मौसी की बेटी को खेतों में चोदा

(Hot Sister Khet Sex Kahani)

अंकु सरोवा 2024-03-05 Comments

हॉट सिस्टर खेत सेक्स कहानी में मैंने मामा के घर में मौसी की जवान बेटी को चोदा. हम दोनों आपसमें काफी खुले हुए थे. एक रात वह मेरे पास सोयी तो मेरी अन्तर्वासना जाग गई.

दोस्तो, मेरा नाम अविरल है.
मैं 22 साल का लंबा चौड़ा और सुडौल शरीर का मालिक हूँ.
मेरा कद 6 फुट है और गेहुंआ सा रंग है.
मैं कसरत करता हूँ और हरियाणा से हूँ.
तो आप लोग समझ ही गए होंगे कि एक जाट का शरीर कैसा होता है.

यह हॉट सिस्टर खेत सेक्स कहानी कोरोना काल की है.
मामा जी का बुलावा आया था.
वे बोले कि घर पर क्या करता रहता होगा, एक काम कर … गांव आ जा.

मैं भी मम्मी पापा से पूछ कर अपना सामान पैक करके गांव निकल गया.
मेरा ननिहाल इतनी दूर भी नहीं है, सिर्फ एक घंटा का रास्ता है.

चूंकि कोरोना में बाहर निकलना आसान नहीं था तो जैसे-तैसे करके किसी साधन से बस स्टैन्ड तक पहुंच गया.
वहां से मामा जी मुझे कार में लेने आ गए.
हम दोनों पहुंच गए.

मैं बता दूँ कि मेरे नाना जी गांव में नहीं, खेतों में बने मकान में रहते हैं.
खेतों में मकान को हरियाणा में ढाणी कहा जाता है.

मेरे ननिहाल का परिवार बड़ा है.
नाना नानी, दो मामा दो मामी और उनके बच्चे सब कुल मिला कर बारह सदस्य हैं.

उधर सबके साथ हंस बोल कर रहने में सात दिन कैसे बीत गए, कुछ पता ही न चला.

फिर एक दिन मामा जी बोले- सिल्की आ रही है, जाकर उसको बस स्टैंड से ले आ!

मैं आपको बता दूँ कि सिल्की मेरी मौसी जी की लड़की है.
वह 20 साल की गोरी चिट्टी, घने काले बालों वाली लड़की है.
उसके फिगर की तो पूछो ही मत यार … मस्त 34-30-36 का फिगर था.

शुरुआत में उसके लिए मेरे मन में ऐसा वैसा कुछ नहीं था.
हम दोनों तकरीबन तीन साल बाद मिल रहे थे.

जब मैं उसे लेने पहुंचा तो वह मामा जी से ही फोन पर बात कर रही थी.
मैंने उसे गाड़ी में बिठाया और हम घर के लिए रवाना हो गए.

दिन बीतने लगे और ऐसे ही एक दिन मैं सो रहा था.
दोनों मामा जी खेत में गए हुए थे.

घर पर सिर्फ मैं, सिल्की और नानी थे.
नानी बाहर बैठक में टीवी देख रही थीं और मैं अन्दर वाले कमरे में फोन चला रहा था.

बोर होकर मैंने फोन साइड में रख दिया और सोने की कोशिश करने लगा.

तभी आवाज आई.
मैंने देखा कि सिल्की सूखे हुए कपड़े लेने गई हुई थी और उसका बदन पसीने में लथ-पथ था.

पसीने के कारण उसका अंदरूनी बदन मुझे साफ साफ दिख रहा था.
मेरी हालत डांवाडोल होने लगी पर मैंने खुद को संभाला और आंख बंद कर लीं.

सिल्की भी नहाने चली गई थी.
तो मैं वापिस सो गया.

कुछ देर बाद सिल्की नहा कर आ चुकी थी.
पहले तो वह मुझे देख कर चौंक गई.

फिर उसे लगा कि मैं तो सो रहा हूँ.
मैं भी ना चाहते हुए भी हल्की सी खुली आंखों से उसे देख रहा था.

उस दिन से मेरे दिल में सिल्की को देखने का नजरिया बदल चुका था.
वह मुझसे बहुत खुली हुई थी और मुझे हर वक्त तंग करती रहती थी.

हम दोनों की इसी खींचा तानी में मुझे उसका स्पर्श मिल जाता था.

एक दिन की बात है, मैं चारपाई पर लेटा था और एक हॉलीवुड मूवी देख रहा था.
वह भी आकर मेरे बगल में लेट गई और अपना सर उसने मेरे कंधे पर रख दिया.

अब उसकी गोल गोल मुलायम चूचियां मेरे सीने से रगड़ खा रही थीं जिससे मेरी बंदूक धीरे धीरे हवा में लहराने लगी थी.
मैंने जैसे तैसे करके मन को शांत किया.

तभी अचानक सिल्की बोली- मुझे नींद आ रही है.
यह बोल कर वह अपने मुँह को घुमाया और करवट बदल कर सो गई.

पर मुझे कहां नींद आने वाली थी.
उसकी गांड की दरार मुझे साफ दिख रही थी.

फिर मैं भी एक्टिंग करके बोला- मुझे भी थोड़ा सा आलस सा आ रहा है.
मैं अपने फोन को साइड में रख कर सोने लगा.

थोड़ी देर तक मैंने कुछ नहीं किया.

तभी अचानक से सिल्की फिर से मेरी तरफ मुँह कर लेट गई.
वह नींद में थी तो और भी दिलकश लग रही थी.

उसके गोल गोल चूचे मेरी छाती से सट कर लग चुके थे.

अब मैंने भी मन में ठान लिया कुछ भी हो जाए, आज तो कुछ ना कुछ तो करना ही होगा.
उसकी गर्म गर्म सांसें मेरे होंठों को छू रही थीं.

मैंने धीरे से अपना हाथ उसके हाथ पर रख दिया.
उसकी तरफ से कोई हरकत नहीं हुई.

मेरी हिम्मत और बढ़ गई और मैंने अपना हाथ उसके पेट पर रख दिया.

उसका पेट भट्ठी की तरह तप रहा था.
अब मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी टी-शर्ट के अन्दर डाल दिया.

क्या बताऊं दोस्तो, उसका पेट मानो बिल्कुल मक्खन की तरह चिकना था.

अब सिल्की की भी सांसें तेज हो चुकी थीं.
इसी बात से मैं भी समझ चुका था कि वह भी मजे ले रही है.

यह उसकी तरफ से ग्रीन सिग्नल समझ कर मैंने धीरे से उसे एक लिप किस की.

उसके गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंठों का स्पर्श पाते ही मेरा लंड बेकाबू हो गया और उसकी जांघों से रगड़ने लगा.

मैं अब वक्त और जाया नहीं करना चाहता था तो अपना हाथ उसके चूचों की तरफ बढ़ा दिया.
उसकी ब्रा बहुत टाइट थी. मेरे हाथ चाह कर भी उसके दूध तक नहीं पहुंच रहे थे.

फिर एकदम से उसने करवट ली और मेरी तरफ पीठ कर ली.

मेरी तो मानो एकदम से गांड ही फट गई.
मैंने सोचा कि बेटा अविरल आज तो तू गया, पर मुझे क्या पता था.

वह मुझे अपनी गांड दिखा कर इनवाइट कर रही थी.
मैंने अपने लंड को एक हाथ से सीधा किया और उसकी गांड पर रख दिया.

मेरे इस स्पर्श से सिल्की भी एकदम से कंपकंपा गई.
मैं अपने लंड को सिल्की की गांड पर धीरे धीरे रगड़ने लगा.

अब शायद सिल्की को भी मजा आने लगा था.
पर वह कुछ हरकत नहीं कर रही थी.

मैंने अब उसे अपनी बांहों में भर लिया था और उसके चूचों को ऊपर से ही दबाने लगा.

उसकी भी सांसें तेज होने लगी थीं.
इससे पहले मैं कुछ और करता, अचानक से स्कूटी की आवाज आई और मैं समझ गया कि मामी जी हॉस्पिटल से आ चुकी हैं.

दरअसल मामी जी डॉक्टर हैं.
अब मैं भी करवट लेकर लेट गया.

उस शाम से ना ही सिल्की ने मुझसे बात की और अब उससे बात करने में मेरी भी गांड फट रही थी.

दो दिन बाद फिर से वही माहौल बना शाम को सब इकट्ठे हुए.
बातें हुईं, हंसी मजाक हुआ.
सब खाना खाकर सोने चले गए.

उस समय गर्मियों का टाइम था तो हम सब बाहर ही सोते थे.
बड़ों में सिर्फ हमारे साथ नानाजी साथ होते थे, बाकी सब अन्दर.

तकरीबन रात को दो बजे हल्की बारिश होने लगी.
हम सब अपनी अपनी चारपाई से बिस्तर आदि लेकर अन्दर को दौड़े.

अन्दर कमरे में सोने गए तो मेरे हिस्से मैं एक सिंगल बेड आया क्योंकि मैं सबसे लंबा था.
बेड बड़ा था और उस पर दो जन आराम से सो सकते थे.

मैं लेट गया.
तभी नानाजी बोले- तुम अपने साथ किसी एक को और सुला लो.

मैं कुछ बोलता, उससे पहले ही सिल्की बोली- इधर मैं सो जाती हूँ.
तो मैं एकदम से चौंक सा गया.

तभी सिल्की बोली- मैं हाईट में छोटी हूँ न, तो भैया के साथ आराम से एडजस्ट कर लूंगी.
मैं तो मन ही मन सोच चुका था कि आज असली युद्ध हो जाएगा.

शायद सिल्की भी अपना हुस्न मुझ पर लुटाना चाहती थी.
मैंने उससे दीवार की तरफ जगह दे दी.

बेड चारपाई से ऊंचा था. उससे किसी को कुछ नहीं दिख सकता था.
मैंने फोन में टाइम देखा तो सवा दो बज चुके थे.

मैंने बिना टाइम गंवाए उसको गर्म करना चालू कर दिया.
पहले मैंने धीरे से उसकी कमर पर अपना हाथ रखा और उसे अपने करीब खींच लिया.

उसके पेट पर हाथ फेरते हुए मैं ऊपर आ गया और उसके गोलाकार चूचों को दबाना चालू कर दिया.
इस बार मैंने अन्दर कुछ नहीं पहना था, सिर्फ एक बॉक्सर था.

मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसकी गांड पर रगड़ना चालू कर दिया.
वह भी मेरी इस हरकत से मदहोश सी होने लगी थी.

मौके का फायदा उठा कर मैंने उसके हाथ को अपने हाथ में ले लिया और अपने लंड पर रख दिया.
उसका हाथ जैसे ही मेरे लंड को टच हुआ, उसने अपना हाथ तुरंत ही हटा लिया.

मैं समझ चुका था कि सिल्की भी लंड की प्यास की झुलस रही है.
मैंने आव देखा ना ताव, उसके चूचों पर टूट पड़ा.

आज सिल्की ने ब्रा भी नहीं पहनी थी.

यकीन मानो दोस्तो, उसके चूचे रेशम की तरह मुलायम थे.
उसका दूध काफी बड़ा था, मेरे पूरे हाथ में नहीं आ रहा था.

अब सिल्की भी हल्की हल्की आह भरने लगी थी.
मुझसे भी कन्ट्रोल नहीं हुआ और मैंने उसे अपनी तरफ पलट कर उसका एक चूचा अपने मुँह में भर लिया.
मेरी इस हरकत से वह एकदम से मचल उठी और उसने मेरे लौड़े को पकड़ लिया.

वह जोर जोर से लंड को ऊपर नीचे करने लगी.
उसकी आक्रामकता से मेरी तो मानो जान ही निकल गई.

कुछ देर तक मैं उसका दूध पीता रहा और वह भी मेरे लौड़े को मसलती रही.

अब मैंने उसे घुमाया और उसके पजामा को नीचे की तरफ करने का प्रयास किया, पर उसने मेरा विरोध किया.
उसे डर था कि कोई जाग ना जाए.

पर मैंने उससे मना लिया और घुटनों तक उसका पजामा सरका दिया.
मैं उसके ऊपर चढ़ गया.

अब मैं अपने लौड़े को उसकी चूत के ऊपर रगड़ने लगा.
मैं भी उससे तड़पाना चाहता था कि तभी उसने मुझे जोर से जकड़ लिया और अपने नाख़ून मेरी पीठ में धंसा दिए.

दर्द के मारे मेरी हालत खराब हो चुकी थी, पर मैं किसी के जाग जाने के भय से चूं तक नहीं कर सका.

वह इतनी जोर से क्यों ऐसा कर रही थी.
इस बात को जब देखा, तो पता चला सिल्की झड़ चुकी थी और बेसुध होकर पड़ गई.

बहुत देर तक गर्म करने के बाद भी वह गर्म नहीं हुई.
फिर मेरा भी मूड उखड़ गया.

सिल्की तो अपना माल निकाल चुकी थी पर मेरा माल तो लौड़े के अन्दर ही फंसा रह गया.

मैं करवट लेकर सो गया.
कुछ देर बाद मुझे महसूस हुआ कि कोई मेरे लंड को मसल रहा है.

अब मेरा भी औजार गर्म होने लगा था.
मुझे भी मेरा पानी निकलवाना था.

नीचे देखा तो सिल्की मेरे लंड को पागलों की तरफ ऊपर नीचे कर रही थी.

उसके हाथों का स्पर्श पाकर मेरा शरीर भी अकड़ चुका था.
ऐसा लगने लगा था मानो मेरे शरीर की ताकत मेरे पैरों से होकर मेरे लौड़े से निकल गई.

मेरा सारा माल मैंने सिल्की के मलाईदार पेट पर निकाल दिया और उसने वह सारा साफ कर दिया.

वह अब मुझे पागलों की तरह किस करने लगी, पर मैं अब और रिस्क लेना नहीं चाहता था … तो उसे अपनी बांहों में भर कर सो गया.
सुबह नींद खुली तो देखा सिल्की चाय बना रही थी और मेरी चाय का कप लेकर आ रही थी.

वह भी एक हवस भरी नजरों से मुझे देख रही थी.
मैंने उसके हाथ से चाय का कप लिया और कहा- कैसा लगा?

वह हंस दी और बोली- आज खेतों में चलेंगे.
मैंने कहा- ठीक है.

दोपहर को सब सो गए थे.
मैं निकल गया और खेतों में कोई ऐसी जगह देखने लगा, जिधर खेल हो सकता हो.

जल्द ही मैं एक जगह को देख कर वापस आ गया.
शाम को मैंने सिल्की से कहा- मैं साइट देख आया हूँ.

वह बोली- ओके, पर प्रोटेक्शन नहीं है.
मैंने कहा- मामा के कमरे से चुरा लेता हूँ.

वह हंस दी.
मैंने शाम को नजर बचा कर मामा के बिस्तर के सिरहाने से गद्दे को उठाया तो उधर एक पैकेट मिल गया.

मैंने तीन कंडोम वाला मस्ती का पैक उठा लिया और बाहर आकर सिल्की को आंख से इशारा कर दिया कि काम बन गया है.
दोस्तो, रात का एक बज गया था.

मैं उठा और खेतों में उसी जगह पर आ गया.

उधर सब कुछ ऑल क्लियर देखा तो सिल्की को मैसेज में एक अंगूठे का इमोजी भेज दिया.
कुछ देर बाद एक चादर को ओढ़ कर सिल्की भी आती दिखी.

इस सब में आधा घंटा निकल चुका था.

उसके करीब आते ही मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया.

हम दोनों चूमाचाटी करने लगे.
जल्दी ही मैंने उसके लाए चादर को जमीन में बिछा दिया और उसे अपने नीचे लिटा कर उसके ऊपर चढ़ गया.

उसने एक मैक्सी पहनी हुई थी.
मैंने उसकी मैक्सी को ऊपर उठाई तो वह अन्दर से बिल्कुल नंगी थी.

हॉट सिस्टर खेत सेक्स की शुरुआत करते हुए फट से मैंने भी अपना बाक्सर नीचे किया और उसकी बुर से लंड रगड़ने लगा.

वह बोली- कंडोम?
मैंने जल्दी से अपने लौड़े को पैराशूट पहनाया और वापस बुर पर लंड को रगड़ने लगा.

हॉट सिस्टर ने खुद अपने हाथ से मेरे लंड को रास्ता दिखाया और मेरे लंड से छेद को अपनी मोटाई से भर दिया.
सिल्की की आह निकल गई पर वह लंड खा गई.

मैंने कहा- पहले से ही खेली खाई लगती हो?
वह हंस दी और बोली- तू आम खा न पेड़ क्यों गिन रहा है?

मैंने भी उसकी चूचियों पर हमला बोला और एक आम को चूसते हुए उसे चोदने लगा.
करीब दस मिनट तक घपाघप चुदाई हुई और मैं कंडोम में झड़ गया.

उसके बाद हम दोनों पड़े रहे.
करीब बीस मिनट बाद एक शॉट और लगाकर हम दोनों वापस आ गए.

अगले दिन मैंने गांव के एक मेडिकल स्टोर से दस पैराशूट वाला कंडोम का पैकेट ले लिया और सिल्की की लेने की प्लानिंग बनाने लगा.

उस दिन मैंने घर की छत पर जगह तलाश की और उसके साथ कैसे घपाघप की, वह सेक्स कहानी अगली बार लिखूँगा.

आपको मेरी हॉट सिस्टर खेत सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.
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