मामा की लड़की संग जबरदस्त चूत लंड चुसाई -1
(Mama Ki Ladki Sang Jabardast Chut Lund Chusai-1)
दोस्तो.. मेरा नाम विकास कुमार है.. मैं कानपुर का रहने वाला हूँ.. तथा अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ। मेरी उम्र 28 साल है। मेरा कद 5 फीट 8 इंच.. रंग सांवला है। मेरा जिस्म गठीला है.. कुल मिला कर यह कह सकते हैं कि मेरा व्यक्तित्व आकर्षक है।
मैं बहुत दिनों से सोच रहा था कि अपने जीवन की इस रसीली घटना को आप सभी के साथ शेयर करूँ। आज समय मिला तो उस घटना को आप सभी की नजर कर रहा हूँ.. आनन्द लीजिए।
बात आज से 8 साल पहले की है.. जब मैं लखनऊ में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। गर्मियों की छुट्टियाँ हुईं.. तो मैं गाँव चला गया। मेरा गाँव कानपुर से 15 किलोमीटर दूर स्थित है।
मैं जैसे ही गाँव पहुँचा तो देखा.. मेरे छोटे मामा की लड़की सुमन आई हुई थी।
मैंने उसे देखा तो देखता ही रह गया.. क्या माल हो गई थी। चार-पांच साल पहले देखा था.. तब दुबली-पतली थी.. लेकिन अब तो वो कमाल की पटाखा लग रही थी।
उसका 34-28-34 का फिगर हो गया था.. उसके चेहरे पर एक अजीब सी कशिश थी।
मुझे देखते ही मुझे ताना मारते हुए बोली- भैया मुझे देख कर चौंक गए क्या? मैंने सोचा अब आप तो इंजीनियर ठहरे.. आप तो हम गरीबों के यहाँ आने से रहे.. तो मैं खुद ही आ गई।
यूँ ही 3-4 दिन बीत गए.. सुमन से ऐसे ही बातें होती रही। फिर एक दिन मुझे महसूस हुआ कि सुमन मेरी तरफ आकर्षित हो रही है।
दिन में वो कभी भी मेरे साथ चारपाई पर आकर लेटने लगी।
मेरा हाथ एक बार उसकी चूची से टच हो गया.. मुझे तो मानो करेंट सा लग गया हो।
जैसे फिर धीरे-धीरे मैं अपने हाथ को और दबाते हुए उसकी नरम-नरम चूचियों को महसूस करने लगा।
हम दोनों रिश्ते में एक तरह से भाई-बहन थे.. तो घर में भी किसी को कोई शक नहीं हुआ.. लेकिन मेरा तो बुरा हाल हो जाता था।
वो बीएससी कर रही थी.. उसका रिजल्ट आने वाला था, मैंने बोला- लाओ मैं तुम्हारा हाथ देख कर बता सकता हूँ.. तुम पास होगी या नहीं?
वो बोली- आपको आता है हाथ पढ़ना?
मैंने कहा- हाँ थोड़ा बहुत सीख गया हूँ.. साथ में पढ़ने वाले एक लड़के ने सिखाया है।
उसने फट से अपना हाथ मेरे हाथ में दे दिया। कितनी चिकनी त्वचा थी उसकी.. कसम से पूछो मत..
फिर मैंने हौले-हौले उसकी गद्दी पर हाथ फेरते हुए उसे बोला- तुम पास हो जाओगी।
वो खुश हो गई और कहने लगी- और तो बताओ.. क्या-क्या है मेरी किस्मत में?
मैंने कहा- तुम्हारे हाथ में एक अच्छा सा पति भी लिखा है।
वो शर्मा कर हाथ झटकते हुए बोली- झूठ मत बोलो.. आता-जाता है नहीं हाथ पढ़ना.. फालतू में दिलासा दे रहे हो।
तब तक मम्मी आ गईं। बात आई-गई हो गई.. मैंने भी ज्यादा नहीं सोचा।
एक दिन मेरी किसी बात पर उससे हल्की सी बहस हो गई.. तो मैंने उससे बात करना बंद कर दिया।
उसको बहुत बुरा लगा.. वो भी 1-2 दिन नहीं बोली, फिर उसको लगा कि शायद मैं बोलूँगा ही नहीं..
शाम को सब लोग ऊपर छत पर ही सोते थे.. लेकिन लाइट आ जाने पर सब लोग नीचे आकर सो जाते थे।
हुआ यह कि सभी लोग ऊपर सो रहे थे लाइट आ गई तो सब लोग नीचे आकर सो गए.. मैं वहीं सोता रहा।
शायद सुमन भी नीचे सोने नहीं गई थी।
थोड़ी देर बाद मुझे एहसास हुआ कि सुमन दूसरी जगह से उठ कर मेरे साथ आकर लेट गई.. मैं चुप रहा।
फिर उसने अपना एक पैर उठा कर करवट ले कर मेरे ऊपर रख लिया। मैं फिर भी चुप रहा।
सुबह के 3 बजे होंगे.. हम लोग एक ही चादर के नीचे लेटे थे.. अचानक सुमन को ना जाने क्या हुआ कि उसने मेरी बनियान के अन्दर हाथ डाल कर गुदगुदी कर दी। मैं फिर भी सोने का नाटक करता रहा।
वो बिल्कुल मेरे से चिपक कर काफी देर से लेटी थी.. इससे उसकी मुलायम-मुलायम चूचियाँ मेरी पीठ में गड़े जा रही थीं। मेरे लंड का बुरा हाल हो रहा था।
जब उसने पेट में गुदगुदी की.. तो मैं कुछ नहीं बोला.. तो वो दूसरी तरह करवट ले कर लेट गई।
फिर दस मिनट इंतज़ार करने के बाद मुझे लगा.. अब सुमन शायद ज्यादा नाराज हो गई.. तो मैंने उसकी तरफ करवट ले कर अपना एक हाथ उसके मम्मों पर रख दिया.. जिससे ऐसा लगे कि मैं सो रहा हूँ।
थोड़ी देर तक मैंने कुछ भी नहीं किया.. फिर मैंने अपना हाथ उठा कर दूसरी चूची पर रख कर उसकी साइज़ का माप लिया।
सुमन कुछ नहीं बोली। फिर मैंने धीरे-धीरे हाथों को कभी एक.. कभी दूसरी चूची को पकड़-पकड़ कर धीरे-धीरे दबाने लगा।
सुमन कुछ नहीं बोली.. तब मुझे लगा शायद सुमन को भी मजा आ रहा है।
कुछ देर सुमन की चूची दबाने के बाद मैंने उसे अपनी तरफ को करवट दिला कर लिटा दिया और उससे बोला- अब तुम क्यों नाराज हो गई?
तो वो कुछ नहीं बोली और मैंने गौर किया तो उसकी साँसें जोर-जोर से चल रही थीं।
मैंने उससे बोला- कुछ बोलो वरना तुम्हारे होंठों पर काट लूँगा..
वो कुछ नहीं बोली तो मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और मजे ले-ले कर चुम्बन करने लगा।
वो भी साथ देने लगी.. मैंने एक हाथ उसके टॉप में नीचे से डाल दिया और उसकी दाईं चूची पर रख कर उसके निप्पलों को धीरे-धीरे रगड़ने लगा।
तो उसकी सांसें और जोर-जोर से चलने लगीं.. वो सिसकारियाँ भरने लगी।
मैंने उसके होंठों को जोर से अपने होंठों से दबा लिया.. फिर मैंने धीरे से उसके टॉप को ऊपर कर दिया और एक चुचूक को अपने मुँह में ले कर चूसने लगा।
क्या चिकने और छोटे निप्पल थे.. मटर के दाने की तरह.. शायद मैं ही वो शख्स था.. जो पहली बार उसकी चूचियों का रसपान कर रहा था।
मैं मजे से एक-एक करके दोनों चूचियाँ चूसे जा रहा था और वो जोर-जोर से सिसकारियाँ ले रही थी।
अब तक मेरा लंड फूल कर जोर-जोर से ऊपर और नीचे की तरफ सलामी देने लगा.. फिर मैंने उसका एक हाथ पकड़ के अपने लंड के ऊपर रख दिया और अपने लंड को दबाने का इशारा किया.. तो उसने हाथ खींच लिया।
मैंने फिर अपने कच्छे को नीचे करके उसके हाथों में अपना 7 इंच लम्बा और दो इंच मोटा थमा दिया.. तो फिर उसने झटके से अपने हाथ खींच लिया।
मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो वो कहने लगी- नहीं भैया… ये सब गलत है.. मैं नहीं कर सकती..
तो मैंने उसको वहीं छोड़ कर दूसरी तरफ करवट ले कर नाराज होने का नाटक किया.. मैंने सोचा किसी दिन आराम से चोदूँगा.. दिन में या लाइट जला कर.. रोशनी में इसके मदमस्त जिस्म का मजा लूँगा।
अभी कुछ देर ही हुई होगी.. वो फिर से करवट ले कर मेरे से चिपक गई… तो मैंने अपनी बनियान उतार दी और उसके टॉप और ब्रा को भी उतार कर एक तरफ रख दिया और उसे अपने सीने से लगा कर उसके होंठों को चूसने लगा।
वो फिर से गरम होने लगी, उसकी मुलायम और चिकनी चूचियाँ मेरे सीने में धंसी जा रहा थीं।
मेरा लंड उछल-उछल कर सुमन की अनछुई चूत में जाने को तैयार था.. फिर से मैंने उसकी चूचियां चूसते हुए अपने लंड को उसके हाथ में थमा दिया।
इस बार सुमन ने कोई विरोध नहीं किया बस मेरे लंड को पकड़ के इतना कहा- भैया यह तो इतना बड़ा है..पैन्ट के अन्दर बिना दिखे हुए कैसे रहता है?
मैंने उसे समझाते हुए कहा- सुमन ये अकेले में शांत रहता है.. लेकिन जब तुम्हारे जैसी सुन्दर और सेक्सी लड़की को चूमते समय यह अपने आप खड़ा हो जाता है जैसे तुम्हारी चूची चूसते-चूसते चुचूक कठोर हो गए हैं।
वो बोली- भैया आपको तो इस सब के बारे में बहुत कुछ पता है.. ये पहले भी किसी के साथ कर चुके हो?
तो मैंने कहा- किया तो अभी तक किसी के साथ नहीं है बस मैंने भी किताबों में पढ़ा है और ब्लू फिल्म में भी देखा है।
फिर मैंने उसको चूमते हुए कहा- कैसा लगा मेरा लंड?
तो वो बोली- भैया ये तो बहुत बड़ा है.. मुझे तो डर लग रहा है.. एकदम लम्बी रॉड जैसा है।
फिर मैंने कहा- प्यार नहीं करोगी इसे?
तो वो कहने लगी- भैया कर तो रही हूँ।
यह कहते हुए वो मेरे लंड को ऊपर-नीचे करने लगी। अब मैं उसकी पैंटी उतारने लगा.. तो उसने मना कर दिया- नहीं नहीं.. भैया प्लीज ये सब मैं शादी के बाद.. अपने पति के साथ ही करूँगी।
तो मैंने कहा- अच्छा मेरे लंड को एक पप्पी तो दो।
तो वो बोली- छी: भैया.. इसको पप्पी नहीं.. आपको दे दूँगी।
यह कहते हुए वो मेरे होंठों को चूसने लगी। फिर मैंने कोई रिएक्शन नहीं किया.. तो उसे लगा कि मैं गुस्सा हो गया.. इसलिए उसने कहा- भैया आप नाराज मत हुआ करो.. मुझे अच्छा नहीं लगता।
तो मैंने कहा- फिर जैसा मैं कहूँ.. वैसा करो.. मेरे लंड को चूसो ना प्लीज..
तो वो उल्टा होकर लेट गई और मेरे लंड पर हल्की सी चुम्मी की..
तो मैंने कहा- बस इतनी सी..?
वो धीरे-धीरे बोली- भैया ये चीटिंग है।
तो मैंने कहा- नहीं.. अच्छे से किस करो.. मुँह में डाल कर.. तुम्हें मेरी कसम प्लीज..
वो बोली- भैया प्लीज.. कसम मत दो अपनी.. मैं चूसती हूँ।
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यह कह कर उसने अपना मुँह खोल कर आगे का सुपारा मुँह में डाल कर चूसने लगी.. सच कहू इतना आनंद आ रहा था उसका मुँह गरम-गरम और ऊपर से लंड पर उसकी गरम-गरम सांसें टकरा रही थी।
मेरी ‘आह’ निकलने लगी.. ऐसा लग रहा था.. जैसे जन्नत में हूँ।
वो पूरा सुपारा तक ही चूस रही थी.. तो मैंने थोड़ा और अन्दर को अपने लंड को धकेल दिया। वो समझ गई कि मैं क्या चाहता हूँ।
उसने अपना मुँह और फैलाया तो मैंने लंड को और आगे धकेल दिया.. अब मेरा आधा लंड उसके मुँह में उतर गया।
वो भी अब मजे ले-ले कर लौड़ा चूस रही थी।
मैं मस्ती से ‘आह.. ऊह्ह..’ कर रहा था।
फिर मुझे अजीब सी महक आई तो मैंने देखा कि उसकी पैंटी से वो महक आ रही है.. मैंने उस पर एक ऊँगली रख कर देखा.. तो पता चला कि यह उसकी चूत का रस निकल रहा है।
मैंने धीरे से अपनी जीभ लगा दी और पैंटी के ऊपर से चूत चाटने लगा.. उसको भी मजा आने लगा.. तो मैंने धीरे से उसकी पैंटी सरका दी।
उसकी चूत पर हाथ फिराया.. तो भीगे-भीगे हल्के-हल्के बाल महसूस हुए, मैं उसकी चूत को हौले-हौले चाटने लगा।
वो मेरा लंड चूसने में मग्न थी और मैं उसकी चूत को चाटने में मस्त थ।
फिर मैंने धीरे से उसकी छोटी सी चूत में अपनी जीभ घुसेड़ दी.. वो चिहुँक उठी और मेरे लंड को मुँह से निकाल कर ‘आहें’ भरने लगी- भैया.. आह्ह.. प्लीज ये मत करो.. अजीब-अजीब लग रहा है।
यह सुनते ही मैंने उसको और जोर-जोर से चाटना शुरु कर दिया। वो जोर-जोर से सांसें लेने लगी और जोश में मेरा भी आधे से ज्यादा लंड अपने मुँह में ले कर जोर-जोर से चूसने लगी।
हम लोग लगभग 5 मिनट तक इसी अवस्था में मजे लेते रहे। फिर हम लोग झड़ने वाले थे.. तो मैंने उसका चेहरा जोर से पकड़ लिया.. जिससे मेरा सारा माल उसके हलक में गिर गया और वो मजे से सारा माल पी भी गई। मैंने भी उसका सारा माल चाट लिया।
फिर हम दोनों सीधे हो कर लेट गए और एक-दूसरे को किस किया और सो गए।
अभी आप सभी से मेरी रिक्वेस्ट है कि आप लोग मेरी कहानी पर अपने कमेन्ट जरूर भेजिए।
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