लगा.
इतने फरहान और हनी भी उठ गए जो दोपहर की चुदाई के बाद यहीं सो गए थे.
दोनों उठकर मुस्कुराते हुए मुझे देखने लगे और दोनों ने साथ में कहा- आप दुनिया के सबसे अच्छे भाई हो भाईजान!
मैं उन दोनों को देखकर बस मुस्कुरा दिया.
अब हम तीनों एक दूसरे से चिपककर टीवी देखने लगे.
बीच बीच में कभी फरहान मेरे लंड पर अपना हाथ फेर देता, तो कभी हनी.
मैं हनी के स्तनों को मसल देता.
आधा घंटा बाद आपी ने आवाज लगाई- चलो खाना बन चुका है, सभी हाथ मुँह धोकर डाइनिंग टेबल पर बैठ जाओ.
हम तीनों उठे और हाथ मुँह धोकर खाना खाने बैठ गए.
आपी ने खाना लगा दिया और हम सभी ने मस्ती मजाक करते हुए खाना खाया.
खाने के बाद मैंने आपी से कहा- अब बताओ रात का क्या प्लान है मेरी हॉट और सेक्सी आपी जान!
आपी को मेरे मुँह से अपने लिए हॉट और सेक्सी सुनकर अच्छा लगा.
उन्होंने शर्माते हुए कहा- तुम और फरहान अपने कमरे में जाओ, फिर पता चलेगा कि क्या प्लान है.
फरहान ने कहा- क्या प्लान है आपी … प्लीज बताओ ना!
हनी ने फरहान से कहा- आपी ने कहा ना … कमरे जाकर पता चल जाएगा तो चुपचाप कमरे में चले जाओ.
फरहान कुछ कहने वाला ही था कि मैंने उसे रोकते हुए इशारा किया और खुद कमरे की तरफ चलने लगा.
तो फरहान भी मेरे पीछे आ गया और कहने लगा- भाईजान आपने कुछ कहने क्यों नहीं दिया?
मैंने कहा- पागल, आपी हमको सरप्राइज देना चाहती हैं, इसी लिए तो मैंने भी कुछ नहीं कहा और तुम्हें भी रोक दिया.
मैं और फरहान बिस्तर पर लेट गए.
इतने में आपी और हनी कमरे के अन्दर आईं.
हनी और आपी को देखकर फरहान और मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं.
आपी ने सफेद और गोल्डन मिक्स कलर का लहंगा पहना था और उनका ब्लाउज बड़े गले का था.
उसमें से आपी की आधी चूचियों दिखाई दे रही थीं और उनका ब्लाउज पीठ पर केवल दो डोरियों से बंधा हुआ था.
ऐसे ही हनी ने भी लंहगा चोली पहना था लेकिन उसके लहंगे का रंग लाल था.
आपी और हनी घूम घूम कर अपने लहंगे दिखाने लगीं.
तब आपी और हनी के हुस्न को देखकर फरहान और मुझसे रहा नहीं गया.
मैंने आपी को पकड़ कर अपनी बांहों में भर लिया और हनी को फरहान ने अपनी बांहों में भर लिया.
आपी को अपनी बांहों में भर कर मैंने उनके होंठों को चूसना शुरू कर दिया और आपी भी मेरे होंठों को चूसने लगीं.
फरहान हनी का ब्लाउज खोलने लगा पर उससे हनी का ब्लाउज नहीं खुल पा रहा था.
वह गुस्से में कहने लगा- बहन का लौड़ा ब्लाउज खुल ही नहीं रहा है.
आपी ने किस छोड़कर फरहान और हनी की तरफ देखा.
तब आपी फरहान को डांटती हुई बोलीं- थोड़ी सी देर का सब्र नहीं होता है, हमेशा जल्दी में रहेगा … सेक्स भी आराम से नहीं होता क्या!
आपी ने हनी का ब्लाउज खोला और कहा- ले चूस ले हवशी अपनी बहन के मम्मों को!
फरहान आपी की डांट से जरा खिसिया गया और वह हनी की तरफ आराम से बढ़कर बड़े प्यार से उसके रसीले मम्मों को चूसने लगा.
आपी मेरी तरफ आईं.
आपी के करीब आते ही मैं फिर से आपी पर टूट पड़ा और उनको बेड पर गिरा लिया.
मैं भी आपी का ब्लाउज खोलने लगा.
मुझे जल्दी बाजी करते देख आपी ने कहा- तुमको क्या हुआ सगीर … रोज तो तुम भी आराम से करते थे, आज क्या तुम भी फरहान बने रहे हो?
मैंने कहा- आपी, आपको इससे लहंगे में देखकर मुझसे रहा नहीं जा रहा.
आपी का ब्लाउज खोलकर में उनके एक दूध को चूसने लगा और दूसरे को मसलने लगा.
तो वे भी मेरे लंड को मेरी पैंट के ऊपर से सहलाने लगीं.
आपी ने मेरे लंड को पैंट से बाहर निकाल लिया और मुझे सीधा लिटा कर मेरे लंड को मुँह में लेने लगीं.
जैसे ही आपी ने मेरा लंड अपने मुँह में घुसाया, मुझे बहुत मजा आने लगा और मैं उनके मुँह को ही चूत समझ कर पूरे वेग से चोदने लगा.
मेरा लंड आपी के गले तक जा रहा था.
हालांकि आपी मेरे लौड़े को काफी अन्दर तक ले लेती थीं लेकिन आज मेरी हवश के आगे उनको तकलीफ़ भी होने लगी थी.
यही एक बात मेरी आपी के अन्दर खुश कर देने वाली थी कि वे मेरी खुशी के लिए मेरा लंड चुपचाप चूसे जा रही थीं.
उनकी आंखों से आंसू तक निकलने लगे थे लेकिन उन्होंने एक बार भी नहीं रोका.
आपी के आंसू को देखकर मैंने लंड के झटके रोकते हुए आपी से कहा- रूही आपी, अब आप रहने दो … कितना प्यार करती हैं आप मुझे … चलिए अब मैं आपकी चूत चाटूंगा.
मैंने आपी को चित लेटाया और उनके लहंगे को उतार दिया.
आपी ने आज पैंटी पहनी ही नहीं थी.
उनकी रसीली चूत पानी पानी हुई पड़ी थी.
मैंने उनकी टांगों में अपना मुँह घुसेड़ा और आपी की चूत के दाने को अपनी जीभ से कुरेदने लगा.
वे सिहरने लगीं और मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगीं- आह चाट ले न … क्या गुदगुदी कर रहा है!
यह सुनते ही मैंने आपी की चूत के दाने को अपने दांतों से पकड़ा और हल्के से काटने लगा; दाने को दांतों से पकड़ कर खींचने लगा.
आपी की जान हलक में आ गई; वे जोर जोर से सिसकारियां निकालने लगीं.
मैं उनकी चूत की फांकों को भर भर कर चाटने लगा.
थोड़ी देर तक ऐसे ही चलता रहा.
इस बीच आपी दो बार झड़ चुकी थीं लेकिन वे अभी भी मेरे मुँह पर अपनी चूत रगड़ रही थीं.
आज शायद आपी कुछ ज्यादा ही गर्म हो गई थीं, ऐसा न जाने आपी ने क्या खा लिया था.
मैंने आपी की चूत में अपना लंड डाला और आपी को पूरी ताकत से चोदने लगा.
आपी ने मुझको रोकते हुए कहा- सगीर तुम नीचे आ जाओ, मैं तुम्हारे ऊपर बैठ कर चुदवाना चाहती हूं.
मैं आपी की बात मानकर उनके ऊपर से हटकर बेड पर लेट गया और आपी मेरे लंड के ऊपर चढ़ गईं.
आपी ने मेरा लंड अपने हाथ से पकड़ कर अपनी चूत की फांकों में रगड़ा और फंसा लिया था.
उसी वक्त मैंने अपने कूल्हे उठाकर एक करारा धक्का चूत में दे दिया और लंड अन्दर तक घुसता चला गया.
मैं कूल्हे उठा उठाकर आपी को चोदने लगा.
थोड़ी देर बाद आपी भी उछल उछलकर मेरा लंड अपनी चूत में लेने लगीं.
वे जोर जोर से सिसकारियां निकालती हुई कहने लगीं- आह … और जोर से चोद मेरे भाई … चूत में बड़ा मज़ा आ रहा है और जोर से चोद बहनचोद … पेल बहन के लौड़े!
मैंने आपी को टोकते हुए कहा- आपी आप तो गाली बकने लगीं!
आपी शर्माती हुई बोलीं- मैंने कब बकी गाली … तुम झूठ बोल रहे हो!
इतने में फरहान भी बोल उठा- हां आपी, आपने अभी गाली बकी थी. आप भाईजान से बहनचोद कह रही थीं.
हनी भी फरहान की हां में हां मिलाती हुई बोली- आपी आपने गाली बकी है, तो मान लो न!
आपी झुंझलाती हुई बोली- हां मैंने बकी है गाली … कौन मेरा क्या करेगा!
मैंने कहा- आपी आपका कोई क्या बिगाड़ सकता है. पर आपके गाली बकने से मुझमें और जोश आ रहा है. चलो आप गाली बकती रहो.
आपी ने कहा- ठीक है, तुम कह रहे हो तो बक रही हूं … तू रुक क्यों गया भोसड़ी के … जोर से चोद न मां के लौड़े … चोद डाल अपनी बहन को … आह और जोर से मादरचोद बहनचोद.
यही सब गालियां बकती हुई आपी और जोर जोर से उछल कर चुदने लगीं.
आपी के मुँह से गाली सुनना मुझे अच्छा लगा.
मैं और ताकत से चूत में धक्के लगाने लगा.
मेरी तरह ही फरहान हनी को चोद रहा था और हनी भी फरहान को गाली बक रही थी.
पूरे कमरे में बस फच फच और आपी और हनी की सिसकारियां और गालियों की आवाज गूंज रही थी.
हम चारों बीस मिनट तक ऐसे ही चुदाई करते रहे.
फिर फरहान हनी की चूत में झड़ गया और उसके थोड़ी देर बाद मैं भी आपी की चूत में झड़ गया.
आपी और हनी की चूत मेरे और फरहान के वीर्य से भर गई.
जोरदार चुदाई के बाद आपी निढाल होकर मेरे ऊपर ही लेट गईं और हनी फरहान के ऊपर गिर गई.
हम चारों बहन भाई कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे.
फिर आपी उठीं.
उन्होंने पहले मेरे झुके हुए लंड का सुपारा नीचे किया और मेरा लंड चूसने लगीं.
वे कहने लगीं- सगीर, तुम्हारे लंड का स्वाद बहुत अच्छा है.
उधर हनी भी फरहान के लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी थी.
दोनों लड़कियों ने हमारे मुरझाए हुए लौड़े खड़े कर दिए.
मैं आपी की चूत पर अपना लंड लगाने लगा.
पर आपी ने मुझे रोक कर कहा- मैं अब फरहान से चुदना चाहूँगी. तुम हनी को चोद लो.
फिर आपी ने हनी को मेरी तरफ कर दिया और खुद फरहान की तरफ जाकर उसका लंड अपनी चूत में लगा कर चुदने लगीं.
मैंने हनी को लेटाकर उसकी चूत में अपना लंड सैट कर दिया और उसे चोदने लगा.
हम चारों ने एक एक राउंड चुदाई और की उसके बाद हम चारों भाई बहन ऐसे ही नंगे सो गए.
सुबह मेरी आंख खुली तो मैंने देखा कि हनी मेरे लंड पर अपना थूक लगा कर उससे चिकना करके अपने मुँह में ले रही थी.
मैंने आपी की तरफ देखा तो फरहान आपी की चूत चाट रहा था.
आपी नींद में ही सिसकारियां निकालने लगी थीं.
मैंने आपी को जगाया, तो आपी ने कहा- क्या हुआ सगीर?
मैंने कहा- देखो रूही आपी, हमारे दोनों छोटे भाई बहन कैसे हमारे लंड और चूत को चाट और चूस रही हैं.
आपी ने फरहान की तरफ देख कर कहा- हां फरहान ऐसे ही करो, मजा आ रहा है.
वे मेरा मुँह अपनी तरफ़ करके मुझे किस करने लगीं, तो मैं भी आपी को किस करने लगा.
हम चारों न्यूड सिस्टर ब्रदर चुदाई का मजा ऐसे ही तीन दिन तक सुबह-शाम लेते रहे.
आपी और हनी गर्भ निरोधक गोलियां लेती रहीं.
फरहान और मैं उन दोनों को दिन रात चोदते रहे.
अब अम्मी और अब्बू निकाह में से वापस आ गए थे.
लेकिन वे हम चारों के लिए एक बुरी खबर लाए थे.
वैसे अम्मी और अब्बू के लिए तो यह अच्छी थी लेकिन हमारे लिए बुरी.
आपी के लिए तो बहुत ही बुरी खबर थी.
यह बुरी खबर क्या थी, आपको अगले भाग में पता चलेगा.
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