चचेरे भाई के लंड से चुद गई बहन की जवानी

(Married sister Sex Kahani)

मैरिड सिस्टर सेक्स कहानी मेरे ताऊ जी की विवाहिता बेटी की चूत चुदाई की है. मैं उनके घर रहा कर पढ़ाई कर रहा था. दीदी एकदम गदरायी हुई माल थी.

दोस्तो, कैसे हो आप सब!
मैंने सोचा नहीं था कि अपनी सेक्स कहानी कभी अन्तर्वासना पर लिखूंगा.
सच कह रहा हूँ कि अगर मेरी मैरिड सिस्टर सेक्स कहानी से किसी एक लंड का पानी भी गिर जाएगा, तो मैं समझूँगा कि मेरी कहानी सफल हुई.

मेरा नाम फ़ैज़ है और मेरी उम्र 25 साल की है.

मैंने हाईस्कूल के बाद अपना गांव छोड़ दिया था.
मुझे शहर जाकर आगे की पढ़ाई करना थी.

मैं हाईस्कूल के बाद अपने बड़े पापा के घर फैज़ाबाद चला गया.
वहां जाकर मैंने आगे की पढ़ाई की.

सब ठीक चल रहा था.

फिर पता चला कि बड़े पापा की जो लड़की थी, जिनकी शादी फैजाबाद में ही हुई थी, उसके हस्बैंड की पोस्टिंग आगरा हो गई.
उसके घर पर देखभाल करने के लिए कोई आदमी नहीं था. उसके घर पर बस दीदी और उसके दो बच्चे थे.

सबकी राय से बड़े पापा के घर से मैं दीदी के घर चला गया और वहीं से अपनी पढ़ाई करने लगा.

मुन्नी दीदी की उम्र करीब 34 साल की होगी.
उसका रंग एकदम दूध सा गोरा था और उसका बदन भी भरा हुआ था.

दीदी एकदम गदरायी हुई माल थी.
उसके बड़े बड़े चूचे और बड़ी सी गांड थी, जो बाहर की तरफ निकली हुई थी.
दीदी की गांड को देख कर लंड अपने आप खड़ा हो जाता था.
उसमें कहीं से कोई कमी नहीं थी. मुझे तो उसकी गांड बहुत ही ज्यादा सेक्सी लगती थी.

जब वो घर में फर्श पर पौंछा लगाती थी, तो मन करता था कि अभी उसकी गांड में लंड डाल दूं, पर ये मैं नहीं कर सकता था क्योंकि उसकी नजर में मैं उसका छोटा भाई था.
दीदी का एक बच्चा 4 साल का और दूसरा 10 साल का था.
दोनों सुबह सुबह स्कूल के लिए चले जाते थे … और दिन ढलने पर 3 बजे करीब वापस आते थे.

पूरा दिन घर में मैं और मुन्नी दीदी ही रहते थे.
उसे देख कर मेरा दिमाग खराब हो जाता था और मैं उसे देख देख कर दिन में दो बार मुठ मारता था.

जब दीदी सोई रहती थी, तो उसकी नाइटी जांघ तक आ जाती थी, जिसे देख कर मैं और ज्यादा उत्तेजित हो जाता और मुठ मार लेता था.

कभी कभी तो वो अपने कमरे में सोती थी, तब उसकी पूरी नाइटी कमर तक उठी रहती थी, जिससे उसकी गांड दिख जाती थी.

मैं कभी कभी बहाने से उसकी गांड पर या जांघ पर भी हाथ फेर देता था, पर वो कभी कुछ नहीं बोली थी.
शायद उसे अच्छा लगता होगा.

एक दिन की बात है.
उसकी चड्डी और ब्रा दोनों बाथरूम में पड़े हुए थे.

जब मैं नहाने गया तो उसकी चड्डी को लेकर सूंघने लगा.
उसकी चड्डी से उसकी चूत की मादक खुशबू आ रही थी. उसको सूंघ कर मैं मुठ मारने लगा और अपने लंड का पानी उसकी चड्डी में गिरा दिया.

ये करके मुझे बहुत मजा आया और अब मैं उसकी पहनी हुई चड्डी के चक्कर में रहता था कि कब चड्डी मिले और मैं उसे लंड पर लपेट कर मुठ मार लूँ.

एक दिन वो चड्डी में लंड का पानी देख कर समझ गई कि मेरा छोटा भाई मुझे चोदना चाहता है, पर वो कुछ बोली नहीं.

उसके बाद जब भी वो नहाती थी, जब अपने कपड़े जैसे सूट सलवार या साड़ी और ब्रा चड्डी, अपने रूम में निकाल देती थी.
फिर मुझे आवाज देकर कहती थी कि मेरे कपड़े कमरे में छूट गए हैं, मुझे दे दो.

मैं उसके कपड़े लाकर उसे दे देता था. कपड़े देते समय भी वो हाथ बाहर निकालती थी, तब मुझे उसके नंगे जिस्म की हल्की सी झलक दिख जाती थी.

एक दिन वो बहुत खुश थी और मुझसे बातें कर रही थी.
उसने पूछा कि फैज, तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने कह दिया कि नहीं.

उसने फिर से पूछा कि क्यों?
मैंने जवाब दिया- मुझे लड़कियां अच्छी नहीं लगती हैं. मुझे भाभियां अच्छी लगती हैं, जिनकी शादी हो चुकी हो.

उसके बाद दीदी ने मेरी तरफ देखा और कुछ नहीं बोली.
फिर थोड़ी देर के बाद बोली- क्यों, भाभियां ही क्यों?

मैंने बोला- मुझे ऐसी औरतें ही पसंद आती हैं, जिनका बदन भरा रहता है.
वो बोली- भरा मतलब … क्या भरा?

फिर मैंने बोला- कुछ नहीं दीदी, जाने दो.
दीदी ने जबरदस्ती पूछा- अरे बोलो ना … हम दोनों दोस्त ही तो हैं.

मैं शर्माते हुए कहा- दीदी, जिनके दूध और गांड बड़ी हो, मुझे वो औरतें अच्छी लगती हैं.
दीदी धीरे से मुस्कुराई और बोली- तू बहुत बदमाश हो गया है.

फिर थोड़ी देर चुप रहने के बाद दीदी बोली- तुझे कोई औरत पसंद आई है?
मैंने भी बोल दिया कि हां.

दीदी बोली- कौन है वो?
मैंने बोला- रुखसार.

रुखसार, दीदी की एक सहेली थी, जो घर हमेशा आती जाती रहती थी.
दीदी बोली- सच्ची … रुखसार?

मैंने बोला- हां.
दीदी- उसमें क्या अच्छा लगता है तुझे, जो वो पसंद है?

मैंने बोला- उसकी गांड और बूब्स!
वो कुछ नहीं बोली.

मैंने दीदी से पूछा- दीदी, रुखसार का शौहर कहां रहता है?
दीदी ने बताया कि वो दुबई रहते हैं. दो साल से घर नहीं आए.

मुझे सुन कर अन्दर से बहुत खुशी मिल रही थी जैसे मेरा सपना पूरा होने वाला था.

मैंने कहा- फिर रुखसाना अपने पति के बिना कैसे रहती होगी?
दीदी ने बहुत चुदासी अंदाज में बोला- जैसे मैं रहती हूं.

मैंने दीदी की तरफ देखा और कहा- आपकी क्या मजबूरी है, आप तो अपना शौक पूरा कर सकती हो?
दीदी ने कहा- कैसे?

तो मैंने कहा- छोड़ो, आप बुरा मान जाओगी.
दीदी जिद करने लगी- बताओ.

मैं बोला- अगर आप चाहो, तो मैं आपको आपकी जरूरत को पूरा कर सकता हूँ.
इस पर दीदी कुछ नहीं बोली और उठ कर चली गई.

फिर रात को जब हम सब खाना खाकर सोने जा रहे थे, तभी लाइट चली गई.
हम सबने लाइट के आने का इंतजार किया, पर जब नहीं आई.

तो दीदी ने कहा कि लाईट न जाने कितनी देर में आएगी. चली एक ही रूम में सो जाते हैं.
क्योंकि इन्वर्टर का कनेक्शन एक ही रूम में था. जिस रूम में इन्वर्टर का कनेक्शन था, उसमें बेड बहुत छोटा था.

मैंने कहा कि दीदी, दोनों बच्चों को बेड पर सुला दो और हम दोनों नीचे फर्श पर सो जाते हैं.
दीदी ने कहा- ठीक है.

नीचे फर्श पर मैं और दीदी सो गए. हमने एक दूसरे से उलट कर मुँह कर लिए और सो गए.
रात में जब सब सो गए तो मेरी आंख खुली. मुझे बाथरूम जाने की जरूरत महसूस हुई और मैं बाथरूम चला गया.

जब वापस आया तो देखा कि दीदी की नाईटी जांघ तक उठी हुई है.
मैं आकर उसके बगल में लेट गया, पर मुझे नींद नहीं आ रही थी.

मैं बार बार दीदी की नंगी जांघ देख रहा था, जो कि बिल्कुल गोरी और भरी हुई जांघ थी.
मेरा लंड तो जैसे आज फटने के मूड में हो गया था.

मुझे दीदी को चोदने का बहुत मन कर रहा था.
मैं धीरे धीरे दीदी से सट गया.

वो करवट लेकर सोई थी.
मैंने उसकी गांड पर अपना लंड लगा दिया.
उसकी इतनी बड़ी गांड के पीछे मेरी कमर बहुत छोटी सी लग रही थी.

वो एक 34 साल की भरे बदन वाली औरत और मैं उसके सामने बच्चा सा था.
अभी मैं हाफ चड्डी पहने हुए था. मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा था, उसकी गांड में जाने के लिए एकदम रेडी था.

मैंने अपना लंड उसकी गांड पर रगड़ना शुरू कर दिया. उसकी गांड की दरार मुझे साफ महसूस हो रही थी.
साफ़ समझ आ रहा था कि उसने अन्दर चड्डी नहीं पहनी थी.

मैं नाइटी के ऊपर से ही उसकी गांड में लंड डालने की कोशिश करने लगा.
फिर उसकी नंगी जांघ पर अपना लंड रगड़ा तो ऐसा लगा मानो लंड को मक्खन पर रगड़ रहा हूँ.

उसकी जांघें इतनी मुलायम और गर्म थीं, जैसे लंड का पानी अभी ही निकल जाएगा.
मैंने थोड़ी हिम्मत बढ़ाई और उसकी नाइटी ऊपर को कर दी, जिससे अब उसकी गांड साफ दिख रही थी.

इतनी बड़ी नंगी गांड देख कर मानो मैं पागल हो गया.
मैंने झट से अपनी चड्डी नीचे सरका दी और लंड पर ढेर सारा थूक लगा कर उसे सहलाया.
अब मैं उसकी गांड में लंड डालने की कोशिश करने लगा.

तभी वो थोड़ा सा हिली और उसने अपनी गांड को और बाहर की तरफ निकाल दी.
उसकी ये पोजिशन ऐसी हो गई थी मानो वो जैसे सोती हुई घोड़ी बन गई थी.

ऐसा लग रहा था, जैसे वो अपनी गांड मुझे दे रही हो कि लो मेरी गांड चोद लो.

उसकी इस पोजीशन से मेरा काम और आसान हो गया.
गांड का छेद अब साफ दिख रहा था.

मैं लंड को छेद पर ले गया और लंड डालने लगा.
मगर वो चुत का नहीं, गांड का छेद था, आसानी से लंड नहीं जा सकता था.

मैंने उसकी कमर को पकड़ कर उसे अपनी तरफ को किया.
वो कुछ नहीं बोली.
मैंने अपना लंड डालना शुरू कर दिया.

अभी मैं सुपारे को गांड के अन्दर ठेलने की कोशिश ही कर रहा था कि तभी दीदी धीमे से बोली- ऐसे नहीं जाएगा अन्दर!
मेरी तो गांड फट गई कि ये तो जाग गई … अब क्या होगा.

मैंने अपना लंड गांड से हटाया और बोला- सॉरी दीदी, वो नींद में मुझे लगा कोई और है.
ये बोल कर मैं घूम गया और चड्डी ऊपर करके सो गया.

मेरा दिल बहुत तेजी से धड़क रहा था कि सुबह क्या होगा?

कुछ देर बाद दीदी मेरे करीब आ गई.
उसके जिस्म की गर्मी मुझे महसूस हो रही थी.

वो पास आकर मेरे कान में बोली कि तुम्हारा पानी निकल गया क्या?
ये सुनकर मैं उसकी तरफ घूम गया और बोला- नहीं दीदी.

वो बोली- फिर नींद कैसे आ जाएगी?
मैंने कहा- ऐसे ही सो जाऊंगा.

दीदी बोली- नहीं, इधर दो, मैं तुम्हारा पानी हाथ से निकाल देती हूँ.
दीदी ने चड्डी के ऊपर से मेरा लंड पकड़ लिया और बोली- ये तो काफी गर्म है.

उसने खुद अपने हाथों से मेरी चड्डी उतार दी और लंड को हाथ में पकड़ लिया.
दीदी बोली कि तुम सच में 20 साल के हो न?

मैंने कहा- हां दीदी … क्यों?
तो वो बोली कि तुम्हारा लंड देख कर नहीं लगता कि तुम 20 साल के हो … तुम्हारा काफी मोटा है और बड़ा भी.

मैंने कहा- जीजू से भी बड़ा?
वो बोली- हां, उनसे तो काफी बड़ा है.

मैंने भी बोल दिया- मैंने इसे आपके लिए ही बड़ा किया है.
तो वो हंस पड़ी और बोली- अच्छा बताओ, कैसे पानी निकालूँ इसका?

मैंने कहा- जैसे आप चाहो.
वो बोली- कभी अपना लंड किसी से चुसवाया है?

मैंने कहा- नहीं दीदी.
वो बोली कि रुक, मैं चूस देती हूँ. तुझे बहुत मजा आएगा.

मैंने कहा- ठीक है.
वो नीचे कमर तक आई और मेरे लंड को पकड़ कर चूम लिया.

वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराई और बोली- अब मजे ले.

उसने लंड पर थूका और थूक को जीभ से पूरे लंड पर फैलाने लगी.
फिर लंड का सुपारा मुँह में लेकर मुँह की गर्मी से लंड को मजा देने लगी.

उसने जल्द ही पूरा लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
मुझ तो मानो जन्नत मिल गई हो.

उसके लंड चूसने से पूरे कमरे में चपर चाप की आवाज आ रही थी.
दीदी रंडियों की तरह लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे उसे पहले से आदत हो.

मैं उसके बाल पकड़ कर उसके मुँह को चोद रहा था.

फिर उसने लंड मुँह से निकाला और गाली देकर बोली- तेरे लंड पर बैठ जाऊं भोसड़ी के?
मैंने भी बोल दिया- बैठ जा साली कुतिया.

दीदी ने अपनी नाइटी ऊपर की और अपनी चूत को लौड़े पर सैट करके बैठ गई.
ऐसी कसी हुई चुत थी मानो मेरा लंड किसी कुंवारी चूत में जा रहा हो.

मगर उसकी चूत काफी गीली हो चुकी थी, जिसकी वजह से लंड आसानी से चूत में चला गया.

जैसे ही मेरा पूरा लंड दीदी की चूत में गया, वो दबी जुबान से चिल्लाई- आ आह … मर गई.
मैंने पूछा- क्या हुआ दीदी?

वो बोली- आंह साले, तेरा लंड है ही इतना मोटा और बड़ा कि मेरी चीख निकल गई.
उसकी ये बात सुन कर मुझे बहुत मजा आया कि मेरा लंड इसे मोटा लगा.

कुछ पल बाद लंड चुत में चलने लगा और मैंने उसकी नाइटी उतार कर उसे अपने सीने पर खींच किया.
मैं दीदी को चूमने लगा और उसकी चूचियां मसलने लगा.

कुछ ही देर में वो थक गई और हांफ़ने लगी. उसने चूत रगड़ना बंद कर दिया था.

मेरा अभी भी उसे जोर जोर से चोदने का मन कर रहा था, तो मैंने उसे नीचे लेटा दिया और उसे मिशनरी पोज में कर दिया.
मैंने उसकी दोनों टांगें खोल कर फैला दीं.
अब उसकी चूत ठीक मेरे सामने खुल कर लंड लंड कर रही थी.

जिस चुत को मैं कई सालों से चोदना चाहता था, वो मेरे सामने लंड की भीख मांग रही थी.
उसकी मोटी मोटी जांघों के बीच में उसकी रोती हुई चूत देख कर मेरा लंड और टाइट हो गया.

मैंने उसकी चूत पर थूका और कहा- दीदी, लंड कहां लोगी … आगे या पीछे?
वो चुदासी आवाज में बोली- मेरी चूत में घुसा दे इसे!

मैंने लंड को चूत पर रखा और जोर से पेल दिया.
लंड लेते ही दीदी एक बार आह करके कराही और उसने लौड़ा खा लिया.

वो बोली- आह चोद अपनी दीदी को!
मैं पेलने लगा और वो मजा लेकर चुदवाने लगी.

मैं भी अपनी कमर उठा उठा कर जोर जोर से बहन की चुत चोदने लगा.
मेरा पूरा लंड दीदी की चूत की जड़ तक जा रहा था और वो मजे ले लेकर ऐसे चुद रही थी जैसे बहुत सालों से लंड न मिला हो.

दीदी के दोनों हाथ मेरी गांड पर जमे थे और मेरी गांड को वो अपने हाथों से जोर जोर से दबा रही थी.
शायद उसे और अन्दर तक लंड लेना था.

मैंने दीदी से चोदते चोदते पूछा- दीदी, मजा आ रहा है?
दीदी मुस्कुराती हुई बोली कि तेरा लंड तो तेरे जीजू से भी बड़ा है, तुझसे चुदवाने में बहुत मजा आ रहा है. बस रुकना नहीं, चोदता जा अपनी दीदी को.

मुझे उसकी ये बात सुन कर और जोश जागने लगा और अपने लंड को चूत में और तेजी से डालने लगा.
तभी दीदी की चूत ने जवाब दे दिया और उसका पानी निकलने लगा.

फिर दीदी थोड़ा रिलेक्स हुई, पर मैं चोदता रहा. वो भी कुछ ही देर में फिर से चार्ज हो गई.

मैंने दीदी से कहा- दीदी, पोजीशन बदलो न!
वो बोली- अब कैसे में करोगे?

मैं बोला- दीवार के सहारे खड़ी हो जाओ.
मैरिड सिस्टर सेक्स के लिए खड़ी हो गई.

मैंने उसकी एक टांग जमीन पर रखी रहने दी और दूसरी को अपने हाथ से उठा लिया.
मैं अपने हाथ से चूत के पास लंड ले जाकर बोला- दीदी, अपने हाथ से लंड को छेद में लो.

दीदी ने लंड पकड़ा और चुत में लगा लिया.
मैंने मैरिड सिस्टर की चूत को चोदना शुरू कर दिया.

उसकी चीख निकलने लगी और मैं मस्त होकर चोदता जा रहा था, उसकी चूची दबा रहा था और उसकी गांड पर थप्पड़ मार रहा था.

कुछ देर बाद मेरे लंड का पानी निकलने वाला था.
मैंने दीदी से पूछा- क्या करूं?
वो बोली- तू चूत में ही निकाल दे.

मैंने लंड का पानी चूत में डाल दिया और हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर मुस्कुरा दिए.
आगे की कहानी में आपको पता चलेगा कि मेरी दीदी का बॉयफ्रेंड कौन था.
उसके साथ मैंने दीदी को आगे पीछे एक साथ चोदा.

आपको मेरी मैरिड सिस्टर सेक्स कहानी पढ़ा कर मजा आया होगा. अपने विचार मुझे बताएं.
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