फूफी ने फड़वाई मुझसे अपनी बिटिया की कुंवारी फुद्दी
(Kunvari Fuddi Sex Kahani)
कुंवारी फुद्दी सेक्स कहानी मेरी बुआ की बेटी की सील तोड़ चुदाई की है. मेरी बुआ बहुत चालू माल है. एक दिन बुआ ने मुझे अपने घर बुलाया और अपने बेटी की चूत मुझे दिलवाई.
मेरा नाम सफी है दोस्तो, मैं 22 साल का एक हट्टा कट्टा नौजवान हूँ। मेरा कद 5′ 10″ है और बदन एकदम कसरती है।
मैं पढ़ा लिखा नहीं हूँ लेकिन छोटा मोटा अपना धंधा करता हूँ।
मेरा कुनबा जरूर बड़ा है पर सब लोग अपने अपने घर में अलग अलग रहते हैं।
सब लोगों के घर आस पास ही हैं और सबका एक दूसरे घर में खूब आना जाना रहता है।
मेरी रहीमा फूफी जान बहुत ही खूबसूरत, हंसमुख और हाज़िर जवाब हैं।
मैं उन्हें बहुत पसंद करता हूँ।
वे एकदम खुल कर बोलतीं हैं, गन्दी गन्दी बातें करतीं हैं और बीच बीच में कभी कभी लंड, बुर, चूत भी बोल देती हैं।
मादरचोद, बहन चोद तो उसके मुंह से निकला ही करता है।
मुझे ये सब सुनकर बड़ा मज़ा आता है।
मैं फूफी के मुंह से गन्दी गन्दी बातें सुनने के लिए उनके पास अक्सर जाया करता था।
उनके मम्मे बहुत बड़े बड़े हैं। मेरा मन उनके मम्मो में लंड पेलने का हो जाता था।
उनकी मस्तानी गांड देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता था।
मैं उसे सच में एकदम नंगी देखना चाहता था।
एक दिन जब उसके घर गया तो उसकी देवरानी मिली मुझसे!
मेरा काँटा फूफी की देवरानी से भिड़ा हुआ था।
वह मेरा लंड पकड़ती थी और मैं उसकी उसकी चूचियाँ दबाता था।
उसने हाथ बढ़ाकर मेरा लंड पकड़ लिया और बोली- जानता है सफ़ी, तेरी फूफीजान बुरचोदी ग़ैर मर्दों से खूब चुदवाती है। उसे लंड लेने का जबरदस्त शौक है। बड़ी चालू चीज है तेरी फूफीजान!
मैंने कहा- अरे मुझे यह सब नहीं मालूम था।
वह बोली- तुम संभल रहना, किसी दिन तेरा भी लंड पकड़ लेगी वह भोसड़ी वाली।
मैंने कहा- मैं तो चाहता हूँ कि वह जल्दी से जल्दी मेरा लंड पकड़ ले।
वह बोली- अच्छा तो फिर मैं कुछ ऐसा करूंगी कि वह कल तुझे खुद बुलायेगी और तेरा लंड पकड़ लेगी। एक बात और तू जान ले कि तेरी फूफी जान भोसड़ी वाली मेरे शौहर का लंड लेती है अपनी चूत में।
मैंने कहा- तो फिर तुम क्या करती हो?
वह बोली- मैं भी उसके शौहर का लंड लेती हूँ अपनी चूत में!
अब मुझे फूफी जान की करतूत मालूम होने लगी।
मैं मन ही मन फूफी से एकदम बेशर्म होने लगा।
एक दिन मैं घर से निकला तो एक कोने में उसकी बेटी सबा को अपनी सहेली से बात करते हुए देख लिया मैंने!
फिर क्या … मैं छिप कर उनकी बातें सुनने लगा।
फूफी जान की बेटी सबा भी बेहद खूबसूरत है। वह भी 20 साल की एकदम टनाटन कुंवारी फुद्दी है।
उसे देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता है।
वह अपनी सहेली से कह रही थी- यार, मेरी अम्मी जान बड़ी चुदक्कड़ है। कल रात मैंने उसे नंगी होकर चाचू का लंड चूसते हुए देखा। कुछ देर बाद उसने लंड जब अम्मी के भोसड़ा में पेला तो मेरी चूत गीली हो गयी। मैंने एक बार और अम्मी को गैर मरद से चुदवाते हुए देखा है।
उसकी सहेली बोली- अरे यार सबा, ऐसा तो हर घर में होता है। सबकी अम्मियाँ गैर मर्दों के लंड रात में लेतीं हैं. मैं तो हर रोज़ रात में अपने घर में यही देखती हूँ। अब तो मैंने भी धीरे धीरे कुनबे के लंड लेना शरू कर दिया है। मैं दो लंड का मज़ा ले भी चुकी हूँ।
उन दोनों की बातों ने मेरे लंड में आग लगा दी।
मैंने सोच लिया कि एक दिन मैं सबा की कुंवारी फुद्दी में लंड जरूर पेलूँगा।
दूसरे दिन फूफी ने मुझे दोपहर दो बजे अपने कमरे में बुला लिया।
मैं ख़ुशी ख़ुशी उसके पास पहुँच गया।
मुझे देख वे हंसकर बोली- अरे सफ़ी आ जा, तू मेरे घर आता है और बिना मुझसे मिले चला जाता है। मुझे मालूम ही नहीं होता कि तू कब आया और कब चला गया। आज तुम्हें मैंने एक खास मकसद के लिए बुलाया है।
मैंने कहा- जी फूफी जान, बताओ मुझे किसलिए बुलाया है?
वे बोली- अरे बरखुरदार, सुना है कि तू मर्द हो गया है?
मैं बोला- हां फूफी जान, मर्द तो हो गया हूँ मैं!
वे बोली- पर मुझे कैसे मालूम कि तू मर्द हो गया है बेटा सफ़ी?
मैंने कहा- मैं कह तो रहा हूँ कि मैं मर्द हो गया हूँ। यकीन करो न फूफी जान!
वे बोली- मर्द होने की पहचान मर्द के लंड से होती है बेटा सफ़ी। जब तक मैं तेरा लंड पकड़ कर देख नहीं लेती तब तक मुझे यकीन नहीं होगा कि तू मर्द हो गया है। मैं मर्दों को उनके लंड से पहचानती हूँ। इसलिए तू मुझे खोल कर दिखा अपना लंड, मैं पकड़ कर देखूंगी तेरा लंड!
फूफी ने इंतज़ार नहीं किया और उठ कर मेरी कमीज उतार दी और मेरे पजामा का नाड़ा खोलने लगीं।
मैंने कहा- ऐसे में मैं नंगा हो जाऊंगा फूफी जान!
वे बोली- नंगा करूंगी तभी तो लंड पकडूँगी. नंगा करके तेरा लंड पकड़ कर देखूंगी। मर्द कभी शर्माता नहीं है बेटा सफ़ी। तू बहनचोद क्यों शर्मा रहा है?
मैंने कहा- ऐसा है तो फिर तुम भी नंगी हो जाओ न फूफी जान। मैं भी तुम्हें नंगी देखना चाहता हूँ।
वे बोली- तू भोसड़ी का बड़ा चालाक है। अच्छा, ले देख ले मेरे बड़े बड़े दूध।
फूफी ने अपना ब्लाउज़ खोल कर फेंक दिया तब उसकी मस्तानी चूचियाँ मेरी आँखों के सामने छलक पड़ी।
मैंने उन्हें दबोच लिया।
इतने में मेरा पजामा नीचे गिर पड़ा और मेरा लंड तन कर उसके आगे खड़ा हो गया।
वे मेरा लंड पकड़ कर बोली- हायल्ला … क्या मस्त लौड़ा है तेरा मादरचोद! तू सच में मर्द हो गया है। चूत क्या भोसड़ा चोदने वाला हो गया है तेरा लंड बेटा सफ़ी! सच बताऊँ … तेरे फूफा के लंड से बड़ा है तेरा लंड; उससे ज्यादा मोटा है तेरा लंड. मुझे नहीं मालूम था कि इतना बढ़िया लंड मेरे घर में ही है।
फूफी जान ने मेरे लंड की कई चुम्मियाँ लीं, सुपारा जबान निकाल कर चाटा और बोली- यार सफ़ी, मैं तेरे लंड की गुलाम हो गयी हूँ।
तब तक मैंने फूफी का भोसड़ा खोल कर बाहर निकाल लिया।
अब वे मेरे आगे एकदम नंगी हो गई।
मेरी तमन्ना पूरी हो रही थी।
42 साल की मस्त जवान सेक्सी और एकदम हॉट थी मेरी फूफी जान।
वे नंगी बहुत ज्यादा ही सेक्सी और हॉट लग रही थी।
मेरा लंड साला काबू के बाहर हुआ जा रहा था।
मैंने उन्हें सामने पड़ी कुर्सी पर बैठा दिया और खुद उसके सामने खड़ा हो गया।
तब मैंने कहा- मैं सबसे पहले आपके बड़े बड़े मम्मे चोदूंगा फूफी जान!
मैंने लंड दोनों मम्मों के बीच में पेल दिया.
तो उन्होंने भी अपने हाथों से मम्मों को दबाकर एक सुरंग बना दी।
मेरा लंड बस उसी सुरंग में आने जाने लगा।
मैं सुरंग को चूत समझ कर चोदने लगा।
लंड जब ऊपर जाता तो वे लंड का सुपारा चाट लेती।
उनका ऐसा करना मेरे अंदर और जोश पैदा करने लगा।
मैं जल्दी जल्दी उसकी रसीली चूचियाँ चोदने लगा।
इंग्लिश में इसे TIT FUCKING कहते हैं।
वे बोली- हायल्ला बड़ा मज़ा आ रहा है बेटा सफ़ी। इस तरह तो मेरे दूध आज तक किसी ने भी नहीं चोदे। मुझे बड़ा मज़ा आ रहा है। और चोद, खूब चोद इन्हें, आज पहली बार लंड मिला है इन्हें। लौड़ा पूरा पेल पेल के चोद। शाबाश बेटा, तेरे लंड में बड़ी ताकत है। तू सच में बड़ा जबरदस्त मर्द बन गया है।
मैं इतना ज्यादा उत्तेजित हो गया कि मेरे लंड ने उगल दिया सारा वीर्य उसकी चूचियों पर।
फूफी जान मेरा झड़ता हुआ लंड चाटने लगी.
मैंने कहा- माफ़ करना फूफीजान, मैं जल्दी झड़ गया.
वे बोली- पहली बार ऐसा ही होता है बेटा! चिंता न करो दूसरी पारी में मेरा भोसड़ा बड़ी देर तक चोदोगे तुम!
फिर मैं बाथरूम गया और वहां से आकर थोड़ा आराम करने लगा।
कुछ देर बाद उसकी बेटी सबा आ गई।
वह कुछ ज्यादा ही मूड में नज़र आ रही थी।
उसे नहीं मालूम था कि मैं अंदर बिस्तर पर लेटा हूँ।
आते ही वह अपनी अम्मी से उलझ गयी और बोली- अम्मी जान, मैं तुमसे एक बात कहना चाहती हूँ।
फूफी बोली- हां बोलो क्या कहना चाहती हो तुम बेटी सबा?
सबा- देखो, अब मैं पूरी तरह जवान हो गयी हूँ, अम्मी जान। मुझे भी चाहिए लंड, लंड और लंड! मेरे कॉलेज में सभी लड़कियां लंड की बातें करती हैं और मैं चूतिया बनी हुई सुना करती हूँ, कुछ बोल ही नहीं पाती. लड़कियां सब मुझ पर हंसती हैं, कहती हैं कि सबा तो अभी बच्ची है। इसे तो दूध पीना आता है लंड पीना अभी आता ही नहीं। इस तरह कॉलेज में मेरी खूब खिल्ली उड़ाई जाती है। समझ में आया भोसड़ी वाली अम्मीजान?
फूफी- तो लड़कियां लंड के बारे में क्या बातें करती हैं कॉलेज में?
सबा- लंड की बातें करती हैं और क्या? लंड के साइज की बातें करती हैं। कोई कहती है मेरे भाईजान का लंड बड़ा मोटा है, कोई कहती मेरे जीजू का लंड लोहे की तरह सख़्त है, कोई कहती मेरे अब्बू का लंड 9″ का है, कोई कहती है मैं आज अपने खालू का लंड पी कर आयी हूँ. कोई कहती है मैंने कल अपने चचा जान से रात भर चुदवाया। लेकिन मेरे मुंह से कुछ निकलता ही नहीं क्योंकि मैंने आज तक कोई लंड पकड़ा ही नहीं। जल्दी से मुझे लंड पकड़ाओ अम्मी जान. नहीं तो मैं कुछ कर बैठूंगी. मैं और ज्यादा दिन तक इंतज़ार नहीं कर सकती।
मैं बिस्तर पर पड़े पड़े सब सुन रहा था, सो नहीं रहा था।
सबा की बातें सुनकर मेरा लंड तमतमा गया।
शाम को मैं जब उठा तो फूफी ने मुझे चाय दी और नाश्ता करवाया।
वे बोली- सफ़ी आज रात को तुम यहीं रहना मेरे साथ ही सोना।
मैंने कहा- ठीक है फूफी जान, मगर मैं अभी अपने काम से जा रहा हूँ। रात को 10 बजे मैं आ जाऊँगा।
मैं वहां से निकल पड़ा।
शाम 9 बजे जब फूफी और उसकी बेटी सबा आमने सामने बैठी थीं.
तो फूफी ने पूछा- ये बता तू भोसड़ी वाली सबा, तूने सच में अभी तक कोई लंड नहीं पकड़ा?
वह बोली- पकड़ा तो है पर ठीक से नहीं पकड़ पायी कोई भी लंड! पड़ोसी अंकल का लंड पकड़ा तो पकड़ते ही आंटी आ गयी तो अंकल भाग गया। फिर एक दिन खाला के बेटे का लंड पकड़ा तो चुदवा नहीं पाई क्योंकि वह भोसड़ी का मेरे हाथ में ही झड़ गया। मैं वैसी ही सूखी साखी रह गयी।
फूफी ने कहा- इसका मतलब तेरी कुंवारी फुद्दी की सील अभी टूटी नहीं है।
सबा बोली- बिल्कुल नहीं टूटी। जानती हो अम्मी जान. मैंने दो बार तेरा भोसड़ा चुदते हुए देखा है। सच बताऊँ मेरी बुर चोदी अम्मी जान, तुझे तो अपनी चूत की परवाह है मेरी चूत की नहीं.
फूफी ने कहा- अगर तूने मुझे गैर मरद से चुदवाते हुए देखा तो फ़ौरन मेरे पास आई क्यों नहीं? मेरी चूत से लौड़ा निकाल कर अपनी चूत में लिया क्यों नहीं?
सबा बोली- मुझे डर लग रहा था और शर्म भी आ रही थी।
फूफी ने कहा- डरेगी तो जवानी का मज़ा नहीं ले पायेगी। शरमायेगी तो बिना लंड के रह जाएगी पगली। जवानी का मज़ा लेना है तो लौड़ा लपक कर बड़ी बेशर्मी से पकड़ लेना चाहिए। बोल्ड बनो, बेशरम बनो, गन्दी गन्दी बातें करो और लौड़ा रंडियों की तरह लपक कर पकड़ो। पहले अपनी माँ चोदो फिर दुनिया की माँ चोदो।
मुझे इन सब बातों का पता बाद में चला।
मैं रात को 10 बजे आ गया।
फिर हम तीनों ने एक साथ खाना खाया और बिस्तर पर आ गए।
फूफी बोली- सफ़ी तुम सबा को कितना जानते हो?
मैंने कहा- सबा तो एक बहुत अच्छी लड़की है। बड़ी सीधी सादी है।
फूफी बोली- ये भोसड़ी की सीधी सादी नहीं है, बड़ी हरामजादी है बदचलन है. मेरी चुदाई छुप छुप कर देखती है। सबा की माँ का भोसड़ा!
सबा बोली- अरे भाईजान, तेरी फूफी जान तो बड़ी चुदक्कड़ औरत है। पराये मर्दों के लंड खाती है।
बस इतने में ही महफ़िल गर्म हो गयी.
फूफी ने अपनी बेटी का हाथ मेरे पाजामे में डाल दिया और बोली- बेटी सबा, अब तू निकाल कर दिखा मुझे अपने भाई जान का लंड? तू लंड लंड चिल्ला रही थी अब लंड तेरे हाथ में है।
सबा ने लंड सच में बाहर निकाल लिया।
मेरा लंड तो पहले से खड़ा था।
सबा बोली- बाप रे बाप, इतना बड़ा लंड? इतना मोटा लंड तो पड़ोसी का भी नहीं था। मज़ा आ गया अम्मी जान इतना बड़ा लंड पकड़ कर!
उसने मेरा लंड खूब चूमा।
तब तक फूफी ने उसके कपड़े उतार दिये, उसे पूरी तरह नंगी कर दिया।
मैं सबा को पूरी नंगी देख कर और ज्यादा उत्तेजित हो गया।
तब तक फूफी जान भी नंगी हो गईं और वे भी सबा के साथ मेरा लंड चाटने लगीं।
अब माँ बेटी दोनों नंगी नंगी मेरा लंड चाटने लगीं।
मैं तो पहले से ही पूरा नंगा था।
दोनों एक दूसरे के मुंह में मेरा लंड घुसेड़ने लगीं।
माँ लंड चाटती तो बेटी मेरे पेल्हड़ चाट लेती और जब बेटी लंड चाटती तो माँ मेरे पेल्हड़ चाट लेती।
मुझे तो अपार आनंद आ रहा था।
मेरा तो माँ बेटी को एक साथ लंड चटाने का पहला मौक़ा था।
दोनों भोसड़ी वाली बड़े शिद्दत से और बड़े प्यार मोहब्बत से मेरा लंड चाट रही थीं।
फूफी बोली- बेटी सबा, तू तो बुरचोदी बड़ी अच्छी तरह से लंड चाट लेती है। कहाँ से सीखा लंड चाटना?
सबा बोली- तुम्हें लंड चाटते हुए देखा था न … बस तुम्ही से सीख लिया मैंने लंड चाटना मेरी चुदक्कड़ अम्मी जान!
मुझे सबा की बुर बड़ी प्यारी लग रही थी तो मैं उसकी बुर चाटने लगा।
सबा को डबल मज़ा मिलने लगा और मुझे भी!
मेरा माँ बेटी को एक साथ चोदने का पहला मौका था।
मेरा लंड साला एकदम ताव पर था। मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित था।
जब सबा ने बड़ी देर तक मेरा लंड चूसा और चाटा, उसे घुमा घुमा कर बड़े प्यार से देखा तब फूफी जान बोली- बेटा सफ़ी, अब पेल दे तू सबा की बुर में अपना लंड, इसकी बुर अभी कुवांरी है। तोड़ दे इसकी चूत की सील। इसकी चूत पकी हुई है। चोद डाल इसकी पकी हुई बुर। मेरे सामने फाड़ मेरी बिटिया की बुर!
मैं तो इसी इंतज़ार में था।
फूफी भी मुझसे अपनी बिटिया की बुर चुदवाना चाहती थी।
वे भी जोश में थी, अपनी बेटी की चुदती हुई बुर देखना चाहती थी।
फूफी ने मेरा लंड पकड़ा और सबा की चूत पर टिका दिया।
फिर उन्होंने मेरे चूतड़ एकदम से दबा दिये तो लंड गच्च से घुस गया सबा की चूत में!
सबा चिल्ला पड़ी- उई माँ मर गई मैं … फट गयी मेरी चूत! बड़ा मोटा है भाई का लंड अम्मी जान! बड़ा दर्द हो रहा है। बड़ा बेरहम है भाई तेरा लंड! एक ही बार में पूरा घुसा दिया लंड तूने।
फूफी बोली- अभी तो तू लंड लंड चिल्ला रही थी। अब लंड मिला तो माँ चुदने लगी तेरी? गांड फटने लगी तेरी? अब मामूल हुआ कि लंड क्या चीज है?
फिर मैंने 10-12 बार लंड अंदर बाहर किया तो उसे अच्छा लगने लगा।
वह बोली- हाय, अब आ रहा है मज़ा, अब पूरा पेल दो लंड भाई जान, जल्दी जल्दी चोदो!
अपनी कमर कमर हिला हिला कर सबा चुदवाने लगी।
उसके मुंह से निकला- अम्मी जान, तू बहुत हरामजादी है, अपने सामने बिटिया चुदवा रही है।
फूफी बोली- बिटिया की माँ की चूत … तू भी तो नंगी होकर अपनी माँ के सामने बड़ी बेशर्मी से चुदवा रही है। तू तो मुझसे ज्यादा हरामजादी है बुरचोदी सबा! मुझे तो सच में अपनी बेटी चुदाने में ज़न्नत का मज़ा आ रहा है।
मैं अपना पूरा लंड पेल पेल कर उसे चोदने लगा।
फूफी जान बीच बीच में मेरा लंड सबा की बुर से निकाल निकाल चाटने लगीं।
सबा का यह पहला मौक़ा था।
वह बहुत उत्तेजित थी तो वह जल्दी ही खलास हो गयी।
अब तक वह बड़ी बेशर्म और निर्लज्ज हो चुकी थी; एकदम रंडी बन चुकी थी।
उसे अम्मी की बात याद थी कि जवानी का पूरा मज़ा लेना है तो एकदम बेशर्म बन जा गन्दी गन्दी बातें कर और निडर होकर सबके लंड का पूरा मज़ा ले।
फिर उसने अपनी बुर से लंड निकाल कर अपनी अम्मी की बुर में पेल दिया और बोली- अब मैं चोदूँगी तेरा भोसड़ा अम्मी जान। तूने अपनी बेटी की बुर फड़वाई, अब मैं अपनी अम्मी का भोसड़ा फड़वाऊंगी।
फिर क्या … मैं फूफी का भोसड़ा घपाघप चोदने लगा। पूरा लौड़ा पेल पेल कर चोदने लगा और सबा मेरे पेल्हड़ सहलाती हुई अपंनी माँ का भोसड़ा चुदवाने लगी।
मुझे फूफी की चूत चोदने में उतना ही मज़ा आ रहा था जितना मज़ा मुझे उसकी बेटी की चूत चोदने में आ रहा था।
फिर जब मैं झड़ा तो दोनों माँ बेटी ने मेरा झड़ता हुआ लंड बड़े प्यार से चाटा।
सबा बोली- अब मैं सबके लंड का मज़ा लूंगी और सबके लंड को मज़ा दूँगी।
फूफी जान सबा के गाल थपथपाकर कर बोली- तेरी माँ का भोसड़ा बेटी सबा!
सबा ने भी उसी लहज़े में जबाब दिया- तेरी बेटी की माँ की चूत अम्मी जान!
दोस्तो, आपको यह कुंवारी फुद्दी सेक्स कहानी कैसी लगी, मेल और कमेंट्स में बताएं.
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