सोनी दीदी की कामाग्नि-2
(Soni Didi Ki Kamagni- Part 2)
कहानी का पिछला भाग: सोनी दीदी की कामाग्नि-1
मैंने कहा- बस एक चीज दिखानी है आपको!
और अपनी जींस नीचे कर दी.
वो बोली- तुमने इतनी देर लगा दी इस चीज़ को दिखाने में??
मेरी सांस में सांस आई और जान में जान! गिरता हुआ लंड फिर से तन गया और दीदी को मैंने बिना कुछ और सोचे समझे अपनी बाहों में भर लिया. मेरे बदन की जैसे बरसों की प्यास बुझ रही थी. मैंने अपना लंड उसके हाथ में दिया, अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और जोर जोर से चूसने लगा. मेरा हाथ उनके कुरते में घुसे और उसकी ब्रा का हुक ढूंढने लगे.
उसकी साँसें गरम हो गई, मैं बता नहीं सकता कि उसके जिस्म से आग निकल रही थी, वो पागलों की तरह मेरे लंड से खेल रही थी और मुझे चुम्मे दे रही थी, एकदम जवान नई दुल्हन की तरह तड़प रही थी. मैंने उसको दीवार के साथ खड़ा किया और अपनी छाती से उसके मम्मे दबा दिए, उसके माथे से लेकर छाती तक सैंकड़ों चुम्मियाँ ली और कई जगह तो लाल निशान भी बना दिए.
वो भी भूखी शेरनी की तरह मेरे बदन से खेल रही थी और मेरे होंठों को, गालों को, और छाती को चाट रही थी. उसके मुँह से बस आऽऽह…ऽऽ आऽऽ ऊऽऽऽ… म्म्मऽऽऽ आऽऽऽ लव यू जान, मेरे असली मर्द… म्म्मम्म्म्म… आआआअ… यही आवाजें निकल रही थी.
मैंने पंद्रह मिनट तक उनके दोनों मम्मे चूसे और वो तब पागल सी हो है थी. मेरे लंड को रबड़ का खिलौना समझ कर खेल रही थी और अपनी चूत पर रगड़ रही थी. लेकिन मैं भी कम नहीं था, मैंने और भड़काया, उसके हाथों से लंड खींच लिया और उसका सर नीचे की ओर दबाकर इशारा किया कि मुँह में लो!
तो वो फट से तैयार हो गई और मेरा नौ इंच लम्बा लंड देख कर बोली- तुम्हारा ये तो बहुत बड़ा और मोटा है, बिल्कुल काला नाग है ये, तुम्हारे जीजा जी का तो छोटा सा ही था.
मैंने कहा- लम्बे लंड से चुदने में जो मजा आपको अब आएगा वो कहीं नहीं आएगा.
वो बोली- तो जल्दी से चोद दो ना!
और मेरा लंड जल्दी जल्दी चूसने लगी. मैंने दीदी की सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार निकाल कर पेंटी भी उतार दी और चूत में उंगली डाल दी. मैं उंगली से चोदने लगा, वो बिस्तर पर लेट गई और मैं उसकी चूत चाटने लगा. वो मेरा लंड चूसने लगी 69 की पोजिशन में.
तभी उन्होंने मेरा लंड छोड़ कर मेरा मुँह अपनी चूत पर दबा दिया और आआअह ह्ह्ह्ह्हा आआऊऊ उईईइ म्म्म्म्मा करने लगी और जोर से झड़ गई. मैंने उनका पूरा पानी साफ़ कर दिया चाट चाट कर!
फिर मैंने उनसे कहा- अपना कमीज उतार दो.
तो उन्होंने उतार दिया और मैंने उनकी चूची चूसनी शुरू कर दी. वो फिर से गर्म होने लगी और आआअह्हह म्मम्माआअ करने लगी और अपनी चूत रगड़़ने लगी.
मैंने उनके मुंह में अपना लंड डाला, वो तो जैसे तैयार थी, पूरा लंड मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी, जैसे रेगिस्तान की गर्मी में किसी को पानी मिल जाए!
कुछ देर बाद मैं अपनी जीभ से उनकी नाभि चाटने लगा.
वो बोली- क्या बात है तुममें! कमाल की कला है बिस्तर में औरत के साथ खेलने की! मैं एक अरसे से इस सपने के साथ जी रही थी, जो आज पूरा होने जा रहा है.
मैंने कहा- मैं भी इसी सपने को आज तक देख रहा था दीदी.
अब वो पूरी नंगी थी, चूत बिल्कुल साफ़ और पूरी गीली! मैंने उनकी टांगें थोड़ा फैलाई और चूत का पानी चाट कर साफ़ किया. वो छटपटाई और मेरे बालों को जोर से खींचा. मैंने उनकी चूत को खोला तो वो पूरी लाल थी, मैंने अपनी जीभ से चाटना शुरू किया और उनका चिल्लाना और तड़पना!
मैं कैसे बताऊँ कि जितनी देर तक चाटा, वो फिर पानी छोड़ती रही जैसे की महीनों से उन्होंने पानी न झारा हो.
तवा पूरा गर्म था, मैंने फटाफट उनकी गांड के नीचे तकिया रखा और दोनों हाथों से उनके हाथ पकड़ कर लण्ड चूत पर रख दिया! मुझे पता था कि वो बहुत चिल्लाएगी इसलिए अपने होठों से उनके होंठ बंद कर दिए और एक झटका मारा, मेरा तीन इंच लंड उनकी बुर में घुस गया. उनकी चूत वाकई काफी कसी हुई थी, लगभग अनचुदी!
अभी तीन इंच लंड ही गया था कि वो दर्द से कराह उठी, अन्दर ही अन्दर चिल्ला रही थी और पैरों को जोर जोर से पटकने लगी.
मैंने कहा- दीदी, जीजाजी ने तुमको चोदा हुआ है, फिर भी ऐसे चिल्ला रही हो जैसे पहली बार चुदवा रही हो!
तो बोली- एक तो तुम्हारा मोटा है, दूसरा तुम्हें पता है कि उनका लंड कितना बड़ा है, जरा धीरे करो ना!
मैंने कहा- ठीक है!
तो फिर मैं फिर से धक्का लगाने लगा और उनकी चूची चूसने लगा.
मैंने एक मिनट बाद दोबारा धक्का मारा और पूरा लंड अन्दर घुसा दिया. उन्होंने मेरा मुँह अपने मुँह से हटाया और जोर से चिल्लाई- यह क्या किया? मैं मर गई, उई माँ! मैं मर गई! निकालो इसे…
वो बोली- तुम जानवर हो! मुझे छोड़ दो! मेरी चूत फट गई! मेरी जान निकल रही है, बाहर निकालो.
मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिए तो वो और चिल्लाने को हुई तो मैंने उसके मुंह पर हाथ रख दिया और जोर जोर से चोदने लगा. 5 मिनट बाद उसको मजा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी और फिर शुरू हुआ असली चुदाई का मजा!
मैं जितनी तेज ऊपर से धक्के मारता, दीदी नीचे से उतनी ही तेजी से जवाब देती. सच दोस्तो, क्या बताऊँ क्या क़यामत चुदाई चल रही थी कि तभी वो मुझसे चिपक गई और मेरे कंधे पर काटने लगी और दीदी ने अपने नाखून मेरी पीठ में चुभा दिए. वो आअ आआ आआ आह्ह्ह्ह करती हुई झड़ गई, फिर कहने लगी- जल्दी करो अब सहन नहीं हो रहा.
मैंने भी उन्हें खूब चाटा, करीब पंद्रह मिनट तक उसे चोदने के बाद मैंने अपनी पूरी पिचकारी अन्दर छोड़ दी. तब तक वो दो बार झड़ चुकी थी. वो मेरे शरीर को कस के पकड़े हुए थी और चाट रही थी.
मैं थक कर उनके मम्मों पर गिर गया और वो मेरे बालों में प्यार से हाथ फेरने लगी. दो मिनट के बाद मैं उठा और अपना लंड उनकी चूत से निकाला.
मैंने प्यार से उन्हें खूब सारे और चुम्मे दिए. उनकी चूत से थोड़ा सा खून छलक आया था जो मैंने रुमाल से साफ़ कर दिया. वो बहुत खुश थी, इस चुदाई के बाद जैसे उसका मन और बदन का हर अंग खिल उठ था. वो इतनी खुश थी कि उनकी आँखों से आँसू छलकने लगे और वो मुझसे काफ़ी देर तक चिपकी रही जैसे मन ही मन वो चाह रही हो कि काश मैं उसका पति होता!
उसके बाद मैंने और मेरी सोनी दीदी ने अगले दस दिनों तक खूब सेक्स किया. मैंने उन्हें उन दस दिनों में औरत होने का पूरा सुख दिया.
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