मेरी सगी कमसिन कुंवारी बहन की चुदाई की कहानी
(Meri Sagi Kamsin Kunvari Behan ki chudai Ki Kahani)
हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम अविनव है, मैं पंजाब का रहने वाला हूँ, बहन की चुदाई की यह कहानी मेरी सगी बहन और मेरी है। यह आज से 4 साल पहले की बात है.. जब मेरी उम्र 21 साल की थी और मेरी बहन की 18 साल की उम्र थी।
जब हम छोटे थे.. तब से एक साथ सोते थे। मुझे थोड़ा बहुत सेक्स के बारे में पता हो चुका था.. तब मैं रात को अपनी छोटी बहन के साथ सेक्स करने की हरकत करता रहता था.. पर तब वो छोटी थी और मैं भी कुछ अधिक नहीं जानता था और मेरा लंड भी छोटा सा था। हम दोनों को पता तो नहीं होता था कि हम क्या कर रहे हैं .. पर मजा आता था।
धीरे-धीरे हम दोनों बड़े होते गए.. फिर मुझे ऐसा करना गलत लगने लगा कि मैं अपनी ही बहन के साथ क्या करता हूँ.. क़हीं कुछ गलत हो गया तो क्या होगा। फिर मैंने फैसला किया अब इसके साथ कुछ नहीं करूँगा।
लेकिन जब रात में मैं उसके साथ सोता था.. तो रहा ही नहीं जाता था और मसलना, चूमना शुरू हो जाता था।
एक दिन रात में मैं मुठ मार रहा था. तो मेरे हिलने से उसे पता चल गया कि मैं कुछ कर रहा हूँ।
वो कहने लगी- भाई मेरे साथ करो ना!
पर जब तक उसने कहा, तब तक मेरा निकल चुका था तो मैंने हाँफते हुए उसे मना कर दिया।
फिर ऐसे ही कई दिनों तक चलता रहा। मैंने एक दिन उसे बताया कि सेक्स क्या होता है और इसको करने से बच्चे कैसे होते हैं। उस वक्त हम दोनों जवानी की दहलीज पर आ गए थे। सब समझ में आने लगा था कि सेक्स किसके साथ करना चाहिए और शादी के बाद करना चाहिए। ये सब जानने के बाद मैं नहीं चाहता था कि कुछ लफड़ा हो जाए।
उसके बाद वो भी मुझसे दूर रहने लगी और मैं भी अलग सोने लगा।
कुछ समय बाद जब मैं कॉलेज में था तो मुझे सेक्स का भूत सवार हो गया था। कॉलेज में मैंने 2-3 लड़कियां पटाई हुई थीं.. मैं उनसे सेक्स की बातें करता था पर अब भी कभी उनकी चुत नहीं मारी थी, मौका ही नहीं मिल सका था, बस हाथ से मुठ मार लेता था।
उधर मेरी बहन भी पूरी जवान हो गई थी और वो बहुत सुंदर लगने लगी थी। उसकी चुची भी बहुत सेक्सी हो गई थी।
एक दिन जब वो अन्दर कमरे में कपड़े बदल रही थी.. तो मैं अचानक से अन्दर चला गया। वो उस वक्त लगभग नंगी थी.. उसने अपनी कमीज़ उतार रखी थी और पजामी को खोलने की कोशिश कर रही थी।
मैंने उसे देखा तो वो बोली- तुम बाहर जाओ।
मैं एकदम से बाहर आ गया.. पर मेरा दिमाग़ तो और खराब हो गया कि ये कितनी सुंदर हो गई है। मैं सोचने लगा कि इसके साथ चलने वाला सारा खेल मैंने ही खराब किया था। उसे मैंने खुद ही अपने से दूर किया था।
खैर.. समय बीतने लगा और मैं एम.सी.ए. करने के लिए बाहर चला गया और वो कॉलेज जाने लगी।
हम दोनों की उम्र भी बढ़ने लगी और वो और खूबसूरत और हसीन हो गई। जब मैं घर जाता था तो उसके साथ सोने की कोशिश करता था। पर वो मुझसे दूर रहती थी.. क्योंकि उसे पता था कि मैं उसके साथ क्या करूँगा।
पर जब भी मौका मिलता, मैं उसके साथ खुद को टच कर लेता था।
एक बार हम टीवी देख रहे थे.. तो मैं उसके साथ बिस्तर पर लेटा था। मैंने देखा कि उसे नींद आ रही थी। मैं टीवी देखता रहा और फिर मैंने धीरे-धीरे उसके मम्मे सहलाना शुरू कर दिए। वो सच में मस्त और भरपूर जवान हो चुकी थी.. बहुत गोरी और सेक्सी हो गई थी।
मैं अपना एक हाथ उसके मम्मों पर फिराने लगा और नीचे मेरा लंड पूरा तन चुका था। अब मुझे डर भी लग रहा था कि कहीं यह उठ ना जाए। शायद वो भी सोई नहीं थी और गर्म होने लगी थी।
मैंने धीरे-धीरे अपना एक हाथ उसकी टांगों पर फिराया और धीरे से उसकी चुत पर फिरा दिया, तब मुझे लगा कि उसकी चुत पर बाल आ गए हैं।
सर्दियों के दिन थे और हम दोनों रजाई में पूरे गर्म हो चुके थे। उसने एकदम से पलटी मारी और मेरी तरफ अपनी गांड कर दी।
मेरी फट गई कि यह उठ गई, पर वो उस तरफ ही मुँह करके सो गई। फिर मैंने अपना लंड.. जो बिल्कुल खड़ा हो चुका था, पीछे से उसकी चुत पर रगड़ना शुरू कर दिया.. क्योंकि उसने पतली सी सलवार पहनी हुई थी और शायद अन्दर पेंटी नहीं पहनी थी।
मैंने पूरे जोश में आकर जोर-जोर से लंड रगड़ना शुरू कर दिया.. थोड़ी देर ऐसे ही चलता रहा और वो अचानक से उठ गई। उसको उठा देख कर मेरी फिर फट गई।
वो बोली- भाई अपने बेड पर सो जाओ.. मुझे नींद आ रही है।
मैं डर गया और उठ कर चला गया।
कुछ देर बाद मैंने बाथरूम में जाकर मुठ मारी।
फिर कभी-कभी मैं ऐसे ही उसके साथ करता रहता था। उसे पता था कि मैं उसकी चुत मारना चाहता हूँ.. पर वो मुझे चोदने देती ही नहीं थी। वो शायद डरती थी हालांकि मैं भी डरता तो था पर उसकी जवानी को देख कर मेरे लंड से बर्दाश्त नहीं हो रहा था।
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एक दिन ऐसा आया.. उस दिन घर पर कोई नहीं था, रात को हम अकेले थे।
मैंने उससे कहा- चल हम दोनों एक ही रूम में सो जाते हैं.. क्यों अलग-अलग कमरे में सोना.. घर पर कोई नहीं है।
वो मान गई।
मेरा प्लान था कि हम एक ही बेड पर साथ में सो जाएंगे, पर उसने अपने लिए अलग चारपाई लगा ली।
उसने मुझसे कुछ बोला नहीं.. पर मैं समझ गया। फिर रात में जब वो सो गई, तो मैंने अपना लैपटॉप निकाला और सेक्सी फिल्म देखने लगा। मेरा लंड बहुत मुठ मार कर परेशान हो चुका था.. बस अब तो बहन की चुत लेने को दिल कर रहा था।
मैंने एक आइडिया सोचा और अपने लैपटॉप की वॉल्यूम बढ़ा दी। सेक्सी चुदाई की मूवी की आवाज आने लगी ‘अह.. ओह.. फक मी.. म्म्ह… अहह… हय… याह…’
ये सब आवाजें वो शायद सुन रही थी।
काफ़ी देर तक मैं देखता रहा.. फिर वो उठ कर कहने लगी- भाई आप सोए नहीं?
मैंने कहा- बस सोने लगा हूँ।
फिर मैंने लैपटॉप बंद कर दिया और सो गया। रात को मैं उसके बेड पर गया और अन्दर हाथ अन्दर हाथ घुसा कर उसके मम्मे दबाने लगा। फिर अपना लंड निकाल कर उसकी चुत पर ऊपर से हिलाने लगा।
शायद उसे लंड की चुभन का मज़ा आ रहा था, पर वो बिल्कुल चुपचाप पड़ी थी।
मैंने उसका नाड़ा खोल कर उसकी सलवार नीचे को सरका दी। मैंने देखा कि उसने पेंटी नहीं पहनी हुई थी। मैं उसके गर्म चूतड़ों पर हाथ फेरने लगा, साथ ही में मैं उसके मम्मे भी दबा रहा था।
अचानक से वो उठ गई और बोली- ओ हैलो भाई.. ये क्या कर रहे प्लीज़ मत करो.. हम दोनों भाई-बहन हैं.. मुझे कुछ नहीं करना, प्लीज़.. छोड़ दो.. वरना मैं मम्मी को सब बोल दूँगी।
मैंने उससे कहा- प्लीज़.. करने दो.. कुछ नहीं होगा।
पर वो मान नहीं रही थी।
मैंने भी हार नहीं मानी और अपना लंड निकाल लिया और उसकी चुत पर लंड रख दिया और लगा ठेलने, पर लंड अन्दर नहीं जा पा रहा था।
उसकी सील बिल्कुल बंद थी.. मैंने मुँह में से थूक निकाल कर पूरी चुत पर मला और धक्का लगा दिया। इस बार टोपा चुत की फांकों में अन्दर फंस गया। वो जोर-जोर से रोने लगी.. मैं थोड़ा रुक गया। कुछ पल रुक कर मैं धीरे-धीरे सुपारे को ही चुत में अन्दर-बाहर करके चुदाई करने लगा, इससे थोड़ा रिलेक्स हुआ। मैंने भी इससे ज़्यादा लंड अन्दर नहीं डाला और मजा आने लगा और तो मैंने झटका देकर पूरा लंड अन्दर पेल दिया।
उसको थोड़ा दर्द हुआ.. पर सुपारे की मोटे होने के कारण चुत ने लंड को जज्ब कर लिया था और उसकी चुत की फांकें पहले से ही फैली हुई थीं। हालांकि थोड़ा दर्द हुआ पर उसको मजा आने लगा और हम दोनों पूरे जोश में आ चुके थे। उसकी रसीली चुत में से ‘फ़चा.. फच..’ की आवाजें आ रही थीं।
फिर वो एकदम से अकड़ गई और मुझसे लिपटते हुए झड़ गई।
मैं भी थोड़ी देर में झड़ गया।
कुछ पल बाद वीर्य निकल जाने के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया।
ऐसे मैंने अपनी बहन चोद ली.. उसकी चेहरे की तृप्ति देख कर मुझे अच्छा लगा।
तो दोस्तो.. यह थी मेरी बहन की चुदाई की कहानी.. आपके मेल की प्रतीक्षा रहेगी।
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