नशे में बहन ने अपनी चूत की चुदाई करवा ली सगे भाई से
(Nashe Me Bahan Ne Apni Choot Ki Chudai Karwa Li Sage Bhai Se)
हैलो फ्रेंड्स, मैं आपकी प्यारी रजनी आप लोगों के लिए अपनी ज़िंदगी की एक सच्ची सेक्सी स्टोरी भाई बहन की चुदाई की लाई हूँ। इस स्टोरी में मैंने नींद में अपने भैया का लंड कैसे खाया ये लिखा गया है।
मेरी फैमिली में चार मेंबर हैं.. मैं, मेरा भाई राहुल और मम्मी-पापा।
बात सर्दियों की है। दिसंबर का टाइम चल रहा था और हम दोनों भाई-बहन की स्कूल की छुट्टियाँ चल रही थीं, हम दोनों ही काफ़ी बोर हो रहे थे।
एक दिन पापा ने कहा कि हम सब मंसूरी जा रहे हैं।
वहाँ हमारे चाचा जी अपनी फैमिली के साथ रहते थे.. पापा उनके घर जाने के लिए कह रहे थे। चाचा एक बैंक में मैनेजर थे, उनकी लड़की की शादी थी।
हम दोनों भाई-बहन बहुत खुश हुए कि चलो इसी बहाने अब कहीं घूमने का मौका तो मिला।
हमने जाने की तैयारी शुरू कर दी। चूंकि वहाँ हमारी फैमिली से कोई भी बंदा 5-6 सालों से नहीं गया था.. इसलिए सभी वहाँ जाने को काफ़ी उत्सुक थे।
हम सभी ने शादी के लिए शॉपिंग आदि भी कर ली थी। पापा ने चाचा के घर कॉल करके बता भी दिया कि हम सभी लोग फलां दिन आ रह हैं। वहाँ भी सब खुश हो गए।
पर होनी को कुछ और ही मंजूर था.. हमारे जाने से एक दिन पहले हमारे पड़ोस वाले घर में पापा के दोस्त की डैथ हो गई तो पापा ने कहा- मेरा जाना अब ठीक नहीं है, तुम दोनों अपनी मम्मी को लेकर निकल जाना।
पर मम्मी ने भी जाने से मना कर दिया।
अब हम दोनों को ही जाना था और हम शादी के दिन सुबह जल्दी रवाना हो गए। मंसूरी पहुँचते-पहुँचते हमें लगभग शाम के 5 बज गए थे।
हम दोनों चाचा के घर पहुँचे, वहाँ सबने हमारा वेलकम किया।
चाचा ने पूछा कि भैया-भाभी नहीं आए तो राहुल भैया ने उन्हें सब बता दिया।
खैर.. शादी वाला घर था, सब काफ़ी जल्दी में थे। इधर हम दोनों की हालत तो सफ़र की वजह से खराब हो चुकी थी। हम दोनों थोड़ा आराम किया और शाम को शादी में चले गए।
बारात आई हम सबने काफ़ी एंजाय भी किया और सुबह को चाचा की लड़की की विदाई भी हो गई। हम भी दोपहर को घर वापसी के लिए निकल पड़े। उस दिन काफ़ी खराब मौसम था। जैसे ही हम दोनों ने मंसूरी क्रॉस की, अचानक आंधी तूफ़ान और पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हो गई और रास्ते बंद हो गए।
जैसे-तैसे हम देहरादून पहुँचे। इस टाइम शाम के 5 बज गए थे। हम दोनों ने घर पर कॉल किया तो पापा ने कहा कि रात का रास्ता खराब है, तुम वहीं किसी होटल में स्टे कर लो और कल सुबह निकलना।
हम दोनों ने उनकी बात मान ली और होटल में रूम ले लिया।
मैंने और राहुल भैया ने चेंज किया और फिर खाना खाया। चूंकि ठंड ज्यादा ही थी इसलिए राहुल भैया ने रम का इंतजाम कर लिया और रम पीने के बाद तो ठंड मानो गायब सी हो गई।
फिर हम दोनों ने खाना खाया और ना जाने कब हम दोनों भाई-बहन सो गए।
तकरीबन रात हो 2:30 बजे मेरी आँख खुली तो पहले मैं वॉशरूम गई और फिर दुबारा आकर लेट गई। अब तक रम का नशा उतर चुका था इसलिए मुझे फिर से सर्दी लगने लगी। मैं जल्दी से राहुल भैया के कम्बल में जाकर उनसे चिपक गई। अब मुझे थोड़ी राहत मिली।
पता नहीं कब मेरा हाथ उनके सीने पर चला गया और मैं राहुल भैया के सीने को सहलाने लगी। कुछ देर बाद मेरा हाथ खुद उनके सो रहे लंड पर पहुँच गया। मैं उसे पजामे के ऊपर से ही पकड़ कर उससे खेल रही थी।
मेरा हाथ लगते ही उस सो रहे लंड में भी हलचल शुरू हो गई। अब राहुल भैया का तना हुआ लंड अपने हाथ में पकड़ते ही मेरा मन उसे अपनी चूत में लेने को मचलने लगा।
मैंने राहुल भैया को किस करना शुरू कर दिया। मैं उनके होंठों को अपने होंठों में लेकर चूस रही थी। बहुत ही मजा आ रहा था, अपनी जीभ से राहुल की जीभ को छूना बहुत अच्छा लग रहा था। पर राहुल भैया अब भी सो रहे थे, क्योंकि उन्होंने मुझसे ज़्यादा ड्रिंक की हुई थी।
अब मुझसे रुका नहीं गया तो मैंने जल्दी से अपना पजामा और पेंटी नीचे करके अपनी गीली हो चुकी चूत राहुल भैया के मुँह पर रख कर उनके मुँह पर बैठ गई।
आह.. कितना मजा आ रहा था..
मैं अपनी चूत उनके होंठों पर रगड़ रही थी। जब उनकी गर्म साँसें मेरी चूत के दाने पर लग रही थीं तो बड़ा मजा आ रहा था।
अब मेरी रगड़ की स्पीड तेज होती जा रही थी। मेरी चूत पूरी तरह से पानी से तर हो चुकी थी और राहुल भैया के होंठ भी मेरे चूत के पानी से भीग गए थे।
तभी शायद उनकी आँख खुल गई और जब उन्होंने मेरी चूत अपने मुँह पर देखी तो वो भी लपलपा कर मेरी चूत की माँ चोदने लगे।
अह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… भैया कितने प्यार से मेरी चूत को चाट रहे थे। मैं कामुक भरी आवाज में सिसकारने सी लगी थी।
जैसे ही भैया की जीभ मेरी चूत को खोलते हुए अन्दर जाती.. उस समय मैं सातवें आसामान पर होती।
बहन की चुदाई की यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
तभी भैया ने अपने हाथ बढ़ा कर मेरे दोनों मोटे-मोटे चूचों को पकड़ लिया और मेरे चूचे को बुरी तरह से दबाने लगे। इधर भैया मेरे चूचे दबा रहे थे और उधर अपनी जीभ से मेरे चूत की रगड़ाई भी कर रहे थे। जब राहुल भैया मेरी पूरी चूत को होंठों में लेकर चुसकारी मारते, तो ऐसा लगता था शायद मैं अब पानी छोड़ दूँगी।
मुझसे अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा था। मैंने तुरंत भैया को उठाया और उनके कपड़े उतारने शुरू कर दिए।
मेरा मन था कि राहुल भैया का लंड चूसूं, पर एक तो वो तन चुका था और फिर मुझे राहुल भैया का लंड अपने मुँह से ज़्यादा अपनी चूत में लेने की जल्दी हो रही थी।
भैया भी समझ गए और उन्होंने ढेर सारा थूक अपने लंड पर मल दिया और एक झटके में मुझे गिरा कर लेटा दिया।
भैया की ऐसी हरकत देख कर मैं समझ गई कि आज मेरा प्यारा भैया मेरी चूत को बड़े मज़े से चोदेगा।
फिर मैंने थोड़ा नखरा दिखाना शुरू किया और भैया से कहा- राहुल भैया, ये क्या कर रहे हो?
राहुल- मैं अपनी प्यारी बहन को चोदने की तैयारी कर रहा हूँ।
मैं- भैया नहीं.. मुझे मत चोदो.. मेरे मुँह में लंड देकर अपना पानी छोड़ दो।
राहुल- नहीं मेरी बहना.. मुझे आज मत रोक प्लीज़..
मैं- नहीं भैया बहुत तकलीफ़ होगी।
राहुल- नहीं बहाना कुछ नहीं चलेगा।
मैं- नहीं राहुल भैया मेरी चूत आपका लंड नहीं झेल पाएगी।
राहुल- अरे डर मत.. मुझसे मोटा लंड भी झेल जाएगी।
मैं- राहुल भैया प्लीज़ आपके लंड से मेरी चूत फट जाएगी..!
राहुल- अब फटे तो फटने दे.. बस चुदवा ले मुझसे.. जल्दी.. आआह..
राहुल लंड लगाने लगा।
‘थोड़ा ऊऊऔरर हाँ.. अब गया थोड़ा..’
‘अभी पूरा भी जाएगा साली रंडी..’
‘हाय राहुल साले बहनचोद.. साले आराम से चोद भोसड़ी के.. अह.. कोई भैया इतनी बेरहमी से अपनी बहन की चुदाई करता है क्या.. अह.. जरा आराम से बहनचोद.. मैं कहीं भागी नहीं जा रही.. ऊऊह साले आऐईईए.. मार दिया.. बहन के लंड.. तूने आह्ह..
‘अरे रांड बहना.. बस दो मिनट और झेल ले बहन की लौड़ी.. बाकी लंड भी कर दूँगा अन्दर.. बस ले थोड़ी गहरी साँसें ले ले कमीनी.. आहह उम्म्म्मम.. ऊऊओह.. बस बहना.. मेरी प्यारी छिनाल बहना खाले अपने राहुल का लंड कुतिया.. आआह..’
‘साले मादरचोद भैया मारोगे क्या बहन के लौड़े.. रुक जा साले राहुल.. तेरी मां की चूत साले.. मर गई.. कुत्ते..’
‘ना मेरी रंडी बहन.. तू मत मर मेरी बहन की चूत.. मैं मार तो रहा हूँ.. ऊऊऊ ऊआआह.. तेरी चूत का बीज रगड़ दूँ.. आह..’
‘राहुल नीचे कर साले अपने होंठ.. ला पिला दे मुझे अपने होंठों का रस.. अह.. मेरा प्यारा राहुल आआआअहह.. चोद दे.. अपनी बहन की चुदाई करके उसे मजा दे!’
‘हाँ बहन की लौड़ी साली चूस-चूस कर सुजा दे मेरे होंठों को बुरी तरह से..’
यह कहते ही हम भाई-बहन एक-दूसरे के होंठों को चूसते रहे। भैया भी मेरे होंठों को कस-कस कर चूस रहे थे।
तभी..
‘साले राहुल बहनचोद भाई.. अपनी बहन के चूचे तो मसल दे… जल्दी मसल साले दबा-दबा कर इनको लाल कर दे मेरे बहनचोद भाई हाँन्न् ऐसे ही दबा इन्हें कुत्ते राहुल.. हाय क्या अदा है तेरे हाथों में.. मेरे भाई.. जी चाहता है तुझसे ही शादी कर लूँ मेरे प्यारे भाई.. कितनी अच्छी तरह से चुदाई के मज़े देता है मुझे.. कितना प्यारा है मेरा राहुल.. चोद साले चोद मुझे.. अगर आज तूने मेरी चूत फाड़ दी तो मैं तुझसे शादी करके तुझसे रोज अपनी चूत मरवाया करूँगी.. अह.. मेरे राहुल भैया चोद मेरी चूत को, फाड़ इसे आज.. अपने लंड से मेरे भैया..!’
‘हाँ मेरी बहनचोद बहन मैं भी तुझे चोरी छिपे आँखों से चोद-चोद कर थक गया हूँ। मुझे अपना पति बना ले मेरी रानी.. ले मेरा पूरा लंड अपनी चूत की गहराई में खा ले मेरी बहना.. आह इसे पूरा निगल जा अपनी चूत में मेरी बहन आअहह.. ले मेरी बहन मेरा लंड अपनी चूत की प्यास बुझा ले मेरी रानी.. क्या मस्त मजा देती है मेरी बहन की चुदाई मुझे.. आहह बहना ले मेरी बहना..’
‘आहअ राहुल भैयाआ चोद दे मुझेईईई इतनी बुरी तरह से चोद भोसड़ी के कि मेरी चूत तेरे लंड की गुलाम बन जाए राहुल साले भोसड़ी के चोद दे मुझे.. रूला दे मेरे भैयाआआ.. मेरा हरामी राहुल भैया चोद-चोद कर लाल कर दे मेरी चूत मेरे राहुल.. साले तेरी बहन की चूत.. भोसड़ी के चोद मेरे राहुल भैया चोद मुझे आआह.. ऐसे ही और तेज स्ट्रोक लगा साले राहुल बहनचोद.. आह.. ले मैं आ रही हूँउन्न..’
‘हाँआ मेरी बहन.. बस मैं भी आ रहा हूँ.. तेरी चूत में ही अपना सारा रस टपका-टपका कर तुझे निहाल कर दूँगा बहएना.. आअहह..’
‘अहह.. भैया भैया.. राहुल भैया मैं आ गईईईईई सीईईई.. आअह.. राहुल भैया मेरा गिर गया..’
‘मैं भी आ गया.. मेरी बहना आआआहह.. ‘आआहह..’
और इसी तरह हम दोनों भाई-बहन ने रात को 4 बार चुदाई का मजा लिया और फिर वापस अपने घर आ गए।
तो दोस्तो कैसी लगी आपको मेरी भाई बहन की चुदाई की कहानी.. मुझे मेल जरूर करना।
[email protected]
What did you think of this story??
Comments