गाँव के पोखर में भैया ने की मेरी चुदाई
(Hot young Girl Sex Story)
हॉट यंग गर्ल सेक्स स्टोरी में मेरे दो चचेरे भाइयों ने मुझे जम कर चोदा. मेरे ताऊ जी गाँव में रहते हैं तो मैंने गरमी की छुट्टियों में उनके घर गयी थी. वहाँ मैंने अपने भाइयों से चूत और गांड मरवाई.
यह कहानी सुनें।
मेरा नाम सौम्या है और मैं समस्तीपुर से हूँ.
मैं एक दुबली पतली सी लड़की हूँ.
मेरी उम्र इस कहानी में 19 वर्ष की है. मेरा फिगर उस समय कोई 26-28-28 का रहा होगा.
मैं दिखने में सुन्दर और गोरी हूँ.
मेरी पिछली कहानी थी:
मौसेरे भैया ने भी मुझे चोद दिया
अब मैं अपनी इस चुदाई की कहानी के किरदारों के बारे में बता दूं!
इस हॉट यंग गर्ल सेक्स स्टोरी में मेरे अलावा दो लोग हैं:
अनिकेत भैया, उम्र- 23 वर्ष
अमितेश उर्फ़ अमित भैया, उम्र- 21 वर्ष
यह बात साल 2020 की है, जून का महीना था और छुट्टियां चल रही थीं.
ऐसे में मेरा मन पूसा में रहने वाले अपने ताऊजी के यहाँ जाने का हुआ क्यूंकि वहाँ पूरा गाँव का माहौल है, खेत हैं और आम, लीची के पेड़ों की भरमार है वहाँ!
मेरे कहने पर पापा ने मुझे वहाँ पंहुचा दिया और बोल दिया कि जब वापस आना होगा तो ताऊजी या भैया लोग के साथ आ जाना.
तो मैंने कहा- ठीक है, मैं बता दूंगी जब मुझे आना होगा तो!
इसके बाद पापा वहाँ से वापस समस्तीपुर लौट आये।
उस दिन ताऊजी, ताईजी और दोनों भैया से मेरी खूब बातें हुई.
बहुत अच्चा लग रहा था ऐसे माहौल में!
इसके बाद शाम को दोनों भैया और मैं खेत में घूमने गए.
वहाँ से मैंने कुछ आम तोड़े, कुछ को सभी ने मिलकर वही बैठकर खाया।
इसके बाद अनिकेत भैया ने मुझे पोखर भी दिखाया, जो मैंने नहीं देखा था.
उन्होंने बताया कि इसको ताऊजी ने मछली पालने के लिए बनवाया था पर अब ऐसे ही पड़ा हुआ है.
वो पोखर छोटा सा ही था और उसमें ताऊजी ने उतरने चढ़ने के लिए पक्के की सीढियां बनवा दी थी.
मैंने भी नीचे उतरकर पोखर को पास से जाकर देखा.
एकदम साफ़ पानी था उसका!
तब भैया ने बताया कि अभी के गर्मी के समय में इसमें नहाने में बड़ा मज़ा आता है, हम लोग तो इसी में नहाते हैं।
ऐसे ही चार-पांच दिन बीत गए.
एक दिन सुबह के 10 बजे के आस पास का समय हुआ होगा, दोनों भैया खेत की तरफ जा रहे थे.
तो मैंने कहा- मैं भी चलूंगी!
तब उन्होंने कहा- हम लोग पोखर में नहाने के लिए जा रहे हैं.
मैं भी उनके साथ जाने को तैयार हो गई.
वहाँ जाकर भैया लोग नहाने में लग गए और मैं आम तोड़कर खाने में!
आम खाने के बाद मैं भी पोखर के तरफ चल दी.
वहाँ दोनों भैया बस चड्डी में ही नहा रहे थे.
यह देखकर मुझे थोड़ी शर्म सी आई।
पर फिर मैंने भैया से पूछा- कितनी देर लगेगी आप लोगों को अभी?
तब भैया ने बताया- अभी तो समय लगेगा. तुमको घर जाना है तो चली जाओ.
उसके बाद मैं उनको बताकर घर वापस आ गई.
फिर दूसरे दिन भी जब भैया दोनों नहाने जा रहे थे तो मैं भी उनके साथ हो ली.
अनिकेत भैया ने कहा- तुम भी उस पोखर में नहाकर देखो, बहुत मज़ा आएगा. वहाँ का पानी ठंडा रहता है तो अच्छा लगता है.
पहले तो मुझे कुछ हिचकिचाहट हुई, पर फिर मैं मान गई.
तब भैया अमित भैया ने कहा- अपने कपड़े और तौलिये को रख लो।
मैंने भी अपने कपड़े और तौलिया ले लिया और भैया के साथ पोखर की तरफ चल दी।
वहाँ पहुंचकर दोनों भैया ने अपने कपड़े उतारे और फिर से चड्डी में आ गए.
उन्होंने मुझसे कहा- चलो अब साथ में पोखर में!
तब मैं भी उनके साथ कपड़ों में ही पोखर में नहाने को चली आयी.
उसमें नहाने में बहुत मज़ा आ रहा था.
अनिकेत भैया ने मुझसे पूछा- कैसा लग रहा है यहाँ नहाने में?
तब मैंने बताया- बहुत अच्छा लग रहा है, अब मैं रोज़ यही आकर नहाऊंगी।
उसके बाद मैं वहाँ से नहाकर पहले बाहर आ गई और फिर पेड़ों के पीछे जाकर अपने कपड़े बदल कर तैयार होकर आ गई.
कुछ देर बाद भैया लोग भी नहाकर आ गये और उन्होंने भी अपने कपड़े पहने और फिर हम सब वापस घर आ गए।
ऐसे ही कुछ दिनों तक चलता रहा.
और एक दिन वैसे ही हम सब नहाने को निकले.
तब अमित भैया ने मुझसे कहा- क्या सौम्या, तुम जो वहाँ पूरे कपड़े पहनकर नहाती हो तो उसमें उतना मज़ा नहीं आता होगा.
इस पर अनिकेत भैया ने भी हाँ में हाँ मिलाई.
तब मैं बोली- तो मैं क्या करूँ?
इस पर अनिकेत भैया बोले- तुम भी हमारे जैसे होकर नहाओ. ज्यादा अच्छा लगेगा तुमको!
पर मैंने कहा- कैसे भैया?
तब अमित भैया ने पूछा- तुम अन्दर में क्या पहनती हो अभी?
इस पर कुछ झिझकते हुए मैंने बोला- ऊपर में टेप (Camisole) और नीचे में पैंटी पहनती हूँ.
इस पर भैया बोले- ब्रा नहीं पहनती हो क्या अभी?
तब मैंने बताया- नहीं भैया, अभी मेरा ऊपर छोटा है, तो ब्रा का ज़रूरत नहीं पड़ती है.
भैया ने कहा- ठीक है, तो तुम पैंटी और टेप में भी तो नहा सकती हो. इस तरह से तुम्हारा शरीर भी अच्छे से साफ़ हो पायेगा.
तब मैंने कहा- ठीक है भैया, वैसा ही करुँगी।
जिसके बाद हम तीनों पोखर के तरफ नहाने को आ गए.
वहाँ पहुंचकर भैया दोनों चड्डी में आ गए.
मुझे थोड़ी झिझक सी हो रही थी.
इस पर अनिकेत भैया ने बोला- सौम्या, अगर तुमको मन नहीं है तो जैसा ठीक लगता है, वैसी ही नहाओ.
तब मैंने कहा- नहीं भैया, ऐसी बात नहीं है.
उसके बाद मैंने पहले अपने कुर्ती को उतारा, उसके बाद सलवार उतारकर मैं पैंटी और टेप में आ गई.
इस पर अमित भैया बोले- देखो, अब कितनी अच्छी दिख रही हो. चलो अब नहाने!
उसके बाद हम तीनों नहाने पोखर में आ गए।
वैसे ही दो-चार दिन निकल गए।
फिर एक दिन हम तीनों नहाने पोखर में आये.
तब अनिकेत भैया ने बोला- सौम्या, जब तुम्हारा ऊपर वाला बुब्बू छोटा सा ही है अभी तो! फिर तुम ये टेप पहनकर क्यूँ नहाती हो? क्यूंकि टेप पर से तो तुम्हारा बुब्बू छोटा सा ही लगता है.
इस पर मैंने कहा- हाँ भैया, अभी मेरा बुब्बू छोटा सा ही है.
तब फिर अमित भैया ने बोला- देखो हम लोग कैसे बस चड्डी में ही नहाते हैं. हम कहाँ गंजी पहनकर नहाते हैं. हमारी भी तो छाती है.
उसके बाद अनिकेत भैया ने बोला- लाओ खोल दो इस टेप को!
तब मैं बोली- जैसा आप दोनों को ठीक लगे!
उसके बाद अनिकेत भैया ने मेरे टेप को खोल दिया और मेरे दो छोटे छोटे मम्मों को दोनों भैया ने देख लिया.
इसके बाद हम सब नहाने पोखर में आ गए.
उसके बाद अनिकेत भैया ने मुझे गोद में उठा लिया और मेरे साथ मस्ती करने लगे.
वे मेरे बदन को छूने लगे और मेरे मम्मों को दबाने लगे.
इस पर मैं बोली- ये क्या कर रहे हो भैया?
तब भैया ने बोला- सौम्या, थोड़ी मस्ती कर लेने दो ना!
इस पर मैंने कुछ नहीं बोला.
उसके बाद अमित भैया ने मेरी पैंटी को भी झट से उतार दिया जिससे मैं अब दोनों भैया के सामने पूरी तरह से नंगी हो गई और वो दोनों मेरे नंगे बदन के साथ खेलने लगे।
अमित भैया मेरी बुर के साथ खेल रहे थे और अनिकेत भैया मेरे मम्मों के साथ!
ये खेल कुछ समय तक ऐसे ही चलता रहा.
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
इसके बाद अमित भैया ने अपनी चड्डी उतार दी और मुझे अपनी गोद में लेकर मेरी चूत पर अपना लंड फेरने लगे जिस पर मैं गर्म होने लगी और मेरी सहमति भैया ने भांप ली.
उसके बाद धीरे-धीरे अमित भैया ने अपने लंड को मेरी चूत के छेद में डालना शुरू कर दिया.
देखते-देखते उनका मोटा लंड मेरी बुर के अन्दर घुस चुका था जिसको वे मेरी बुर में अन्दर बाहर करने लगे थे.
शुरुआत में मुझे कुछ दर्द हुआ, पर कुछ देर चुदने के बाद मेरी चूत गीली हो गई और अब मुझे चुदाई में पूरा मज़ा आने लगा.
मेरे मुंह से आह … उह्ह … उम्म्म … ऊईईई ईईईई जैसी आवाजें निकलने लगीं.
जिसके बाद भैया मुझे और जोर जोर से चोदने लगे.
कुछ देर बाद भैया ने अपने लंड का पानी मेरी बुर के बाहर गिरा दिया.
उसके बाद अनिकेत भैया की बारी थी.
अब उन्होंने अपनी चड्डी उतारी और मेरी गुलाबी बुर में अपने लंड को एक झटके में उतार दिया जिससे मैं दर्द से कराह उठी.
उसके बाद उन्होंने मुझे कसकर चोदना शुरू कर दिया.
करीब 10 मिनट तक चोदने के बाद मैं और भैया दोनों झड़ गए.
उसके बाद अनिकेत भैया ने भी अपने लंड का पानी मेरी बुर के बाहर गिरा दिया।
हॉट यंग गर्ल सेक्स का मजा लेने के बाद उस दिन पोखर वाली चुदाई खत्म हुई.
उसके बाद हम तीनों खूब नहाये और कपड़े पहनकर वापस घर आ गए।
घर आकर सभी ने खाना खाया और आराम करने अपने-अपने कमरे में चले गए.
शाम में सभी ने साथ में मिलकर नाश्ता किया और साथ में ढेर सारी बातें की.
उसके बाद रात को खाने के बाद अनिकेत भैया ने अपने पापा से कहा- आज रात को सौम्या को छत पर सुलाते हैं, वह ऐसे कभी खुली छत पर नहीं सोयी होगी तो उसको अच्छा लगेगा.
इस पर अंकल मान गए और बोले- पर उसको अकेले मत सोने देना, तुम लोग भी अपना बिस्तर ऊपर लगा लो!
तो इस पर अनिकेत भैया बहुत खुश हुए.
फिर दोनों भैया ने मिलकर छत पर बिस्तर तैयार कर दिया.
उसके बाद सभी सोने चले गए और हम तीनों छत पर सोने आ गए.
बिस्तर पर लेट कर दोनों भैया ने मेरे साथ कुछ देर तक सुबह वाली चुदाई पर बातें की और बताया कि मुझे चोद कर उन दोनों को कितना मज़ा आया.
उसके बाद फिर से दोनों भैया मेरे पास आ गए और मेरे साथ मस्ती करने लगे.
देखते-देखते दोनों ने मिलकर मुझे फिर से पूरी तरह से नंगी कर दिया और खुद भी नंगे हो गए.
उसके बाद अनिकेत भैया मेरे होंठों पर चुम्मी लेने लगे और अमित भैया मेरी चूत पर उंगली फेरने लगे.
फिर अमित भैया ने अपने लंड को मेरी चूत में सीधा डाल दिया और मेरी चुदाई करने लगे.
जब अमित भैया मुझे चोद कर झड़ गए; तब अनिकेत भैया ने वैसे ही मुझे चोदना शुरू कर दिया.
अनिकेत भैया का लंड कुछ ज्यादा ही बड़ा था तो उनसे चुदने में मुझे ज्यादा मज़ा आ रहा था.
करीब 15 मिनट तक चोदने के बाद मैं और अनिकेत भैया दोनों झड़ गए.
फिर हम तीनों कुछ देर तक वैसे ही लेटे रहे.
उसके बाद अमित भैया मेरे नीचे आ गए और मेरे गांड के छेद में अपने लंड को डालने लगे.
पर छेद छोटा होने की वजह से उनका लंड उसमें नहीं जा रहा था.
तब उन्होंने मेरी गांड में नारियल का तेल चुपड़ दिया, वे तेल पहले से ही अपने साथ लाये थे.
जिसके बाद उनका लंड कुछ ही कोशिश के बाद मेरे गांड के छेद में घुस गया.
मैं दर्द से चीख उठी.
इस पर अनिकेत भैया ने मेरा मुह अपने होंठों से लगाकर बंद कर दिया और वे मेरे होंठों का रस पीने लगे.
धीरे धीरे मुझे अब कुछ अच्छा लगने लगा.
तभी अनिकेत भैया ने अपना लंड मेरी चूत के छेद में डाल दिया और मुझे चोदने लग गए.
अब मेरे दोनों छेदों में दोनों भैया अपना लंड डालकर मुझे एक साथ चोद रहे थे और मैं चुदे जा रही थी.
कुछ देर बाद जब हम सभी झड़ गए.
तब सब वैसे ही लेटे रहे.
करीब 1 घंटे आराम करने के बाद अनिकेत भैया ने मुझे उठाया और घोड़ी बनने को कहा.
मैंने वैसा ही किया.
मुझे घोड़ी बनाकर अनिकेत भैया ने मुझे चोदना शुरू किया.
एक दिन में इतनी बार चुदाई होने से मैं बहुत थक गई थी जिस वजह से मेरा चूत और गांड दोनों बहुत दर्द कर रही थी.
तब जब अनिकेत भैया ने मुझे घोड़ी बनाकर चोद लिया तो मैंने भैया को बोला- भैया, अब रहने दीजिये, मेरी चूत और गांड बहुत दर्द करने लगी हैं. अब किसी और दिन चुदाई कीजियेगा.
मेरी बात भैया मान गए और उस रात की मेरी चुदाई यहीं समाप्त हुई।
उसके बाद दूसरे दिन रोज़ की तरह हम तीनों नहाने के लिए पोखर की तरफ आ गए.
वहां अमित भैया बोले- सौम्या, चलो आज कुछ अलग करते हैं.
मैंने कहा- अलग में क्या भैया?
उन्होंने बताया- तुम चलो तो सही, सब पता चल जायेगा.
वे दोनों मुझे बगीचे में लेकर आ गए और बोले- यहाँ हम तुम्हारा कुछ फोटोशूट करेंगे, जो अलग-अलग पोज़ में होगा. पोज़ हम बताएँगे कि कैसे और क्या देना है. बस तुम वैसी करती जाना जैसा हम बोलेंगे.
इस पर भी मैं तैयार हो गई.
उसके बाद अमित भैया ने मुझे सीधी खड़ी रहने को कहा और मेरा एक फोटो खींच लिया.
फिर वे मुझसे बोले- दुपट्टा हटाकर अपने हाथ में ले लो!
मैंने वैसा ही किया.
भैया ने मेरा फोटो भी ले लिया.
उसके बाद वे बोले- अब तुम अपने नीचे की सलवार को खोल दो.
मैंने अपनी सलवार को खोल दिया.
उसका फोटो भी उन्होंने ले लिया.
उसके बाद उन्होंने मुझसे मेरी कुर्ती भी उतारने को कहा.
मैंने अपनी कुर्ती उतार दी.
उसका फोटो भी भैया ने ले लिया.
अब मैं बस टेप और पैंटी में थी.
इसके बाद भैया बोले- अपना टेप थोड़ा ऊपर करो!
मैंने वैसा ही किया.
उसका भी फोटो भैया ने ले लिया.
उसके बाद भैया ने मुझे टेप खोलने को कहा.
तो मैंने वैसा ही किया.
टेप खुलते ही मेरे दो छोटे मम्मे नंगे हो गए. भैया के मोबाइल कैमरे में मेरे मम्मे आ गए, जिसका फोटो भी उन्होंने ले लिया.
फिर वैसे ही मैंने पैंटी उतारी, उसका भी फोटो भैया ने ले लिया.
उसके बाद भैया में मुझे पीठ करके पीछे देखने को कहा जिससे मेरी गांड दिख सके! तो मैंने वैसा ही किया.
उसका भी फोटो भैया ने ले लिया.
फिर भैया ने बैठकर मुझे अपने दोनों हाथों की उँगलियों से अपनी चूत को फ़ैलाने को कहा तो मैंने वैसा ही किया.
जिसका फोटो भी भैया ने ले लिया।
इसके बाद भैया ने कहा- अब बस हो गया, इतना ही काफी है!
तब मैंने पूछा- भैया इन सब फोटो का आप क्या करोगे?
भैया ने बताया- जब तुम चली जाओगी तब हम दोनों तुम्हारी इन्हीं फोटो सब को देखकर मुठ मारेंगे, इसलिए ये सब फोटो लिए हैं.
मैं बोली- ठीक है भैया! पर ये सब फोटो ठीक से रखियेगा, कोई देखे ना!
इस पर उन्होंने कहा- हम इसको लॉक लगाकर संभाल कर रखेंगे, कोई नहीं देख पायेगा।
उसके बाद फिर हम तीनों नहाने और मेरी चुदाई के लिए पोखर में आ गए।
मैं जब तक वहाँ रही, रोज़ मेरी चुदाई होती रही और मुझे अपनी चुदाई करवाने में मज़ा भी आता था.
उसके बाद कुछ दिन में ही मैं वहाँ से वापिस समस्तीपुर अपने घर आ गई जिससे भैया से मेरी चुदाई का ये सिलसिला थम गया।
इस प्रकार से भैया से मेरी चुदाई की यह कहानी यहीं समाप्त हुई।
यह मेरी अपनी सच्ची कहानी है, इसमें कुछ भी झूठ नहीं लिखा है.
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लेखिका के आग्रह पर इमेल आईडी नहीं दिया जा रहा है.
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