फुफेरी बहन की चुत चुदाई
(Fuferi Bahan Ki Chut Chudai)
मेरे प्यारे दोस्तो नमस्कार. आप सब कैसे हैं. मुझे यह जान कर बहुत अच्छा लगा कि आप सबको मेरी लिखी सेक्स कहानी बहुत पसंद आई. मुझे उम्मीद है कि आप सब इस तरह से मुझे प्यार और समर्थन देते रहेंगे और मेरी कहानी को पसंद करते रहेंगे. मुझे मेल करते रहेंगे.
मैं इस साईट का 2012 से नियमित पाठक हूँ. जिन पाठक और पाठिकाओं ने मेरी पिछली कहानी
बड़े चूचों वाली स्टूडेंट की चुदाई
को नहीं पढ़ा है. मैं उन्हें एक बार फिर से अपने बारे में बता देता हूँ कि मेरा नाम सन्दीप सिंह है और मेरी उम्र 26 साल है. मेरी हाईट 5 फुट 7 इंच है और मेरा शरीर बिल्कुल फिट है. उसकी वजह ये है कि मैं प्रतिदिन एक्सरसाइज करता हूँ. मेरे लंड का साइज़ करीब 7 इंच लम्बा है और ये करीब 2.5 इंच मोटा है.
मैं दिल्ली में जॉब करता हूँ. वैसे मैं उत्तर प्रदेश के एक शहर कानपुर का रहने वाला हूँ. वैसे हमारा शहर कानपुर बहुत बड़ा है, पर काम के चलते मैं दिल्ली में हूँ. यहां मैं अपने दोस्त के साथ रहता हूँ.
ये सेक्स कहानी सच्चाई पर आधारित है जो आज मैं आप लोगों के साथ शेयर कर रहा हूँ.
आज की ये सेक्स कहानी मेरी और मेरी बुआ की लड़की के बीच हुई चुदाई की है. मेरी बुआ की तीन बेटियां हैं … जिसमें दो की शादी हो चुकी है. सबसे छोटी बेटी मेरी उम्र की है. उसका नाम शालिनी है. ये उसका बदला हुआ नाम है.
जिस समय मैं इंटर में पढ़ रहा था, वो बीए कर रही थी. उसका बदन बहुत ही कामुक है. वो बिल्कुल गोरी है. उसकी हाइट कुछ कम है … मतलब यही कोई पांच फुट एक इंच है. फिगर साइज़ 30-28-32 के करीब है. उसकी जवानी को देख कर हर कोई उसे चोदना चाहेगा. मैंने खुद कई बार ये देखा था कि उसको देख कर बहुतों के लंड खड़े हो जाते थे. मैंने कई बार अपनी बहन शालिनी के नाम की मुठ मारी थी.
ये बात तब की है, जब वो मकर संक्रान्ति पर मेरे घर आयी हुई थी. चूंकि उससे उम्र का फर्क ज्यादा नहीं होने से वो मुझसे बड़ी खुली हुई थी और हम दोनों एक दूसरे से हर तरह की बातें कर लेते थे. मैं और वो साथ में लेट जाते थे लेकिन अभी तक कभी चुदाई जैसा कुछ नहीं हुआ था.
एक दिन रात मैं और मेरी ताऊ जी की बेटी और शालिनी साथ में लेटे थे. हम लोग एक चादर में ही तीनों लेटे हुए थे. मैं शालिनी के बगल में लेटा था. उस दिन मैंने अन्तर्वासना पर भाई बहन की चुदाई की एक बड़ी ही मस्त सेक्स कहानी पढ़ी थी, जिस वजह से मेरा मूड बना हुआ था.
उस दिन शालिनी ने भी एक छोटा सा स्कर्ट और स्लीवलैस टॉप पहना हुआ था. इसमें वो काफी गदराई हुई लग रही थी. उसने एक मस्त सी महक वाला सेंट भी लगाया हुआ था.
एक तो उसका नाटे कद का पूरा भरा हुआ बदन मुझे वैसे ही मस्त लग रहा था और ऊपर से मेरे दिमाग में बहन की चुत चुदाई की सेक्स कहानी घुसी हुई थी.
मैं उसके बगल में लेटा हुआ उसके जिस्म से अपने जिस्म को लगभग चिपकाए हुए लेटा था. उसकी बातें तो मुझे समझ ही नहीं आ रही थीं, लेकिन उसके जिस्म से आती हुई खुशबू मुझे बड़ी लज्जत दे रही थी.
तभी उसने अपनी जांघ को खुजाना शुरू कर दिया. उसकी कोहनी से मेरे सीने को रगड़न होने लगी. मैंने उसकी तरफ देखा तो वो मुस्कुरा दी. मुझे उसकी इस मुस्कान में एक अलग सी मस्ती महसूस हुई.
मैंने उसकी आंखों में आंखें डालीं, तो उसने मुझे एक आंख मार दी. उसकी इस हरकत से मैं हड़बड़ा गया. वो हल्के से हंस दी.
मुझे समझ आ गया कि ये भी गरम है. मैंने अपना मोबाइल निकाला और अन्तर्वासना साईट खोल दी. उसने मोबाइल में झांका और अपनी कुहनी को मेरे हाथ से एक इशारे से रगड़ दिया.
मुझे समझ आ गया कि खेल हो सकता है. मैंने उसके बगल में लेटी अपने ताऊ जी की लड़की को देखा, तो वो अपनी आंखें बंद किए सो सी रही थी. मैं अपना हाथ नीचे को ले गया और शालिनी की जांघ पर सटा दिया.
मैं चौंक गया कि शालिनी ने अपनी स्कर्ट को पूरा ऊपर को उठाया हुआ था. उसकी चिकनी जांघ एकदम खुली हुई थी. मैं अभी कुछ समझता कि उसने अपना हाथ मेरे हाथ पर रख दिया. मैंने उसके हाथ की उंगलियों में एक अलग सी हरकत होती महसूस की, तो मैंने हिम्मत करते हुए उसकी जांघ पर हाथ रख दिया. उसने कुछ भी नहीं कहा बल्कि वो खुद भी मेरे हाथ पर अपना हाथ रखे रही.
मैंने अब अपने हाथ को उसकी जांघ पर फेरना शुरू किया, तो उसने अपना मुँह ताऊ की लड़की की तरफ कर लिया और अपने जांघों को थोड़ा खोल दिया. मैं उसकी जांघ पर हाथ फेरने लगा. वो मस्ती लेती रही.
फिर मैंने धीरे से अपना दूसरा हाथ उसके मम्मों पर रख दिया. उसने कुछ नहीं कहा. मैंने करवट ले ली और नीचे वाले हाथ से उसकी जांघ को मसलना चालू किया और ऊपर वाले हाथ से धीरे धीरे उसके मम्मों को सहलाने लगा.
चूंकि बगल में ताऊ जी की लड़की लेटी थी, तो मैं ज्यादा खुल कर कुछ नहीं कर पा रहा था. मैं न तो उसके मम्मों को दबा पा रहा था और न ही उसकी चुत तक उंगली ले जाने की हिम्मत हो रही थी.
हालांकि इस घटना के बाद मैंने ताऊ जी की बेटी को भी खूब चोदा था. वो सेक्स कहानी मैं बाद में लिखूंगा.
मैं धीरे धीरे उसके दोनों मम्मों को बारी बारी से दबाता रहा. नीचे एक हाथ से उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चुत को भी सहलाता रहा. उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी. मैं उसकी पैंटी में हाथ डालने ही वाला था कि ताऊ जी की लड़की ने इसी तरफ करवट ले ली और अपना हाथ शालिनी के मम्मों पर रख दिया.
मैंने जल्दी से अपना हाथ हटा लिया.
कुछ देर बाद शालिनी ने मुझे रोका और मेरे गाल पर एक किस करके वो मुझे सो जाने का इशारा करने लगी.
मैं उस रात इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सका और लंड पर उसका हाथ रखवा कर सो गया.
बस उस दिन उतना ही हो पाया. लेकिन इस घटना से हम दोनों के मन में एक दूसरे को चोदने की ललक जाग गई थी.
मुझे बस अब इस बात का इन्तजार रहता था कि कब शालिनी अकेले में मिले और मैं उसको चोद सकूं.
मगर शालिनी इस बार सिर्फ दो दिन के लिए हमारे घर आई थी. इन दो दिनों में हम दोनों को अकेले में मिलने का टाईम नहीं मिल सका. वो अपने घर चली गई.
अब हम दोनों फोन सेक्स करने लगे थे. वीडियो चैट करके एक दूसरे के लंड चुत को ठंडा कर लेते थे.
इसके बाद एक बार मुझे उसके घर जाने का अवसर मिला, तो मैं उस दिन उसे चोदने की पूरी तैयारी से गया हुआ था. मगर उस दिन भी कुछ ऐसा हुआ कि उसके घर कुछ अधिक मेहमान आ गए और हम दोनों को मिलने का मौका न मिल सका.
बस दो मिनट का टाइम मिला, जिसमें मैंने उसे अपनी बांहों में लेकर उसके मम्मे दबाए और उसको चूम कर छोड़ दिया. उसने भी मेरे लंड को पेंट के ऊपर से ही दबा कर आग लगा कर छोड़ दिया. उस दिन भी हमारे बीच इससे ज्यादा कुछ नहीं हो सका था.
तभी एक अवसर आया. मेरे परिवार में एक शादी तय हुई. शादी की डेट अगले माह जून में निकली. मुझे जब इस बात का पता चला, तो मुझे लगा कि मेरी किस्मत खुल गयी. शादी में तो उसे आना ही था. मैं लंड सहलाते हुए शालिनी की चुत चुदाई के सपने देखने लगा.
उस दिन उससे वीडियो चैट भी की और हम दोनों ने एक दूसरे के लंड चुत का रस निकाल दिया.
फिर वो दिन भी आ गया. वो अपनी मम्मी के साथ आयी थी. उसे देख कर मुझे बहुत सुकून मिला.
दिन में तो हमारी मुलाकत नहीं हो पायी क्योंकि शादी के कामों के कारण मुझे टाईम ही नहीं मिला.
शादी वाले दिन, रात में जब जयमाला का कार्यक्रम खत्म हो गया. उसके बाद मैंने उसे खोजना शुरू किया. वो मुझे दिख ही नहीं रही थी.
मैं मायूस होकर अपने कमरे में गया. जैसे ही मैं कमरे के अन्दर गया, तो देखा कि शालिनी कपड़े बदल रही थी.
मैंने दरवाजा बंद किया और उसके गले में पीछे से किस करने लगा. पहले तो उसने मना किया … लेकिन मैं नहीं माना. मैं उसके मम्मों को धीरे धीरे सहलाने लगा. उसको अपनी बांहों में उठा कर बेड पर ले गया और उसे सीधा लिटा दिया. अगले ही पल मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसके होंठों को पीने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी. मैं अपने दोनों हाथों से उसके दोनों मम्मों को मसलने लगा.
धीरे-धीरे करके मैंने उसके टॉप को उतार दिया. उसने नीचे रेड कलर की ब्रा पहनी हुई थी. उसकी ब्रा के ऊपर से ही मैं उसके मम्मों को पीने लगा. फिर धीरे-धीरे अपने हाथ से उसके जींस के ऊपर से उसकी चुत को सहलाने लगा.
शालिनी के मुँह से मादक आवाजें निकल रही थीं, जो मुझे और जोश दिला रही थीं.
मैंने उसकी ब्रा को उसके मम्मों से निकाल दिया … और मम्मों को बारी बारी से चूसने लगा. फिर मैंने उसकी जींस निकाल दी. अपने होंठों से उसके पेट को चूमता हुआ मैं नीचे आ गया. उसकी लाल रंग की पैंटी के ऊपर से ही उसकी चुत को सूंघने लगा. चुत से बहुत ही अच्छी खुशबू आ रही थी.
मैं चड्डी के ऊपर से चुत पर जीभ फेरने लगा. उसका रस निकलने लगा. वो कसमसाते हुए अपनी वासना से लड़ रही थी. फिर मैंने धीरे से उसकी पैंटी निकाल दी.
शालिनी की चुत पर बाल उगे थे. देख कर मुझे ऐसा लगा, जैसे उसने बहुत दिनों से चुत को साफ नहीं किया हो.
मुझे चुत चूसना बहुत अच्छा लगता है. मैं उसकी चुत की फांकों में अपनी जीभ फेरते हुए चुत चाटने लगा. उसने भी मस्ती से अपनी टांगें हवा में उठा दीं. उसकी चुत पूरी खुल गई थी. मैं जीभ को चुत के अन्दर डाल कर चूसने लगा.
जैसे ही मैंने उसकी चुत में जीभ डाली … वो अचानक से मेरा सर अपनी चुत में दबाने लगी. मैंने बहुत देर तक उसकी चुत चूसी. वो झड़ गई, तो मैंने उसकी चुत का पानी भी चाट लिया.
फिर मैंने अपना लंड उसके मुँह में देने की कोशिश की, लेकिन उसने लंड चूसने से मना कर दिया. मुझे अपना लंड चुसवाना बहुत अच्छा लगता है. मगर उसने मेरा लंड चूसा ही नहीं. एक बार को तो मायूसी हुई, मगर मैंने सोचा कि आज पहली बार है … बाद में लंड चूसने लगेगी.
अब मैंने पोजीशन बनाई और लंड के सुपारे को उसकी चुत की फांकों में फेरा. वो मचल गई और गांड उठाते हुए लंड अन्दर लेने की कोशिश करने लगी.
फिर धीरे से मैंने अपने लंड का सुपारा उसकी चुत में फंसाया और चुत के दाने को रगड़ने लगा.
उसने एक मादक सिसकारी ली और फिर से मेरी कमर पकड़ कर अपनी तरफ खींचा. मैंने उसकी चुत में लंड पेल दिया. उसे थोड़ा सा दर्द हुआ … लेकिन थोड़ी देर में उसका दर्द सही हो गया.
अब मैं उसकी चुत में लंड को आगे पीछे करने लगा. इससे शालिनी को भी मजा आने लगा. वो अपने चूतड़ों को चलाने लगी. उसकी आवाजों में मादकता बढ़ती ही जा रही थी.
करीब आधे घन्टे की चुदाई के बाद मैंने अपना पानी उसकी चुत में ही डाल दिया और उसी के ऊपर लेटा रहा.
उस पूरी रात मैंने और शालिनी ने चार बार चुदाई की. जब वो सुबह उठी, तो सही से चल भी नहीं पा रही थी. मैंने उसे एक दर्द खत्म करने की दवा दी. और गर्भनिरोधक गोली का एक पैकेट भी लाकर दे दिया.
मैंने उससे कहा- इसे खा लेना … नहीं तो नौ महीने बाद मेरे बेटे की मम्मी बन जाओगी.
वो शर्म से लाल हो गई और मेरी छाती पर मुक्का मारने लगी.
अब तक बारात बिदा हो गई थी. इसके बाद वो भी अपनी मम्मी के साथ अपने घर चली गयी.
उसके बाद हमने बहुत बार उसके घर में चुदाई की. एक बार जब हम दोनों चुदाई कर रहे थे, तो शालिनी की बहन ने हमें चुदाई करते देख लिया था. वो सेक्स स्टोरी मैं कभी बाद में आप लोगों के साथ शेयर करूंगा कि मैंने कैसे उन दोनों की एक साथ चुदाई की.
शालिनी की अब शादी हो चुकी है. अब वो सरकारी टीचर है. एक दिन उसका कॉल आया था. उसने मुझे मिलने के लिए बुलाया है. मैं जाकर उससे मिला … फिर क्या हुआ, ये सब मैं अगले भाग में बताऊंगा.
आप लोगों को मेरी सेक्स स्टोरी कैसी लगी … प्लीज़ मुझे जरूर बताएं. मुझे इन्तजार रहेगा.
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आप मुझे hangout पर मैसेज भी कर सकते हैं.
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