खाला की बेटी की मचलती चूत
(Khala Ki Beti Ki Machalti Chut)
मेरा नाम इमरान है और मैं आन्ध्रप्रदेश से हूँ।
यह मेरी ज़िंदगी की रियल स्टोरी है।
उन दिनों की बात है.. जब मैं स्नातक की पढ़ाई कर रहा था। मेरी उम्र 21 साल की थी। मेरा हथियार कुछ अधिक लम्बा और मोटा है।
जैसे ही मेरे कॉलेज की गर्मियों की छुट्टियाँ हुईं, मैं अपने दादाजी के गाँव कडपा आया था। मेरे गाँव का नाम कडपा है। दादा जी के गाँव में ही मेरी खाला और मेरे मामा रहते हैं।
उस दिन मैं बोर फील कर रहा था। तब मेरे खाला के बच्चे बोले कि इमरान भैया क्यों ना हम सब स्विमिंग करने चलें।
घटना का आगे जिक्र करूँ इससे पहले मैं खाला के परिवार के बारे में बता देना चाहूँगा।
मेरी खाला के 4 बच्चे हैं, बड़ी लड़की फ़रीदा 19 साल की है.. दूसरी करिश्मा 18 साल की बाकी दो छोटे थे और अभी स्कूल में पढ़ रहे थे।
मैं नेट पर अक्सर अन्तर्वासना की सेक्स स्टोरीज पढ़ता रहता हूँ, ख़ासतौर से बहन-भाई की चुदाई की कहानियाँ मुझे बहुत अच्छी लगती थीं।
मेरे गाँव के इस घर में टीवी नहीं है। टीवी देखने के लिए मैं अपनी खाला के घर जाता था।
एक दिन मैं टीवी देख रहा था, उस दिन फ़रीदा कमरे में झाड़ू मार रही थी, उसके चूचे बड़े-बड़े दिखाई दे रहे थे।
मैं अंजाने में उसके उछलते मम्मों को देख रहा था।
जैसे ही मैंने उसका जोबन देखा मेरे लण्ड तन गया और अब मैं उसको निगाह भर के देखने लगा। उसका 28-24-36 का फिगर बड़ा जानलेवा था। उसकी गांड मोटी है.. वो चलती है तो सबके लंड खड़े हो जाते हैं। फ़रीदा का रंग एकदम गोरा है।
उसकी कमजोरी ये है कि वो बहुत आलसी है। वो सुबह देर से उठती है।
तभी वो मुझसे बोली- इमरान भैया, तुम आगे को हटो मुझे इधर झाड़ू मारनी है।
मैंने उसकी तरफ तिरछी नज़र से देखा, फ़रीदा ने नीचे पेटीकोट पहना हुआ था।
मैं आगे से हट गया.. तो वो बिल्कुल मेरे सामने झुक कर झाड़ू लगाने लगी। मेरे तो पूरे होश उड़ गए। उसकी कुर्ती का गला इतना खुला हुआ था कि मुझे न केवल उसके मम्मे दिख रहे थे बल्कि उसके मम्मों के के निप्पल भी दिखाई पड़ रहे थे।
मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मैं मन में सोच रहा था कि क्यों न मैं अपनी फ़रीदा बहन को अपनी रंडी बना लूँ। मेरा तन-मन सब बेहाल हो गया था। मैं मन में सोचता रहा कि मैं फ़रीदा को कैसे चोदूँ।
तभी एक दिन अपने मामा से बात कर रहा था। तब फ़रीदा का छोटे भाई बोला- भैया आज सनडे है क्यों ना हम सब स्विमिंग करने चलें।
मैंने मना किया लेकिन फ़रीदा ने कहा- चलो ना भैया.. मैं भी स्विमिंग करना चाहती हूँ।
तो मेरे मन में एक आइडिया आया, मैंने कहा- चलो चलते हैं।
हम सब तालाब की तरफ चल दिया। मेरे दादा जी के खेत में फसल के लिए पानी की जरूरत पूरी करने के लिए बड़ा सा तालाब है।
हम सब उसमें स्विमिंग करने चल दिए।
उस दिन फ़रीदा ने पीले रंग का कुरता पहना हुआ था.. नीचे पेटीकोट पहने हुई थी, वो भी जरा पारदर्शी था, अन्दर का सब कुछ क्लियर दिख रहा था।
थोड़ी देर चलने के बाद हम तालाब के पास पहुँच गए।
हम सिर्फ़ 3 लोग तालाब के पास रहे मैं, फ़रीदा और उसका भाई।
मैंने अपनी पैन्ट उतारी और अंडरवियर पर खड़ा हो गया।
मैं तालाब में उतरा.. तालाब ज्यादा गहरा नहीं था और उसका पानी काफ़ी ठंडा था।
मैंने फ़रीदा के भाई को नीचे बुला लिया और उसको पकड़ कर तैरना सिखाने लगा।
तब फ़रीदा बोली- भैया मुझे भी तैरना सिखा दो ना।
मैंने बोला- हाँ क्यों नहीं.. आ जाओ।
फरीदा अपनी चुन्नी बाँधने लगी थी।
मैंने कहा- चुन्नी निकाल दो.. इससे ख़तरा है।
फ़रीदा ने बिना चुन्नी के पानी में उतर आई। वो तालाब दूसरी तरफ से बहुत गहरा था। फ़रीदा जब पानी में उतरी तो उसका जिस्म पानी में भीगते ही उसका पूरा फिगर दिखने लगा था। उसने काली पैन्टी पहनी हुई थी।
मैं उसे वासना से देखने लगा।
‘भैया ऐसे क्यों देख रहे हो.. मुझे तैरना सिखाओ ना।’
मैंने उसका हाथ पकड़ कर उससे तैरने का तरीका बताने लगा।
उसको पानी सतह पर सीधा करके उसके जिस्म को अपने हाथों पर साध लिया और उससे कहा- हाथ पैर चलाओ।
उसको तैरना सिखाने के बहाने से मैं उसके चूचे दबाता रहा।
मेरा लण्ड कड़ा हो गया।
नीचे से मैंने जानबूझ कर उसकी गांड को पकड़ लिया।
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फ़रीदा कुछ नहीं बोली, वो तो कह रही थी- भैया ठीक से सिखाओ न!
मैंने एक प्लान सोचा और उसको तालाब में गहरी तरफ़ ले जाकर छोड़ दिया।
फ़रीदा डूबने लगी.. मैं जानबूझ कर उसके भाई की तरफ ध्यान दे रहा था।
वो एकदम घबरा गई और डुपडुप करके पानी पीने लगी।
फरीदा चिल्लाई तो मैंने उसको बचाया और बचाने के बहाने से उसकी चूत को मसल दिया।
वो बेहोश सी हो गई थी। मैंने उसके पेट पर हाथ रखा और ज़ोर से दबाया.. पर वो होश में नहीं आई।
मैंने उसके होंठों को चूम कर मजा लिया और पेट दबा कर पानी निकाला।
कुछ पल बाद वो होश में आई- भाई, आज आपने मेरी जान बचाई.. थैंक्यू!
‘अरे इसमें ‘थैंक्स’ बोलने की क्या बात है.. चलो तुम ऊपर चलो.. अपने कपड़े सुखाओ।’
मैं उसकी पैन्टी में दिखती गांड को देखता रहा। मेरा लण्ड कड़ा हो गया था। अंडरवियर में मेरा खड़ा लण्ड बहुत विकराल लग रहा था।
वो मेरे लण्ड के तरफ देखने लगी और हँस पड़ी- भाई ये क्या तुम्हारा हथियार खड़ा हो गया है।
मैं चौंक गया- तुम तो इतनी खुल्लम-खुल्ला बोलती हो?
अब मैंने सोचा कि क्यों न मैं इसकी इस बात का फायदा उठाऊँ।
मैंने कहा- ये तुम्हारी उठी हुई गांड को देख कर कंट्रोल नहीं कर पाया।
वो हँस दी और बोली- चलो अब ऊपर आओ.. मैं आपको कुछ दिखाना चाहती हूँ।
मैं जल्दी से ऊपर गया।
वो खेत में लगी हरी घास में मुझे ले गई, उधर उसने सारे कपड़े उतार दिए।
मैं उसका ये एक्शन देख कर एकदम से चौंक गया।
फ़रीदा बोली- भैया मैंने जानबूझ कर आप के सामने घर पर बहुत एक्सपोज़ किया था.. आप मुझे किस तरह से देखते हो ये मैं सब समझ रही थी। भैया उस दिन तुमने मेरे अंडरवियर को भी चुराया था, ये मैंने देख लिया था। अब मेरे से रहा नहीं गया.. क्यों मैं पराए लोगों से अपनी चूत चुदाऊँ.. आज से मैं तुम्हारी रानी हूँ.. तुम मेरी चूत के राजा। अब में अपनी उफनती जवानी को और बर्दाश्त नहीं कर सकूँगी। मेरी सारी सहेलियां सब लंड का मज़ा ले चुकी हैं। अब मेरी बारी है.. आओ राजा.. मेरी इस चूत की तपिश को अपने मक्खन से ठंडा करो।
मैं फ़रीदा की इतनी खुल्लम-खुल्ला बात से बहुत खुश हुआ।
मैंने कहा- आ जा मेरी रंडी..
मैं उसके चूचे को चूसने लगा, उसके बड़े-बड़े चूचों को मैं दबा-दबा कर चूस रहा था।
फिर मैंने उसकी गांड में उंगली डाल कर सहलाया।
वो अपनी गांड में मेरी पा कर आवाज निकालने लगी- इस्स..उउउह.. आह..
मैं उसकी गांड को चूसने लगा, वो मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी।
वो अब तक उत्तेजना में एक बार झड़ चुकी थी।
मैंने अपना कड़क लौड़ा उसकी गांड के छेद में रगड़ दिया।
आह्ह.. क्या टाइट गांड थी।
वो चिल्लाई- आअहह हह आहह.. आहह.. इधर मत करो.. वो गलत छेद है।
मैंने लौड़ा हटा लिया।
फिर वो मेरे लंड को चूसने लगी।
मैं उसे डॉगी स्टाइल में खड़ा करके उसकी चूत मारना चाहता था।
फ़रीदा रंडी बोली- राजा, मेरी चूत में मक्खन डालो ना!
मैंने उसको उसी तरह से खड़ा किया और लौड़ा पेल दिया। वो वर्जिन थी.. जैसे ही मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाला.. तो सील फट गई और खून निकलने लगा।
वो दर्द के मारे रोने लगी, मैं बेरहमी से उसकी चूत में ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारता रहा।
कुछ देर में उसका दर्द जाता रहा और वो भी मजे लेने लगी।
काफी देर चुदाई के बाद मैंने अपना लौड़ा चूत से बाहर खींचा और अपना मक्खन उसके मुँह में छोड़ दिया।
वो मुस्कुरा कर बोली- मेरे राजा.. आज से मैं तेरी गुलाम हूँ.. तुम जब चाहे मेरी मार लेना।
इसके बाद मैं अब उसको रोज़ चोदने लगा था।
यह मेरी सच्ची कहानी है, आपके ईमेल का इन्तजार रहेगा।
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