फुफेरी बहन की कुंवारी चूत

(Fuferi Bahan Ki Kunwari Chut)

आसिफ खान 2019-03-17 Comments

नमस्कार दोस्तो, कैसे हैं आप लोग! मेरा नाम समीर खान है, मैं उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर से हूँ. मेरे घर में मेरे अलावा 3 बड़े भाई, अम्मी और अब्बू रहते हैं.
अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है और मैं अन्तर्वासना का बहुत पुराना पाठक हूँ.

मेरे एक बड़े भाई की शादी 5 साल पहले ही हो गयी थी और इस बार 2 लोगों की शादी एक साथ होनी थी. मेरे दोनों भाईयों की शादी नवम्बर 2017 में होना तय हुई थी.

शादी का वक्त आ गया था. घर में शादी का माहौल था और सारे रिश्तेदार आने लगे थे. उसी में मेरी एक दूर की फूफी अपने परिवार के साथ हमारे घर आई थीं. उनकी एक बड़ी लड़की है, जो मेरे ही उम्र की है. उसका नाम ज़ीनत था. फूफी की लड़की ज़ीनत देखने में बहुत ही खूबसूरत थी.

अब तक मैंने आप को अपनी उम्र नहीं बतायी, मेरी उम्र अभी 22 साल है और काफी लड़कियों के साथ में मैंने सेक्स किया हुआ है.

उस दिन घर में लगन वाला दिन था और खूब मजे हो रहे थे. मैं अपनी भाभी के कमरे में लेटा था और मोबाइल पर वीडियो गाने सुन रहा था. तभी मेरी फूफी की बेटी ज़ीनत यानि मेरी बहन भी मेरे पास आ गयी और मेरे एक कान का इयरफोन निकाल कर अपने कान में लगा कर वो भी गाने सुनने लगी थी. मेरी उससे पहले से ही कभी कभी बातें होती थीं, पर मैं कभी लिमिट से आगे नहीं बढ़ा था.

अब वो भी मेरे साथ गाने सुनने लगी थी. इसी तरह गाने सुनते सुनते एक रोमांटिक गाना बज रहा था. ज़ीनत थोड़ा मेरे और करीब आ गयी थी. नवम्बर का आखिरी महीना था, तो थोड़ी ठंड भी बढ़ गई थी. हम दोनों रजाई में थे, मैंने सोचा क्यों ना एक बार इस पर हाथ ट्राय किया जाए.

मैंने धीरे से एक हाथ अपनी बहन ज़ीनत के सीने की तरफ बढ़ाया, फिर काफी हिम्मत करके उसके दूध को कपड़े के ऊपर से ही हाथ लगाने की कोशिश की. मुझे लगा कि अगर वो हिली, तो मैं अपने हाथ को हटा लूंगा, जिससे उसको ऐसा लगेगा कि गलती से हुआ होगा. अगर वो हरकत नहीं करती है, तो फिर कुछ आगे और करूँगा.

जब मैंने उसके दूध को हाथ लगाया, तो ज़ीनत ने किसी तरह की हरकत या ऐतराज नहीं किया. वो इसी तरह लेटी रही, तो मेरे में थोड़ी हिम्मत आ गयी. फिर मैंने कायदे से अपना पूरा हाथ उसके दूध पर रखा, तो उसके मुँह से हल्की सी आह निकली. मैं समझ गया ‘बेटा समीर तेरी लाइन साफ है.’ फिर मैंने कायदे से उसके दूध को बाहर से दबाया फिर अन्दर हाथ डाल कर दबाया और उसकी दूध की घुंडी को मसलता रहा.

फिर मैंने अपना हाथ उसके दूध से हटा दिया और हाथ को उसकी बुर पर ले गया. मैंने पाया कि उसकी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी. मैं उसी तरह उसकी चूत पर उंगली घुमाता रहा.
लेकिन थोड़ी देर में मेरी भाभी आ गईं, उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं चाय पियूंगा?
तो मैंने बोला कि हां बना दीजिए.
वो वापस चली गईं और पहले के जैसे ही मेरा काम ज़ीनत के साथ चलता रहा.

फिर कुछ देर बाद भाभी ने आ कर चाय दी, तो मैंने उनसे कहा कि मैं ऊपर छत पर जा रहा हूँ. अगर कोई पूछे तो बात दीजिएगा कि मैं ऊपर ही हूँ.
मेरे ऐसे ऊपर जाना, बस ज़ीनत को बताना था कि मैं ऊपर जा रहा हूँ, तुम भी वहीं आ जाओ.

फिर मैं ऊपर जा कर चाय और सिगरेट पीने लगा और सोच रहा था कि अगर ये ऊपर आ जाती है, तो इसकी चुत का मज़ा लूंगा और अगर नहीं आती है, तो फिर इसे भूल जाऊंगा.. ये सोच लूंगा कि हम और वो एक उम्र के हैं और इस उम्र में ये सब हो जाता है.

करीब 30 मिनट तक मैंने उसका इंतज़ार किया और वापस जाने लगा, तो ज़ीनत मुझे ऊपर आते हुए दिखी.

मैं वापस छत पर आ गया और बहुत खुश हुआ कि आज मैं इसका मज़ा लूंगा. वो जैसे ही ऊपर आई, मैंने उसको पीछे से पकड़ लिया. हमारे घर की छत काफी ऊपर को बनी हुई है.. और अगल बगल में किसी का भी घर उतना ऊपर नहीं है, तो किसी का देखने का कोई डर नहीं था.

फिर मैं उसको अपने घर की पानी की टंकी वाली जगह ले गया, वो छत से एक मंजिल और ऊपर ही था. उस जगह पर चारों तरफ से बाउंड्री बनी थी और अगर कोई ऊपर आ भी जाता, तो वो हमें पहले ही दिख जाता.

मैं उसको वहां ले गया. पहले मैंने उससे इधर उधर की बातें की, फिर उसको किस किया. मैंने जैसे ही उसको किस किया, तो वो थोड़ी डरी कि कहीं कुछ होगा तो नहीं ना.
फिर मैंने उसको समझाया कि किस करने से कुछ नहीं होता है.
वो मान गयी.

मैंने सोचा कि ये ऐसे अपनी चुत नहीं देगी, इसको पहले एकदम गर्म करना होगा.
अब मैं और वो काफी देरी तक किस करते रहे. मैं अपने एक हाथ से उसके दूध को दबाता रहा और एक के बाद दूसरे दूध से खेलता रहा. कुछ ही देर में धीरे धीरे उसको भी मज़ा आने लगा. फिर मैंने उसके दूध को छोड़ कर उसकी चूत पर हाथ रख कर धीरे धीरे प्यार से घुमाने लगा. उसकी सांसें तेजी से बढ़ने लगीं, तो मैं समझ गया कि ये आधा गर्म हो चुकी है.

अब मैंने ज़ीनत के नाड़े को खोल कर नीचे गिरा दिया और अपनी बहन की नंगी चिकनी चूत से खेलने लगा. उसकी चूत से लगातार पानी गिर रहा था. उसकी चूत देख कर मेरा दिमाग खराब हो रहा था. एकदम पोर्न स्टार की चूत जैसे होती है, बिल्कुल वैसी थी. एकदम साफ चिकनी गुलाबी और पावरोटी की तरह फूली हुई चूत थी. मैं अपने आप को रोक ही नहीं पाया. उसकी चूत देख कर मैंने तुरंत अपना मुँह उसकी चूत में घुसा दिया.

मुझे चूत चाटने का बहुत मन करता है और जब भी सेक्स करता हूँ, तो चूत जरूर चाटता हूँ. मैं उसकी चूत में ऐसे भूखे शेर की तरह चाट रहा था, जैसे कभी चाटी ही न हो. उसका बहुत बुरा हाल हो गया था, वो बस पागलों की तरह मेरे सर के बालों को बहुत कस के पकड़ कर दबा रही थी. उसका मन था कि जैसे मेरे पूरे सर को ही अपनी चूत में घुसा देना चाहती हो.

ज़ीनत मुझसे बोली- समीर भाई, अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है, अब अपने लंड को मेरी इस चूत में घुसा दो प्लीज!
मैंने पूछा कि चूत में पहले घुसवाया है किसी का?
वो ख़ुद ही बताने लगी कि मैंने पोर्न मूवी में देखी है और मुझे मालूम है कि ये प्यास लंड से ही बुझेगी. प्लीज़ तुम जल्दी से पेल दो, अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
मैंने कहा- ठीक है मेरी जान, जैसा तुम कहो … पर उससे पहले मेरे शेर को जंग पर जाने से पहले उसकी खातिरदारी तो करो.

मैंने अपना लोवर नीचे कर के अपना 6.8 इंच लंबा और 2 इंच मोटा लंड उसके सामने कर दिया. वो झट से मेरे लंड को मुँह ले कर चूसने लगी और मेरे टोपे पर गुदगुदी करने लगी.

दो मिनट बाद मैंने वहीं ज़ीनत को जमीन पर लेटा कर अपना लंड उसकी चूत के दरवाजे पर रख दिया. जैसे ही मैंने धीरे से धक्का लगाया, उसकी हल्की चीख निकल गयी. उसने अपने मुँह पर तुरंत हाथ रख लिया. मैंने उसके हाथों को हटा कर अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए.

अब मैंने फिर से एक हल्का धक्का दिया, तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया. मुझे ऐसा लगा कि एक किसी पतली सी गली में मेरे लंड फंस गया हो और उस गली में आग लग गयी हो.

कुछ पल बाद ज़ीनत को जब थोड़ा आराम मिला, तो मैंने अपना लंड बाहर निकाला. उसमें खून लगा था. फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत की फांकों में जमाए रखा और आधा लंड ही अन्दर बाहर करने लगा. जब उसको मज़ा आने लगा, तो मैंने उसको चूमना चालू कर दिया और बड़े प्यार से बाकी का आधा लंड अन्दर घुसाता चला गया. मैं और बड़े आराम आराम से उनको पेलने लगा. मैं और जब उसको भी मज़ा आने लगा, तो वो अपनी गांड उठा उठा कर धक्के मारने लगी.

दस मिनट में उसने मुझे 2 बार कस कस के पकड़ा था मतलब वो 2 बार झड़ चुकी थी. तीसरी बार में हम दोनों एक साथ झड़े.

उस रात मैंने उसको दो बार पेला था जिससे उसको चलने में दिक्कत हो रही थी. मैंने उसको आइडिया दिया कि नीचे चलकर सबके सामने एक सीढ़ी से गिरने का नाटक कर लो, तो तुमको चलना ही नहीं पड़ेगा और जब चलोगी नहीं, तो तुमको कोई बोल ही नहीं पाएगा और तुम धीरे धीरे लंगड़ा कर चल भी सकती हो.

उसने ऐसा ही किया.

नीचे उतरते समय वो एक सीढ़ी से खुद गिर गयी और ज़ीनत तेज आवाज में चिल्लाई- उई अम्मी मर गई!
उसकी अम्मी दौड़ती हुई आईं और उसको उठाया. ज़ीनत ने चलने में असमर्थता जताई. इससे ये तय हो गया कि गिरने से उसकी टांग में जोर की चोट आ गई है और उसे चलने फिरने में दर्द हो रहा है.

चुदाई के बाद ये सब ड्रामा उसके लिए बड़ा फायदेमंद रहा. उसको शादी में जाने तो नहीं मिला, लेकिन उसी वजह से शादी वाले दिन खाली घर में उसी के बिस्तर पर उसकी धुआंधार चुदाई का मजा हम दोनों ने दो बार उठाया.

अब मेरी बहन ज़ीनत मेरी बहुत अच्छी जुगाड़ बन गई है. मैंने इधर बीच उसके बोलने पर उसकी एक सहेली को भी होटल ले जा कर पेला था. उसकी कहानी फिर कभी साझा करूंगा.

दोस्तो, ये मेरी एकदम सच्ची कहानी है मेरी फुफेरी बहन की चुदाई की … आप लोगों को मेरी कहानी पसंद आई या नहीं, प्लीज मुझे पहले जैसा प्यार दीजिएगा. मेल करके जरूर बताइएगा.
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