बहन को कैसे पटाया

पी एस 2013-06-29 Comments

मेरी एक बहन है। बचपन में हम साथ खेला करते थे, लेकिन फिर जैसे-जैसे बड़े होते गए तो अलग-अलग रहने लगे।

मतलब अब साथ सोना उठना-बैठना कम होता था। बस जैसी बाते सारे घरों में होती हैं, वैसी हम में भी होती हैं।

मेरा मन कम उम्र से ही लड़की चोदने का करने लगा था लेकिन कभी कोई मिली नहीं। बचपन में मैं बहन के साथ खूब मस्ती करता था। उसके ऊपर चढ़ जाना उसके बुब्बू दबाना आदि चलता रहता था।

उसे कुछ समझ नहीं आता था। वो भी मेरे साथ वैसे ही करती थी। लेकिन उसके थोड़े-थोड़े निम्बू की तरह चूची निकल आई थी, मैं लगभग हर रोज उन्हें दबाता और मजे करता।

अब वो भी बड़ी होने लगी थी। मुझसे दूर रहने लगी। एक दिन मैंने उसके चीकू दबा दिए। वो रोते हुए कहने लगी कि वो पापा को बता देगी तो मेरी फट के हाथ में आ गई। फिर उस दिन के बाद से मैंने उसे छुआ तक नहीं। मुठ मार के काम चला लेता।

कहानी अब शुरू होती है जब मैंने नेट पर भाई-बहन की कहानियाँ पढ़ीं। मेरे अंदर का शैतान फिर जाग गया। अब मैं उसे पटाने का प्लान बनाने लगा। लेकिन सारे प्लान बेकार साबित हुए।

अन्त में मेरे दिमाग में एक आईडिया आया। मैंने सोचा कि फेसबुक पर एक फेक अकाउंट बना कर काम किया जाये। मैंने अकाउंट बनाया और रिक्वेस्ट कर दी। उसने भी दोस्ती कर ली।

अब शुरू-शुरू में तो मैंने बड़े तमीज से बाते कीं, फिर थोड़ा ओपन होना शुरू किया। अब मैं उससे गन्दी बातें करने लगा। जैसे तुम्हारी साइज़ क्या है? तो वो भी बता देती।

एक दिन मैंने पूछ लिया- अगर मैं किस करूँ तो?

उसने कहा- ठीक है, कर लो।

फिर एफ बी पर ही गन्दी बातें शुरू हो गई और काम बनना शुरू हो गया। एक दिन फिर उससे पूछा कि उसके निप्पल का रंग कैसा है।

वो बोली- एकदम गुलाबी।

आप सोचो कि वो मेरे सामने बैठ कर चैट कर रही थी। मैं उसके सामने गन्दी बातें कर रहा था।

मैंने कहा- तुम्हारी चूत देखना चाहता हूँ।

उसने कहा- मैं यहाँ कैसे दिखा सकती हूँ?

मैं हँस पड़ा और बोला- चलो जाने दो।

वो भी हँसने लगी।

लेकिन मैं महसूस कर रहा था कि उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई है।

अगले दिन मैंने फिर से चैट शुरू की और कुछ देर बात करने के बाद कहा- यार … मुझे तुम्हारी चूत को किस करना है।

अबकी बार मेरी बात सुनकर वो गरम हो गई और बोली- तो करो।

मेरा भी लंड तन्ना गया लेकिन मैं कंट्रोल में रहा और उसे उत्तेजित करने में लगा रहा, मैंने कहा- अब मैं तुम्हारी चूत में लंड डाल रहा हूँ।

उसने इतना सुना और वो उठ कर बाथरूम में चली गई।
तो मैं समझ गया कि वो पक्का अब अपनी गर्म चूत में उंगली करेगी।

थोड़ी देर बाद जब वो बाहर आई तो रिलेक्स थी।

फिर से हमारी चैट शुरू हुई।

मैंने कहा- तुमने कभी सैक्स किया है?

उसने कहा- अभी तक तो नहीं।

मैंने कहा- तो कभी करने का मन है?

वो बोली- तुम आ जाओ।

मैंने कहा- मैं तो बहुत दूर हूँ।

वो बोली- फिर रहने दो।

मैंने कहा- तुम वहीं कोई दोस्त बना लो, उसके साथ सेक्स कर लेना।

उसने कहा- मुझे ऐसे किसी पर विश्वास नहीं है, कुछ गड़बड़ हो गयी तो!

मैंने कहा- तुम्हारे कोई घर में हो? जैसे भाई, चाचा जिस पर तुम्हें विश्वास हो।

तो वो गुस्सा हो गई और बोली- क्या बकवास कर रहे हो? चुप हो जाओ तुम!

मैं भी कौन सा कम था, मैंने मनाया और कहा- यार, एक बार बताओ तो तुम्हारे घर में कौन-कौन है?

बोली- भाई, मॉम और पापा!

मैंने कहा- तो अपने भाई को ही पटा लो।

और मैं जानबूझ कर लॉग-ऑफ हो गया।

फिर अगले दिन मैंने मैसेज देखे तो उसके सात मैसेज आये हुए थे।
“प्लीज़ ऑनलाइन आओ, मुझे तुमसे बात करनी है।”

थोड़ी देर में वो भी आ गई फिर बात शुरू हुईं।

वो बोलने लगी कि कल जो बात हुई थी सैक्स की, मुझे उसी पर कुछ बात करनी है।

मैंने भी तीर मारा- क्या अपने भाई से चुदना है?

बोली- चुप हो जाओ। मेरा भाई गुस्सैल है … वो मेरी जान ले लेगा।

मैंने कहा- घबराओ मत, तुम उसे उत्तेजित करो. वो खुद तैयार हो जायेगा।

उसने कहा- कैसे करूँ?

मैंने कहा- मैं बताता हूँ। जब तुम लेटो तो सूट ऊपर कर लो उसे अपनी नाभि दिखाओ। घर साफ़ करते वक्त उसे अपने दुद्दू दिखाओ, उसके सामने टांगें चौड़ी करके बैठा करो कभी-कभी अपने बूब्स उस से टच करवाओ।

बस उस दिन के बाद में ऑनलाइन नहीं आया और उस दिन से मैं रोज मजे ले रहा हूँ।
मेरी बहन मेरे सामने अपने दुद्दू दिखाती है, चूतड़ उठाती है, अपनी टांगें खोल के बैठ जाती है लेकिन मैं अभी रोज मजे ले रहा हूँ। जिस दिन मन करेगा, उसकी ले लूँगा।

वो तो कब से तैयार है। जिस दिन लूँगा आपको बता दूँगा।

तो दोस्तो, मजा आया ना इस कहानी में?
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