ममेरी बहन की प्रथम चूत-चुदाई
(Mameri Bahan Ki Pratham Chut Chudai)
अन्तर्वासना के सभी पाठको को मेरा नमस्कार।
मैं संदीप जयपुर का रहना वाला हूँ। अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली चुदाई की सच्ची कहानी है।
मेरी उम्र 22 वर्ष, कद 5’9″, रंग गोरा, देखने में स्मार्ट हूँ, ऐसा कई लड़कियों ने कहा है मुझसे, लंड 7″ का है।
इस कहानी की नायिका है मेरी ममेरी बहन पूजा।
पूजा एक मॉर्डन लड़की है, मेरे सबसे छोटे मामा की बड़ी बेटी, उम्र 19 साल, उसकी छोटी बहन का नाम दिव्या है, दोनों ही दिखने में माल हैं, गोरी चिट्टी।
पूजा का फिगर कमाल का है 34-28-32, उसके चूतड़ देखकर किसी के भी लंड की हालत खराब हो जाए।
बचपन से ही हमारी अच्छी बनती थी, जब भी मैं नानी के घर जाया करता था तो पूरा समय दोनों बहनों के साथ ही बिताता था।
हम साथ में खूब खेला करते थे।
बात कुछ समय पहले की है जब मैं अपने गाँव से नानी के घर रहने आया था, क्यूंकि मेरा यहाँ के इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन हो गया था।
मेरी नज़र शुरू से ही पूजा पर थी। वो भी मुझे घूरा करती थी और लालच भरी हंसी दिया करती थी।
मुझे मन ही मन लगता था कि यह लड़की मुझसे जरूर चुद जाएगी।
वो सुबह-सुबह अपने स्कूल चले जाती थी और मैं अपने कॉलेज। हम रोज़ शाम को बैठकर टीवी देखा करते थे और बातें किया करते थे।
जल्दी ही हम काफी घुलमिल गये थे।
इतने टाइम में मुझे यह तो पता चल गया था कि उसका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है।
कई बार बातों बातों में मैं उसके मखमली बदन को छू लेता था, वो मेरा इरादा तो समझ रही थी, कोई विरोध नहीं करते थी, बस मुस्कुरा दिया करती थी।
दिव्या को भी इस बात की खबर लग गई थी कि हम दोनों के बीच कुछ चल रहा है। अब वो पूजा को मेरा नाम लेकर चिढ़ाने लग गई थी।
मेरा नाम आते ही पूजा का चेहरा लाल पड़ जाता था।
अब बस इंतज़ार एक ही बात का था कि कब मैं अपने दिल की बात उससे कहूँ।
फिर एक दिन मौका देखकर मैंने उसे कह ही दिया- पूजा मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ।
उसने उस समय तो कोई जवाब नहीं दिया, वहाँ से चली गई।
मैं काफी उदास हो गया, उसने मुझसे दो दिन तक कोई बात नहीं की।
मैंने सोचा कि इसे सॉरी बोल देता हूँ, कहीं यह किसी को बता न दे।
मैं उसके पास गया- पूजा, उस दिन के लिए ‘आई ऍम सॉरी!’ पर प्लीज तुम मुझसे बात करना मत बंद करो यार!
वो बोली- मैं भी तुम्हें पसंद करती हूँ, पर ये सब गलत है। और तुम तो पापा को जानते ही हो, उनको पता चला तो वो हमारी जान ले लेंगे।
बात तो सही थी, मेरा मामा था भी जल्लाद। दोनों बहनों को बिना पूछे कहीं जाने नहीं देता था और उन पर कड़ी नज़र रखता।
मैंने उसे फिर भी समझाने की कोशिश करी पर वो नहीं मानी।
ऐसे ही दिन बीत गए और हमारे बीच कुछ नहीं हो पाया।
फिर मेरा फर्स्ट इयर खत्म होने के बाद मैंने नानी का घर छोड़ दिया और शहर में एक पी.जी. में आकर रहने लगा, कभी कभी नानी के घर चला जाया करता था।
अब पूजा भी कॉलेज में आ गई थी तो उसे मामा ने एक नया एंड्राइड फ़ोन दिला दिया था।
एक दिन मैं मामा के आया हुआ था, तभी पूजा मेरे पास आई और कहने लगी की- देखना मेरे फ़ोन को क्या हो गया है, इसमें व्टस ऐप्प के कॉन्टेक्ट्स नहीं दिख रहे हैं।
क्यूंकि मैं काफी समय से फ़ोन पर व्टस ऐप्प चला रहा था तो मुझे पता था और मैंने उसकी प्रॉब्लम हल कर दी।
फिर उसने मुझसे मेरे नंबर मांगे जो मैंने बड़े शौक से उसे दे दिए।
अब हमारी रोज़ बातचीत होने लगी।
जब लड़की नए नए कॉलेज में जाती है और अपनी सभी दोस्तों के बॉयफ्रेंड देखती है तो उसका भी मन ललचा ही जाता है। यही हाल बस पूजा का भी था, वो मुझे रोज़ अपनी सहेलियों के और उनके बॉय फ्रेंड्स के बारे में बताने लगी।
मैंने भी उससे पूछ लिया- तेरा मन नहीं करता क्या ये सब चीज़ें करने का?
वो बोली -मन तो बहुत करता है पर किसी लड़के पर भरोसा नहीं है।
मैंने कहा- मुझ पर भरोसा है?
वो- हाँ।
मैं- तो तू मुझे अपना बॉयफ्रेंड क्यों नहीं बना लेती?
इस बार वो थोड़ी न नुकर करने के बाद आखिरकार मान ही गई क्योंकि खुजली उसे भी थी।
अब हम रोज़ फ़ोन पर प्यार की बातें करने लगे। बस अब उसे रूम पे लाकर चोदना था। वो भी मेरे साथ रूम पर चलने को राज़ी हो गई पर सेक्स करने को उसने पहले ही मना कर दिया था।
बस एक किस करने का कहकर उसे में रूम पर ले आया, पर शायद उसे भी पता था कि मामला किस पर तो नहीं रुकेगा।
खैर, वो दिन आ ही गया जिसका मुझे बरसो से इंतज़ार था।
उसके कॉलेज से मैं उसे बाइक पर बैठा कर अपने रूम ले आया, रास्ते में धीरे धीरे से ब्रेक मारने लगा, जिससे उसके 34″ के बोबे मेरी पीठ से लगने लगे।
मेरा लंड तो वहीं तन गया था, वो भी मुझ से चिपक कर बैठ गई।
रूम में पहुंच कर जैसे ही मैंने दरवाज़ा बंद किया… मैं पूजा की तरफ दौड़ा, मैंने पूजा को पीछे से पकड़ लिया, मेरा लंड उसकी जीन्स के ऊपर से ही उसकी गांड की दरार में फिट हो गया, छाती उसकी पीठ से एकदम चिपका हुआ, हाथ उसके पेट पर धीरे धीरे फेरने लगा और पीछे से ही उसके कंधे और गले पर चुम्बन करने लगा।
वो भी एकदम गर्म हो चुकी थी, उसकी सांसें तेज़ हो चुकी थी।
अब धीरे से में अपने हाथ उसके बोबों तक ले गया और टॉप के ऊपर से ही उन्हें आहिस्ता से मसलने लगा।
माहौल एकदम गर्म हो चुका था।
अब हम बिस्तर पर आकर बैठ गए।
पूजा- संदीप, मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ।
इतना कहते ही वो मेरा थोड़ा सा करीब आई। इस बार मैंने थोड़ा धैर्य दिखाते हुए उसका हाथ पकड़ा।
क्यूंकि हम दोनों का यह पहला एक्सपीरियंस था तो मैंने सोचा कि थोड़ा रोमांटिक तरीके से किया जाना चाहिए।
मैंने उसकी आँखों में देख कर कहा- पूजा, मैं भी तुमसे बहुत बहुत प्यार करता हूँ।
और उसके हाथों को चूमने लगा।
धीरे धीरे आगे बढ़ते हुए मैं उसके फेस तक आया और अब हम दोनों लिप-किस करने लगे।
यह मेरा पहला चुम्बन था.. उसके गुलाबी होंठों को चूमने में वो मज़ा आ रहा था… कि बता नहीं सकता, उन गुलाब की पंखुड़ियों का रस चूसने लगा।
वो भी पूरा साथ दे रही थी।
मेरे हाथ उसके बदन को टटोलने लगे। वो भी उत्तेजना में अपने नाख़ून मेरी पीठ में चुभा रही थी।
उसकी इस हरकत से मुझे भी मजा आने लगा, मैं उसे बेहताशा चूमने और चूसने लगा।
अब मैंने उसका टॉप उतार दिया.. और ब्रा के ऊपर से ही उसके मस्त-मस्त सेब से बोबे दबाने लगा, वो धीरे से सिसकारियाँ लेने लगी।
अब मैंने उसकी ब्रा उतारी और उसके कबूतरों को आज़ाद कर दिया, उसके दोनों बोबे पर मैं टूट पड़ा, एक हाथ से उसके एक बोबे को मसल रहा था और दूसरा निप्पल अपने मुँह में ठूंस रखा था।
अब वो जोर जोर से आवाज़ें निकालने लगी और मेरा भी जोश बढ़ता गया- अहह..अह… खा जाओ इन्हें! ये तुम्हारे लिए ही संभाल कर रखे हैं.. आह्ह्ह.. और जोर से संदीप..plz.. मैं बहुत दिनों से आज का इंतज़ार कर रही थी।
एक हाथ से बोबे दबाते हुए अब मैंने दूसरे हाथ से उसकी जीन्स का बटन खोला और उसकी पैंटी के अन्दर हाथ डाल दिया।
वो झड़ चुकी थी और उसकी चूत एकदम गीली पड़ी थी।
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अब धीरे से उसके पेट को और नाभि को चूमते हुए मैं नीचे की ओर बढ़ा और एक ऊँगली उसकी चूत में डाल कर हिलाने लगा, चूत में ऊँगली जाते ही वो चिंहुक उठती।
अब मैंने उसकी पैंटी को भी उसके बदन से अलग कर दिया, वो मेरे सामने एकदम नंगी हो चुकी थी।
पहली बार किसी लड़की को पूरी नंगी देख रहा था असल ज़िन्दगी में।
उसकी चूत देखते ही मेरे होश उड़ गये, एकदम क्लीन और गुलाबी चूत थी उसकी जैसे आज ही साफ़ की हो।
मैंने अपनी जीभ उसकी चूत की पंखुड़ियों पर रख दी और उसे चूसने लगा।
उसकी सीत्कारें और बढ़ गई और मेरे लंड का हाल अब तक बहुत बुरा हो चुका था, एकदम फटने को था।
करीब 5 मिनट की चुसाई के बाद मैंने अपनी पैंट खोली और अपना लंड उसके हाथ में थमा दिया।
वो लंड देखते ही थोड़ा सा चौंक गई और उसके चेहरे पे हल्की से मुस्कान आ गई, हाथ में लेकर लंड से खेलने लगी और खुद ही मुंह में ले लिया।
मुझे लगा था कि पहली बार है, लंड चुसाने के लिए मिन्नतें करनी पड़ेगी पर यह तो खुद ब खुद चालू हो गई।
खैर …
वो बड़े मजे से मेरा लंड चूस रहे थी और मैं तो जैसे जन्नत में चला गया था, अब आवाज़ निकालने की बारी मेरी थी।
एकदम लॉलीपोप की तरह गपागप… गपागप लगी हुई थी.. मेरा माल निकलने वाला था, पूरे जोश के साथ में उसके मुँह में झड़ गया।
उसने माल फर्श पर थूक दिया।
अब हम एक दूसरे की बगल में लेट गये और फ़िर से चूमाचाटी करने लगे, मैं उसके बोबे चूसने लगा और वो मेरा लंड अपने हाथ से हिलाने लगी।
थोड़ी ही देर में लंड फ़िर खड़ा हो गया.. अब हम चुदाई के लिए तैयार थे।
मैंने देर न करते हुए उसकी टांगें चौड़ी की और उसकी चूत के मुहाने पर लंड का टोपा लगा कर अन्दर घुसाने लगा।
क्योंकि पहली बार था तो अनुभव तो था नहीं.. और ऊपर से उसकी चूत भी गीली थी, तो लंड बार बार फिसल रहा था।
फिर मैंने लंड को हाथ से पकड़ कर जोर से एक धक्का लगाया और लंड उसकी चूत की सील को तोड़ता हुआ लगभग आधा अन्दर घुस गया।
वो जोर से चिल्ला उठी तो मैंने अपने होठों से उसके होंठ दबा दिए।
वो छटपटाने लगी, उसकी टांगें काँपने लगी, आँखों से आंसू आ गये, खुद को मुझसे छुड़ाने की नाकाम कोशिश करने लगी।
कुछ देर तक हम यूँ ही पड़े रहे। अब जब उसका दर्द कम हुआ तो उसने अपनी पकड़ ढीली कर दी, मैं भी धीरे से हल्के हल्के धक्के लगाने लगा।
उसका दर्द अब सिसकारियों में बदल चुका था।
मैंने भी अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी.. और जोर से उसके बोबे दबाने लगा और चूसने लगा।
उसकी आवाज़ से मैं पागल होता जा रहा था और पूरे जोश से धड़ाधड़ धक्के मारने लगा।
पूरे कमरे में हमारी आवाज़ें जोर से गूंजने लगी, हम दोनों आनन्द के चरम पर पहुँच गये थे, एक दूसरे के अन्दर पूरा समा जाना चाहते थे, इस बीच वो एक बार फिर से झड़ चुकी थी।
अब मेरा भी 5 मिनट की और चुदाई के बाद अब मेरा भी निकलने वाला था, मैंने पूजा को कस कर पकड़ लिया और जोर जोर से पूरे दम से धक्के मारने लगा.. 8-10 धक्कों बाद मैं भी उसकी चूत में झड़ गया।
हम दोनों 15 मिनट तक यूँ ही लेटे रहे।
उस दिन मैंने पूजा को 3 बार चोदा। फिर नहाने के बाद वो जाने लगी, और जाते जाते एक लम्बा सा जोरदार किस दिया।
फिर मैं उसे घर के पास छोड़ आया।
इसके बाद मैंने उसे कई बार चोदा और उसने अपनी दो सहेलियों को भी मुझसे चुदवाया।
वो कहानी फिर कभी..
फ़िलहाल के लिए विदा!
यह कहानी आपको कैसे लगी, जरूर बताएँ।
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