मामा और बुआ की बेटी को चोदा
(Mama Aur Bua Ki Beti Ko Choda)
अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज पढ़ने वाले मेरे प्यारे दोस्तो, मैंने 18 साल की उम्र में अपनी दो चचेरी बहनों मामा की बेटी वैशाली और मेरी बुआ की बेटी कामिनी को मैंने कैसे चोदा ये आप मेरी सेक्स कहानी में पढ़कर जानिए!
हमारे यहां शादी में मेरे मामा की बेटी वैशाली और उसकी बुआ की बेटी कामिनी आई हुई थी. मेरे चाचा के बेटे की शादी थी तो हमारे सभी रिश्तेदार आये हुए थे तो वैशाली और कामिनी अपनी अपनी मम्मी के साथ आई हुई थी।
वैशाली, कामिनी और मैं हम तीनों बचपन से साथ साथ खेले, साथ साथ बड़े हुए हैं, हम में से कामिनी सब से बड़ी है, उसकी उम्र 19 साल है वैशाली उससे 2 महीने छोटी है और मैं 18 साल का यानी कि सबसे छोटा लेकिन हमने कभी कोई गलत खेल यानि एक दूसरे के गुप्तांगों को छूना हमें बिल्कुल भी पसंद नहीं था।
लेकिन मेरी बुआ की बेटी कामिनी थोड़ी उस टाइप की लड़की थी लेकिन हमने कभी उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया।
मेरे कजिन की शादी के ठीक 3 दिन पहले मुझे कुछ सामान लेने शहर जाना था. हम एक छोटे गांव में रहते हैं जहाँ कुछ ज्यादा सुविधाएं नहीं थी, कोई बाजार नहीं था, इस लिए हमें किसी भी काम के लिए, अच्छी खरीददारी के लिए गांड से 48 किलो मीटर दूर के एक शहर में जाना पड़ता था.
तभी चाचा ने कहा- अभिषेक, कामिनी और वैशाली को कपड़े लेना अभी बाकी है, तुम शहर जा रहे हो तो मैं उन दोनों को पैसे दे देता हूं, तू उन दोनों को अपने साथ ले जाना और अच्छे से कपड़े दिला देना।
मैं- ठीक है ताऊ जी!
और हम तीनों दोपहर बाद मेरी बाइक पर बैठ कर निकल पड़े शहर की ओर!
लेकिन हम अभी शहर के पास पहुंचे थे कि अच्छी खासी तेज बारिश शुरू हो गई. हमारे कपड़े भीग गये. बारिश भी ऎसी थी कि रुकने का नाम नहीं ले रही थी.
हम रुक कर एक दूकान के बरामदे में खड़े हो गए. और असी ही दिन छिपाने लगा लेकिन बारिश तो कहा रही इथी कि आज ही पूरी बरसूँगी.
अब ना तो शौपिंग हो सकती थी और ना ही घर लौटा जा सकता था. हमें वहीं कहीं रुकना पड़ना था.
मैंने दूकानदार से पूछा तो उसने बताया कि पास में ही एक होटल है. हम तीनों वहां गये और रूम के लिए पूछा लेकिन वहां एक भी रूम खाली नहीं था।
फिर मैंने ताऊ जी को फोन किया तो ताऊ जी ने कहा- तुम जहाँ हो, वहां से 2 किलो मीटर पीछे एक छोटी लॉज है, शायद वहाँ कोई कमरा मिल जाये!
तो हम बारिश में भीगते हुए 2 किलो मीटर वापस आ गये, वहां उस एक लॉज पर रुक गए लेकिन हमें एक ही रूम मिला, वो भी सिंगल बेड! मजबूरी में हमने वही कमरा ले लिया.
फिर कुछ देर बाद भूख लगी तो लॉज के सामीप ही एक ढाबा था, वहां जाकर भीगे कपड़ों में हम तीनों ने खाना खाया. खाना खा कर समय देखा रात के नौ बज चुके थे और हम रास्ते में पूरी तरह भीग चुके थे. हमारे साथ में कोई फालतू कपड़े भी नहीं थे और लॉज में कपड़ों का कोई इंतजाम नहीं था।
तो मैंने कहा- कामिनी, वैशाली, तुम दोनों रूम के अंदर कपड़े उतार कर सो जाओ और मैं बाहर सो जाऊंगा.
तभी वैशाली बोली- हम तीनों बचपन से एक दूसरे को बहुत अच्छी तरह से जानते हैं, इतने अच्छे दोस्त हैं, तुम से क्या शर्माना!
मैं- लेकिन मुझे तो शर्म आती है ना… तुम दोनों 2 मिनट के लिए बाहर जाओ प्लीज़!
और वो भी मेरा कहना मान कर चली गई. फिर मैं अपने सारे कपड़े उतार कर बिस्तर में घुस गया. तब उन दोनों को मैंने आवाज लगाई, वो दोनों आई और अपने कपड़े उतारने लगी.
टॉप के अंदर वैशाली ने गुलाबी रंग की और कामिनी ने सफेद रंग की ब्रा पहन रखी थी. मैंने अपनी इन दोनों बहनों को पहली बार इस हालत में नहीं देखा था जब हम काफी छोटे छोटे थे, तब हम तीनों साथ साथ नंगे नहाते थे.
फिर उन्होंने अपनी जीन्स उतारी, उन दोनों ने अपनी अपनी ब्रा के रंग की पैंटी भी पहनी हुई थी. अपनी दो जवान बहनों को इस अधनंगी हालत में देख कर मेरा सात इंच का लंड पत्थर से भी ज्यादा कड़क और टाइट हो गया, उसे मैंने अपने हाथ से नीचे दबा लिया ताकि वो कुछ गलत न समझे.
और फिर जब मेरी बहनों ने मेरे सामने अपनी ब्रा पेंटी भी उतार दी, वे दोनों मेरे सामने पूरी नंगी हो गई तो मेरी हालत हद से ज्यादा खराब होने लगी थी, मेरा लंड फट पड़ने को तैयार हो चला था.
ब्रा और पैंटी भी उतार कर मेरे दोनों तरफ मेरी दोनों नंगी बहनें सो गई और मैं बीच में नंगा लेता था। मैं तो खुद पर कंट्रोल नहीं कर पा रहा था.
पहले मुझे तो नींद नहीं आ रही थी… जब दोनों तरफ दो जवान लड़कियाँ… वो भी पूरी नंगी बेड पर हो तो नींद किस उल्लू को आएगी.
नींद तो कामिनी को भी नहीं आ रही थी तो वह मेरे साथ मस्ती करने लगी, वो मुझे यहां वहां छूने लगी, बहन की शरारतों से मुझे गुदगुदी होती थी.
कामिनी- क्या हुआ?
मैं- यार मत करो ना… मुझे गुदगुदी होती है.
कामिनी- तो? मैं क्या करूं? मुझे मजा आ रहा है… मैं तो करूंगी.
मैं- वैशाली जग जाएगी वो हम दोनों को गलत समझेगी!
कामिनी- गलत क्या समझेगी?
मैं- यही कि हम भाई बहन हो कर कुछ गलत सलत कर रहे हैं.
कामिनी बोली- ऐसा कुछ जब हम कर ही नहीं रहे तो हमें डर काहे का?
मैं बोला- नहीं… तो मैं यहां नहीं सोऊंगा, चला जाऊंगा उठ कर!
कामिनी- तो ठीक है… तुम चले जाओ, लेकिन तुमने पहना क्या क्या है?
मैं- सॉरी कामिनी… प्लीज तुम भी सो जाओ और मुझे भी सोने दो!
ऐसे ही 15 मिनट में हम दोनों सो गए।
लेकिन 2 बजे के आस पास पेशाब करने के लिए उठने की आदत है मुझे तो उस रात भी मैं उठा और उठ कर सीधे बाथरूम चला गया यह भूल कर कि मेरे बदन पर कोई कपड़े नहीं हैं.
पर जब मैं वापस आया तब देखा कि कामिनी जाग रही है और मुझे घूरे जा रही थी.
मैंने उस से पूछा- क्या देख रही हो यार?
कामिनी- वो…
मैं- वो क्या?
कामिनी शर्माते हुए- नीचे देखो?
जब मैंने नीचे देखा तो मैं बहुत शर्मा गया और जल्दी जल्दी से बिस्तर में घुस गया.
कामिनी- तुम्हारा वो कितना बड़ा है ना…
मैंने हिम्मत दिखाई पर थोड़ा मजाक के लहजे में बोला- यार अगर तुम्हें यह पसंद आ गया हो तो आज के लिए ये तुम्हारा ही है!
यह सुनते ही कामिनी मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी. मुझे भी अच्छा लगने लगा इसलिए मैं भी उसका साथ देते देने लगा और उसके चुची सहलाने और दबाने लगा. मेरी बहन गर्म हो चुकी थी, अब मैं भी उसकी चूत में उंगली कर रहा था.
मैंने उसे अपना लंड चूसने को कहा लेकिन उसने मना कर दिया, वो बोली- नहीं… मैं नहीं चूसूँगी… मुझे अच्छा नहीं लगता क्योंकि इसमें से पेशाब निकलता है. और ये सब मेरे लिए पहली बार है!
मैं- प्लीज कामिनी, एक बार चूस कर तो देखो, तुम्हें जरूर अच्छा लगेगा!
कामिनी- नहीं…
लेकिन नहीं नहीं करते करते हुए मैंने उसके मुंह में अपना लंड डाल ही दिया लेकिन उसने झट से बाहर निकाल दिया और बोली- छी… कितना गंदा टेस्ट है. और इसमें से नमकीन सा चिकना सा पानी भी आ रहा है. तुम कितने गंदे हो!
मैं- सॉरी बहना!
और फिर मैंने अपनी बहन को बेड पर पीठ के बल लिटाया और उसकी टाँगें फैलाई और अपना सात इंच का लंड बहन की चूत के मुख पर रखा और जोर से धक्का लगाया लेकिन सिर्फ सुपारा ही अंदर गया और उसकी चीख निकल गई. मैंने और एक झटका लगाया और पूरा लंड मेरी जवान बहन की चूत के अंदर!
फिर मैंने उसके ओंठों पर अपने ओंठ रख कर उसके ओंठों को चूसने लग गया, मेरी बहन भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।
मेरी बहन की चूत की सील भी मैंने उसी रात तोड़ी थी लेकिन वो चूत में से खून निकलने की वजह से बहुत डर गई थी.
फिर मैंने उसे समझाया कि इससे कुछ नहीं होता कुछ ही देर में ठीक ही जायेगा और उसे शांत किया।
फिर मैंने करीब बीस मिनट तक बहन को चोदा और बेड के हिलने की वजह से वैशाली जग गई और उसने हम बहन भाई को चुदाई करते देख लिया. हम दोनों ही एकदम से हड़बड़ा गए और जल्दी से चादर अपने ऊपर ओढ़ ली।
लेकिन वैशाली शरारती अंदाज में मुस्कुराती हुई बोली- ओ हो… ये सब क्या चल रहा है जी?
मैं तो कुछ बोल ही नहीं पाया, मेरी जुबान को जैसे ताला लग गया हो.
फिर वैशाली ही बोली- छिप क्यों रहे हो? मैंने सब देख लिया है।
और उसने चादर उठा कर फेंक दी और हम सब पूरी तरह नंगे थे। अब मेरा लंड वैशाली के हाथ में था और वो मेरे लंड से खेल रही थी और बोली- यार अभिषेक, तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है. तुम जानते हो कि मैंने अपनी फसहेलियों से बहुत से सेक्स के किस्से सुने हैं लेकिन आज मैंने पहली बार सेक्स करते देखा है. और अब मैं खुद भी सेक्स करना चाह रही हूँ और वो भी अपने बचपन के सबसे करीबी दोस्त से जो मेरा भाई भी है। और मैं तुमसे सेक्स करना तो बहुत पहले से चाहती थी लेकिन मैं हिम्मत नहीं कर पा रही थी. अब तुम दोनों को सेक्स करते देख मेरे अंदर इतना सब कुछ बोलने की हिम्मत आई.
फिर मैं अपनी बहन की चुची चूसने लगा और उसकी चूत में उंगली भी कर रहा था. और अब तो कामिनी भी पूरी तरह गर्म हो कर मेरा लंड चूसे जा रही थी और मैं उसके मुंह मे ही झड़ गया.
फिर कुछ देर बाद मेरा लंड एक बार फिर से तैयार हो गया था वैशाली के लिए…
वो भी पूरी तरह गर्म हो चुकी थी.
और फिर मैंने अपना लंड वैशाली की चूत में डाल दिया और पहले झटके में ही उसकी सील टूट गई. अपनी चूत से निकलते खून को देख कर वो भी डर गई थी.
लेकिन फिर कामिनी ने और मैंने उसे समझाया और उसे शांत किया. जब कुछ देर बाद वैशाली की चूत में दर्द कम हो गया तब वह चिल्लाने लगी- भाई चोदो मुझे… और चोदो… आआह…
रूम में ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ की आवाजें गूंजने लगी.
मैंने अपनी दोनों बहनों को कामिनी को दो बार और वैशाली को एक बार सुबह के 5 बजे तक चोदा और फिर हम तीनों साथ साथ नहाये.
बारिश तो रात में पता नहीं कब रुक चुकी थी. और बाजार खुलने के समय पर हम तीनों अपनी बाइक पर शहर की ओर चल पड़े.
मैंने अपनी दोनों बहनों को कपड़े दिला दिए और अपना जो शादी के लिए जरूरी सामान लेना था, वो भी ले लिया और घर आ गये।
और फिर शादी की रात जब मेरे चाचा का बेटा अपनी सुहागरात मना रहा था तभी हम तीनों भाई बहन मिल कर अपनी दूसरी सुहागरात मना रहे थे।
अब मैं 19 साल का हूँ और कामिनी की शादी हो चुकी है लेकिन जब भी वो हमारे घर आती है हम दोनों चुदाई जरूर करते हैं और खूब मजा करते हैं.
और मैं अभी रोज रात वैशाली यानि अपनी बड़ी बहन की चुदाई कर रहा हूँ क्योंकि वो गर्मियों की छुट्टियां मनाने हमारे घर आई हुई है.
यह कोई कहानी नहीं मेरी सच्ची कहानी है जो कि मुझे अपना पहला सेक्स अनुभव 18 साल की उम्र में मिला था!
मेरी कहानी कैसी लगी बताना जरूर!
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