दीदी की चुदाई की सच्ची सेक्सी कहानी कैसे बनी
(Didi Ki Chudai Ki Sachchi Sexy Kahani Kaise Bani)
दोस्तो, यह मेरी दीदी की चुदाई की सच्ची सेक्सी कहानी है।
मेरा नाम विकास है.. मैं 19 साल का हूँ, मेरी हाईट 6’1″ है। मेरी पर्सनैलिटी काफ़ी आकर्षक है।
मेरी तीन बहनें हैं.. दो मुझसे बड़ी हैं और एक छोटी है। एक की शादी हो गई है।
बात अब से एक महीने पहले की है जब मैं 12वीं के एग्जाम देकर अपनी दीदी के यहाँ गया था। मेरी बड़ी दीदी की उम्र 24 साल है.. उनका फिगर 36-30-35 है। मेरी दीदी का नाम रानू है।
मेरे जीजू इंस्पेक्टर हैं.. जब मैं वहाँ गया उसके दूसरे दिन से ही उनकी नाइट ड्यूटी चालू हो गई थी। अब घर में रात को मैं और मेरी बहन ही अकेले रहते थे।
उसी रात जीजा जी घर से जल्दी ही निकल गए। अब घर पर मैं और दीदी थीं। मैं टीवी देख रहा था, तो दीदी ने मुझे आवाज़ दी- विकास.. खाना तैयार है.. आकर बैठो, मैं खाना लगा रही हूँ।
मैंने कहा- आ रहा हूँ दीदी..!
मैं टेबल के करीब जाकर बैठ गया। फिर दीदी आईं और थोड़ा झुकीं, तो उनके चूचे ब्लाउज से आधे बाहर निकल आए थे। दीदी ने आज ब्रा नहीं पहनी थी.. ये देखकर मेरे लंड में हरकत होने लग गई। कुछ देर में खाना ख़त्म हुआ और मैं टीवी देखने चला गया।
फिर दीदी मेरे करीब आकर बैठ गईं और हम साथ साथ टीवी देखने लगे। टीवी में एक हॉलीवुड मूवी आ रही थी। उसमें कुछ सेक्सी सीन आए। थोड़ी देर देखने के बाद मैंने चैनल बदल दिया।
दीदी उठ गईं और बोलीं- मुझे तो नींद आ रही है.. मैं सोने जा रही हूँ.. तुम टीवी देखो।
दीदी चली गईं.. फिर मैं उसी चैनल सेक्सी सीन देखने लगा।
जब मैं देख रहा था, तो दीदी के रूम से रोने की आवाज़ आई। मुझसे रहा नहीं गया और मैं दीदी के रूम तक चला गया। टीवी में सेक्सी सीन देखने से मेरा लंड अब भी खड़ा था।
मैं दीदी के कमरे में गया और दीदी से पूछा- आप रो क्यों रही हो?
उन्होंने मेरी तरफ़ देखा और रोने लगीं।
मैंने उन्हें देखा तो वो नाइटी पहने हुई थीं और उनके मम्मे दिख रहे थे। मेरा लंड और कड़ा हो गया।
दीदी रोते हुए मेरे खड़े लंड को पैंट के ऊपर से तम्बू बना देख रही थीं।
मैं उनके पास बैठा, तो वो मेरे गले से लगकर और रोने लगीं। अब तो उनके चूचे मेरे सीने से दब रहे थे, मैंने दीदी को और कस के अपने गले लगा लिया। मेरा लंड और तन रहा था।
मैंने दीदी से पूछा- क्या हुआ?
उन्होंने मुझसे कहा- तेरे जीजा जी मुझे एक बच्चा नहीं दे पा रहे हैं.. इसी वजह से मैं दुखी हूँ।
यह बात मुझे पता नहीं थी।
उन्होंने कहा- ये बात तू किसी को मत बताना।
मेरी सोच अब बदल गई और मैं उन्हें चोदने का प्लान बनाने लगा था।
मैंने उनसे कह दिया- आप मत रोओ.. मैं हूँ ना।
यह कहते हुए मैं उनकी पीठ में हाथ फेरने लगा और अपना एक हाथ उनकी चूची पर रख दिया।
यह देख कर वो मुझसे दूर को हटीं और बोलीं- ये गलत है।
मैंने कहा- कुछ गलत नहीं है.. किसी को कुछ पता नहीं चलेगा।
इतना बोल कर मैं दीदी से लिपट गया और उनके होंठों को किस करने लगा। थोड़ी देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगीं।
मैंने एक हाथ उनके चूचे पर रखा और मसलने लगा। वो मादक आवाजें निकालने लगीं- आहनहह…
इससे मेरा जोश बढ़ने लगा, मैंने दूसरा हाथ उनकी नाइटी के अन्दर से उनकी चूत पर फेरा, दीदी की चूत गीली हो गई थी।
मैंने दीदी की नाइटी उतार दी। हाय.. क्या बदन था दीदी का.. एकदम गोरा।
अब दीदी मेरे सामने सिर्फ एक चड्डी में थीं.. क्या मस्त सेक्सी माल लग रही थीं यार!
फिर मैंने उनकी चड्डी को भी उतार कर अलग कर दिया। बड़ी मस्त चूत थी यार.. दीदी की पर एक भी बाल नहीं था बिल्कुल चिकनी चूत थी।
फिर दीदी ने मुझसे कहा- तूने मेरे ताले को तो देख लिया.. अब अपनी चाभी तो दिखाओ..!
मैंने कहा- तुम खुद देख लो मेरी जान..!
फिर दीदी ने मेरे कपड़े उतारे। मेरा 7″ का लंड देखकर दीदी खुश हो गईं और एकदम से लंड को अपने मुँह में भर कर कुल्फी की तरह चूसने लगीं। कुछ ही मिनट चूसने के बाद मैंने दीदी को बिस्तर पर लिटाया और 69 की पोज़िशन में आ गए।
मैंने दीदी की चूत को चाटने लगा। उनकी चूत गर्म और गीली थी। चूत चाटते हुए मैं दीदी को अपनी जीभ से चोदने लगा। दीदी नहीं चुदास से गरमा उठीं और अपने चूतड़ों को उछाल-उछाल कर मस्त आवाजें निकालने लगीं ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ इस बीच वो एक बार झड़ गईं और मैंने उनकी चूत का सारा पानी पी लिया।
थोड़ी देर बाद वो फिर से गर्म हो गईं और कहने लगीं- अब अपने इस धारदार औजार को मेरी चूत में पेल दो और अधिक मत तड़पाओ..!
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मैंने भी बिना देर किए अपने लंड को दीदी की चूत की दरार में रखा और एक तगड़ा धक्का दे मारा। दीदी की चूत बड़ी कसी हुई थी, सो मेरे तगड़े प्रहार के बाद भी लंड थोड़ा सा ही अन्दर गया।
दीदी को अभी दर्द नहीं हुआ था।
मैंने एक बार फिर से ज़बरदस्त धक्का मारा और इस बार मेरा 7″ लंबा और 3″ मोटा लंड करीबन आधा अन्दर घुस गया। दीदी की चूत अभी भी टाइट थी।
दीदी की चीख ज़ोर से निकली और मैंने बिना देर किए उन्हें किस करना शुरू कर दिया। इससे दीदी की चीख ज़्यादा बाहर नहीं निकल सकी, लेकिन उनकी आँखों में आँसू आ गए, वो तड़फ कर कहने लगीं- ओह्ह.. निकालो इसे.. नहीं तो मैं मर जाऊँगी।
मैंने उनकी बात को अनसुना कर दिया और उनकी चूचियों को चुसकने लगा।
कुछ ही देर बाद दीदी का दर्द कम हुआ और मैंने फिर से एक ज़बरदस्त धक्का दे मारा। इस बार मेरा पूरा लंड दीदी की चूत के अन्दर घुस गया। दीदी को बहुत दर्द हुआ.. मैं थोड़ी देर तक उनके आम चूसता और सहलाता रहा।
जब दीदी का दर्द कम हुआ तो फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के मारना चालू किए।
अब दीदी को भी मजा आ रहा था।
कुछेक मिनट तक ताबड़तोड़ दीदी को चोदने के बाद मैं और दीदी झड़ने वाले हो उठे थे।
मैंने दीदी से कहा- मैं झड़ने वाला हूँ।
तो वो बोलीं- मैं भी झड़ने वाली हूँ.. अपना पानी मेरी चूत में ही छोड़ दे। मैं तेरा बच्चा पैदा करूँगी।
फिर मैं दीदी की चूत में ही झड़ गया।
मैं थोड़ी देर तक दीदी के ही ऊपर लेटा रहा।
फिर हम दोनों उठे.. साथ में बाथरूम गए और एक-दूसरे को साफ करने लगे। इसी दौरान लंड और चूत फिर से गरम हो गए और बाथरूम में एक बार और मैंने दीदी की चुदाई कर दी।
उस रात मैंने दीदी की खूब चुदाई की।
मैं वहाँ 2 हफ्ते रहा और मैं हर रात दीदी को हचक कर चोदता रहा।
यह मेरी पहली चुदाई थी.. इससे पहले मैंने किसी को नहीं चोदा था। आपको मेरी दीदी की चुदाई की सेक्सी कहानी कैसी लगी.. प्लीज़ जरूर बताइएगा।
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