घर में चुदाई का मज़ा लिया

(Ghar Me Chudai Ka Maja Liya)

जस करन 2016-05-15 Comments

हाय दोस्तो.. आज जो मैं आपको कहानी बताने जा रहा हूँ.. यह मेरी रियल स्टोरी है..

बात तब की है.. जब मैं 12वीं में पढ़ता था.. तब मेरी जवानी छलकने लगी थी। मेरी एक बहन है.. वो भी मस्त माल बन चुकी थी.. वो भी कॉलेज़ में पढ़ती थी.. उसका नाम ज्योति है।
मेरी मॉम और डैड दोनों सरकारी जॉब में हैं।

कमसिन जवानी की उम्र में ही उसके मम्मे काफ़ी बड़े हो गए थे। घर में वो ज्यादातर टी-शर्ट और पजामा पहन कर ही रहती थी। उसकी चूचियां एकदम उठी हुई रहती थी क्योंकि टी-शर्ट के अन्दर वो ब्रा नहीं पहनती थी। जिससे उसके मम्मे पूरे सामने की तरफ उठे हुए दिखते थे.. बहुत बड़े-बड़े खरबूज जैसे लगते थे। मेरा दिल करता था कि बस लपक कर पकड़ लूँ।
मैं रोज उसके नाम की मुठ मारा करता था।

अब तक मुझे सेक्स के बारे में बहुत कुछ पता चल गया था। रोजाना मुठ मार-मार कर मेरा लंड भी काफ़ी लंबा और मोटा हो गया था। मैं बस यही सोचता था कि काश ज्योति को एक बार मैं नंगी देख लूँ। मैंने बहुत ट्राई किया.. लेकिन देख नहीं पाया।

एक बार हमारे मामा जी के लड़के की शादी थी.. तब हमारे दोनों के एग्जाम चल रहे थे.. इस कारण हम दोनों ही शादी में जा नहीं पाए। मॉम-डैड भी एक दिन के लिए ही गए.. वो सुबह जल्दी चले गए थे.. उन्हें शाम को वापिस आना था।

सुबह हम दोनों भाई-बहन एग्जाम देने के लिए स्कूल चले गए.. लेकिन जब वापिस आए.. तो बहुत तेज बारिश हो रही थी।

हम वापिस आते-आते पूरी तरह से गीले हो गए.. वाइट शर्ट गीली होकर ज्योति के बदन के साथ चिपक गई थी। अन्दर उसकी ब्रा साफ दिखाई दे रही थी।

घर पहुँच कर हमने कपड़े चेंज कर लिए। मेरा लंड पूरा खड़ा था.. मैंने जानबूझ कर अपना अंडरवियर निकाल दिया और वैसे ही पजामा पहन लिया.. जिसमें से मेरा लंड साफ फूला हुआ दिखाई दे रहा था। ज्योति ने भी अपनी ब्रा उतार दी थी और टी-शर्ट और पाजामा पहन लिया था।

हम दोनों खाना खाकर टीवी देखने लगे.. ज्योति की नज़र बार-बार मेरे खड़े लंड पर जा रही थी।
थोड़ी देर के बाद मैंने टीवी बंद कर दिया और ज्योति सो गई।

उसकी गाण्ड मेरी तरफ थी.. मैंने पीछे से उसकी गाण्ड के ऊपर हाथ रखा और दबाने लगा.. ज्योति ने कोई हरकत नहीं की तो मेरी हिम्मत बढ़ गई।
फिर धीरे-धीरे मैंने उसकी गाण्ड पर अपना लंड लगाया.. मुझे बहुत मज़ा आने लगा। मैंने अपने पजामे से लंड बाहर निकाल लिया और पूरे ज़ोर से उसकी गाण्ड पर लगाने लग गया।

अचानक उसकी नींद खुल गई और वो उठ कर बैठ गई। मैं एकदम से बहुत डर गया.. लेकिन वो कुछ नहीं बोली.. बल्कि मेरे लंड को बहुत गौर से देखने लगी।
मैंने ज्योति को लंड पकड़ने के लिए कहा तो वो शर्मा गई, उसने अपने दोनों हाथ अपने मुँह पर रख लिए।
मैंने धीरे से उसके हाथ को पकड़ा और अपने लंड पर रख दिया और हिलाने लगा।
एक हाथ से मैं उसके मम्मों को दबाने लगा.. तो वो भी बहुत गर्म हो गई थी।

मैंने उसे नीचे लेटा लिया और होंठों पर चुम्बन करने लगा। दस मिनट तक हमने लिप किस किया।
फिर मैंने ज्योति की टी-शर्ट उतार दी.. वाआऊऊऊओ.. क्या नजारा था.. ज्योति के मम्मे बहुत ही गोरे ओर मोटे थे।

मैं तो पागलों की तरह उन पर टूट पड़ा और एक चूचा मुँह में लेकर चूसने लगा। फिर मैंने अपना एक हाथ उसके पजामे में डाल दिया और उसकी फुद्दी को मसलने लगा, उसकी फुद्दी पूरी गीली हो चुकी थी।

ज्योति ने मेरे कपड़े भी उतार दिए।
थोड़ी देर में हम दोनों बिल्कुल नंगे थे.. मैं पहली बार ज्योति को नंगा देख रहा था.. मुझसे रहा नहीं जा रहा था।
उसकी फुद्दी पर अभी बाल हल्के हल्के आए थे.. छोटे-छोटे से भूरे भूरे थोड़े से बाल थे।

उसकी फुद्दी पूरी गीली हो चुकी थी.. मैंने अपनी जीभ से उसे चाट लिया और जीभ उसकी फुद्दी में डालने लगा। उसे भी बहुत मजा आ रहा था.. उसने मेरे सिर को अपनी फुद्दी के ऊपर पूरा दबा रखा था। फिर मैंने उससे लंड मुँह में डालने के लिए कहा और वो मेरे लंड को पागलों की तरह मुँह में लेने लगी।

मैं उसके मुँह में ही झड़ गया और वो मेरा सारा पानी पी गई। फ़िर थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे और मैं उसके मम्मों को दबाता रहा।
फिर मैंन उसे उल्टा लेटा कर उसकी गाण्ड चाटने लगा.. वो पागल हुए जा रही थी, उसने कहा- अब लंड डालो न अन्दर भैया..

यह सुनकर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपने लंड को उसकी गाण्ड पर रख दिया लेकिन मेरा लण्ड अन्दर नहीं जा रहा था.. बहुत टाइट गाण्ड थी उसकी।
फिर मैंने उससे सीधा लेटाया और उसकी फुद्दी में डालने की ट्राई की.. लेकिन वहाँ भी नहीं गया।

फिर मैंने उसकी फुद्दी पर क्रीम लगाई.. और अपने लंड पर भी मल ली।
अब मैं धीरे से अन्दर डालने लगा.. थोड़ा सा लौड़ा अन्दर घुस गया।

ज्योति को बहुत दर्द हो रहा था.. वो चिल्ला रही थी.. लेकिन मैंने उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया और एक धक्के से पूरा लंड उसकी फुद्दी में पेल दिया।
वो रोने लग गई.. थोड़ी देर ऐसे ही मैं उसके ऊपर लेटा रहा और उसे चूमता रहा।

फिर धीरे-धीरे आगे-पीछे करने लगा.. अब उसका दर्द कुछ कम हुआ.. और उसे मजा आने लगा।
फिर 10 मिनट बाद उसकी फुद्दी में ही मैं झड़ गया।

हम दोनों को उस दिन बहुत मज़ा आया। उसके बाद फिर उसी दिन हमने एक बार और सेक्स किया.. अब तो बड़ी आसानी से लंड अन्दर चला गया था।

फिर रात को मॉम-डैड आ गए.. लेकिन हमारा सेक्स उसके बाद फिर चलता रहा जो आज भी चल रहा है।

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